गांठ हो जाने पर क्या करें? - gaanth ho jaane par kya karen?

गांठ हो जाने पर क्या करें? - gaanth ho jaane par kya karen?

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Health tips: कॉर्न्स वाली जगह पर हर रोज ऑलिव ऑयल लगाने से जल्दी आराम मिलता है.

खास बातें

  • हल्दी से ठीक होगी पैर और हाथ की गांठ.
  • ऑलिव ऑयल से भी मिलती है राहत.
  • सेब का सिरका भी है कारगर.

Home remedy for lumps: हमारे शरीर का हर एक अंग अपनी एक अहमियत और उपयोगिता रखता है. ऐसे में अगर किसी पार्ट में परेशानी आ जाए तो पूरी बॉडी का सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है. शरीर के सबसे सक्रिय अंग हाथ पैर में एक आम समस्या देखने की मिलती है कॉर्न (corn) की. इसमें स्किन की परत मोटी होकर गिल्टी नुमा आकार ले लेती है जिसकी वजह से हाथ और पैर में जलन होने लगती है. इसके कारण चलने फिरने और काम करने में दिक्कत आती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आपको यहां कुछ घरेलू उपचार (home remedy for Calluses) बताए जा रहे हैं जिससे जल्द राहत मिलेगी.

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कॉर्न्स या गांठ का घरेलू उपचार | Home Remedy For Corn & Lumps

हल्दी | Turmeric in Calluses

यह मसाला तो बहुत आसानी से किचन में मिल जाएगा क्योंकि इसका इस्तेमाल रोजाना खाना बनाने में किया जाता है. कॉर्न में आप एक चम्मच हल्दी में शहद मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगा लीजिए. फिर उसे सूखने तक छोड़ दें उसके बाद आप उस जगह को अच्छे से साफ कर दें. ऐसा आप रोज करते हैं  तो 2 से 3 दिन में राहत महसूस होने लगेगी.

ऑलिव ऑयल | Olive Oil in Lumps

कॉर्न्स वाली जगह पर हर रोज ऑलिव ऑयल लगाने से जल्दी आराम मिल जाता है. यह तेल गांठ को ठीक करने में सबसे कारगर है. इसके अलावा आप सैलिसिलिक एसिड को भी आजमा सकते हैं. गर्म पानी में सैलिसिलिक एसिड मिलाकर कॉर्न्स वाली जगह को भिगो लें. ऐसा करने से कुछ देर में डेड स्किन खुद निकलने लग जाती हैं. 

सेब का सिरका | Apple vinegar in corn

एप्पल विनेगर भी कॉर्न को ठीक करने में बहुत सहायक है. इसके लिए आपको 1 बड़ी चम्मच में सेब का सिरका और उसमें दो बूंद टी ट्री आयल मिलाकर गर्म पानी में डाल लें. फिर रुई की मदद से कॉर्न्स पर लगाएं. ऐसा आप रोजाना करें जब तक की गांठ जड़ से न खत्म हो जाए.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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गांठ हो जाने पर क्या करें? - gaanth ho jaane par kya karen?

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परिचय

चर्बी की गांठ, जिसे अंग्रेजी में लिपोमा भी कहते हैं, फैटी टिशू (ऊतक) की वृद्धि होती है जो धीरे-धीरे आपकी त्वचा के नीचे विकसित होती है।

ये गांठें आमतौर पर दर्द रहित होती हैं और अक्सर शरीर के ऊपरी हिस्से, कंधों, बाहों, कूल्हों, और ऊपरी जांघों पर पाई जाती हैं। कभी कभी ये ट्यूमर जांघ, कंधे, या पिण्डली के गहरे ऊतक में भी पाए जाते हैं।

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ये आपकी त्वचा के नीचे होने वाला सबसे आम ट्यूमर हैं, जो हज़ार में से किसी एक व्यक्ति को होता है।

हालांकि लिपोमा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, बच्चों को ये शायद ही कभी होता है। चर्बी की गांठ केवल तभी दर्द करती है जब यह त्वचा के नीचे नसों तक जाती है।

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चर्बी की गांठ (लिपोमा) क्या है - What is Lipoma in Hindi

लिपोमा (चर्बी की गांठ) त्वचा के नीचे स्थित एक छोटी, मुलायम, रबड़दार गांठ होती है। ये गांठ कैंसर-रहित (नॉन कैंसरस) होती है जिससे घबराने का कोई विशेष कारण नहीं है।

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चर्बी की गांठ (लिपोमा) के लक्षण - Lipoma Symptoms in Hindi

चर्बी की गांठ (लाइपोमा) के क्या लक्षण होते हैं?

