वसीयत क्या है? वसीयत या विल एक कानूनी दस्तावेज है जो बताता है कि कोई अपने न रहने पर अपनी संपत्ति कैसे बांटना चाहता है. यह नीचे बताए गए कामों में सक्षम बनाती है : -अपनी इच्छानुसार संपत्ति का सही विभाजन -व्यवसाय की निरंतरता के लिए प्रावधान -नाबालिग बच्चों के लिए ट्रस्ट और अभिभावक नियुक्त करना विल न केवल आपको अपने प्रियजनों को शामिल करने की सहूलियत देगी, बल्कि कुछ ऐसे लोगों को भी शामिल करेगी, जो आपकी विरासत के योग्य नहीं हो सकते हैं. यदि आप कोई संपत्ति रखते हैं और किसी ऐसे व्यक्ति को छोड़ना चाहते हैं, जो आपका स्वाभाविक उत्तराधिकारी नहीं है, तो आपको एक वसीयत बनानी होगी. Show अगर आप वसीयत नहीं बनाते हैं तो क्या होता
है? किस मामले में विल बनाना आवश्यक हो जाता है? विल नहीं बनाने के लिए क्या होते हैं सामान्य बहाने? -मेरे पति को वैसे भी सब कुछ मिल जाता है - यह जटिल है : यदि विल बनाना जटिल है, तो उन जटिलताओं की कल्पना करें जो विल नहीं बनाने के साथ आती हैं. किन बातों का रखें ध्यान?
-कई बार केवल परिवार का मुखिया ही विल तैयार करने के बारे में सोचता है. लेकिन, पारिवारिक संपत्ति सदस्यों में फैली हुई है, तो सुनिश्चित करें कि परिवार में सभी संपत्तिधारकों के पास वसीयत हाे. -नाबालिग बच्चों वाले परिवारों के लिए एक वसीयत बनाना बिल्कुल जरूरी है. यदि किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में माता-पिता दोनों विल के बिना मर जाते हैं, तो कोई भी व्यक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए नहीं मान्य होगा कि बच्चे और संपत्ति की देखभाल कैसे की जाए. विल छोटे बच्चों के लिए ट्रस्टी या संरक्षक नियुक्त करने की सुविधा देती है. -किसी वसीयतकर्ता द्वारा की गई कोई भी वसीयत रद्द हो जाती है अगर वह शादी कर ले. मतलब किसी व्यक्ति की शादी से पहले लिखी गई सभी वसीयतें अमान्य हैं. कानूनी रूप से बाध्यकारी होने के लिए शादी करने के बाद विल को फिर से लिखना होगा. वसीयत करने का क्या तरीका है? किस तरह के निर्णय लेने की जरूरत होगी? वसीयत बनाने के बारे में एक्स्पर्ट्स की क्या राय है? -भारतीय कानूनों के अनुसार, इसे पंजीकृत करना या स्टैंप पेपर पर लिखना जरूरी नहीं है. हालांकि, आप रजिस्टर करते हैं, तो यह केवल इसकी प्रामाणिकता पर उठाए गए किसी भी संदेह का अंत करता है. आपके क्षेत्र के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में विल पंजीकृत होती है. -वसीयत मान्य होने के लिए जब आप हस्ताक्षर करते हैं तो दोनों गवाहों को शारीरिक रूप से एक साथ उपस्थित होना चाहिए. आपके गवाहों को जरूरत पड़ने पर अदालत में गवाही देने के लिए बुलाया जा सकता है. - आप उसकी एक प्रति बना सकते हैं. उन्हें अलग-अलग स्टोर कर सकते हैं. भ्रम से बचने के लिए अपनी विल की कई प्रतियां न बनाएं. कॉपियों को नोटरीकृत किया जाना चाहिए. -विल को आपके बैंक के लॉकर में सुरक्षित रूप से रखा जाना चाहिए. लाभार्थियों और निष्पादकों को यह सूचित किया जाना चाहिए कि आपने अपनी वसीयत कहां जमा की है. -मैक्स लाइफ के सीनियर पार्टनर के प्रह्लाद के अनुसार जैसे ही आपकी परिस्थितियां और संपत्ति बढ़ती या बदलती हैं, आपको हर 3-4 साल में अपनी वसीयत की समीक्षा करनी चाहिए और इसे अपडेप रखना चाहिए. -अगर आप दूसरी, तीसरी या चौथी विल बनाते हैं तो पिछली वसीयतों को रद्द करते चलें. -विल बनाना न केवल आपकी मानसिक शांति के लिए जरूरी है, बल्कि इससे प्रियजनों के बीच खटास की आशंका भी खत्म होती है. गरिमा कौशल (लेखिका को फाइनेंस क्षेत्र का 11 साल का अनुभव है. वह क्लाइंट की जरूरत के हिसाब से निवेश पोर्टफोलियो तैयार करती हैं.) (डिस्क्लेमर-लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं . ईटी का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है.) हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें. वसीयतनामा कितने प्रकार के होते हैं?दरअसल वसीयत दो प्रकार की होती हैं। पहली विशेषाधिकार युक्त और दूसरी बिना विशेषाधिकार युक्त वसीयत। विशेषाधिकार युक्त वसीयत कौन कराता है ? एक विशेषाधिकार युक्त वसीयत एक अनौपचारिक वसीयत होती है जिसे सिपाहियों, वायु सैनिकों और नौ-सैनिकों द्वारा बनाया जाता है जो साहसिक यात्राओं या युद्ध में गए हुए होते हैं।
वसीयत में क्या लिखा जाता है?वसीयत एक ऐसा अहम दस्तावेज है जिसके जरिये व्यक्ति अपनी संपत्ति का पूर्ण अधिकार अपने किसी को देता है। जहाँ वह इस बात को वसीयत में लिखता है कि यदि किन्ही कारण वश जैसे बीमारी, या अन्य कारण उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसकी सम्पूर्ण चल व् अचल संपत्ति पर सम्पूर्ण अधिकार उस व्यक्ति का होगा जिसके नाम यह वसीयत नामा लिखा गया है।
वसीयतनामा का अर्थ क्या होता है?वसीयतनामा क्या होता है (Vasiyatnama Kya Hota Hai)
इसके लिए वह अपने जीवित समय में ही वकील की मदद से कानूनी दस्तावेज तैयार करवाता है जिसे वसीयतनामा कहते हैं। वसीयत पर जिस व्यक्ति का नाम होता है वह वसीयत कराने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके व्यवसाय और प्रॉपर्टी का उत्तराधिकारी माना जाता है।
वसीयत खारिज कैसे होता है?अगर आप कोर्ट में सही साबित हुए तो वसीयत का कुछ हिस्सा या पूरा अमान्य करार कर दिया जाएगा। प्रॉपगाइड आपको वह 7 आधार बता रहा है, जिनके तहत आप वसीयत को चुनौती दे सकते हैं। सही निष्पादन का अभाव: एक वैध वसीयत लिखित में होनी चाहिए। उस पर दो गवाहों की मौजूदगी में वसीयतकर्ता के दस्तखत होने चाहिए।
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