वस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. निम्न में से कौन-सा
कृषि आधारित उद्योग नहीं है? 3. निम्नलिखित में से कृषि के पश्चात् किस उद्योग ने सबसे अधिक रोजगार प्रदान किए हैं? 4. चीनी मिलों का 60 प्रतिशत किन राज्यों में है? 5. निम्नलिखित में से कौन-सा आधारभूत उद्योग है? 6. लोहा-इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में लौह अयस्क, कोकिंग कोल एवं चूना पत्थर का क्रमशः अनुपात आवश्यक है 7. उत्तेजना एवं मानसिक चिंता का स्रोत है रिक्त स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. भारत………को सूत निर्यात करता है। 3. भारत……..एवं……….सामान का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। .. 4. भारत का पहला सीमेंट उद्योग सन्………में. चेन्नई में स्थापित किया गया है। 5. बंगलूरू को भारत की……….के
रूप में जाना जाता है। अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9. प्रश्न 10.
प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16.
प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20.
प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28.
प्रश्न 29. प्रश्न 30. प्रश्न 31.
प्रश्न 32. प्रश्न 33. प्रश्न 34.
प्रश्न 35. प्रश्न 36. प्रश्न 37. लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
2. भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्व: प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11. (ii) लेकिन वायु के साथ-साथ उद्योगों से जल भी सर्वाधिक प्रदूषित हो रहा है। उद्योग जल को निम्न प्रकार प्रदूषित करते हैं:
प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
प्रश्न 15.
निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 14.
प्रश्न 15.
निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. 2. अतः अन्य कारक: 3. उत्पादक राज्य: इस राज्य में इस उद्योग के विकास का मुख्य कारण मुम्बई के पृष्ठ प्रदेश में कपास उत्पादक क्षेत्रों का होना है। गुजरात द्वितीय एवं तमिलनांडु सूती वस्त्र उत्पादन में तृतीय स्थान पर है। अन्य सूती वस्त्र उत्पादक राज़्य उत्तर प्रदेश, कर्नाटक तेलंगाना आन्ध्र प्रदेश एवं पशिचम बंगाल आदि हैं। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार: भारत में सूती वस्त्रों का निर्यात भी किया जाता है। भारत से सूती वस्त्रों का निर्यात जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैण्ड, फ्रांस, पूर्वी यूरोपीय देश, श्रीलंका, नेपाल, सिंगापुर एवं अफ्रीकी देशों को किया जाता है। प्रश्न 3. इस उद्योग के लिए लौह अयस्क एवं कोकिंग कोयले के अतिरिक्त चूना-पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज एवं अग्निसह मृत्तिका आदि कच्चे माल की आवश्यकता होती है। इस उद्योग के लिए लौह अयस्क, कोकिंग कोयले एवं चूना पत्थर का अनुपात लगभग 4 : 2 : 1 का है। इस उद्योग की स्थापना में सक्षम परिवहन की आवश्यकता होती है। 2. लोहा और इस्पात निर्माण की प्रक्रिया: 3. लोहा इस्पात उद्योग का स्थानीयकरण: भारत में लोहा और इस्पात उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र में हुआ है। छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्र में इस उद्योग के विकास के लिए अधिक अनुकूल सापेक्षिक परिस्थितियाँ हैं। इनमें लौह अयस्क की कम लागत, उच्च किस्म के कच्चे माल की निकटता, सस्ते श्रमिक एवं स्थानीय बाजार में इसकी माँग की विशाल सम्भाव्यता आदि हैं। 4. भारत में लोहा और इस्पात के कारखाने:
5. उत्पादन एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार: 6. लोहा और इस्पात उद्योग की समस्याएँ:
प्रश्न 4.
मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. (i) किन्हीं चार सूती वस्त्र केन्द्रों के नाम लिखिए। उत्तर: मुम्बई, अहमदाबाद, कानपुर, मदुरई। (ii) भारत के दो ऊनी वस्त्र केन्द्रों के नाम बताइए। (iii) भारत के किन्हीं दो रेशम वस्त्र केन्द्रों के नाम बताइए। (iv) किन दो राज्यों में सूती वस्त्र मिलों की अधिकतम संख्या है। (v) दिए गये भारत के रेखा मानचित्र में निम्न को अंकित कीजिए
(vi) भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए तथा उसका नाम लिखिए प्रश्न 2. (iv) भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित को दर्शाइए तथा उसका नाम लिखिए (v) दिए गए भारत के रेखा-मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए उत्तर: विभिन्न राज्यों में स्थित लोहा और इस्पात संयंत्र:
प्रश्न 3. तालिका सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. 1. कारखाना, 2. पूँजी। प्रश्न 2. उत्तर: उस स्थान पर कच्च माल प्राप्त करने की लगत । प्रश्न
3. उत्तर: 1. रेशा उत्पादन, 2. कपड़ा। प्रश्न 4. उत्तर: 1. कच्चे माल का कारखानों तक परिवहन, 2. रोलिंग, प्रेसिंग, ढलाई और गढ़ाई। प्रश्न 5. JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions Geography Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधनवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. निम्न में से धात्विक खनिज का उदाहरण है 3. सर्वोत्तम प्रकार का लौह अयस्क है 4. निम्न में से भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य है 5. पृथ्वी के आन्तरिक भागों से ताप का प्रयोग कर उत्पन्न की जाने वाली विद्युत को कहा जाता है 6. अणुओं की संरचना को बदलने से किस
प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है? 7. हजीरा – विजयपुर – जगदीशपुर गैस पाइप लाइन की सही लम्बाई कितनी है? 8. भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य कौन-सा है? 9. रावतभाटा आणविक ऊर्जा
संयंत्र निम्न में से किस राज्य में स्थित है? रिक्त स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. नमक, मैगनीशियम………में मिलने वाले खनिज हैं। 3. ……….भारत का सबसे बड़ा मैंगनीज उत्पादक राज्य है। 4. ……….सीमेंट उद्योग का एक आधारभूत कच्चा माल
है। 5. मुम्बई हाई, गुजरात तथा असम भारत के प्रमुख………. उत्पादक क्षेत्र हैं। अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16.
प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20.
प्रश्न 21.
प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25.
प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30.
उत्तर: प्रश्न 31. प्रश्न 32. प्रश्न 33. प्रश्न 34. प्रश्न 35.
प्रश्न 36. प्रश्न 37. प्रश्न 39. प्रश्न
40. प्रश्न 41.
प्रश्न 42.
प्रश्न 43.
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. 2. हेमेटाइट: प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
उत्तर:
प्रश्न 13. प्रश्न 14.
प्रश्न 15.
प्रश्न 16.
उत्तर:
प्रश्न 17.
प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20.
प्रश्न 21.
प्रश्न 22.
उत्तर:
प्रश्न 23.
उत्तर:
प्रश्न 24.
प्रश्न 25. प्रश्न 26.
प्रश्न 27.
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. ताँबा व जस्ता मिलाकर पीतल, ताँबा व सोना मिलाकर रोल्ड गोल्ड एवं ताँबा व राँगा को मिलाकर काँसा बनाया जाता है। भारत में ताँबे के निक्षेप व उत्पादन कम है। देश का अधिकांश ताँबा मध्य प्रदेश के बालाघाट एवं झारखण्ड के सिंहभूमि जिलों व राजस्थान के खेतड़ी से प्राप्त किया जाता है। मध्य प्रदेश की बालाघाट खदानें देश का लगभग 52 प्रतिशत ताँबा उत्पादित करती हैं। प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8. यह बायोगैस एक ज्वलनशील गैसीय मिश्रण है जिसमें मुख्यतः मीथेन, कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन व ऑक्सीजन गैस होती है, जिसकी तापीय क्षमता मिट्टी के तेल, उपलों व चारकोल की अपेक्षा अधिक होती है। इस ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा, ताप ऊर्जा एवं खाना बनाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जा सकता है। भारत जैसे देश में, जहाँ कृषि एवं पशुपालन मुख्य व्यवसाय है, वहाँ बायो गैस के विकास की अपार सम्भावनाएँ हैं। बायो गैस संयंत्र नगरपालिका, सहकारिता एवं निजी स्तर पर लगाये जाते हैं। प्रश्न 9.