लिपोमा आमतौर पर छोटी, मुलायम गांठ के रूप में दिखाई देता है। ये गांठ आमतौर पर 2 इंच से कम चौड़ी होती है। कभी-कभी, गांठें एक से अधिक भी हो सकती हैं। इन गांठों को बाहर से हे आराम हिलाया जा सकता है। लिपोमा आमतौर पर चोट नहीं पहुंचाते हैं, हालांकि इसक कुछ उपप्रकार दर्द करने वाले हो सकते हैं, जैसे एंजियोलिपोमा। चर्बी की गांठ आम तौर पर :

  • चर्बी की गांठ पीली हो सकती है। 
  • चर्बी की गांठ बेरंग हो सकती है। 
  • चर्बी की गांठ धीरे-धीरे बढ़ती है। 
  • चर्बी की गांठ स्पर्श करने पर मुलायम होती है। 
  • चर्बी की गांठ उंगली से आसानी से हिलाई जा सकती है। 
  • चर्बी की गांठ त्वचा के हल्का सा नीचे होती है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

अगर आप अपनी त्वचा में कोई बदलाव अनुभव करते हैं तो डॉक्टर को तुरंत दिखाएं। चर्बी की गांठ लिपोसरकोमा नामक कैंसर की स्थिति के समान भी दिखाई दे सकती है।

(और पढ़ें - नरम ऊतक सारकोमा क्या है)

यदि आप अपने शरीर पर कोई गांठ या सूजन देखते हैं, तो आपको डॉक्टर से इसकी जांच कराएं। डॉक्टर ये जांच करते हैं कि क्या यह लिपोमा हानिरहित है या कुछ और परीक्षणों की आवश्यकता है।

डॉक्टर आपसे निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकते हैं:

  • क्या आपको पहले भी चर्बी की गांठ की समस्या हुई है?
  • आपने अपनी गांठ कब देखी?
  • क्या वो गांठ पहले से बढ़ गई है?
  • क्या उस गांठ में दर्द है?
  • क्या आपके परिवार में दूसरों को भी चर्बी की गांठ की समस्या हैं?

कुछ दुर्लभ मामलों में, मांसपेशियों या आंतरिक अंगों में भी चर्बी की गांठ बन सकती है। यदि चर्बी की गांठ बहुत दर्द करती है या मांसपेशियों को प्रभावित करती है तो उसे हटाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

लिपोमा शायद ही कभी गंभीर होता है। लेकिन तब भी अगर कभी आप अपने शरीर पर कहीं भी कोई गांठ या सूजन देखते हैं, तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं।बहुत ही दुर्लभ मामलों में, गांठ एक प्रकार का कैंसर हो सकती है जिसे लिपोसरकोमा कहा जाता है, जो बहुत तेजी से बढ़ता है। यदि डॉक्टर को इसकी आशंका होती है, तो वह इसके परीक्षण के लिए कहेंगे।

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चर्बी की गांठ (लिपोमा) के कारण - Lipoma Causes in Hindi

चर्बी की गांठ क्यों होती है? 

चर्बी की गांठ का कारण पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। ये ज्यादातर परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी होती हैं, इसलिए इनके विकास में आनुवांशिक कारकों की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

चर्बी की गांठ अक्सर चोट के बाद दिखाई देती है, हालांकि डॉक्टरों को यह नहीं पता लगता कि क्या यह चोट की वजह से ही बनती है।कुछ लोग जो मैडलंग रोग जैसी दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें लिपोमा होने का अधिक जोखिम होता है।

यदि आपके परिवार में लिपोमा का इतिहास है तो आपको भी चर्बी की गांठ होने का जोखिम बढ़ जाता है।यह बीमारी सबसे अधिक 40 से 60 वर्ष की उम्र के वयस्कों में पाई जाती है।

निम्नलिखित बीमारियां लिपोमा के जोखिम को भी बढ़ा सकती हैं :

  • एडीपोसिस डोलोरोसा (एक से अधिक और पीड़ादायक चर्बी की गांठों द्वारा वर्णित एक दुर्लभ विकार)
  • काओडेन  सिंड्रोम
  • गार्डनर सिंड्रोम
  • मेडलंग की बीमारी
  • 40 से 60 वर्ष की उम्र होना, यद्यपि लिपोमा किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह इस आयु वर्ग में सबसे आम है
  • अनुवांशिक कारण

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चर्बी की गांठ (लिपोमा) का निदान - Diagnosis of Lipoma in Hindi

चर्बी की गांठ का परीक्षण कैसे किया जाता है?

