दीपक में फूल बनता है तो क्या होता है? - deepak mein phool banata hai to kya hota hai?

Kamrup Vidhya : दीपक की लो में फूल बनने का मतलब है कि आपकी पूजा आपके ईष्टदेव तक पहुंच रही है। यानि इस प्रकार दीपक की लो में अगर फूल बनता है तो ये आपकी पूजा आपके ईष्ट तक पहुंचने का संकेत है और उनकी कृपा दृष्टि आपके ऊपर जरुर बनेगी। वो किसी ना किसी रुप में, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपके साथ हैं और आपके कार्यों में आपकी सहायता कर रहे हैं और आपके हर कार्य को बना रहे हैं।

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आपकी परेशानी का कारण

वहीं अनेक लोग सोचते हैं कि मेरी पूजा के दौरान दीपक में ऐसी ही लो बन रही है और मैं फिर भी परेशान हूं। आपकी परेशानी का कारण ये है कि आप कहीं ना कहीं उस ईष्ट को मानने में कमी महसूस करते हैं। आप उनकी और भक्ति करोगे या उनको समर्पित हो जाओगे तो आपके सारे काम बनने लगेंगे। आप काम नहीं कर रहे हैं, आपके मन में गलत सी धारणा है, कि जो काम हो रहे हैं वो मेरी वजह से हो रहे हैं या किसी और की वजह से।

भगवान करते हैं आपकी मदद

अगर दीपक में ऐसा फूल बनता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि उस देवी या देवता की कृपा आपके ऊपर हो रही है और आपकी जो पूजा है वह उन तक पहुंच रही है। ये सबसे बड़ा संकेत है कि, पूजा के नियमों के साथ अगर आप पूजा को पूर्णरुप से और भक्ति भाव से करते हो, हालांकि साधनाओं में ऐसा बहुत कम होता है, लेकिन भक्ति मार्ग में ऐसा होता है कि बहुत सारे लोगों की पूजा भगवान तक पहुंचती है और उनकी ख्वाइशें भी पूरी होती हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उनके घर से दुख, क्लेश सब मिट जाता है। किसी भी प्रकार का लड़ाई-झगड़ा घर में नहीं रहता। स्वत: ही भगवान खुद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में उनकी सहायता करते हैं।

क्या करें

  1. अगर ऐसा आपके साथ होता है और आपके दीपक में भी ऐसा ही फूल बनता है तो आपको धर्म और पुण्य का काम करना चाहिए।
  2. आपको गाय को चारा आदि खिलाना चाहिए।
  3. आपको कुत्तों और जानवरों को बिस्किट-रोटी खिलानी चाहिए।
  4. आपको कबूतरों और पक्षियों को दाना डालना चाहिए। इससे आपको और सकारात्मक फल देखने को मिलेंगे।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

विषयसूची

  • 1 दीपक में फूल बनने से क्या होता है?
  • 2 दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है?
  • 3 घर के मंदिर में कितने दीपक जलाने चाहिए?
  • 4 क्या तुलसी का पौधा छत पर लगा सकते हैं?
  • 5 दीपक में कितनी बत्ती होनी चाहिए?
  • 6 शाम को दिया जलाने से क्या होता है?
  • 7 दीपक की बाती से क्या सीखते हैं?

दीपक में फूल बनने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंदीपक में फूल बनने का मतलब है कि आपकी पूजा आपके ईष्टदेव तक पहुंच रही है। इसका अर्थ होता है कि आपके ऊपर ईष्टदेव की कृपादृष्टि है। दीपक में फूल बनने का मतलब होता है कि आपकी जिनकी भी पूजा या भक्ति कर रहे हैं, उन तक आपकी पूजा और भक्ति पहुंच रही है। ईष्टदेव की कृपा आपके ऊपर हो रही है।

तुलसी का पौधा किसी को देने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंतभी ऐसे लेन देन का औचित्य है। तुलसी धार्मिक रूप से पूज्य है औषधीय रूप से गुणों की खान है इसे देने से सकरात्मकता का ही प्रचार प्रसार होगा मानसिक रूप से भी और प्राकृतिक रूप से भी अतः किसी को भी तुलसी पौधा देना वर्जित तो नहीं होना चाहिए। भारत मे प्राचीन काल से उपहार लेना या देना चला आ रहा है।

दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है?