प्रश्न 10. बाढ़ द्वार के बाहर ज्वार उतरने पर बाँध के पानी को इसी रास्ते पाइप द्वारा समुद्र की तरफ बहाया जाता है जो इसे ऊर्जा उत्पादक टरबाइन की ओर ले जाता है। टरबाइन के माध्यम से गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। भारत में खम्भात की खाड़ी एवं कच्छ की खाड़ी में ज्वारीय तरंगों द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करने की आदर्श दशाएँ उपस्थित हैं। प्रश्न 11. यह जल इतना अधिक गर्म हो जाता है कि पृथ्वी की सतह की ओर उठता है तो यह भाप में परिवर्तित हो जाता है। इसी भाप का उपयोग टरबाइन को चलाने एवं विद्युत उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। भारत में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए दो प्रायोगिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं। एक हिमाचल प्रदेश में मणिकरण – के निकट पार्वती घाटी में स्थित है तथा दूसरी परियोजना लद्दाख में पूगा घाटी में स्थापित है। निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. लौह अयस्क की खदानें देश के उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश में कोयला क्षेत्रों के निकट स्थित हैं। लौह अयस्क के कुल आरक्षित भण्डारों का लगभग 95 प्रतिशत भाग ओडिशा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक राज्यों में स्थित है। 2016-17 में लौह-अयस्क का उत्पादन सबसे अधिक ओडिशा (52%), इसके पश्चात्, छत्तीसगढ़ (16%), कर्नाटक (14%), झारखण्ड (11.%) व अन्य (7%) में हुआ। भारत में लौह अयस्क की
प्रमुख पेटियाँ निम्नलिखित हैं 2. दुर्ग-बस्तर चंद्रपुर पेटी: लौह अयस्क की यह पेटी महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्यों में फैली हुई है। छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में बेलाडिला पहाड़ी श्रृंखलाओं से उत्तम किस्म का हेमेटाइट लौह अयस्क प्राप्त होता है। यहाँ लौह अयस्क के 14 जमाव मिलते हैं। इन खदानों से लौह अयस्क विशाखापट्टनम बन्दरगाह से जापान एवं दक्षिण कोरिया को निर्यात किया जाता है। 3. बेलारी चित्रदुर्ग, चिक्कमंगलूरू: 4. महाराष्ट्र गोवा पेटी: प्रश्न 2.
प्रश्न 3. 2. बिटुमिनस: 3. लिग्नाइट: 4. पीट: प्रश्न 4. 2. पवन ऊर्जा: 3. बायो गैस: 4. भू-तापीय ऊर्जा:
5. ज्वारीय ऊर्जा: 6. परमाणु ऊर्जा: मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. उत्तर: (i) 1. बेलारी-चित्रदुर्ग, चिक्कमंगलूरू-तुमकूरू-लौह अयस्क पेटी, 2. महाराष्ट्र-गोवा लौह अयस्क पेटी, 3. दुर्ग-बस्तर- चन्द्रपुर लौह अयस्क पेटी, 4. उड़ीसा-झारखण्ड लौह अयस्क पेटी (ii) (क) मार्मागाओ, प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions Geography Chapter 4 कृषिवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. भारत निम्न में से किस उत्पाद का निर्यात करता है? 3. किस प्रकार की कृषि में किसान भूमि के टुकड़े को साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए 4. कर्नाटक में मुख्य रोपण फसल है? 5. निम्न में से कौन-सी रबी की फसल है? 6. निम्न में से कौन-सी खरीफ की फसल है? 7. निम्न में से किस फसल के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है 8. निम्न में से किस फसल को सुनहरा रेशा कहा जाता है स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. कर्तन दहन कृषि को नागालैण्ड में………कहा जाता है। 3. ……….वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है। 4. भारत चीन के पश्चात् दूसरा सबसे बड़ा………. उत्पादक राज्य है। 5. भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा……….उत्पादक देश है? अति लयूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9. प्रश्ने 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12.
प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30.
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न
5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न
11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13.
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. उत्तरी-पूर्वी राज्यों यथा असम, मेघालय, मिजोरम एवं नागालैण्ड में इसे झूम अथवा झूमिंग कहा जाता है। मणिपुर में पामलू, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले एवं अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में इसे दीपा, मध्य प्रदेश में बेबर या दहिया, आन्ध्र प्रदेश में पोडु या पेंडा, ओडिशा में पामाडाबी या कोमान या बरीगाँ, पश्चिमी घाट में कुमारी, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में वालरे या वाल्टरे, हिमालय क्षेत्रों में खिल तथा झारखण्ड में कुरूवा आदि नामों से जाना जाता है। प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. 2. खरीफ: 3. जायद: प्रश्न 7. 2. वर्षा: 3. मिट्टी: प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10. ग्रामदान आन्दोलन में कुछ जमीदारों एवं कई-कई गाँवों के मालिक भूपतियों द्वारा गाँवों का दान दिया गया था। इन गाँवों की भूमि को विनोबा भावे द्वारा भूमिहीन किसानों एवं मजदूरों के बीच बाँट दिया गया था। भूदान-ग्रामदान आन्दोलन के लिए न तो किसी वैधानिक दबाव अथवा न ही किसी राजनीतिक शक्ति का प्रयोग किया गया था और न ही किसी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लिया गया था। धनवान लोगों द्वारा अपनी जमीन स्वेच्छा से दान में दी गई थी। यही कारण है कि इस आन्दोलन को ‘रक्तहीन क्रान्ति’ कहा जाता है। प्रश्न 11.
प्रश्न 12. निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि: विशेषताएँ:
उत्तरी: पूर्वी राज्यों यथा असम, मेघालय, मिजोरम एवं नागालैण्ड में इसे झूम (झूमिंग) कृषि कहा जाता है। इसको मणिपुर में पामल, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले एवं अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह में दीपा, मध्य प्रदेश में बेबर या दहिया, आन्ध्र प्रदेश में पोडु या पेंडा, ओडिशा में पामाडाबी या कोमान या बरीगाँ, पश्चिमी घाट में कुमारी, दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में वालरे या वाल्टरे, हिमालयन क्षेत्र में खिल एवं झारखण्ड में कुरुवा आदि नामों से जाना जाता है। प्रश्न 2. 2. गेहूँ: 3. ज्वार: 4. बाजरा: 5. रागी: 6. दालें: 7. मक्का: मानचित्र संबंधी प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधनवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. निम्न में से किसकी सहायता से जल का लगातार नवीनीकरण और पुनर्भरण होता रहता है 3. धरातल पर जल की कमी का कारण है 4. निम्न में से किस नदी बेसिन में हीराकुड परियोजना जल संरक्षण तथा बाढ़ नियन्त्रण का समन्वय है? 5. निम्न में से किसने बाँधों को ‘आधुनिक भारत के मन्दिर’ कहा? 6. सरदार सरोवर बाँध किस नदी पर बनाया गया है? 7. राजस्थान के अर्द्धशुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों में प्रयोग की जाने वाली जल-संग्रहण प्रणाली को कहा जाता है रिक्त स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. सतलुज-व्यास बेसिन
में………परियोजना जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम आती है। 3. 11वीं सदी में बनवाई गई……….अपने समय की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। 4. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बाँधों को……….कहा। 5. ……….में बाँस ड्रिप सिंचाई की जाती है। अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18.
