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शब्दार्थ – कक्षा 8 हिन्दी के इन 👇 पाठों के बारे में भी जानें। बोध प्रश्न प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से खोजकर लिखिए । प्रश्न 2 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए– हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी
पढ़िए।। प्रश्न 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से लिखिए – (ख) मुफ़्तानंद जी
पढ़ने के लिए समाचार-पत्र कैसे प्राप्त करते थे? (ग) मुफ़्तानंद जी दूसरों से पुस्तकें माँगकर उनका क्या करते थे? हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। (घ) लेखक ने 'कबीर का
रहस्यवाद' किस संदर्भ में कहा है ? (ड) परलोक के संबंध में मुफ्तानंद जी की क्या धारणा है ? प्रश्न 4 रिक्त स्थान भरिए। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। भाषा – अध्ययन प्रश्न 1 निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और उन्हें अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए– प्रश्न 2 निम्नलिखित सामानोच्चारित भिन्नार्थक शब्दों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए– हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। प्रश्न 3 निम्नलिखित मुहावरों/कहावतों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए– प्रश्न 4
निम्नलिखित अनुच्छेद में यथास्थान विराम- चिन्हों का प्रयोग कीजिए– प्रश्न 5 'अजनबी' शब्द का हिंदी में रूप ' अपरिचित' है इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों के हिंदी रूप लिखिए– इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। प्रश्न 6 (क) इस पाठ से कुछ ऐसे वाक्य छाँटकर लिखिए, जिनमें सर्वनाम का प्रयोग विशेषण की तरह किया गया है। प्रश्न 7
विशेषणों के पुनरुक्ति वाले विभिन्न अर्थ (भाव) के दो– दो वाक्य लिखिए। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। आशा है, उपरोक्त पाठ का अभ्यास कार्य विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक एवं परीक्षापयोगी होगा। I hope the above information
will be useful and important. Watch related information below लेखक मुक्तानंद जी को साष्टांग प्रणाम क्यों करते हैं?उत्तर– लेखक मुफ़्तानंद जी को साष्टांग प्रणाम करता है क्योंकि लेखक ने उन जैसा मुफ्तखोर नहीं पाया, न देखा। वे इस मृत्युलोक को भी मुफ्त में सुधार गये तथा अब परलोक की टिकट भी मुफ़्त में प्राप्त करने की जुगाड़ में है।
मुफ्तानंद जी की कमीज कहां और क्यों फटी?(घ) मुफ्तानन्द जी की कमीज कहाँ और क्यों फटी? मुफ़्तानन्द जी की कमीज मुफ्त में बर्फ प्राप्त करने के लिए लगी हुई कतार (क्यू) में लगने पर फट गयी। मुफ्तखोरों द्वारा की गई खींचतान में उन महोदय की कमीज फट गई।
लेखक ने इस पाठ का नाम मुख्य पात्र के नाम पर क्यों रखा है?(क) लेखक ने इस पाठ का नाम मुख्य पात्र के नाम पर क्यों रखा? लेखक ने इस पाठ का नाम 'श्री मुफ़्तानन्द जी' रखा, क्योंकि कुछ लोग अपने जीवन भर मुफ्त में कुछ न कुछ प्राप्त करने की जुगाड़ में लगे रहते हैं। अत: व्यंग्य के माध्यम से लेखक ने समाज में फैली बुराइयों को उजागर किया है। (ख) 'मुफ़्तखोरों के सरताज' किसे कहा गया है ?
फलों के संबंध में मुक्तानंद जी की क्या धारणा है?Answer. Answer: इहलोक की भाँति ही मुफ्तानन्द जी परलोक में भी मुफ्त जीवनयापन के सपने संजोए हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि जब भगवान ने इहलोक में आनन्दपूर्वक निभा दी तो परलोक में भी भगवान मुफ्त में ही उनकी मुक्ति कर देंगे।
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