डॉक्टर अक्सर शारीरिक परीक्षण द्वारा चर्बी की गांठ का पता लगा सकते हैं। यह स्पर्श करने पर नरम लगती है और दर्द नहीं करती। फैटी ऊतकों से बने होने के कारण चर्बी की गांठ को स्पर्श करने पर आसानी से हिलाया जा सकता है।

चर्बी की गांठ का परीक्षण निम्नलिखित टेस्ट द्वारा किया जाता है:

  • शारीरिक परीक्षण
  • बायोप्सी
  • एक्स रे या अन्य इमेजिंग परीक्षण, जैसे कि एमआरआई या सीटी स्कैन यदि गांठ बड़ी, असामान्य या अत्यधिक गहरी होती है। 
  • सीटी स्कैन - ये स्कैन एक्स- रे किरणों से अधिक विस्तृत होता है और यदि शरीर में लिपोमा की उपस्थिति होती है तो टेस्ट में एक फैटी द्रव्यमान दिखाई देता है।
  • एमआरआई स्कैन - लिपोमा का परीक्षण करने के लिए सबसे अच्छी जानकारी एमआरआई स्कैन देता है। इस टेस्ट में चर्बी की गांठ जैसे मुलायम ऊतकों की बेहतर छवियां देखी जा सकती हैं। एमआरआई टेस्ट सभी दृष्टिकोणों से फैटी द्रव्यमान की छवियां प्रस्तुत करता है। अक्सर, डॉक्टर अकेले एमआरआई इमेजिंग के आधार पर लिपोमा का परीक्षण कर लेते हैं, जिससे बायोप्सी की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

लिपोमा से ग्रस्त लोगों को आगे चल कर लिपोसरकोमा की कोई खास आशंका नहीं होती। हालांकि एटिपिकल लिपोमा (atypical lipomas) से ग्रस्त लोग इसका अपवाद हैं। लिपोमा का यह उप-प्रकार लिपोसरकोमा कैंसर में बदल सकता है, लेकिन ऐसा बेहद दुर्लभ में होता है।

(और पढ़ें - स्किन कैंसर का इलाज)

चर्बी की गांठ (लिपोमा) का उपचार - Lipoma Treatment in Hindi

चर्बी की गांठ का क्या इलाज है?
आमतौर पर चर्बी की गांठ के लिए कोई उपचार बहुत आवश्यक नहीं होता। हां अगर चर्बी की गांठ आपको परेशान कर रही है, या बढ़ रही है, तो आपका डॉक्टर इसे हटाने के लिए बोल सकते हैं। लिपोमा उपचार के विकल्प निम्नलिखित हैं:

1. निरीक्षण
चूंकि लिपोमा एक कैंसर-रहित ट्यूमर होता है, इसलिए केवल लक्षणों के आधार पर इसका कोई इलाज नहीं हो सकता। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप गांठ में किसी भी बदलाव की नियमित रूप से डॉक्टर द्वारा जांच कराएं।

2. गांठ को हटाना
एक्सीशन एक साधारण सर्जिकल प्रक्रिया जिसमें चर्बी की गांठ को पूरी तरह से हटा दिया जाता है।

इस प्रक्रिया में गांठ के आसपास के क्षेत्र को सुन्न करने के लिए लोकल एनेस्थेटिक का इंजेक्शन दिया जाता है। बड़ी और गहरी चर्बी की गांठों को हटाने के लिए रीजनल और जनरल एनेस्थीसिया की आवश्यकता हो सकती है। रीजनल एनेस्थीसिया विशिष्ट नसों में इंजेक्शन द्वारा एक बड़े क्षेत्र को सुन्न कर देता है। जनरल एनेस्थीसिया आपको बेहोश कर देता है।