प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. 2. गंडाथूर (कर्नाटक): निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. 2. बढ़ती हुई
जनसंख्या: 3. सिंचाई: 4. औद्योगीकरण: 5. शहरीकरण: 6. जल प्रदूषण: प्रश्न 2. 1. नदियों में रहने वाले जलीय जीवों के भोजन व आवास को हानि: 2. जलीय जीवों का आवागमन अवरुद्ध होना: 3. वनस्पति एवं मृदाओं का जल में डूब जाना: 4. स्थानीय लोगों का वृहत स्तर पर विस्थापित होना; 5. बाढ़ों में वृद्धि होना: 6. मृदाओं का लवणीकरण होना: 7. भूमि निम्नीकरण की समस्याओं का बढ़ना: 8. भूकम्प एवं जलजनित बीमारियाँ: 9. अन्तर्राष्ट्रीय झगड़ों में वृद्धि होना: मानचित्र कार्य प्रश्न 1. JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions Geography Chapter 2 वन और वन्य जीव संसाधनवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. निम्न में से कौन-सी संस्था संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची तैयार करती है? 3. निम्न में से कौन-सी प्रजाति संकटग्रस्त है 4. वन्य जीव अधिनियम किस वर्ष लागू किया गया 5. ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कब शुरू हुआ था? 6. वन्य जीव की वह प्रजाति कौनसी है, जिसकी हड्डियों का एशियाई देशों में परम्परागत औषधियों में प्रयोग होने के कारण विलुप्ति के कगार पर है 7. स्थायी वनों के अंतर्गत
किस राज्य में सर्वाधिक क्षेत्र पाया जाता है? 8. सरिस्का बाघ रिजर्व किस राज्य में स्थित है 9. चिपको आन्दोलन का सम्बन्ध किस क्षेत्र से है रिक्त स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. भारत में समस्त विश्व की जैव उपजातियों की………… संख्या पायी जाती है। 3. हमारे देश में वनों के अन्तर्गत लगभग……….क्षेत्रफल है। 4. अरुणाचल प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश में मिलने वाला ……….एक औषधीय पौधा है। 5. भारत में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत………हुई। अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न
15.
प्रश्न 16. प्रश्न
17.
प्रश्न 18. प्रश्न 19.
सोंचुरी। लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1. उदाहरण के लिए हम हवा में साँस लेते हैं, पानी पीते हैं एवं मृदा में अनाज उत्पन्न करते हैं आदि। ये सभी पारिस्थितिकी तंत्र के अजैव घटक हैं। इनके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं। विभिन्न पौधे, पशु एवं सूक्ष्मजीवी इनका पुनः सृजन करते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि मनुष्य अपने अस्तित्व के लिए पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर है। प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. चीते की यही पहचान उसे तेंदुए से अलग करती है। 20 वीं शताब्दी से पूर्व चीते एशिया व अफ्रीका में बहुतायत में मिलते थे। वर्तमान में इनके आवासीय क्षेत्र और शिकार की उपलब्धता होने से ये लगभग समाप्त हो चुके हैं। भारत सरकार ने वर्ष 1952 में ही चीते को लुप्त प्रजाति घोषित कर दिया था। प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13. लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
कभी-कभी जो उन्हें संसाधन एकत्रित करने के लिए 10 किमी. से भी अधिक पैदल चलना पड़ता है। इसके कारण उनमें स्वास्थ्य सम्बन्धी कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं। महिलाओं के पास अपने बच्चों की देखभाल के लिए पर्याप्त समय नहीं है जिसके गम्भीर सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। वनों की निरन्तर कटाई से उत्पन्न परोक्ष परिणाम जैसे-सूखा व बाढ़ ने निर्धन वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित किया है। अतः कहा जा सकता है जैविक संसाधनों का विनाश सांस्कृतिक विविधता के विनाश से सम्बन्धित है। प्रश्न 3.
प्रश्न 4. 2. रक्षित वन: 3. अवर्गीकृत वन: प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7. 2. कई पवित्र एवं धार्मिक स्थलों के आस-पास हम बन्दरों और लंगूरों का जमघट देख सकते हैं। इन पवित्र स्थलों परं आने वाले दर्शनार्थी इन्हें खाना खिलाते हैं। इन प्राणियों को धार्मिक स्थल पर भक्तों के रूप में देखा जाता है। 3. राजस्थान राज्य के पश्चिमी भाग में बिश्नोई गाँव के आस-पास काले हिरण, चिंकारा एवं मोरों के झुण्ड देखे जा सकते हैं। ये जीव इस समुदाय के अभिन्न अंग माने जाते हैं। इन जीवों को यहाँ कोई हानि नहीं पहुँचाता है। निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. 2. संकटग्रस्त जातियाँ: 3. सुभेद्य जातियाँ: 4. दुर्लभ जातियाँ: 5. स्थानिक जातियाँ: 6. लुप्त जातियाँ: वे जातियाँ जो संसार से विलुप्त हो गयी हैं तथा जो जीवित नहीं हैं, विलुप्त जातियों की श्रेणी में रखी गई हैं। इनके रहने व आवासों की खोज करने पर उनकी अनुपस्थिति पाई गयी, जैसे-एशियाई चीता व गुलाबी सिर वाली बत्तख। प्रश्न 2. इस अधिनियम में उन प्राणियों का उल्लेख किया गया जो प्राकृतिक असन्तुलन के कारण विलुप्ति के कगार पर पहुँच चुके थे परन्तु जिन्हें बचा लिया गया। इस अधिनियम के अन्तर्गत सम्पूर्ण भारत में रक्षित जातियों की सूची भी प्रकाशित की गयी। इस अधिनियम के अन्तर्गत बची हुई संकटग्रस्त प्रजातियों के बचाव पर, शिकार प्रतिबन्धन पर, वन्य-जीव आवासों का कानूनी रक्षण एवं जंगली जीवों के व्यापार पर रोक लगाने आदि पर मुख्य रूप से जोर दिया गया। 2. राष्ट्रीय वन नीति:
3. राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव पशु विहार: 4. विशेष प्राणियों की सुरक्षा के लिए विशेष परियोजनाएँ: इनके अतिरिक्त कुछ समय पहले भारत सरकार ने भारतीय हाथी, काला हिरण, चिंकारा, भारतीय गोडावन और हिम तेंदुओं के शिकार और व्यापार पर सम्पूर्ण अथवा आंशिक प्रतिबन्ध लगाकर उन्हें कानूनी संरक्षण प्रदान किया है। भारत सरकार ने देश में बाघों की संख्या में तेजी से गिरावट को देखकर बाघों के संरक्षण के लिए सन् 1973 में विशेष बाघ परियोजना (प्रोजेक्ट टाइगर) प्रारम्भ की। JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions Geography Chapter 1 संसाधन एवं विकासवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है 2. निम्न में से कौन अजैव संसाधन है? 3. नवीकरण योग्य संसाधन है 4. अचक्रीय संसाधन है 5. रियो डी जेनेरो पृथ्वी सम्मेलन का आयोजन कब हुआ था 6. भूमि एक ……….. संसाधन है? 7. जलोढ़ मृदा निम्न में से किस फसल की खेती के लिए उपयुक्त है? 8. लाल-पीली मृदा कहाँ पाई जाती है? रिक्त स्थान सम्बन्यी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. जून, 1992 में ब्राजील के ………नामक शहर में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पृथ्वी-सम्मेलन का आयोजन हुआ। 3. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल……….है। 4. ………..शुमेसर द्वारा लिखित पुस्तक है। 5. फसलों के बीच वृक्षों की कतारें लगाना कहलाता है। लयूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न
2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न
8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
प्रश्न
15. प्रश्न 16. प्रश्न 17.
