Show
अति-खारी झील (Hypersaline lake, हाइपरसैलाइन लेक) ऐसी झील को कहा जाता है जिसमें नमक की सान्द्रता (कॉन्सन्ट्रेशन) समुद्र से भी अधिक हो, यानि जिसका पानी समुद्र के पानी से भी अधिक खारा हो। मात्रा मापन के हिसाब से ३.५% से अधिक सान्द्रता (अर्थात ३५ ग्राम प्रति लीटर से अधिक) होने पर किसी झील को अति-खारी कहा जा सकता है। अति-खारी झीलों में आम जीवों का पनपना कठिन होता है लेकिन कुछ चरमपसंदी जीव इसमें फलते-फूलते हैं। दुनिया की सबसे खारी झील अंटार्कटिका में स्थित डॉन हुआन झील (Don Juan Pond) है जिसकी सान्द्रता ४५% से भी ऊपर है। नमकीन पानी को जमने के लिये शून्य से भी कम तापमान चाहिए होता है और इस अत्यधिक खारेपन के कारण अंटार्कटिका की यह झील -५०° सेन्टीग्रेड तक तापमान गिरने पर भी नहीं जमती।[1] भारत के राजस्थान राज्य की साम्भर झील भी एक अति-खारी झील है और इसमें नमक की सान्द्रता ७० से 330 ग्राम प्रति लीटर तक रहती है।[2] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
निम्नलिखित में से कौनसी विश्व की सबसे खारे पानी की झीलों में से एक है?(00 : 00) लिखित उत्तर अराल सागर लाल सागरमृत सागर कैस्पियन सागर Answer : C Solution : विश्व में सर्वाधिक खारे पानी की झील वॉन झील (तुर्की) है, जिसकी लवणता 330 प्रतिहजार आँकी गई है, तत्पश्चात् मृत सागर का स्थान आता है जिसकी लवणता 238 प्रतिहजार है। विकल्प में वॉन झील न होने के कारण मृत सागर सर्वाधिक खारे पानी की झील होगी। एक ख़ारी झील या लवणीय झील (अंग्रेज़ी: salt lake या saline lake) चारों तरफ़ से जमीन से घिरा हुआ वो जलाशय होता है जिसके पानी में नमक/लवण या नमकीन पदार्थों की मात्रा (सान्द्रणता) ज्यादा होती है। इसके १ लीटर पानी में कम से कम तीन ग्राम नमक तक की मात्रा पाई जाती है।[1] कुछ जगहों पर तो पानी में घुलनशील लवण की मात्रा समुद्री जल से भी ज्यादा पाई गयी है। ऐसी झीलों को हाइपरसैलाइन लेक या अति-खारी झील कहते हैं। एक क्षारीय खारी झील जिसमें कार्बोनेट की मात्रा ज्यादा होती है को सोडा झील भी कहा जाता है। विशेषताएँ[संपादित करें]लवणीय झीलें तब बनती हैं जब झील में गिरने वाला जल अपने साथ नमक व खनिज पदार्थ ले आता रहता है और चारों तरफ़ से घिरे होने की वजह से झील से बाहर नहीं निकल पाता है। चूंकि ऐसी झीलें एक बंद तालाब की तरह होती हैं जो कि नदी या समुद्र से नहीं मिलतीं इसलिये इनका पानी बाहर नहीं निकल पाता और उसमें नमक और खनिजों की मात्रा बढती जाती है। ऐसी बंद झीलों को (Endorheic Lake) एण्डोर्हिक झील कहते हैं।[2] पानी घुला लवण छोड़कर वाष्पीकृत होता रहता है और जिससे वहाँ लवणता बढती रहती है। ऐसे क्षेत्र नमक उत्पादन के लिये आदर्श स्थल साबित होते हैं। ऐसी झीलों के आसपास अतिलवणता की वजह से एक विशेष प्रकार की वनस्पती व प्राणी समूह पाया जाता है और कुछ जगहों पर तो कोई जीवन नहीं पाया जाता जैसे कि, मृत सागर में। अगर झील में आने वाले पानी की मात्रा वाष्पीकृत हो रहे पानी की मात्रा से कम होती है तो ऐसी झील अंतत: सूख जाती है और अपने पीछे नमक के मैदान या सूखी झील छोड़ जाती है। उदाहरण कच्छ का रण जो कि एक विशाल नमक का मैदान है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
सबसे खारा झील कौन सा है?दुनिया की सबसे खारी झील अंटार्कटिका में स्थित डॉन हुआन झील (Don Juan Pond) है जिसकी सान्द्रता ४५% से भी ऊपर है। नमकीन पानी को जमने के लिये शून्य से भी कम तापमान चाहिए होता है और इस अत्यधिक खारेपन के कारण अंटार्कटिका की यह झील -५०° सेन्टीग्रेड तक तापमान गिरने पर भी नहीं जमती।
भारत की सबसे खारी झील कौन है?भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित चिल्का झील खारे पानी की सबसे बड़ी झील है.
एशिया की सबसे खारी झील कौन सी है?एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील किस राज्य में स्थित है? Notes: ओडिशा की चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, इसका कैचमेंट क्षेत्र लगभग 3,560 वर्ग किलोमीटर है।
सबसे गहरी खारे जल की झील कौन है?कैस्पियन सागर को दुनिया की सबसे बड़ी और खारे पानी की झील कहा जाता है।
|