Show 9 महीने पहलेलेखक: शशिकांत साल्वी
2 अप्रैल से विक्रम संवत 2079 शुरू हो गया है। अभी अंग्रेजी साल 2022 चल रहा है और संवत है 2079 यानी विक्रम संवत की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल पहले ही हो गई थी। इसकी शुरुआत की थी राजा विक्रमादित्य ने। विक्रमादित्य का जन्म करीब 2200 साल पहले हुआ था। उनका राज्य भारत ही नहीं, आसपास के कई देशों तक फैला हुआ था। विक्रम संवत में कई ऐसी बातें हैं जो इसे अंग्रेजी कैलेंडर से ज्यादा बेहतर बनाती हैं। हिन्दुओं के सभी तीज-त्यौहार, मुहूर्त, शुभ-अशुभ योग, सूर्य-चंद्र ग्रहण, हिन्दी पंचांग की गणना के आधार पर ही तय होते हैं। इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक हर एक महत्वपूर्ण काम की शुरुआत हिन्दी पंचांग से मुहूर्त देखकर ही की जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। जानिए विक्रम संवत और अंग्रेजी कैलेंडर में खास अंतर कौन-कौन से हैं... कैसे हुई विक्रम संवत की शुरुआत? विक्रम संवत से पहले कौन सा पंचांग प्रचलित था? कैसे हुई अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत? ये कैलेंडर समझने में बहुत आसान है और इसे कोई भी बना सकता है, इस कारण ये भारत में बहुत जल्दी प्रचलित हो गया। 2022 साल पहले अंग्रेजी कैलेंडर की शुरुआत हुई थी, उस समय विक्रम संवत का 57वां साल चल रहा था। ग्रेगोरियन कैलेंडर में समय-समय पर कई बदलाव हुए हैं। जब इस कैलेंडर की शुरुआत हुई थी, तब एक साल दस महीनों का होता था, लेकिन बाद में ये कैलेंडर 12 महीनों का हो गया। ऐसा माना जाता है साल 1582 तक आते-आते ये अंग्रेजी कैलेंडर की लगभग सारी कमियां दूर कर ली गई थीं। तब 13वें पॉप ग्रेगोरी ने 1582 में इसे जारी किया। तब से ही ये कैलेंडर चल रहा है। पॉप ग्रगोरी के नाम पर ही इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहा जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही क्यों शुरु होता है नव संवत? एक अन्य मान्यता के अनुसार हिन्दू धर्म में अंधकार से उजाले की ओर जाने को महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्ल पक्ष में चंद्र की कलाएं बढ़ने लगती हैं और पूर्णिमा पर अंधकार पूरी तरह से दूर हो जाता है। इस वजह से शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नव वर्ष के लिए चुना गया। जब हिन्दी पंचांग का नव वर्ष शुरू होता है तो पूरी प्रकृति में भी बदलाव होते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते आना शुरू हो जाते हैं। कैसे बनते हैं हिन्दी पंचांग और अंग्रेजी कैलेंडर? इन पांचों के आधार पर गणना की जाती है और पंचांग बनता है। किसी भी काम की शुरुआत के मुहूर्त जानने के लिए लोग ब्राह्मणों के पास जाते हैं, क्योंकि हिन्दी पंचांग को पढ़ना, समझना भी काफी मुश्किल है, इसी वजह से अधिकतर लोग इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। इसी गणना में ये भी पता किया जा सकता है कि सूर्य और चंद्र ग्रहण कब-कब होने वाले हैं, कितनी देर रहेंगे और कहां-कहां दिखाई देंगे। अंग्रेजी कैलेंडर में लीप ईयर क्यों है? इस एक दिन को जोड़ने के लिए हर चौथे साल लीप ईयर रहता है, जिसमें 366 दिन होते हैं। लीप ईयर में फरवरी 29 दिन का होता है। अगर लीप ईयर की व्यवस्था न होती तो सभी महीने ऋतुओं के अनुसार नहीं रहते। जैसे करीब 400 साल बाद अप्रैल बारिश में आता, जुलाई ठंड में और जनवरी महीना गर्मी के दिनों आता। ऐसे ही सभी महीने अलग-अलग ऋतुओं में आने लगते। लीप ईयर से सभी महीने ऋतुओं के हिसाब से व्यवस्थित रहते हैं। हिन्दी पंचांग में अधिक मास की व्यवस्था क्यों है? हिन्दी पंचांग में सभी त्योहार ऋतुओं के आधार पर मनाए जाते हैं। जैसे सावन महीना बारिश के दिनों में आता है, दीपावली ठंड के समय में आती है, नवरात्रि ऋतुओं के संधिकाल में आती है। अगर अधिक मास की व्यवस्था न होती तो सभी त्योहारों की ऋतुएं बदलती रहती, जैसे दीपावली कभी ठंड, कभी गर्मी में या बारिश में आने लगती। सावन का महीना कभी ठंड में तो कभी गर्मी में आता। त्योहारों का धार्मिक, वैज्ञानिक और पौराणिक महत्व बनाए रखने के लिए और मौसम के साथ पंचांग में संतुलन बनाए रखने के लिए अधिक मास की व्यवस्था हिन्दी पंचांग में की गई है। चंद्र वर्ष और सूर्य वर्ष के अनुसार कैसे होती है राशियों की गणना? हिन्दी पंचांग में हजारों साल पहले से है नौ ग्रहों का वर्णन अंग्रेजी कैलेंडर में सप्ताह का पहला दिन सोमवार, हिंदू सप्ताह का पहला दिन रविवार जैसे सप्ताह के पहले दिन सूर्य उदय के समय सूर्य का ही होरा होता है, तो उस दिन को सूर्य के नाम से रविवार के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर यहां कुछ भिन्न है, उनके सप्ताह के सात दिनों के नाम भी ग्रहों के नाम से हैं, लेकिन अंग्रेजी कैलेंडर में पहला दिन सोमवार माना गया है। 2022 में कौन सा संवत है?Hindu Nav samvatsar 2078: हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है। इस बार यह तिथि 2 अप्रैल 2022 को रहेगी।
हिंदू नव वर्ष कब है 2022?Hindu New Varsh 2022 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस नव संवत्सर 2079 के राजा शनि होंगे।
हिंदी बरस कौन सा चल रहा है?अंग्रजी कैलेंडर से 57 साल आगे विक्रम संवत
ये अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है, 2022+57= 2079 विक्रम संवत चल रहा है.
विक्रम संवत 2079 का नाम क्या है?2 अप्रैल से हिंदू नववर्ष संवत 2079 का आरंभ हो गया है, जिसका नाम 'नल' है। नल नामक विक्रमी संवत का आरंभ शनिवार के दिन हुआ है जिससे इस साल के राज शनिदेव हुए है।
|