प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22.
प्रश्न
23. प्रश्न 24.
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1. संसाधन का अर्थ केवल प्राकृतिक तत्व ही नहीं है अपितु मानवीय या सांस्कृतिक तत्व भी महत्वपूर्ण संसाधन होते हैं। इस प्रकार कोई भी वस्तु जो मानव के लिए उपयोगी हो अथवा उपयोगिता में सहायक हो, संसाधन कहलाती है जैसे-खनिज तेल, कोयला, जल, खनिज, प्राकृतिक वनस्पति, जीव-जन्तु आदि। प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1. 2. अजैव (अजैविक) संसाधन: समाप्यता के आधार पर संसाधनों को निम्नलिखित दो वर्गों में बाँटा जा सकता
है 2. अनवीकरण योग्य संसाधन: प्रश्न 2. 2. सामुदायिक संसाधन: 3. राष्ट्रीय संसाधन: 4. अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन: प्रश्न 3. 2. विकसित संसाधन: 3. भंडार: 4. संचित कोष: प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. यही घोषणा पत्र एजेण्डा-21 के नाम से जाना जाता है। इस घोषणा पत्र का मुख्य उद्देश्य भू-मण्डलीय जलवायु परिवर्तन के खतरों को रोकना, जैविक-विविधता, पर्यावरण संरक्षण के लिए उपाय करना एवं भू-मण्डलीय सतत् पोषणीय विकास प्राप्त करना है। अतः एजेण्डा-21 एक विस्तृत कार्य सूची है जिसका उद्देश्य सभान हितों, पारस्परिक आवश्यकताओं एवं सम्मिलित जिम्मेदारियों के अनुसार विश्व सहयोग के साथ पर्यावरणीय क्षति, निर्धनता एवं बीमारियों से निपटना है। प्रश्न 7. 2. कुछ क्षेत्र संसाधनों की उपलब्धता के सन्दर्भ में आत्मनिर्भर हैं, जैसे-झारखण्ड, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्य खनिजों एवं कोयला के मामले में धनी हैं तथा अरुणाचल प्रदेश में जल संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, परन्तु यहाँ आधारभूत विकास का अभाव है, जिसके कारण संसाधन नियोजन की आवश्यकता है। 3. कुछ क्षेत्रों में आवश्यक संसाधनों की अत्यधिक कमी है। उदाहरण के लिए लद्दाख का शीत मरुस्थल देश के अन्य भागों से अलग-थलग है। यह प्रदेश सांस्कृतिक विरासत में धनी है लेकिन यहाँ पानी तथा आधारभूत संरचनाओं व कुछ महत्वपूर्ण खनिजों की कमी है। उपर्युक्त समस्त कारणों से राष्ट्रीय, प्रादेशिक एवं स्थानीय स्तर पर सन्तुलित संसाधन नियोजन की आवश्यकता है। प्रश्न 8. संसाधन नियोजन की प्रक्रिया/सोपान:
प्रश्न 9.
संसाधनों के
संरक्षण के सम्बन्ध में गाँधीजी के विचार: प्रश्न 10. 2. जलवायु: 3. मृदा के प्रकार: 4. मानवीय कारक: प्रश्न 11. 2. अत्यधिक सिंचाई: 3. अति पशुचारण: 4. खनिज प्रक्रियाएँ: प्रश्न
12. मानवीय क्रियाकलापों से न केवल भूमि का निम्नीकरण हो रहा है वरन् भूमि को हानि पहुँचाने वाली प्राकृतिक शक्तियों को भी बल मिला है।
आज भूमि निम्नीकरण की समस्या का हल किया जाना अति आवश्यक है। भूमि-निम्नीकरण की समस्या को हल करने के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं 2. पेड़ों की रक्षक: 3. रेतीले टीलों का स्थिरीकरण: 4. औद्योगिक स्राव व कूड़े: प्रश्न 13.
प्रश्न 14. ये मृदाएँ महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, मालवा, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के पठार पर पायी जाती हैं तथा दक्षिण-पूर्वी दिशा में गोदावरी व कृष्णा नदियों की घाटियों तक फैली हुई हैं। काली मृदा की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
प्रश्न 15. प्राकृतिक तथा मानवीय कारकों द्वारा यह सन्तुलन बिगड़ जाता है। मृदा क्षरण/मृदा-अपरदन के प्रकार-मृदा-अपरदन में भाग लेने वाले कारकों व स्थिति के आधार पर मृदा क्षरण/मृदा-अपरदन को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है (ii) अवनलिका अपरदन: 2. पवन-अपरदन: निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. 1. जलोढ़ मदा: भारत के विशाल उत्तरी मैदानों में नदियों द्वारा पर्वतीय प्रदेशों से बहाकर लायी गयी जीवाश्मों से युक्त उर्वर मिट्टी मिलती है जिसे काँप अथवा कछारी मिट्टी भी कहते हैं। यह मिट्टी हिमालय पर्वत से निकलने वाली तीन प्रमुख नदियों-सतलज, गंगा, ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों द्वारा बहाकर लाई एवं अवसाद के रूप में जमा की गई है। जलोढ़ मिट्टी पूर्व-तटीय मैदानों विशेषकर महानदी, गोदावरी, कृष्णा व कावेरी नदियों के डेल्टाई प्रदशों में भी मिलती है। जिन क्षेत्रों में बाढ़ का जल नहीं पहुँच पाता है वहाँ पुरातन जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है जिसे ‘बांगर’ कहा जाता है। वास्तव में यह मिट्टी भी नदियों द्वारा बहाकर लायी गयी प्राचीन काँप मिट्टी ही है। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में नदियों ने नवीन काँप मिट्टी का जमाव किया है, उसे नवीन जलोढ़ या ‘खादर’ के नाम से जाना जाता है। अधिक उपजाऊ होने के कारण जलोढ़ मृदा वाले क्षेत्रों में गहन कृषि की जाती है तथा यहाँ जनसंख्या का घनत्व भी अधिक मिलता है। 2. काली या रेगर मृदा: 3. लाल व पीली मृदा: 4. लेटराइट मृदा: 5. मरुस्थलीय मृदा: 6. वन मदा: प्रश्न 2.
मृदा संरक्षण के उपाय: मिट्टी एक ऐसा संसाधन है जो नव्यकरणीय है, इसे बचाया जा सकता है। इसे सतत् उपयोग में लाया जा सकता है और इसमें गुण वृद्धि की जा सकती है। अतएव मृदा संरक्षण आवश्यक है। मृदा संरक्षण के लिए निम्नलिखित उपाय किये जा सकते हैं 2. सोपानी कृषि: 3. पट्टी कृषि: 4. रक्षक मेखला: तालिका सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Solutions Civics Chapter 8 Challenges to DemocracyHaryana State Board HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 Challenges to Democracy Textbook Exercise Questions and Answers. Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 Challenges to DemocracyCartoon based Question (Page 103) Question 1. 2. Waiting for Democracy: This represents the existence of non-democratic regimes in the world. It tries to show that democracy does not come by the use of bullet. 3. Liberal Gender Equality: This represents that in principle we talk about gender equality, but in practice male dominance is observed in democracy. 4. Campaign Money : This represents how money is used to influence decision¬making in a democracy by the rich and powerful people. Table-based Questions (Pages 104, 105) Question 2.