इसे सुनेंरोकेंदीपक का तेज जलना पूजा करते समय अगर आपके द्वारा जलाए गए दीपक की लौ तेज हो जाए और दीपक अच्छे से जलने लगे तो यह एक शुभ संकेत होता है। इसका मतलब होता है कि भगवान की आप पर कृपा बनी हुई है।

दीपक में क्या डालें?

इसे सुनेंरोकेंइसमें तिल का तेल डालें और बत्ती लंबी जलाएं। तांबे के दीपक में तिल का तेल डालने से मनोबल में वृद्धि होगी तथा अनिष्टों का नाश होगा। कांसे का दीपक:—- कांसे के दीपक को चने की दाल का आसन देकर तथा चारों तरफ पीले फूलों की पंखुड़ियां बिखेर कर उत्तर दिशा में स्थापित करें। इसमें तिल का तेल डालें।

घर के मंदिर में कितने दीपक जलाने चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंइष्ट सिद्धि के लिए तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करना चाहिए. विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए. अगर आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो इन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाला दीपक जलाना चाहिए.

तुलसी लगाने का शुभ दिन कौन सा है?

इसे सुनेंरोकें– तुलसी का पौधा गुरुवार के दिन और कार्तिक महीने में तुलसी लगाना सबसे शुभ माना जाता है. स्वच्छ जगह पर तुलसी लगाए. – तुलसी का पौधा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इसे एक कोने में ही लगाएं.

क्या तुलसी का पौधा छत पर लगा सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसलिए तुलसी के पौधे को कभी भी छत पर ना रखें. तुलसी के पौधे को पूर्व दिशा में भी नहीं रखना चाहिए. इसे आप उत्तर से लेकर ईशान दिशा तक में रख सकते हैं. तुलसी के पौधे को पश्चिम दिशा की तरफ भी रखा जा सकता है.

क्या रविवार को तुलसी में दीपक जलाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंतुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते। रविवार के दिन तुलसी को जल तो चढ़ा सकते हैं, लेकिन उसके नीचे दीपक नहीं जला सकते। भगवान गणेश और मां दुर्गा को कभी भी तुलसी ना चढ़ाएं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि जहां भी तुलसी का पौधा लगाया गया है, वहां कभी गंदगी ना करें।

दीपक में कितनी बत्ती होनी चाहिए?

इसे सुनेंरोकें14. विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए. अगर आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो इन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाला दीपक जलाना चाहिए.

दीपक कैसे जलाना चाहिए?

कैसे जलाते हैं आप दीपक, ध्यान रखें, सही दिशा में होनी चाहिए दीपक…

  1. दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
  2. दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दु:ख बढ़ता है।
  3. दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धनलाभ होता है।
  4. दीपक की लौ दक्षिण दिशा की ओर रखने से हानि होती है।

शाम को दिया जलाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंदीपक जलाने के फायदे… : यदि आप रोजाना सुबह-शाम दीपक जलाते हैं तो दीप की ज्योति से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि, आयु, सुखमय जीवन में वृद्धि होती है। : गाय के घी का दीपक जलाने से वातावरण में मौजूद सभी रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। : दीपक जलाने से हमें अपने जीवन में हमेशा ऊंचा उठने की प्रेरणा मिलती है।

इसे सुनेंरोकेंदीपक में फूल बनने का रहस्य: दीपक में फूल बनना सौभाग्य की निशानी है। भगवान संकेत दे रहे हैं कि उन्होंने आपकी पूजा स्वीकार की है। आपने सच्चे मन से ईश्वर की पूजा की है। यह संकेत होता है कि आपके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आने वाला है।

