Show नमक सोडियम और आयोडिन का प्रमुख सोर्स है। जिस तरह से सोडियम या आयोडिन की अधिकता नुकसानदायक होती है उसी तरह इसकी कमी की समस्याएं पैदा करती है। सोडियम की ज़रूरत कोशिकाओं के ठीक से काम करने, शरीर में मौजूद फ़्लूइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स संतुलित करने और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने के के काम आता है और आयोडिन थॉयरॉक्सिन हार्मोन के लिए जरूरी है। इसलिए नमक शरीर का एक ज़रूरी हिस्सा है, लेकिन कितना? 'सरदार, मैंने आपका नमक खाया है।' 'नमक खाया हूं, कभी दगाबाजी न करूंगा'। ऐसे डायलॉग फिल्मों में आपने भी जरूर सुने होंगे। लेकिन कभी किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं कि कौन-सा नमक खाया था? सचाई यह है कि नमक पर डायलॉग जितने भी बने हों, खानपान में इसे सही मात्रा में ही लेना चाहिए। नमक को लेकर एक और गलतफहमी यह रहती है कि कई लोग सेंधा नमक को बेहतर कहते हैं तो कुछ काले नमक को। वैसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल सफेद यानी समुद्री नमक होता है, जिसमें आयोडीन भी ऊपर से मिलाया जाता है। यह असल में हल्का भूरा होता है, लेकिन हम तक यह केमिकल आदि से रिफाइन होकर दूधिया सफेद रूप में पहुंचता है, जैसा कि अमूमन चीनी को भी किया जाता है। इसके दाने इतने बारीक होते हैं कि यह हुर्र से पैकिट से डिब्बे में चला जाता है।नमक कम ही अच्छा NaCl (सोडियम क्लोराइड) ही वह कंपाउंड है जो नमक को नमक बनाता है। यह सोडियम क्लोराइड शरीर के लिए जरूरी है। खासकर इसमें मौजूद सोडियम की जरूरत हमारे शरीर को बहुत होती है। लेकिन इसकी जरूरत काफी कम मात्रा में होती है।
सॉल्ट के 7 सूत्र
कितने तरह का नमक वैसे तो नमक को ज्यादातर लोग 3 तरह का ही समझते हैं: सफेद, काला और सेंधा (रॉक सॉल्ट)। लेकिन इनके अलावा नमक के दूसरे प्रकार भी हैं। पहले देखते हैं नमक कितनी तरह का होता है: 1. Table Salt (सफेद या समुद्री नमक): इसके दाने बारीक होते हैं। ज्यादातर घरों में यही नमक सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। समंदर के पानी को इकट्ठा कर उसे भाप बनाकर उड़ाया जाता है। इसके बाद बची हुई चीजों से इसे तैयार किया जाता है। शुरुआत में यह हल्के भूरे रंग का होता है, साथ ही यह बारीक भी नहीं होता। फिर इसे रिफाइन करने के लिए इसमें कुछ केमिकल मिलाए जाते हैं। इससे यह सफेद और बारीक हो जाता है। दरअसल, मूल रूप में इसमें समुद्र का ढेर सारा प्रदूषण मिला होता है जिसमें प्लास्टिक थैलियों के कचरे के कारण सूक्ष्म प्लास्टिक कण भी शामिल होते हैं। Iodized Salt: यह पिछले ढाई से तीन दशकों से आयोडाइज्ड साल्ट चलन में आया है। शरीर में आयोडीन की कमी न हो, इसके लिए समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर इसे लॉन्च किया गया था। दरअसल, कुछ इलाकों के पानी में आयोडीन की कमी देखी गई थी। आयोडीन की कमी से गले में घेंघा नामक बीमारी हो जाती है। सभी को आयोडीन की जरूरत नहीं है। बहुत सारे फूड आइटम्स हैं जिनमें आयोडीन कुदरती तौर पर मौजूद होता है। मसलन: पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली, स्प्राउट्स, बीन्स, स्ट्रॉबेरी, अनन्नास आदि। नॉनवेज में: प्रॉन, कई ताजे पानी की और समुद्री मछलियां आदि। जिन