Question 3.
Democratic Rights:
Working of Institutions:
Elections:
Federalism: Decentralisation:
Accommodation of: Diversity:
Political Organisations:
Peace-keeping Measures:
Negotiating Disputes:
Question 4. 2. Challenge of expansion – Case and context of the following: 3. Challenge of deepening – Case and context of the following: Question 5.
Question 6. Reform Proposals : Question 7. 1. Democracy should reduce differences, giving full respect to each other. JAC Class 10 Social Science SolutionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions History Chapter 5 मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनियवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. जापान की सबसे प्राचीन मद्रित पुस्तक थी 3. 18वीं सदी में यूरोप में जनसामान्य के बीच वैज्ञानिक विचारों के प्रसिद्ध होने का निम्नलिखित में से कौन-सा कारण नहीं है? 4. इंग्लैण्ड में पेनी ‘चैपबुक्स’ या एकपैसिया किताबें बेचने वालों को क्या कहा जाता था? 5. “हे निरकुंशवादी शासको, अब तुम्हारे काँपने का वक्त आ गया है। आभासी लेखक की कलम के जोर के आगे तुम हिल उठोगे!” यह किसका कथन था? 6. बंगाल गजट नामक साप्ताहिक पत्रिका का सम्पादन किसने किया? 7. तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का प्रथम मुद्रित संस्करण कहाँ से प्रकाशित हुआ? 8. निम्नलिखित में से ‘पंजाब केसरी’ का प्रकाशन किसने किया? रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न 2. जापान की सबसे पुरानी, 868 ई. में छपी पुस्तक ……….. है। 3. ………. ने उकियो नामक नई चित्रशैली को जन्म दिया। 4. गुटेनबर्ग ने ………. का आविष्कार किया। 5. जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने ………. में बंगाल गजट पत्रिका का संपादन प्रारंभ किया। अति
लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न
4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21.
प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28.
प्रश्न 29. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10. प्रश्न 11. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA) प्रश्न 1. कुछ महिलाओं ने अपने द्वारा रचित काव्य एवं नाटक भी प्रकाशित करवाये। पढ़ने की यह नई संस्कृति एक नवीन तकनीक के साथ आई। 19वीं सदी के अन्त में पश्चिमी शक्तियों द्वारा अपनी चौकियाँ स्थापित करने के साथ ही पश्चिमी मुद्रण तकनीक एवं मशीनी प्रेस का आयात भी हुआ। पश्चिमी शैली के विद्यालयों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाला शंघाई प्रिन्ट संस्कृति का एक नया केन्द्र बन गया। हाथ की छपाई का स्थान अब धीरे-धीरे मशीनी या यान्त्रिक छपाई ने ले लिया। प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8. उन्होंने कहा कि पुरुषों का यह कहना पूर्णरूपेण गलत है कि शिक्षित महिलाएँ उदंड हो जायेंगी। उन्होंने ऐसे लोगों की आलोचना की जो अपने को मुसलमान बताते हैं तथा इस्लाम द्वारा महिलाओं को बराबरी का हक देने के बुनियादी नियम के विरुद्ध भी जाते हैं। यदि मुसलमान पुरुष पढ़-लिखकर नहीं भटकते तो महिलाएँ कैसे भटक जाएँगी। इस तरह उन्होंने महिलाओं को शिक्षित किये जाने की वकालत की। प्रश्न 9. 2. बीसवीं शताब्दी में महाराष्ट्र के डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं मद्रास के ई. वी. रामास्वामी नायकर जो पेरियार के नाम से प्रसिद्ध थे, जैसे लोगों ने जाति-व्यवस्था के विषय में विस्तार से लिखा। इन लेखकों द्वारा लिखे गये विचार समस्त भारत में पढ़े जाते थे। स्थानीय विरोध आन्दोलनों एवं सम्प्रदायों ने भी कई प्रकार की लोकप्रिय पत्रिकाएँ एवं पुस्तिकाएँ प्रकाशित की जिनमें प्राचीन धर्मग्रन्थों की आलोचना करते हुए नये और न्यायपूर्ण समाज का भविष्य रचने की वकालत की गई थी। प्रश्न 10.
निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. 2. यात्रियों तथा खोजकर्ताओं की भूमिका: 3. वुडब्लॉक प्रिंटिंग (तख्ती की छपाही): 4. योहान गुटेनबर्ग एवं प्रिंटिंग प्रेस: 5. छापेखानों की संख्या में वृद्धि: प्रश्न 3. 2. गुटेनबर्ग ने 1448 ई. में अपने इस यंत्र को पूर्ण कर लिया था। इस यंत्र से उसने सर्वप्रथम बाईबिल का प्रकाशन किया। बाईबिल की लगभग 180 प्रतियाँ बनाने में उसे तीन वर्ष लगे जो उस समय के हिसाब से बहुत अधिक तीव्र कार्य था। गुटेनबर्ग प्रेस एक घंटे में एक तरफा 250 पन्ने छाप सकती थी। प्रभाव:
प्रश्न 4. पुस्तक उत्पादन के नये तरीकों ने लोगों की जिन्दगी बदल दी। इसके
परिणामस्वरूप सूचना और ज्ञान से संस्था और सत्ता से उनका सम्बन्ध ही परिवर्तित हो गया। इससे लोक-चेतना बदली और वस्तुओं को देखने का दृष्टिकोण भी परिवर्तित हो गया। मुद्रण क्रान्ति का प्रभाव-मुद्रण क्रान्ति के प्रभाव को निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत स्पष्ट कर सकते हैं अब तक सामान्य लोग मौखिक संसार में जीते थे। वे धार्मिक पुस्तकों का वाचन सुनते थे। गाथा-गीत उनको पढ़कर सुनाये जाते थे। ज्ञान का मौखिक लेन-देन भी होता था। अब पुस्तकें समाज के अधिकाधिक लोगों तक पहुँच सकती थीं। यदि पहले की जनता श्रोता थी तो कह सकते हैं कि अब पाठक जनता अस्तित्व में आ गई थी। 2. विचारों का व्यापक प्रचार: मार्टिन लूथर ने मुद्रण क्रान्ति की प्रशंसा की तथा कहा कि “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम देन और सबसे बड़ा तोहफ़ा है।” कई इतिहासकारों के अनुसार मुद्रण ने एक नया बौद्धिक माहौल बनाया है तथा इससे धर्म-सुधार आन्दोलन के नये विचारों के प्रसार में सहायता प्राप्त हुई। 3. धर्म की अलग: प्रश्न 5. 2. विविध प्रकार के साहित्य की छपाई: 3. मनोरंजन प्रधान पुस्तकों की छपाई: 4. प्रेम कहानियाँ तथा ऐतिहासिक पुस्तकों की छपाई: 5. पत्रिकाओं की छपाई: 6. विज्ञान व दर्शन सम्बन्धी पुस्तकों की छपाई: प्रश्न 6. उन्होंने चर्च की धार्मिक सत्ता एवं राज्य की निरंकुश सत्ता पर प्रहार किया तथा परम्परा पर आधारित सामाजिक व्यवस्था को कमजोर कर दिया। रूसो व वाल्टेयर जैसे चिन्तकों के विचारों से प्रभावित होकर पाठक एक नवीन आलोचनात्मक व तार्किक दृष्टिकोण से सम्पूर्ण विश्व को देखने लगे थे। 2. वाद-विवाद संवाद की एक नयी संस्कृति का जन्म: 3. राजशाही और उसकी नैतिकता का मजाक उड़ाने वाले साहित्य का