इसके बाद, डॉक्टर आपकी त्वचा में चीरा लगा कर ट्यूमर को काट देता है।

(और पढ़ें - लेप्रोस्कोपी क्या है)

ऑपरेशन के कुछ समय बाद ही आप घर जा सकते हैं । ऑपरेशन के दौरान लगे टांकों को डॉक्टर कुछ हफ्तों के भीतर हटा देते हैं। अधिकांश दैनिक गतिविधियां फिर से शुरू करने में आपको कितना समय लगता है, यह हटाई गई गांठ के आकार और स्थान पर निर्भर करेगा। यदि आपको दर्द या असुविधा होती है, तो आपको कुछ गतिविधियां सीमित करनी पड़ सकती हैं। डॉक्टर आपको स्वास्थ्य लाभ के लिए विशिष्ट परामर्श देंगे।

चर्बी की गांठ लगभग हमेशा ऑपरेशन से ठीक हो जाती है। आम तौर पर ये वापस नहीं बढ़ती, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो फिर से एक्सीशन ही सबसे अच्छा उपचार विकल्प होता है।

(और पढ़ें - मुंह के कैंसर की सर्जरी)

3. लिपोसक्शन
इस उपचार में गांठ को हटाने के लिए एक सुई और एक बड़ी सिरिंज का उपयोग किया जाता है।

4. स्टेरॉयड इंजेक्शन
स्टेरॉयड इंजेक्शन का चर्बी की गांठ के उपचार के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह उपचार लिपोमा को कम कर सकता है, लेकिन यह इसे पूरी तरह से हटा नहीं सकता।

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चर्बी की गांठ (लिपोमा) की जटिलताएं - Lipoma Complications in Hindi

चर्बी की गांठ (लाइपोमा) की जटिलताएं क्या हैं?

लिपोमा एक कैंसर-रहित गांठ होती है। इसका मतलब ये है कि इसके शरीर में फैलने की कोई आशंका नहीं होती। यह मांसपेशियों या आसपास के ऊतकों के माध्यम से फैलती नहीं है और यह जानलेवा भी नहीं होती है।

चर्बी की गांठ (लिपोमा) के वीडियो

चर्बी की गांठ (लिपोमा) के डॉक्टर

चर्बी की गांठ (लिपोमा) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Lipoma in Hindi

चर्बी की गांठ (लिपोमा) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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गांठ का रामबाण इलाज क्या है?

अगर शरीर में बहुत अधिक गांठे है तो शिला सिंदूर 4 ग्राम, प्रभाल पिष्टी 10 ग्राम के साथ मोती और गिलोय मिलाकर सात पूड़िया बना लें। इसे सुबह-शाम खिलाएं। इससे 99 प्रतिशत तक गांठ से निजात मिल जाता है। एक से 3 माह में लाभ मिल जाता है।

चर्बी की गांठ को कैसे खत्म करें?

इन घरेलू उपाय से दूर करें चर्बी की गांठ गांठ पर रूई से रोज नींबू का पानी लगाए, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जाते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. सेब का सिरका भी गांठ पर लगाया जा सकता है क्योंकि इसके इस्तेमाल से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है, इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और रक्त संचार भी ठीक हो सकता है.

आपको कैसे पता चलेगा कि गांठ कैंसर है?

क्या हैं इसके लक्षण अगर कोई गांठ बन गई है और उसमें दर्द नहीं है तो कैंसर होने की आशंका ज्यादा है। दर्द है तो कैंसर की आशंका कम है। पीरियड्स के दिनों के आसपास भी ब्रेस्ट में गांठें बन जाती हैं, लेकिन उनमें दर्द होता है। ऐसे में चिंता की बात नहीं होती।

चर्बी की गांठ की पहचान कैसे करें?

चर्बी की गाँठ के बनने को यदि हम चिकित्सकीय भाषा में समझें तो इसका अर्थ है मांस के अंदर फैट निर्मित होना. एक रोचक तथ्य यह भी है कि यह देखने में हमारे शरीर की त्वचा के भीतर हुए फोड़े के जैसा ही लगता है. यह हमारे शरीर के किसी भी भाग में हो सकते हैं. हालांकि चर्बी की गाँठ अक्सर गर्दन या बाहों पर ही दिखाई पड़ते हैं.