संविधान की प्रस्तावना एवं इसमें निहित शब्दों के अर्थ
“हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्त्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिये तथा इसके समस्त नागरिकों को: Show सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, दृढ़ संकल्पित होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर, 1949 ई. को एतद् द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।”
प्रस्तावना में उल्लेखित मुख्य शब्दों के अर्थ:
भारतीय संविधान प्रस्तावना का अर्थ क्या है?प्रस्तावना में उन उद्देश्यों का उल्लेख किया जाता है जिनकी प्राप्ति के लिए कोई अधिनियम पारित किया जाता है । न्यायाधिपति श्री सुब्बाराव के शब्दों में "प्रस्तावना किसी अधिनियम के मुख्य आदर्शों एवं आकांक्षाओं का उल्लेख करती है" । (देखिए गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य ए. आई.
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में क्या लिखा है?प्रस्तावना की शुरुआत 'हम भारत के लोग' से शुरू होती है और '26 नवंबर 1949 अंगीकृत' पर समाप्त होती है. 1976 में, 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था. जिसमें तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था. अब तक प्रस्तावना में केवल एक ही बार संसोधन हुआ है.
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