प्रकाशन: प्रश्न 7. 2. जापान में मुद्रण: 3. यूरोप में मुद्रण: यह तकनीक यूरोप के कई भागों में भी लोकप्रिय हो गयी। उच्च वर्ग के लोग एवं भिक्षु संघ अभी भी महँगे चर्च पत्रों पर छपी पुस्तकों के हस्तलिखित संस्करण पसंद करते थे। व्यापारी तथा विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा सस्ती मुद्रित पुस्तकें ही खरीदी जाती थीं। यूरोप में धीरे-धीरे वुडब्लॉक प्रिंटिंग लोकप्रिय होती गयी। 4. योहान गुटेनबर्ग प्रिंटिंग प्रेस: 5. भारत में मुद्रण: 1579 ई. में कैथोलिक पुजारियों ने कोचीन में पहली तमिल पुस्तक छापी। सत्रहवीं शताब्दी के अन्त तक अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने छापेखाने का आयात करना प्रारम्भ कर दिया। 1780 ई. में जेम्स ऑगस्टस हिक्की ने ‘बंगाल गजट’ नामक एक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ कर दिया। इस तरह विश्व में प्रारम्भिक प्रिंटिंग तकनीक का विकास हआ। प्रश्न 8. 1867 ई. में स्थापित देवबंद सेमिनरी ने मुस्लिम पाठकों को दैनिक जीवन जीने के तरीके एवं इस्लामी सिद्धान्तों का अर्थ समझाते हुए हजारों की संख्या में फतवे जारी किये। 19वीं सदी के दौरान कई इस्लामी सम्प्रदायों व सेमिनरी का जन्म हुआ, जिन्होंने धर्म को लेकर अपनी-अपनी व्याख्याएँ प्रस्तुत की। हर कोई अपने सम्प्रदाय का विस्तार करना चाहता था तथा दूसरे सम्प्रदायों के प्रभाव को कम कराना चाहता था। 2. मुद्रण तथा हिन्दू: छपी पुस्तकों को लाने-ले जाने में सुगमता होने के कारण आस्थावान व्यक्ति पुस्तकों को कहीं भी व किसी भी समय पढ़ सकते थे। इन्हें पढ़कर निरक्षर जनसमुदाय को भी सुनाया जा सकता था। धार्मिक पुस्तकें बड़ी संख्या में व्यापक जनसमुदाय तक पहुँच रही थीं जिसके चलते विभिन्न धर्मों के मध्य व उनके अन्दर वाद-विवाद और तर्क-वितर्क की नई स्थिति उत्पन्न हो रही थी। प्रश्न 9. 1. महिला शिक्षा: 2. महिलालेखिकाएँ: 1860 ई. के दशक में महाराष्ट्र में ताराबाई शिंदे और पंडिता रमाबाई ने उच्च जाति की नारियों विशेषतः विधवाओं की शोचनीय दशा के विषय में जोश और रोषपूर्वक लिखा। तमिल लेखिकाओं ने भी नारी के निम्नस्तरीय जीवन के विषय में विचार व्यक्त किया। 3. हिन्दी लेखन एवं महिलाएँ: 4. नयी पत्रिकाएँ: 5. महिलाओं के लिए उपदेश: स्रोत-1: स्रोत-2: स्रोत-3: स्रोत-1: धार्मिक सुधार और सार्वजनिक बहसें। प्रश्न 1. स्रोत-2: प्रकाशन के नए रूप प्रश्न 2.
स्रोत-3 : महिलाएँ और मुद्रण प्रश्न 3. मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions History Chapter 4 औद्योगीकरण का युगवस्तुनिष्ठ प्रश्न 1. 2. विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग निम्न में से किससे निर्मित वस्तुओं को महत्त्व देते थे? 3. कौन-से बन्दरगाह 1780 के दशक से व्यापारिक बन्दरगाह के रूप में विकसित होने लगे थे? 4. “भारतीय कपड़े की माँग कभी कम नहीं हो सकती क्योंकि दुनिया के किसी और देश में इतना अच्छा माल नहीं बनता।” यह कथन किसका है? 5. भारत में सन् 1854 में पहली कपड़ा मिल कहाँ लगी थी? 6. जे. एन. टाटा ने किस वर्ष जमशेदपुर में भारत का प्रथम लौह एवं इस्पात संयन्त्र स्थापित किया? 7. किस वस्तु के विज्ञापन में भगवान विष्णु आकाश से रोशनी लाते दिखाए गए हैं? रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. ……….. ने न्यूकॉमेन द्वारा बनाए गए भाप के इंजन में
सुधार किए और ………… में नए इंजन का पेटेंट करा लिया। 3. ………….. में पहली कपड़ा मिल 1854 में लगी। 4. देश की पहली जूट मिल …………. में और दूसरी 7 साल बाद ……………. में चालू हुई। 5. उद्योगपति नए मजदूरों की भर्ती के लिए प्रायः एक …………… रखते थे। अति लघूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 12. प्रश्न
13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16.
प्रश्न 17.
प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1 ) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. माल समय पर तैयार न होने की स्थिति में बुनकरों को सजा देते थे। सजा के तौर पर बुनकरों को पीटा जाता था और कोड़े बरसाये जाते थे। कर्नाटक और बंगाल में कई स्थानों से बुनकर गाँव छोड़कर चले गये। अतः रोजाना ही बुनकरों व गुमाश्तों के मध्य झड़पों के समाचार आते रहते थे।। प्रश्न 9.
प्रश्न 10. प्रश्न 11. त्रावणकोर, मद्रास, मैसूर, कोचीन, बंगाल आदि क्षेत्रों में तो ऐसे हथकरघे 70-80 प्रतिशत तक थे। इसके अतिरिक्त कई छोटे-छोटे सुधार किये गये जिनसे बुनकरों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने एवं मिलों से मुकाबला करने में मदद मिली। प्रश्न 12. प्रश्न 13. लघूत्तरात्मक (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. लेकिन बाजार में अक्सर बारीक डिजाइन वाली एवं विशेष आकारों वाली वस्तुओं की बहुत अधिक माँग रहती थी। विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में उच्च वर्ग के लोग, कुलीन एवं पूँजीपति वर्ग हस्तनिर्मित वस्तुओं को अधिक महत्त्व देते थे, क्योंकि हाथ से बनी वस्तुओं को परिष्कार एवं सुरुचि का प्रतीक माना जाता था। उनकी फिनिशिंग अच्छी होती थी। उनको एक-एक करके बनाया जाता ६ तथा उनका डिजाइन अच्छा होता था। मशीनों से बनने वाले उत्पादों को उपनिवेशों में निर्यात कर दिया जाता था। बाजार में हाथ से बनी वस्तुओं की बहुत अधिक माँग रहती थी। कई वस्तुओं के लिए यांत्रिक प्रौद्योगिकी की अपेक्षा मानवीय निपुणता की अधिक आवश्यकता पड़ती थी, जैसे-हथौड़ी, कुल्हाड़ियों का निर्माण। इसके अतिरिक्त हाथ से बनी वस्तुएँ उच्चवर्गीय लोगों की अभिरुचि को भी सन्तुष्ट करती थीं। . प्रश्न 3. 2. अनेक उद्योगों में मौसमी कार्य की वजह से मजदूरों को बीच-बीच में बहुत समय तक खाली बैठना पड़ता था। कार्य का मौसम समाप्त हो जाने के पश्चात् मजदूर पुनः बेरोजगार हो जाते थे। 3. लम्बे नेपोलियनी युद्ध के दौरान कीमतों में तीव्र गति से वृद्धि होने पर मजदूरों की आय के वास्तविक मूल्य में भारी कमी आ गयी। अब उन्हें वेतन तो पहले जितना मिलता था लेकिन उससे वे पहले जितनी वस्तुएँ नहीं खरीद सकते थे। प्रश्न 4. 2. नगरीकरण को बढ़ावा: 3. कुटीर उद्योगों की अवनति: 4. सामाजिक विभाजन: प्रश्न 5. भारत से बने बारीक कपड़ों के शाल ऊँटों की पीठ पर लादकर पश्चिमोत्तर सीमा से पहाड़ी दरों एवं मरुस्थल के पार ले जाये जाते थे। मुख्य पूर्व औपनिवेशिक बन्दरगाहों से पर्याप्त समुद्री व्यापार संचालित होता था। गुजरात के तट पर स्थित सूरत बन्दरगाह के माध्यम से भारत खाड़ी एवं लाल सागर के बन्दरगाहों से जुड़ा हुआ था। कोरोमण्डल तट पर स्थित मछलीपट्टम व बंगाल में हुगली के माध्यम से दक्षिण-पूर्वी एशियाई बन्दरगाहों के साथ पर्याप्त व्यापार होता था। प्रश्न 6.
