भारत के थलसेनाध्यक्ष (चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ) भारत की थलसेना के सेनापति होते हैं। इस पद पर सामान्यतः जनरल पद के अधिकारी होते हैं। वर्तमान में जनरल मनोज मुकुंद नरवणे इस पद पर आसीन हैं, जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 को यह पद संभाला। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद[संपादित करें]इस पद की स्थापना 1955 में भारतीय संसद द्वारा पारित द कमांडर इन चीफ, आर्मी (चेंज इन डेसिगनेशन) एक्ट के अंतर्गत हुई। इससे पूर्व इस पद का नाम कमांडर इन चीफ, आर्मी हुआ करता था।[1] इनका कार्यालय दिल्ली की रायसीना हिल्स में स्थित केन्द्रीय सचिवालय के साऊथ ब्लॉक में है। इस पद पर नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस पद के कार्यकाल की समयसीमा है- अधिकतम 3 वर्ष या 62 वर्ष की आयु पूरी होने तक, जो भी पहले हो। पदासीन[संपादित करें]भारत की स्वतंत्रता के बाद से इस पद को सुशोभित करने वाले महानुभावों की सूची इस प्रकार है[2]: कमांडर इन चीफ, भारतीय सेना (1947-1949)[संपादित करें](ब्रिटिश भारतीय सेना)
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (1949-वर्तमान)[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
तीनों सेना के अध्यक्ष कौन है 2022?जी हां, नए थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के 61वें बैच के साथी हैं।
भारतीय जल सेना के प्रमुख कौन है?𝒜. एडमिरल करमबीर सिंह को 31 मई 2019 को भारतीय नौसेना के 24 वें सेना अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इससे पहले एडमिरल सिंह ने नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पूर्वी नौसेना कमान के रूप में कार्य किया।
तीनों सेनाओं का मुख्यालय कहाँ है?सेना का मुख्यालय, भारतीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित है, और यह सेना प्रमुख (चीफ ऑफ़ दी आर्मी स्टाफ) के निरिक्षण में रहती हैं।
भारतीय सेना के तीनों अंगों का सर्वोच्च अध्यक्ष कौन होता है?Solution : भारत का राष्ट्रपति भारत की तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर इन चीफ होता है।
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