आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है, प्रकाश का प्रकीर्णन12th भौतिक Show आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है यह प्रकाश के प्रकीर्णन पर आधारित एक घटना हैं आइए इस घटना को विस्तार से समझते हैं। आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता हैसूर्य के दृश्य प्रकाश में लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य अधिकतम होती है जबकि बैगनी तथा नीले रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य न्यूनतम होती है। अतः इस प्रकार लॉर्ड रैले नियम के अनुसार, लाल रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन न्यूनतम तथा बैगनी व नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन अधिकतम होता है। सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वायुमंडल में उपस्थित अशुद्धियों जैसे धुंआ, धूल, कण आदि के कारण प्रकाश का अवशोषण होकर यह चारों दिशाओं में बिखर जाता है। यह बिखरा हुआ प्रकाश नीला व बैगनी रंग का होता है। चूंकि नीले रंग के प्रकाश का प्रकीर्णन, बैगनी रंग के प्रकाश के प्रकीर्णन की तुलना में 10 गुना अधिक होता है। अतः हमारी आंखों में पहुंचने वाले प्रकीर्णित प्रकाश में नीले रंग की तीव्रता अधिक होती है जिस कारण हमें आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। पढ़ें… प्रकाश का प्रकीर्णन, रैले का नियम लिखिए, उदाहरण को समझाइए समुद्र तथा महासागरों के पानी का रंग नीला दिखाई देना भी प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ही होता है। Note – यह नीला रंग आकाश को नहीं वरन् वायुमंडलीय गैसों से प्रकीर्णित प्रकाश का रंग होता है। इसी कारण रात में या जब सूर्य का प्रकाश उपलब्ध नहीं होता है तब आकाश का रंग काला दिखाई देता है। दिन के समय जब भी आप धरती से आसमान की ओर देखते हो तो आसमान का रंग नीला दिखाई देता है l आसमान को देखकर आपके मन में एक प्रश्न हमेशा आता होगा कि आकाश का रंग नीला क्यों है ? यदि आप विज्ञान के विद्यार्थी रहे है तो आपने यह प्रश्न अवश्य पढ़ा होगा l हो सकता है आप में से कई लोगो को इसका कारण पता हो और यदि आपको इसका कारण नहीं पता है तो कोई बात नहीं आप आज के इस आर्टिकल में इसका कारण जान जाएंगे l तो आइये जानते है कि ऐसा क्यों होता है l भारत की प्रमुख झीलें भारत की प्रमुख जनजातियाँ पृथ्वी के वायुमंडल के कारण ही हमें आसमान का रंग नीला दिखाई देता है आइये जानते है कैसे ? आपको जानकार हैरानी होगी कि वास्तव में आसमान का कोई रंग नहीं होता है मतलब कि आकाश रंग विहीन है। असमान में अधिकांशत नाइट्रोजन और अॅाक्सीजन की अधिकता होती है जो कि रंग विहीन गैसे हैं। तो फिर कैसे हमें आसमान नीला दिखाई देता है l आइये इसे जानते है - कर्क रेखा भारत की कितने राज्यों से होकर गुजरती है ? भारत के अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे सूर्य के सात रंगों में से लाल रंग की तरंग दैर्ध्य सबसे अधिक होती है, जिसके कारण यह लाल रंग बहुत कम बिखरता है। जबकि नीले रंग की तरंगदैर्घ्य बहुत कम होती है, जिसके कारण यह वातावरण में बिखर जाता है। यही कारण है कि हमें आसमान नीला दिखाई देता है l आइये जानते है कि प्रकाश का प्रकीर्णन क्या होता है (Scattering of Light) जिसके कारण हमें आकाश नीला दिखाई देता है l प्रकाश का प्रकीर्णन क्या होता है? (Scattering of Light)सूर्य के प्रकाश में 7 रंग होते है। बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल (VIBGYOR)l इन सभी रंगों की तरंगदैर्घ्य अलग-अलग होती है l इनमे से बैंगनी, जामुनी, एवं नीले रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है जबकि लाल, नारंगी रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक होती है l विश्व के प्रमुख घास के मैदान स्थलरुद्ध देश किसे कहते है ? लॉर्ड रेले के अनुसार “किसी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्घ्य पर निर्भर करता है, अर्थात प्रकाश का वह रंग जिसकी तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है, वह रंग सबसे अधिक प्रकीर्णित होता है अर्थात वह रंग वायुमंडल में सबसे अधिक फैलता है और प्रकाश का वह रंग जिसकी तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक होती है, उस रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है अर्थात वह रंग वायुमंडल में सबसे कम फैलता है l” जैसा कि आपने ऊपर भी पढ़ा कि नीले रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है अतः नीला रंग वायुमंडल में फ़ैल जाता है और हमें आसमान नीला ही दिखाई देता है l जब सूर्य से आने वाला प्रकाश पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करता है तो वातवरण के कणों से टकराकर इधर-उधर बिखर जाता है लेकिन वातावरण के कण श्वेत प्रकाश के नीले रंग को परावर्तित कर देते हैं। प्रकाश के रंगों में से नीले रंग में फैलने की क्षमता अधिक होती है। इसलिए आकाश में आने वाले रंगों में नीले रंग की मात्रा अधिक होती है। इसी कारण आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। प्रकाश का प्रकीर्णन तरंगदैर्घ्य के चतुर्थ घात के व्युत्क्रमानुपाती होता है। चूंकि नीले रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है। अतः नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। इस कारण आकाश नीला दिखाई देता है। वायुमंडल में वायु के कण बहुत छोटे आकार के होते हैं। वे दृश्य प्रकाश की तरंग दैर्ध्य की अपेक्षा नीले रंग की तरफ के कम तरंग दैर्घ्य के प्रकाश को प्रकीर्णित करते हैं जिस कारण साफ़ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है।यानि प्रकाश का प्रकीर्णन तरंगदैर्घ्य के चतुर्थ घात के व्युत्क्रमानुपाती होता है। चूंकि नीले रंग की तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है। अतः नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। इस कारण आकाश नीला दिखाई देता है। मानव नेत्र तथा रंग विरंगा संसार के महत्वपूर्ण प्रश्नप्रश्न .दृष्टि स्थिरता किसे कहते हैं? प्रश्न . भट्टी की आग या किसी ऊष्मीय विकिरक के ऊपर गर्म वायु के विक्षुब्ध प्रवाह में झिलमिलाहट क्यों दिखाई देती है ? प्रश्न. कभी-कभी कुछ लोग दूर या निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए आँखें सिकोड़ कर देखते हैं। क्यों ? प्रश्न . रेटिना पर बिंब कैसा बनता है ? इस पोस्ट में आपको आसमान का रंग नीला क्यों दिखता है ,आकाश क्यों नीला दिखाई देता है ? आकाश किसके कारण नीला दिखाई देता है? आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है? Akash ka rang neela kyon hota hai? Why The Sky is Blue? आकाश का रंग नीला दिखाई देने का क्या कारण है ?Akash Kiske Karan Neela Dikhayi Deta Hai आकाश का रंग नीला किस घटना का परिणाम है? अंतरिक्ष यात्री को आकाश कैसा दिखाई देता है ,क्यों आकाश नीला संक्षिप्त उत्तर है? आकाश का रंग कैसा होता है? सूर्य लाल क्यों दिखाई देता है से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे. सूर्य का रंग नीला क्यों दिखाई देता है?जब सूर्य की किरणें पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करती हैं, तो वायुमंडल के छोटे कणों से टकराकर बिखर जाती हैं। छोटे कण, सूरज की उन किरणों में से नीले रंग को परावर्तित कर देते हैं। प्रकाश के रंगों में से नीले रंग में फैलने की क्षमता अधिक होती है, क्योंकि नीले रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है।
आकाश के नीले दिखने का कारण क्या है?नीले रंग के अधिक प्रकीर्णन का कारण यह है कि नीले प्रकाश की तरंग दैर्ध्य अन्य प्रकाश की तुलना में कम होती है। तो नीला प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में हवा के छोटे अणुओं द्वारा सभी दिशाओं में प्रकीर्णित होता है। इसी कारण आकाश नीला दिखाई देता है।
रात में आसमान लाल क्यों होता है?सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नारंगी क्यों दिखता है आसमान
इस दौरान सूर्य का ताप कम होता है और नीले व हरे रंग की किरणें लाल व नारंगी रंग के मुकाबले अधिक परावर्तित हो जाती हैं. इसलिए आसमान का रंग लाल या नारंगी दिखाई देता है.
आकाश नीला और सूर्यास्त लाल क्यों होता है?सूर्य उगते और डूबते समय क्षितिज के सबसे निकट होता है और इसके प्रकाश की किरणें वातावरण में उपस्थित महीन जल कणों और विभिन्न गैसों के अन्दर से गुजरती हैं तो नीले रंग के अधिक बिखरने के कारण आकाश नीला दिखाई देता है और लाल रंग के कम बिखरने से सूर्य लाल दिखाई देता है ।
|