प्रश्न 7. अतः अनेक इतिहासकारों ने औद्योगीकरण में इस चरण को आदि-औद्योगीकरण का नाम दिया। आदि-औद्योगीकरण काल में औद्योगिक बाजार के लिए उत्पादन कारखानों की बजाय घरों पर हाथों से निर्मित किये जाते थे। भारतीय बुनकरों पर ईस्ट इण्डिया कम्पनी का नियन्त्रण-ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने भारतीय बुनकरों पर निम्न प्रकार से अपना नियन्त्रण स्थापित किया
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10. 1906 ई. के पश्चात् चीन भेजे जाने वाले भारतीय धागे के निर्यात में भी कमी आना प्रारम्भ हो गया। चीनी बाजार में चीन व जापान के कारखानों से निर्मित सामग्री की पर्याप्तता हो गयी थी परिणामस्वरूप भारत के उद्योगपति धागे की बजाय कपड़े का निर्माण करने लगे। अत: 1900 से 1912 ई. के मध्य सूती कपड़े का उत्पादन दोगुना हो गया। प्रथम विश्व युद्ध के प्रारम्भ में औद्योगिक विकास मन्द रहा लेकिन युद्ध के दौरान औद्योगिक उत्पादन तीव्र गति से बढ़ा। प्रश्न
11. आधुनिकीकरण न कर पाने एवं अमेरिका, जर्मनी व जापान के मुकाबले कमजोर पड़ जाने के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। कपास का उत्पादन बहुत कम रह गया था तथा ब्रिटेन से होने वाले सूती कपड़े के निर्यात में भारी गिरावट आ गयी। परिणामस्वरूप ब्रिटेन के उपनिवेशों में विदेशी उत्पादों को हटाकर स्थानीय उद्योगपतियों ने घरेलू बाजारों पर नियन्त्रण स्थापित कर लिया तथा धीरे-धीरे अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली। प्रश्न 12. लेबलों पर केवल शब्द एवं अक्षर नहीं होते थे, बल्कि उन पर सुन्दर तस्वीरें भी बनी होती थीं। इन लेबलों पर प्रायः भारतीय देवी-देवताओं की तस्वीरें होती थीं। इन तस्वीरों के माध्यम से वस्त्र निर्माता यह दर्शाना चाहते थे कि ईश्वर की भी यह इच्छा है कि लोग उन वस्तुओं को खरीदें। लेबलों पर कृष्ण या सरस्वती की तस्वीर बनी होने का लाभ यह होता था कि विदेशों में बनी वस्तुएँ भी भारतीयों को जानी-पहचानी सी लगती थीं। प्रश्न 14. इसके अतिरिक्त महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों, सम्राटों एवं नवाबों के चित्रों का भी कैलेण्डरों में भरपूर प्रयोग होता था। इनका सन्देश प्रायः यह होता था कि यदि आप इस शाही व्यक्ति का सम्मान करते हैं तो इस उत्पाद का भी सम्मान कीजिए, यदि इस उत्पाद का राजा प्रयोग करते हैं अथवा उसे शाही निर्देश से बनाया गया है तो उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता था। इस प्रकार उत्पादों की बिक्री बढ़ाने में कैलेण्डर महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान करते थे। निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. 2. खनिज पदार्थों की उपलब्धता: 3. नयी-नयी मशीनों का आविष्कार: 4.
मजदूरों की उपलब्धता: 5. परिवहन की सुविधा: प्रश्न 2. 1840 ई. के दशक में इंग्लैण्ड में तथा 1860 ई. के दशक में उसके उपनिवेशों में रेलवे का विस्तार तीव्र गति से होने लगा। रेलवे के प्रसार के कारण लोहे व स्टील की माँग तेज गति से बढ़ी। सन् 1873 ई. तक ब्रिटेन के लोहा और स्टील निर्यात का मूल्य लगभग 7.7 करोड़ पौंड हो गया। यह राशि इंग्लैण्ड के कपास निर्यात के मूल्य से दोगुनी थी। 2. परम्परागत उद्योगों का आधिपत्य: 3. विकास के लिए आधार: 4. प्रौद्योगिकीय बदलावों की धीमी गति: प्रश्न 3. 2. मौसमी काम: 3. कम वास्तविक वेतन: 4. निर्धनता तथा बेरोजगारी: प्रश्न 4. उनमें से कुछ व्यवसायी पैसा कमाकर भारत में औद्योगिक उद्यम स्थापित करने की इच्छा रखते थे। बंगाल में द्वारकानाथ टैगोर ने चीन में व्यापार कर खूब पैसा कमाया तथा उद्योगों में निवेश करने लगे। उन्होंने 18301840 के दशक के दौरान 6 संयुक्त उद्यम कंपनियाँ लगाने में सफलता हासिल की। हालाँकि 1840 के दशक में आए व्यापक व्यावसायिक संकटों में बाकी व्यवसायियों की तरह उनके उद्यम भी डूब गए। 19वीं सदी में चीन के साथ व्यापार करने वाले बहुत-से व्यवसायी सफल उद्योगपति बनने में सफल रहे। बंबई में डिनशॉ पेटिट तथा जमशेदजी नुसरवानजी टाटा (जिन्होंने बाद में देश में विशाल औद्योगिक साम्राज्य स्थापित किया) जैसे पारसियों ने चीन को आंशिक रूप से निर्यात कर तथा इंग्लैंड को कच्ची कपास आंशिक रूप से निर्यात कर पर्याप्त पैसा कमाया। मारवाड़ी व्यवसायी सेठ हुकुमचंद (1917 में कलकत्ता में देश की पहली जूट मिल के संस्थापक) ने भी चीन के साथ व्यापार किया। प्रसिद्ध उद्योगपति जी.डी.बिड़ला के पिता व दादा ने भी यही काम किया। प्रश्न 5. 2. लेबल लगाना: 3. कैलेण्डर: 4. महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के चित्र: JAC Class 10 Social Science Important QuestionsJAC Board Class 10th Social Science Important Questions History Chapter 3 भूमंडलीकृत विश्व का बननावस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रश्न 1. 2. अठारहवीं शताब्दी में विश्व व्यापार का सबसे बड़ा केन्द्र था 3. जमीन को उपजाऊ बनाकर गेहूँ और कपास की खेती हेतु ‘केनाल कॉलोनी’ (नहर बस्ती) निम्न में से कहाँ बसायी 4. सन् 1885 में यूरोपीय देशों ने मानचित्र पर लकीरें खींचकर किस महाद्वीप को आपस में बाँट लिया? 5. रिंडरपेस्ट नामक पशुओं की बीमारी निम्न में से किस महाद्वीप में फैली थी? 6. भारत से विदेशों को जाने वाले अनुबन्धित श्रमिक कहलाते थे 7. महामन्दी का प्रारम्भ किस वर्ष हुआ? 8. जी-77 किस प्रकार के देशों का समूह है रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. अठारहवीं सदी में मक्का के आयात पर लगी पाबंदी को ………. के नाम से जाना जाता है। 3. ………. तक एक वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था सामने आ चुकी थी। 4. 1890 ई. में अफ्रीका में ………. नामक बीमारी बहुत तेजी से फैल गई। 5. प्रथम विश्व युद्ध आधुनिक ………. युद्ध था। अति लयूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. भूमण्डलीय विश्व के बनने की प्रक्रिया में कौन-कौन से तत्व सहायक हुए ? प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न
6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25.
