क्या आप भी दांतों के पीलेपन से परेशान हैं और चाहते हैं सफेद व चमकदार दांत? दांतों की चमक के लिए यदि आप कोई मेडिकल ट्रीटमेंट करवाने जा रहे हैं तो एक बार यह आर्टिकल जरूर पढ़ लीजिए। Show
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, जयपुर में डेंटल साइंस डायरेक्टर डॉ. रति बोहरा कहती हैं सुंदर दिखने के लिए चेहरे के साथ चमकदार भी जरूरी है। लोग इसी के लिए आजकल स्केलिंग (Scaling), पॉलिशिंग (Polishing) या ब्लीचिंग जैसे डेंटल ट्रीटमेंट लेते हैं। इन ट्रीटमेंट के जरिये दांतों का पीलापन, लाल-पीले धब्बे, गुटखे आदि के निशान आसानी से खत्म हो जाते हैं। लेकिन इन सभी उपचारों का साइड इफेक्ट भी होता है। जिसके बारे में शायद आपको पता न हो। यह जरूरी है कि आप शरीर के साथ दांतों की सेहत का भी ख्याल रखें। लेकिन यह जान लें कि बार-बार इस तरह का ट्रीटमेंट कराने से कहीं फायदे की जगह नुकसान तो नहीं हो रहा। यदि इस तरह के ट्रीटमेंट का असर आपकी सेहत पर पड़ रहा है तो एक बार सोचना तो बनता है। इससे पहले आप दांतों के पीलेपन के कारण जान लीजिए- दांतों को पीलेपन से राहत देने के लिए इन ट्रीटमेंट में क्या होता है। यह जानकारी भी आपको होनी जरूरी है। स्केलिंग (Scaling)इस ट्रीटमेंट में दांतों को दाग धब्बों व जिद्दी गंदगी से राहत देने के लिए डेंटिस्ट हाथों के उपकरणों का प्रयोग करता है। कुछ डेंटिस्ट इसके लिए अल्ट्रासोनिक मशीन (ultrasonic) से भी दांतों की सफाई करते हैं। पॉलिशिंग (Polishing)पॉलिशिंग में उन दांतो को चिकना किया जाता हैं, जो कि स्केलिंग के समय रफ हो जाते हैं। इस ट्रीटमेंट में डॉक्टर दातों पर एक्स्ट्रा फ्लोराइड कोटिंग कर दांतों को प्रोटेक्शन देते हैं। पाॅवर ब्लीचिंग (Power Bleaching)दांतों को चमकाने का तीसरा ट्रीटमेंट है पावर ब्लीचिंग या लेजर ब्लीचिंग। इसमें हैलोजन लाइट की मदद से दांतों को चमकाया जाता है। इस पूरे ट्रीटमेंट में लगभग एक घंटा लगता है। पाॅवर ब्लीचिंग के स्टेप्स
दांतों की पॉलिशिंग से नुकसान (Side Effects of Teeth Polishing)दांतों की बार-बार स्केलिंग, पॉलिशिंग व ब्लीचिंग, दांतो को भले ही चमका दे पर यह दांतों के स्वास्थ्य की दृष्टि से नुकसानदेह है। इससे दांतों को क्या नुकसान पहुंचता है, आइये जानें… दांत कमजोर करे स्केलिंग (Teeth Weakness After Scaling)यदि सिर्फ चमकाने के उद्देश्य से बार-बार टीथ स्केलिंग करवाई जाए तो दांत कमजोर हो जाते हैं। यही कारण है कि ये समय से पहले गिरने भी लगते हैं। असल में स्केलिंग के समय दांतों पर दबाव पड़ता है, जिससे जड़े कमजोर हो जाती हैं। सेंसिटिविटी बढ़ जाती है (Sensitivity Increases)भले ही दांतों की स्केलिंग मसूड़ों के नीचे बैक्टीरिया और प्लेक बनने से बचाती है। पर इस ट्रीटमेंट के बाद दांतों में सेंसिटिवनेस बढ़ जाती है। क्योंकि मसूड़े जड़ छोड़ देते हैं और गम ब्लीडिंग बढ़ जाती है। पेरिओडांटल रोग (Periodontal Diseases)बार-बार टीथ स्केलिंग कराने से मसूड़े कमजोर हो जाते हैं। ऐसे में पेरिओडांटल रोग यानी मसूड़ों के इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसमें मसूड़ों और दांतों के आसपास की बोन या जबड़ा खराब हो जाता है। इस बीमारी में मसूड़ों के नीचे बैक्टीरियल प्लाॅक इकठ्ठा हो जाता है, यही इस इंफेक्शन की वजह है। नमनेस और झनझनाहट (Numness)पावर ब्लीचिंग में हीट व अल्ट्रावायलेट लाइट्स के कारण दांतों में नमनेस और झनझनाहट हो जाती है। यही नहीं दातों की ब्लीचिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले हाइड्रोजन पेरॉक्साइड से दांतों का हार्ड वाइट इनैमल