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भारत छोड़ो आंदोलन: जानें, कैसे भारत छोड़ने को मजबूर हुए अंग्रेज
| Updated: Aug 8, 2019, 9:03 AM हम भारत के लोग आज आजाद फिजा में सांस ले रहे हैं। इस आजादी के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। कई आंदोलन हुए हैं, जिनमें से एक 'भारत छोड़ो' आंदोलन भी था। इस आंदोलन ने भारत से अंग्रेजों के जाने की बुनियाद रखी। 'भारत छोड़ो' आंदोलन का प्रस्ताव 8 अगस्त, 1942 को ही पास किया गया था। आइए इस मौके पर 'भारत छोड़ो' आंदोलन से जुड़ीं बड़ी बातें जानते हैं...
गांधी को कर दिया गया नजरबंद अहिंसा के आंदोलन में मारे गए सैकड़ों देश को एकजुट कर गया यह आंदोलन Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादअंग्रेज भारत को छोड़कर क्यों गए?भारत पर लाभहीन शासन
ऐसी स्थिति में भारतीय उपनिवेश से ब्रिटेन को विशेष आर्थिक लाभ होने की आशा नहीं थी। अतः ब्रिटिश शासकों ने भारत को स्वतंत्र कर अपना सिर-दर्द दूर करने का निश्चय कर लिया। अंग्रेजों ने सोचा कि स्वेच्छा से भारत को स्वतंत्र कर वे भारतीयों और नई भारतीय सरकार की सहानुभूति और सद्भावना प्राप्त कर सकेंगे।
अंग्रेज भारत छोड़कर कौन से सन में गए थे?77 साल पहले 'करो या मरो' के नारे के साथ महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपना तीसरा बड़ा आंदोलन छेड़ने का फैसला लिया। 8 अगस्त 1942 की शाम को बम्बई में कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन का प्रस्ताव पास किया गया।
अंग्रेजों ने भारत पर कैसे कब्जा किया?अंग्रेजों का सबसे पहले आगमन भारत के सूरत बंदरगाह पर 24 अगस्त 1608 को हुआ. अंग्रेजों का उद्देश्य भारत में अधिक से अधिक व्यापार करके यहां से पैसा हड़पना था. 1615 ईसवी में जहांगीर के शासनकाल में 'सर टॉमस रो' को अंग्रेजों ने अपना राजदूत बनाकर जहांगीर के दरबार में भेजा.
अंग्रेज भारत में क्या करने आए थे?समुद्री रास्ते से अंग्रेज आए थे भारत...
- इसके लिए अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया नाम की एक कम्पनी बनाई थी जिसके द्वारा ही वे भारत में आए थे। - पहली बार पुर्तगाली यात्रियों ने भारत के लिए समुद्री मार्ग खोजा था। फिर इस मार्ग की जानकारी लेकर तथा बिजनेस की प्लानिंग करके एक जहाज इंग्लैण्ड से सन् 1608 में भारत के लिए रवाना हुआ।
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