ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति कैसे होती है? - graam panchaayat sachiv kee niyukti kaise hotee hai?

मध्य प्रदेश में इस समय पंचायत चुनाव हो रहे हैं. पंचायतों को लेकर अक्सर अखबारों में खबरें छपती रहती हैं. ये खबरें उनके काम की भी होती हैं. महिला प्रधानों की होती हैं और वहां अक्सर होने वाले भ्रष्टाचार की भी. पंचायत वेबसीरीज ने कम से कम इतना तो किया है कि लोगों के मन में पंचायत को लेकर एक तरह का कौतुहल तो जगा ही दिया है. कई तरह के सवाल लोगों के जेहन में पैदा हो रहे होंगे – पंचायत का काम क्या होता है. प्रधान का चुनाव कैसे होता है. कौन सी वो परीक्षा है, जिससे पंचायत सचिव का सेलेक्शन होता है और ये वेतन के रूप में कितना पैसा पाता है.

पंचायत दरअसल गांव को लोकतांत्रिक तरीके से चलाने और सरकारी नीतियों और योजनाओं को लागू करने वाली सबसे छोटी ईकाई होती है. ये गांव के प्रशासन को संभालने वाली मुख्य संस्था होती है. जिसके सदस्यों और प्रधान को चुनने के लिए ग्राम सभा स्तर पर चुनाव होता है. इसमें लोग वोट देकर पंचायत के तहत आने वाले वार्डों के सदस्य चुनते हैं और साथ ही प्रधान या सरपंच. ये चुनाव 05 साल के लिए होता है.

अगर आपने प्राइम वीडियो की ओटीटी सीरीज पंचायत में देखा होगा कि पंचायत की कार्यविधियों को संचालित करने के लिए एक कार्यालय होता है, जिसे पंचायत भवन कहते हैं. हर ग्राम सभा में ऐसा एक भवन होता है. आमतौर पर पंचायत का कार्यालय से संबंधित कामों को देखने का पंचायत सचिव का होता है, जिसे एक पंचायत सहायक भी मिलता है.

देशभर में करीब 2.5 लाख ग्राम पंचायतें हैं. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा एक व्यवस्था के तहत इन्हें फंड दिया जाता है. कई बार कई गांवों को मिलाकर भी उनकी एक ग्राम पंचायत होती है.

पहली ग्राम पंचायत कौन सी थी?
देश में ग्राम पंचायतों ने अक्टूबर 1959 में पहली बार काम करना शुरू किया. राजस्थान के नागौर जिले के बदरी गांव में पहली बार 02 अक्टूबर 1959 को ग्राम पंचायत चुनी गई और इसने काम शुरू किया.

प्राचीन भारत में भी थी ग्राम पंचायत व्यवस्था
वैदिक काल में भी पंचायतों का अस्तित्व था. तब ग्राम के प्रमुख को ग्रामणी कहते थे. परिषद् अथवा पंचायत ग्राम की भूमि की व्यवस्था करती थी और ग्राम में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करती थी. कौटिल्य ने ग्राम को राजनीतिक इकाई माना. “अर्थशास्त्र” का “ग्रामिक” ग्राम का प्रमुख होता था, जिसे कितने ही अधिकार हासिल थे. बाद के राजाओं ने भी इस व्यवस्था को अपनाया.
अंग्रेजी शासनकाल में पंचायत-व्यवस्था को झटका लगा. ये व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई. फिर भी ग्रामों के सामाजिक जीवन में पंचायतें बनी रहीं. प्रत्येक जाति अथवा वर्ग की अपनी अलग-अलग पंचायतें थीं जो उसके सामाजिक जीवन को नियंत्रित करती थीं. पंचायत की व्यवस्था एवं नियमों का उल्लंघन करनेवाले को कठोर दंड दिया जाता था.
हालांकि 1915 के बाद अंग्रेजों को महसूस हुआ कि ग्राम स्तर पर भी अधिकार देने जरूरी हैं. तब उन्होंने ग्राम पंचायत जैसी संस्थाएं बनाईं लेकिन ये बहुत कम थीं. कहा जा सकता है कि 1947 तक गांवों में सही पंचायत व्यवस्था का अभाव ही रहा. बाद में फिर इसे जिंदा किया गया.