निकल जाता है व दांत कमजोर हो जाते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए नुकसानदेह (Harmful for Diabetic Patient)स्केलिंग से कमजोर हुए दांत मधुमेह रोगियों के लिए भी खतरनाक होते हैं। ऐसे में डायबिटीज के पेशेंट को मुंह से संबंधित परेशानियां होने लगती हैं। रोगी के ब्लड में ग्लूकोज लेवल नियंत्रित नहीं रहने से वाइट ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचता है और बॉडी में इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा रहता है। दांतो की सफाई और पॉलिशिंग नवीनतम उपकरणो द्वाराक्या आप लोगो के सामने हंसने और पार्टीज में जाने से संकोच करते है ? क्या आपके दांतों पर पीलापन है? या फिर दांतो के बीच में काले धब्बे जो आपको स्वतंत्र रूप से बातचीत करने से रोक रहे हैं तो फिर अपने दांतो के रंग को अपना आत्मविश्वास खोने का कारण ना बनने दे| दांतो की सफाई और पॉलिशिंग के लिए नवीनतम उपकरण ही क्यों आवश्यक है?हांलाकि दांतो की सफाई और पॉलिशिंग में नयी तकनीक और उपकरणों का उपयोग आपकी जेब का बोझ बड़ा सकता है लेकिन एक अच्छा इलाज़ ही हर लिहाज़ से बेहतर है |
दांतों को पॉलिश और साफ करने में कितना समय लगता है?दांत की पॉलिशिंग और सफाई एक ही बार में पूरी तरह से हो जाती है| हालांकि, परामर्श और सफाई के लिए आपको एक बार दन्त चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता होती है।सफाई और पॉलिशिंग कुछ घंटों के भीतर हो जाती है जबकि कुछ मामलों में,दन्त चिकित्सकों को थोड़े अतिरिक्त समय की आवश्यकता पड़ सकती है। दांतो की पॉलिशिंग और सफाई में कितना खर्च आता है?दिल्ली-एनसीआर में दांतों की सफाई और पॉलिशिंग की लागत बहुत ज्यादा नहीं है। पूरी प्रक्रिया 2000-3000 INR की कीमत में पूरी हो जाती है| हालांकि, वास्तविक लागत को जानने के लिए, आपको एक दन्त चिकित्सक से परामर्श करने और अपने दांतों की जांच कराने की आवश्यकता होती है। कुछ क्लिनिक दांतों की पॉलिश और सफाई पर छूट और प्रचार प्रदान करते हैं। आप उनके पास जाकर कुछ और पैसे बचा सकते हैं। दांत साफ करने में कितना खर्चा आता है?भारत में, दांत उस दंत चिकित्सा पर निर्भर करते हैं जहां आप इलाज करवा रहे हैं. आमतौर पर, दांतों की सफाई एक संपूर्ण पैकेज के रूप में होती है और इसकी लागत लगभग 1,500 रुपये हो सकती है.
मशीन से दांतों की सफाई कैसे की जाती है?टूथपेस्ट के बाद जरूरी है स्क्रैपिंग
आयुर्वेद दांतों को ब्रश करने के तुरंत बाद जीभ की सफाई यानी स्क्रेप करने की सलाह देता है। क्योंकि हमारे दांतों से अधिक जीभ पर कीटाणु लगे होते हैं। लिहाजा दांतों के अलावा जीभ की सफाई भी जरूरी है तभी आपका मुंह पूरी तरह से साफ माना जाएगा।
दांत साफ करने से क्या नुकसान है?टीथ वाइटनिंग के नुकसान | Teeth Whitening Side Effects. टीथ सेंसिटिविटी टीथ वाइटनिंग प्रोसेस के बाद ठंडा और गर्म वाली सेंसटिविटी (Sensitivity) बढ़ जाती है. ... . आपके दांत में सूजन हो सकती है टीथ वाइटनिंग और ब्लीचिंग (Bleaching) के प्रोसेस के बाद आपके दांतों में सूजन आ सकती है. ... . गले या पेट में दर्द ... . हो सकता है चिड़चिड़ापन. दांत साफ करने के लिए कौन सा केमिकल आता है?हाईड्रोजन परॉक्साइड बाहरी रंग को हटाता और इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए ब्लू लाइट्स का सहारा लिया जाता है। यह दांतों पर केमिकल के असर को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि हाईड्रोजन परॉक्साइड का ज्यादा इस्तेमाल दांतों की परत को खत्म कर देता है।
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