लोगों की डाइट में अगर ऐसी चीजें शामिल हों तो उन्हें कम से कम आयोडाइज्ड नमक खास तौर पर लेने की जरूरत नहीं है जिनमें आयोडीन मौजूद हो। फिर भी चाहें तो सप्ताह में 1 से 2 दिन आयोडाइज्ड साल्ट में खाना बना लें तो भी काम चल जाएगा। बाकी दिन सेंधा नमक इस्तेमाल करें, वह भी कम मात्रा मेंं। NaCl: 97-99% कीमत: 20 से 30 रुपये किलो 2. Rock Salt (सेंधा नमक): चूंकि यह सिंध इलाके में मौजूद हिमालय के मौजूद हिस्से से ज्यादा निकाला जाता है, इसलिए इसे सेंधा या हिमालयन पिंक साल्ट भी कहते हैं। इसे लाहौरी नमक भी कहते हैं। यह हल्का गुलाबी रंग का होता है। NaCl: 90-98% कीमत: 90 से 125 रुपये किलो Himaliyan Pink Salt: यह भी सेंधा नमक का ही एक प्रकार है। यह हल्का गुलाबी रंग का होता है। इसमें भी सोडियम क्लोराइड 90 फीसदी से ज्यादा ही मिलता है। कीमत: 100 रुपये प्रति किलो क्या बेहतर है सेंधा नमक
3. Black Salt (काला नमक):यह सेंधा नमक की तरह पूरी तरह कुदरती नहीं है यानी जिस रूप में पहाड़ों से लाया जाता है, उसी रूप में हम इसे नहीं खाते। वैसे अमूमन बनता है यह सेंधा नमक से ही। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में लाकर भट्टी में तैयार किया जाता है। पानी में हरड़ के बीज, आंवला, आदि को मिलाकर भट्टी में गर्म किया जाता है। अमूमन 3 से 4 घंटे तक गर्म करने के बाद तैयार होता है। अहम बात यह कि गर्म होने से यह काले रंग का हो जाता है। वहीं पीसे जाने पर यह गुलाबी दिखने लगता है। हिमालयन काला नमक, काला लावा नमक भी काला नमक का ही प्रकार है। NaCl: 97-98% कीमत: 100 से 125 रुपये किलो 4. Kosher Salt: यह अमेरिका में बनता है और वहीं काफी इस्तेमाल में लाया जाता है। कोषेर साल्ट के दाने टेबल साल्ट की तुलना में कुछ बड़े होते हैं। कोशर साल्ट की एक और खासियत यह है कि अलग-अलग इलाके के कोशर साल्ट का स्वाद अलग-अलग होता है। भारत में यह ऑनलाइन मिल जाता है। NaCl: 98-99.83% कीमत: करीब 600 रुपये किलो 5. Red Hawaiian Salt: अमेरिका में मौजूद हवाई नाम के स्थान पर यह नमक पाया जाता है। इसे एलसिया साल्ट भी कहते हैं। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है। इसलिए यह दिखने में लाल होता है। NaCl: 83% 121 ग्राम पैक की कीमत करीब 500 रुपये नोट: दुनियाभर में इनके अलावा भी कई तरह के नमक मौजूद हैं जो अलग-अलग देशों में उपयोग में लाए जाते हैं। यह भी अपने देश में ऑनलाइन मिल जाता है। खास नमक LoNa: इसके नाम से ही साफ है: ऐसा नमक जिसमें सोडियम की मात्रा कम हो। सोडियम की जगह इसमें पोटैशियम डाला जाता है। टाटा साल्ट लाइट, झंडू कंपनी का लोना साल्ट। इनके अलावा कुछ दूसरी कंपनियां भी लोना साल्ट बनाती हैं। -बीपी मरीज के लिए इसे बेहतर माना गया है। फिर भी बीपी के मरीज इसे किसी भी हाल में हर दिन 4-5 ग्राम से ज्यादा न लें। -अगर किसी को किडनी की परेशानी है तो भी यह नमक 3 से 4 ग्राम तक ही लें। NaCl: 75 से 85% तक कीमत: 200 ग्राम का पैक 31 रुपये Flavoured salt: प्याज, लहसुन, नीबू आदि फ्लेवर में कुछ कंपनियों ने लॉन्च किया है। कीमत: 100 ग्राम के पैक में 85 रुपये से शुरू कैसे करें स्टोर
ये ऐसे सोर्स हैं जिन्हें हम आसानी से कर सकते हैं कम दरअसल, हमारा हर दिन का सामान्य भोजन से हमें पर्याप्त मात्रा से कुछ ज्यादा ही नमक मिल जाता है। इसलिए नीचे बताई हुई चीजें शरीर में अतिरिक्त नमक पहुंचाती है।