किसी ग्राम सभा के लिए कितनी आबादी जरूरी?
किसी भी ग्रामसभा के लिए लोगों की आबादी 400 या उससे अधिक होनी चाहिए. ग्राम पंचायत का प्रमुख निर्वाचित प्रधान होता है, जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं. आबादी के हिसाब से ही ग्राम पंचायतों के वार्ड बनाए जाते हैं और हर वार्ड से पंचायत के लिए एक सदस्य चुना जाता है. अब कई गांवों में प्रधान के पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं. इसी तरह हर ग्राम पंचायत में सदस्य के तौर पर एक तिहाई महिला सदस्य और एक तिहाई अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्य भी आरक्षित रहते हैं.

1000 तक की आबादी वाले गांवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए. साल में दो बार इनकी बैठक होनी भी जरूरी है, वैसे अगर किसी जरूरी मुद्दे पर चाहे तो प्रधान 15 दिन की नोटिस देकर बैठक बुला सकता है. लेकिन कहीं कहीं नोटिस पीरियड की अवधि और कम भी होती है. 

नमस्कार दोस्तों! आज हम बात करेंगे कि Gram Sachiv kaise Bane? ग्राम सचिव गावं के विकास के लिए उत्तरदायी है. गाँव के विकास के लिए ग्राम सचिव को नियुक्त किया जाता है. ग्राम सचिव को ग्राम सेवक, ग्राम पंचायत सेवक तथा ग्राम पंचायत सचिव के नाम से भी जाना जाता है.

यह सरकारी योजनाओं को गाँवों तक पहुंचाती है. उसके साथ ही योजनाओं के लिए सरकार द्वारा अनुदानित राशि को लाभुकों के खाते में भेजने से सम्बंधित जानकारी रखता है. अगर आप Gram Sachiv Kaise Bane? के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप इस आर्टिकल को जरुर पूरा पढ़िए.

Gram Sachiv Kya Hota Hai?

ग्राम सचिव गाँव का सचिव या ग्राम सेवक होता है. ये गाँव के विकास के लिए कार्य करती हैं. इनकी नियुक्ति सरकार करती है. ग्राम सचिव ग्राम पंचायत तथा सरकार के बीच कड़ी का काम करी है. गाँव के लोगों की समस्याओं को सुलझाता है. उसके साथ ही वह सरकारी योजनाओं को गाँवों तक पहुंचाती है.

ग्राम सचिव की नियुक्ति कैसे होती है? Gram Sachiv Kaise Bane?

सभी पंचायत में ग्राम सचिव की नियुक्ति ग्रामीण विकास विभाग सरकारी नियम के अनुसार करती हैं.

ग्रामीण विकास विभाग ग्राम सचिव की रिक्त स्थानों को भरने के लिए  विज्ञापन (Advertisement)/ Notification जारी करती है.

  • जब ग्रामीण विकास विभाग job Notification जारी करती हैं, तब आप आवेदन भरें.
  • आवेदन (Application) करने के बाद परीक्षा (Examination) होती है, उस परीक्षा को पास करना होगा.
  • परीक्षा को पास करने के बाद चयन (Selection) होता है.

ग्राम सचिव बनने के लिए आपके पास कुछ योग्यताएं होनी चाहिए, तभी आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

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Gram Sachiv Banne ke Liye Yogyta

ग्राम सचिव बनने के लिए आपके पास कुछ विशेष योग्यताएं होनी चाहिए, तभी आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. योग्यताएं इस प्रकार है-

  • आप इंटरमीडिएट (10+2) पास हो.
  • उसके साथ ही आप किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यलाय (University) से स्नातक (Graduation) पास हो.
  • स्नातक उत्तीर्ण होना आनिवार्य है, स्नातक उत्तीर्ण उम्मीदवार ही ग्राम सचिव के लिए आवेदन कर सकते हैं.
  • ग्राम सचिव बनने के लिए आपकी उम्र कम से कम/ न्यूनतम 18 वर्ष हो तथा अधिकतम 35 वर्ष होना चाहिए.
  • ये सभी योग्यताएं होनी चाहिए ग्राम सचिव बनने के लिए.

