व्यक्तिगत स्वच्छता के मुख्य घटक क्या है? - vyaktigat svachchhata ke mukhy ghatak kya hai?

विषयसूची

  • 1 व्यक्तिगत स्वच्छता के तीन कदम कौन सी है लिखिए?
  • 2 स्वच्छता कैसे रखें?
  • 3 स्वच्छता और बीमारी में क्या अंतर है?
  • 4 स्वच्छता से क्या अभिप्राय है?
  • 5 अपने आस पास की खुली जगह को साफ करने के लिए क्या करना चाहिए?

व्यक्तिगत स्वच्छता के तीन कदम कौन सी है लिखिए?

व्यक्तिगत स्वच्छता

  • स्वास्थ्य
  • सिर की सफाई
  • आँख, कान और नाक की सफाई
  • मुँह की सफाई
  • त्वचा की देखभाल
  • हाथ धोना
  • शौच के बाद सफाई
  • जननांगों की सफाई

व्यक्तिगत स्वच्छता से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें* व्यक्तिगत स्वच्छता का आशय उस जीवनचर्या से है जिनके फलस्वरूप एक स्वस्थ और स्वच्छ परिवेश बनता है उदाहरण के लिए- प्रतिदिन नहाना, साफ तथा स्वच्छ कपड़े पहनना, बाल बनाना, नियमित रूप से बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना, दांतों की सफाई, और नाखून काटना।

स्वच्छता कैसे रखें?

इसे सुनेंरोकेंपर्यावरण को बचाने के लिये पेड़-पौधों और वृक्षारोपण करेंगे। शौचालय का प्रयोग करने के लिए लोगों में जागरूकता फैलायें। अपने आस-पास रखे कूड़ेदान का प्रयोग करने के लिये लोगों को बतायें। कॉर्टून और चित्रों के जरिये लोगों को स्वच्छता के सही मायने समझायें।

स्वच्छता हमारे लिए क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंस्वच्छ जीवन के लिए स्वच्छता का विशेष महत्व है। स्वच्छता अपनाने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है और एक स्वस्थ राष्ट्र निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह सुखी जीवन की आधारशिला है। साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है।

स्वच्छता और बीमारी में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंकई बीमारियों का मुख्य कारण गंदगी में रहना ही होता है। बच्चों में गंदगी के कारण कई सारी बीमारियां होती है, जिनमें से मुख्य है डायरिया, टायफायड। स्वच्छता को अपना कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। अपने आस-पास साफ सफाई रखी जाए तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

व्यक्तिगत साफ सफाई स्वास्थ्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

इसे सुनेंरोकेंव्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता एवं स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यक्ति को निम्‍न बातों में सहायता करता है। सुन्‍दर, स्‍वच्‍छ एवं स्‍वस्‍थ मुख बनाये रखने में तथा दांतों को नष्‍ट होने से बचाने में। त्‍वचा (चमडी) को स्‍वस्‍थ रखने एवं रोगों से मुक्‍त रखने में। ऑंख, कान एवं नाक को स्‍वस्‍थ एवं रोगों से मुक्‍त रखने में।

स्वच्छता से क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंस्वच्छता का अर्थ होता है अपने वातावरण और स्वयं को हानिकारक तत्व जैसे गंदगी या कीटाणुओं आदि से बचाना। स्वच्छता का आशय शरीर और वातावरण में उत्पन्न हुए मल को उचित समय पर स्वच्छ करना होता है। वातावरण स्वच्छता विश्व के लिए हितकर है इसलिए हमें सर्वप्रथम हमारा घर फिर आस-पड़ोस और फिर कार्यस्थल और अपने देश को स्वच्छ रखना चाहिए।

सड़क को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है कैसे लिखें?