हम क्या करें सर्दियों में हम सूप ज्यादा लेते हैं । इसलिए जिस दिन सूप लें, अचार, चटनी आदि न लें। साथ ही सब्जियों में भी कम नमक डलवाएं। इसी तरह जिस दिन चिप्स या नमकीन खा लें उस दिन बाकी ज्यादा नमक वाली चीजें न खाएं। यह अपने हाथ में है। नोट: 1.जिनकी फैमिली में हाई बीपी, हार्ट की समस्या, किडनी की परेशानी का इतिहास रहा हो। हालांकि उन्हें अभी परेशानी शुरू नहीं हुई है और जो ओवरवेट हों। -ऐसे लोग ऊपर बताई हुई चीजों कम कर दें यानी महीने में 1 बार ले सकते हैं। 2. जो ओवरवेट न हों, लेकिन दिल, बीपी आदि की फैमिली हिस्ट्री हो। ऐसे लोग ऊपर बताई हुई चीजों को महीने में दो बार ले सकते हैं। 3. ऐसे लोग जिन्हें हाई बीपी की परेशानी शुरू हो चुकी हो। दवा लेते हों या जिन्हें हार्ट या किडनी की परेशानी भी हो या शरीर में सूजन की शिकायत भी हो या लिवर की परेशानी हो। ऊपर बताई हुई चीजों को बिलकुल भी हाथ न लगाएं। अगर बहुत इच्छा करे तो दो महीने में एक बार थोड़ी मात्रा में लें। शरीर में नमक ज्यादा है, इसकी पहचान:
ज्यादा नमक खाने से क्या-क्या और क्यों होती है परेशानी
कम नमक भी क्यों खतरनाक नमक न खाना भी खतरनाक है। सोडियम शरीर का जरूरी हिस्सा है और नमक में सोडियम मुख्य हिस्सा। 5 से 6 ग्राम नमक में 2 से 2.5 ग्राम सोडियम होता है।
खाना पकाते समय इस बात का ध्यान अमूमन कम ही रखा जाता है कि नमक कब डालें। ज्यादातर समय नमक हल्दी, सभी कुछ एक साथ ही डाल देते हैं। यहां ध्यान देने की जरूरत है कि हम क्या पका रहे हैं।
नमक ही नहीं, सभी 6 रस जरूरी कुछ भी खाने में हमें जो स्वाद महसूस होता है, वही रस है। स्वाद के आधार पर आयुर्वेद में 6 रस बताए गए हैं। इसमें लवण (नमक) भी शामिल है:
नमक की आयुर्वेदिक गाइड
सब्जियों में होता है कुदरती नमक
दालों में भी होता है पर्याप्त सोडियम
एक्सपर्ट पैनल
सबसे कम सोडियम वाला नमक कौन सा है?हिमालयन ब्लैक सॉल्ट को काला नमक के नाम से भी जाना जाता है. इसमें सोडियम की कम मात्रा होती है.
टाटा नमक में कितना सोडियम होता है?सफोला नमक भी अपने दावे (35.3 प्रतिशत) से अधिक 36.77 प्रतिशत सोडियम कैरी करता है, और टाटा सोडियम नमक का 33.2 प्रतिशत का दावा है जबकि उसमें 37.38 प्रतिशत सोडियम पाया गया है।
कौन सा नमक स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है?जी हां, आयुर्वेद के अनुसार सेंधा नमक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है, इसलिए इसे सर्वोत्तम नमक कहा गया है। जानिए इसके 7 बेहतरीन फायदे... 1 सेंधा नमक में लगभग 65 प्रकार के खनिज लवण पाए जाते हैं, जो कई तरह की बीमारियों से बचाने में मददगार होते हैं। वहीं इसका एक बढ़िया फायदा यह है कि यह पाचन के लिए फायदेमंद है।
हाई ब्लड प्रेशर में कौन सा नमक खाना चाहिए?1- सेंधा नमक जिसे पिंक सॉल्ट कहते हैं इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. 2- सेंधा नमक में कैल्शियमओर पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जो सेहत को फायदा पहुंचाता है. 3- जिन लोगों को जल्दी थकान और कमजोरी महसूस होती है उन्हें सेंधा नमक का ही सेवन करना चाहिए.
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