ग्राम पंचायत सचिव की नियुक्ति कैसे होती है? - graam panchaayat sachiv kee niyukti kaise hotee hai?

Gram Sachiv Kaise Bane? 

ग्रामीण विकास विभाग ग्राम सचिव की भर्ती के लिए समय-समय पर job Vacancy निकालती है.

हाल ही में अभी हरियाणा सरकार (HSSC/ Haryana Staff Selection commission) ने Gram Sachiv Vacancy निकाली है. अगर आप आवेदन करना चाहते हैं तो कर सकते है.

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आवेदन करने की एक निश्चित तिथि घोषित होती है. आवेदन तिथि समाप्त होने के बाद परीक्षा का आयोजन किया जाता है. परीक्षा के लिए केंद्र बनाये जाते हैं, वहीँ परीक्षा होती है.

परीक्षा के कुछ दिनों के बाद परिणाम (Result) घोषित किया जाता है.जो अभ्यर्थी परीक्षा में सफल होते हैं उन्हें ग्राम सचिव पद के लिए चयनित किया जाता है.

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Gram Sachiv Exam Pattern in Hindi

ग्राम सचिव की परीक्षा दो पेपर में होती है. पहला पेपर में 100 प्रश्न पूछे जाते हैं, इसके लिए कुल 100 अंक निर्धारित होता है. इसके लिए समय 2 घंटा दिया जाता है.

दूसरा पेपर भी कुल 100 अंक का होता है. इसमें भी 100 प्रश्न होते हैं तथा 2 घंटे का समय दिया जाता है. परीक्षा में अलग-अलग विषयों के प्रश्न होते हैं, उन्हें हल करना होता है, जैसे:

  • सामान्य जागरूकता (General Intelligence)
  • हिंदी (Hindi)
  • अंग्रेजी(English)
  • गणित (Mathematics
  • तार्किक क्षमता (Reasoning)

इन सभी विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं. अगर आप इन सभी विषयों में ध्यान देंगे, तो आप आसानी से ग्राम सचिव परीक्षा को क्लियर (Pass) कर सकते हैं.

ग्राम सचिव के कार्य: Gram Sachiv ka Kaam Kya Hota Hai? 

आपको समझ में आ गया होगा कि Gram Sachiv Kaise Bante Hai? अब हम बात करने ग्राम सचिव के कार्य के बारे में.

  • ग्राम सचिव गाँव का विकास करने के लिए उत्तरदायी है.
  • वह गाँव में होने वाले लिपिकीय कार्यों तथा धन का हिसाब रखती है.
  • सरकारी योजनाओं का प्रसार-प्रचार करती है तथा ग्रामीणों तक पहुंचाती है.
  • यह सरकार तथा गाँव के बीच कड़ी होती है. यह दोनों के बीच कड़ी का काम करती है.
  • पंचायत द्वारा पारित प्रस्तावों का रिकॉर्ड रखती है और उसका क्रियान्वयन करती है.
  • इस कारण ग्राम सचिव को ग्राम पंचायत सेवक भी कहा जाता है.

ग्राम सचिव का वेतन कितना है? (Gram Sachiv Salary)

पंचायत सचिव का वेतन (Salary) अच्छा खासा होता है. ऐसा कि वह अपना घर-परिवार अच्छे से चला सके. उनका प्रति माह वेतन 35000 से 40000 के बीच होता है.

निष्कर्ष: Gram Sachiv Kaise Bane?

इस आर्टिकल में Gram Sachiv Kaise Bante Hai? के बारे में पूरी जानकारी है. हमें आशा है कि आपको यह आर्टिकल Gram Sachiv Kaise Bane?अच्छा लगा होगा और ठीक से समझ में आ गया होगा ग्राम सचिव के कार्य के बारे में.