इसे सुनेंरोकें(1) घर के साथ सड़क को भी साफ रखना हमारा कर्तव्य है। (2) सड़क के आसपास जो भी शोच करता है उसे शौचालय का उपयोग करने की जानकारी देना चाहिए। (3) जगह – जगह आजकल सार्वजनिक शौचालय बने होते हैं कोई भी व्यक्ति हो उसे उसका प्रयोग करना चाहिए ना कि जगह जगह गंदगी करें यह समझना प्रति व्यक्ति का कर्तव्य।

अपने आस पास की खुली जगह को साफ करने के लिए क्या करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकें- अपने आस-पास सफाई रखने के लिए अपने घर से शुरुआत करें। ध्यान रखें कि घर में गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग रखें। जिसको बाद में नगर निगम की गाड़ी में डालें साथ ही नगर निगम की गाड़ी में लगे तीसरे लिटरबिन में डाइपर, नैपकिन जैसे जैविक अपशिष्ट डाले। – दफ्तरों और घरों में प्लास्टिक का यूज कम से कम करें।

सकारात्मक जीवन शैली के घटक लिखिए।


सकारात्मक जीवन शैली के घटक निम्नलिखित है:

  1. स्वास्थ्यवर्धक आहार: स्वास्थ्य वर्धक आहार या अच्छा पोषण सकारात्मक जीवन शैली का मुख्य घटक है। ताजे फल और सब्जियाँ साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद स्वास्थ्य वर्धक आहार के मौलिक तत्व है।
  2. शारीरिक क्रियाशीलता गतिविधि: यह सकारात्मक जीवन शैली का महत्वपुर्ण घटक है। शरीर के वजन को सामान्य बनाए रखने, उसकी शक्ति व लचक को बढ़ाने तथा बनाए रखने के लिए शारीरिक क्रियाशीलता आवश्यक है।
  3. तनाव प्रबन्धन: तनाव प्रबन्धन भी सकारात्मक जीवन शैली का एक घटक है। भावनात्मक से उदरीय वजन तथा हृदय संबंधी बिमारियों में वृद्धि होती है। तनाव को केवल ध्यान व शिथिलन की तकनीकों के द्वारा ही नियंत्रित किया जाता है।
  4. सामाजीकरण: प्रत्येक व्यक्ति को सहभागियों तथा पड़ोसियों से अच्छे सामाजिक सम्बन्ध विकसित करने चाहिए। हमें अपने साथियों से समय-समय पर मिलते रहना चाहिए। इससे उनके बीच सामाजिक सम्बन्ध स्थापित होते है।
  5. व्यक्तिगत स्वच्छता: व्यक्तिगत स्वच्छता, जैरने-आँख, कान, नाक, गला, बाल, दाँत, जीभ, पैर आदि की सफाई व उचित देखभाल स्वच्छ आवश्यक है।
  6. पर्याप्त निद्रा: यह भी स्वस्थ जीवन शैली का महत्वपुर्ण हिस्सा है। इसकी कमी से थकान हो सकती है। इसकी कमी से हृदय सम्बन्धी बीमारियाँ हो सकती है। मस्तिष्क को चार्ज करने के लिए निद्रा का होना आवश्यक है।


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व्यक्तिगत स्वच्छता के मुख्य घटक क्या हैं?

1. सुनिश्चित करें कि बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए पानी के बर्तन स्वच्छ हो। 2. खाने और पीने के बर्तन प्रयोग के बाद स्वच्छ पानी और साबुन या राख से धोयें।

व्यक्तिगत स्वच्छता के तीन काम कौन कौन से हैं?

व्यक्तिगत स्वच्छता.
स्वास्थ्य.
सिर की सफाई.
आँख, कान और नाक की सफाई.
मुँह की सफाई.
त्वचा की देखभाल.
हाथ धोना.
शौच के बाद सफाई.
जननांगों की सफाई.

व्यक्तिगत स्वच्छता कैसे करें?

व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत सबसे पहले शरीर की सफ़ाई है। बच्चे को प्रतिदिन स्नान करने और हाथ धोने का महत्व बताएँ। सफ़ाई की आदतों में सबसे महत्वूपर्ण प्रतिदिन नहाना और भोजन से पहले और टॉयलेट का उपयोग करने के बाद, भली प्रकार हाथ धोना सीखना है। इसी में नियमित रूप से बालों को धोना, शैम्पू करना, तेल लगाना भी शामिल है।

स्वच्छता कितने प्रकार के होते हैं?

इस तरह स्वच्छता के प्रकारों में सामुदायिक स्वच्छता, शुष्क स्वच्छता, पारिस्थितिकी स्वच्छता, पर्यावरणीय स्वच्छता, सुधरी व बिना सुधरी स्वच्छता, स्वच्छता का अभाव, पुष्टिकारक स्वच्छता प्रमुख है.