Parvat Pradesh Mein Pavas CBSE Class 10 Hindi Chapter 5 Summary, Explanation and NCERT Solutions (Question Answers) from Sparsh BookParvat Pradesh Mein Pavas Class 10 – पर्वत प्रदेश में पावस CBSE Class 10 Hindi Lesson summary with a detailed explanation of the lesson ‘Parvat Pradesh Mein Pavas‘ by Sumitranandan Pan along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with a summary and all the exercises, Questions and Answers (Solutions) given at the back of the lesson. Show
Parvat Pradesh Mein Paavas Class 10 Hindi Chapter 5
कवि परिचय
कवि – सुमित्रानंदन पंत Parvat Pradesh Mein Paavas Class 10 Video Explanation
पर्वत प्रदेश में पावस पाठ प्रदेश (Introduction)
भला ऐसा भी कोई इंसान हो सकता है जो पहाड़ों पर ना जाना चाहता हो। जिन लोगों को दूर हिमालय पर जाने का मौका नहीं मिल पाता वो लोग अपने आसपास के पहाड़ी इलाकों में जाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। जब आप पहाड़ों को याद कर रहें हों और ऐसे में किसी कवि की कविता अगर कक्षा में बैठे बैठे ही आपको ऐसा एहसास करवा दे की आप अभी अभी पहाड़ों से घूम कर आ रहे हों तो बात ही अलग होती है। प्रस्तुत कविता भी इसी तरह के रोमांच और प्रकृति के सुन्दर वर्णन से भरी है जिससे आपकी आंखों और मन दोनों को आनंद आएगा। यही नहीं सुमित्रानंदन पंत की बहुत सारी कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे आपके चारों ओर की दीवारे कहीं गायब हो गई हों और आप किसी सुन्दर पर्वतीय जगह पर पहुँच गए हों। जहाँ दूर दूर तक पहाड़ ही पहाड़ हों और झरने बह रहे हों और आप बस वहीं रहना चाह रहे हों। महाप्राण निराला जी ने भी पंत जी के बारे में कहा था कि उनकी सबसे बड़ी प्रतिभा यह है कि वे अपनी कृतियों को अधिक से अधिक सुन्दर बना देते हैं जिसे पढ़ कर या सुन कर बहुत आनंद आता है। पर्वत प्रदेश में पावस पाठ सार (Summary)
कवि ने इस कविता में प्रकृति का ऐसा वर्णन किया है कि लग रहा है कि प्रकृति सजीव हो उठी है। कवि कहता है कि वर्षा ऋतु में प्रकृति का रूप हर पल बदल रहा है कभी वर्षा होती है तो कभी धूप निकल आती है। पर्वतों पर उगे हजारों फूल ऐसे लग रहे है जैसे पर्वतों की आँखे हो और वो इन आँखों के सहारे अपने आपको अपने चरणों ने फैले दर्पण रूपी तालाब में देख रहे हों। पर्वतो से गिरते हुए झरने कल कल की मधुर आवाज कर रहे हैं जो नस नस को प्रसन्नता से भर रहे हैं। पर्वतों पर उगे हुए पेड़ शांत आकाश को ऐसे देख रहे हैं जैसे वो उसे छूना चाह रहे हों। बारिश के बाद मौसम ऐसा हो गया है कि घनी धुंध के कारण लग रहा है मानो पेड़ कही उड़ गए हों अर्थात गायब हो गए हों,चारों ओर धुँआ होने के कारण लग रहा है कि तालाब में आग लग गई है। ऐसा लग रहा है कि ऐसे मौसम में इंद्र भी अपना बादल रूपी विमान ले कर इधर उधर जादू का खेल दिखता हुआ घूम रहा है। पर्वत प्रदेश में पावस पाठ की व्याख्या
पावस ऋतु थी ,पर्वत प्रवेश , पावस ऋतु – वर्षा ऋतु परिवर्तित – बदलना प्रकृति -वेश — प्रकृति का रूप प्रसंग -: प्रस्तुत पद्यांश हमारी हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘स्पर्श – भाग 2’ से लिया गया है। इसके कवि ‘सुमित्रानंदन पंत जी ‘हैं। इसमें कवि ने वर्षा ऋतु का सुंदर वर्णन किया है। व्याख्या -: कवि कहता है कि पर्वतीय क्षेत्र में वर्षा ऋतु का प्रवेश हो गया है। जिसकी वजह से प्रकृति के रूप में बार बार बदलाव आ रहा है अर्थात कभी बारिश होती है तो कभी धूप निकल आती है। Check the below NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस with Answers Pdf free download. MCQ Questions for Class 10 Hindi with Answers were prepared based on the latest exam pattern. We have provided पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Hindi Sparsh MCQs Questions with Answers to help students understand the concept very well. Students can also read NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 Questions and Answers at LearnInsta. Here all questions are solved with a detailed explanation, It will help to score more marks in your examinations. पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 MCQs Questions with AnswersQuestion 1. Answer: (c) बादलों और धूप की आँख मिचौनी के कारण Question 2. Answer: (d) पर्वत अदृश्य हो जाता है Question 3. Answer: (c) कविता की संगीतमातकता पर Question 4. Answer: (d) एकटक Question 5. Answer: (d) वर्षा ऋतु में होने वाले परिवर्तनों की Question 6. Answer: (d) पावस ऋतु का Question 7. Answer: (d) मानवीकरण अलंकार Question 8. Answer: (a) शान्त मन और चित की एकाग्रता की Question 9. Answer: (d) वर्षा के भयानक रूप से डर कर Question 10. Answer: (c) क्यूंकि वे भी आसमान की तरह ऊंचा उठना चाहते हैं Question 11. Answer: (d) सभी Question 12. Answer: (b) हजारो पुष्प रूपी आँखे Question 13. Answer: (a) करघनी के समान गोल Question 14. Answer: (b) उनकी कविता की मधुर ,कोमल ,उपमायुक्त शैली बहुत ही जबरदस्त है Question 15. Answer: (d) प्राकृतिक सौन्दर्य Question 16. Answer: (d) १९६१ में Question 17. Answer: (a) उदयशंकर संस्कृति केंद्र से Question 18. Answer: (a) प्रकृति प्रेम और रहस्यवाद Question 19. Answer: (b) छायावाद के लिये Question 20. Answer: (a) बचपन मे Question 21. Answer: (c) झरने दिखाई देने बंद हो गए; उनकी आवाज गूंजती शेष रह गई Question 22. Answer: (a) श्वेत और चमकीले बादल आकाश में छा गए Question 23. Answer: (d) शाल के पेड़ बादलों के झुंड में फँसे ऐसे लगते हैं मानो भयभीत होकर धरा में धंस गए हों Question 24. Answer: (a) उपमा अलंकार Question 25. Answer: (a) वर्षा ऋतु में पर्वत का सौंदर्य क्षण-क्षण में बदलता रहता है Question 26. Answer: (c) मोती की लड़ियों के समान सुंदर प्रतीत हो रहे हैं Question 27. Answer: (a) मानो ये झरने पर्वत की महानता का गुणगान कर रहे हैं Question 28. Answer: (d) झरने के स्वर को सुनकर दर्शकों की नस-नस में उत्तेजना व मस्ती भर जाती है। We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding पर्वत प्रदेश में पावस CBSE Class 10 Hindi Sparsh MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. अचानक भूधर उड़ जाने से कवि का क्या आशय है?Solution : अचानक भूधर के उड़ जाने से कवि का आशय माध्यम से पावस ऋतु में क्षेत्रों में कभी-कभी बादल पहाड़ों को घेर लेते सौंदर्य को प्रस्तुत किया है। है जिससे पहाड अदृश्य हो जाते हैं।
पर्वत के दोषियों को कवि ने इंद्रजाल क्यों कहा है?Solution : पावस के दृश्य को कवि ने इन्द्रजाल इसलिए माना है, क्योंकि इस ऋतु में प्रकृति पल-पल अपना रूप बदलती है तो ऐसा लगता है, मानो वास्तविकता न होकर कोई माया जाल हो अर्थात् मानो इंद्र ने ही यह जाल फैलाया हो।
मेखलाकार शब्द का क्या अर्थ है और कवि ने इसका प्रयोग यहाँ पर क्यों किया है?मेखलाकार का अर्थ है गोल, जैसे - कमरबंध। यहाँ इस शब्द का प्रयोग पर्वतों की श्रृंखला के लिए किया गया है। ये पावस ऋतु में दूर-दूर तक गोल आकृति में फैले हुए हैं।
पर्वत प्रदेश में पावस के कवि का क्या नाम है?इस कविता में कवि सुमित्रानंदन पंत जी ने पर्वतीय इलाके में वर्षा ऋतु का सजीव चित्रण किया है। पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ऋतु होने से वहाँ प्रकृति में पल-पल बदलाव हो रहे हैं।
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