इसे सुनेंरोकेंदीपक की लौ तेज होने का मतलब है कि ईश्वर की कृपा आपके ऊपर है। ईश्वर आपकी हर कार्य में सहायता कर रहे हैं। रोज पूजा करने वाले अपने भक्तों को ईश्वर कई प्रकार के संकेतों के जरिए बताने की कोशिश करते हैं कि वे आपकी पूजा से प्रसन्न हैं।

दीपक से दीपक क्यों नहीं जलाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबताया जाता है कि जब हम किसी दीपक को जलाते हैं तो वह अग्नि की एक इकाई होती है। जिस भी देवी-देवता के नाम दीपक जलाया गया है, वह उसी के नाम होता है। उसको शेयर नहीं किया जा सकता। यदि हम उसी दीपक से दूसरा दीपक जलाते हैं तो वह जूठन के समान हो जाता है।

इसे सुनेंरोकेंरविवार के दिन तुलसी को जल तो चढ़ा सकते हैं, लेकिन उसके नीचे दीपक नहीं जला सकते। भगवान गणेश और मां दुर्गा को कभी भी तुलसी ना चढ़ाएं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि जहां भी तुलसी का पौधा लगाया गया है, वहां कभी गंदगी ना करें। तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार को लगा सकते हैं।

इसे सुनेंरोकेंविष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए इनके सामने प्रतिदिन सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए. अगर आप विष्णु भगवान के दशावतार की पूजा करते हैं तो इन्हें प्रसन्न करने के लिए दस मुख वाला दीपक जलाना चाहिए. 15. इष्ट सिद्धि के लिए तथा ज्ञान प्राप्त करने के लिए एक गहरा और गोल दीपक प्रज्वलित करना चाहिए.

दीपक की बाती से क्या सीखते हैं?

इसे सुनेंरोकेंदीपक का प्रकाश जितनी जगह पर जाता है, वहां से नकारात्मकता दूर हो जाती है। इसके अलावा दीपक की जलती लौ व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है। इससे हमें अपने जीवन का अंधकार मिटाने की भी सीख मिलती है।

तिल के तेल के दीपक जलाने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंतिल का तेल इस्तेमाल कर दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसका इस्तेमाल कर दीपक जलाने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं और बुराईयां दूर जाती हैं। तिल का तेल दीर्घकालिक समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और जीवन की बाधाओं को भी दूर करता है।

पूजा के दीपक में फूल बनने से क्या होता है?

दीपक की लौ में फूल बनना अगर आपके दीपक में फूल बनता है तो इसका अर्थ है कि आपकी पूजा भगवान तक पहुंच रही है और आपकी पूजा से भगवान संतुष्ट हैं। भगवान आपके साथ हैं और किसी न किसी रूप में आपकी सहायता कर रहे हैं।

दीपक में फूल क्यों बनता है?

यदि आपके दीपक में भी रोजाना फूल बनता है तो समझ जाएं कि ईश्वर आप से खुश हैं और आपकी पूजा को वह स्वीकार कर रहे हैं। आपके द्वारा दिया गया दीपदान उन तक पहुंच रहा है। इसलिए यदि इस प्रकार के संकेत आप को मिलते हैं तो आपको और भी ज्यादा तन, मन, धन से ईश्वर की पूजा करनी चाहिए।

दीपक की लौ तेज होने का क्या मतलब है?

दीपक का तेज जलना पूजा करते समय अगर आपके द्वारा जलाए गए दीपक की लौ तेज हो जाए और दीपक अच्छे से जलने लगे तो यह एक शुभ संकेत होता है। इसका मतलब होता है कि भगवान की आप पर कृपा बनी हुई है।

दीपक जलाते समय क्या बोलना चाहिए?

दीपक जलाते समय पढ़ें ये मंत्र शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।। दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।।