प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. कॉर्न लॉ क्या था? इसे फौरन क्यों समाप्त करना पड़ा? प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. यदि भारतीय निर्यात के आँकड़ों का अध्ययन करें तो पता चलता है कि सूती कपड़े के निर्यात में लगातार गिरावट का ही रुझान दिखाई देता है। सन् 1800 के आसपास निर्यात में सूती कपड़े का प्रतिशत 30 था जो 1815 में घटकर 15 प्रतिशत रह गया। 1870 तक तो यह अनुपात केवल 3 प्रतिशत ही रह गया था। लेकिन इसके विपरीत कपास का निर्यात सन् 1812 से 1871 के बीच 5 से 35% तक बढ़ गया। प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14.
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. ये मार्ग ईसा पूर्व के समय से ही सामने आ चुके थे तथा लगभग पन्द्रहवीं ताब्दी तक अस्तित्व में थे। इसी मार्ग से चीनी पादरी, भारत तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के कपड़े व मसाले संसार के विभिन्न भागों में पहुँचाते थे। वापसी में व्यापारी यूरोप से एशिया में सोने-चाँदी तथा कीमती धातुएँ लाते थे। इन मार्गों से व्यापार व सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती थीं। प्रश्न 3. बौद्ध धर्म का प्रचार भी इसी प्रकार हुआ। विभिन्न खाद्य पदार्थों; जैसे-स्पैघेत्ती, (नूडल्स) चीन से तथा पास्ता अरब से यूरोपीय देशों तक पहुँचा। आलू, सोया, मूंगफली, मक्का, टमाटर, मिर्च, शकरकंद आदि खाद्य पदार्थों के बारे में हम जानते भी नहीं थे। ये खाद्य पदार्थ कोलम्बस की अमेरिका यात्रा के पश्चात् वहाँ के मूल निवासियों से यूरोप व एशिया में पहुँचे, जो इस कथन की पुष्टि करता है कि व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों प्रक्रियाएँ साथ-साथ चलती थीं। प्रश्न 4. वे ऐसे खेतों में काम कर रहे थे जो एक पीढ़ी पूर्व सम्भवतः जंगल रहे होंगे। उत्पादन बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीकों का प्रयोग किया जाने लगा। रेलवे तथा पानी के जहाज जैसे परिवहन के नये साधनों का प्रयोग कृषि उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाने-ले जाने के लिए किया जाने लगा। इस तरह वैश्विक कृषि अर्थव्यवस्था हमारे समक्ष आ चुकी थी। प्रश्न 5. इनके लिए नए स्थान पर जीवन तथा कार्य स्थितियाँ कठोर थीं तथा इनके पास कानूनी अधिकार नाममात्र भी नहीं थे। यद्यपि इन श्रमिकों ने भी जिन्दगी बसर करने के अपने तरीकों को खोज लिया। अनेक तो जंगलों में ही भाग गए। हालाँकि पकड़े जाने पर इन्हें कठोर सजा मिलती थी। अनेक श्रमिकों ने पुरानी एवं नयी संस्कृतियों का सम्मिश्रण कर निजी एवं सामूहिक आत्माभिव्यक्ति के नए रूपों को खोज लिया। प्रश्न 6. यूरोपीय उपनिवेशकारों ने स्थानीय काश्तकारों को उनकी जमीन से हटाने के लिए उत्तराधिकार कानून में भी परिवर्तन कर दिया। नये कानून में यह व्यवस्था की गयी कि परिवार के केवल एक सदस्य को ही पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होगी। इस कानून के माध्यम से परिवार के शेष लोगों को श्रम बाजार में ढकेलने का प्रयास किया गया। खानों में कार्य करने वाले लोगों को बाड़ों में बन्द कर दिया जाता था, उनके स्वतन्त्र रूप से घूमने पर भी पाबन्दी लगा दी गयी। इस प्रकार यूरोपीय लोगों ने अफ्रीका में समस्या समाधान के प्रयास किये। प्रश्न 7. भारत में ब्रिटेन के व्यापार अधिशेष ने इसे दूसरे देशों के साथ हुए व्यापारिक घाटे को सन्तुलित करने में सहायता की। इस अधिशेष से तथाकथित होम चार्जेज (देसी खर्च) का निपटारा होता था जिसमें अंग्रेज अफसरों और व्यापारियों द्वारा अपने घर में भेजी गई व्यक्तिगत राशि, भारतीय बाहरी खर्चे पर ब्याज व भारत में कार्य कर चुके अंग्रेज अफसरों की पेंशन आदि सम्मिलित थे। इस प्रकार भारत के साथ व्यापार पर अधिशेष ने भारतीय बाजारों पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित करने में मदद करने के लिए ब्रिटिश निर्माताओं एवं निर्यातकों को प्रोत्साहन प्राप्त हुआ। प्रश्न 8. मानव सभ्यता के इतिहास में ऐसा भीषण युद्ध पहले कभी नहीं हुआ था। इस युद्ध में मशीनगनों, टैंकों, हवाईजहाजों व रासायनिक हथियारों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया। ये सभी हथियार आधुनिक विशाल उद्योगों की देन थे। युद्ध के लिए सम्पूर्ण विश्व से असंख्य सैनिकों की भर्ती की गई जिन्हें विशाल जलपोतों व रेलगाड़ियों में भरकर युद्ध के मोर्चों पर ले जाया गया। इस युद्ध में जो भीषण जनहानि व विनाशलीला देखने को मिली, उसकी औद्योगिक युग से पहले और औद्योगिक शक्ति के बिना कल्पना नहीं की जा सकती थी। इस युद्ध में 90 लाख से अधिक लोग मारे गये व 2 करोड़ लोग घायल हुए। प्रश्न 9. 2. प्रथम विश्व युद्ध
के पश्चात् जापान भी ब्रिटेन का विरोधी हो गया। उस समय जापान औद्योगिक क्षेत्र में बहुत अधिक विकास कर रहा था। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र में उसे जापान से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। 4. युद्ध के पश्चात् ब्रिटेन की सरकार ने युद्ध सम्बन्धी खर्चे में भी कटौती प्रारम्भ कर दी थी ताकि शांतिकालीन करों के सहारे ही उनकी भरपाई की जा सके। इन प्रयासों से रोजगारों के अवसरों में भारी कमी आयी। सन् 1921 में प्रत्येक पाँच ब्रिटिश मजदूरों में से एक मजदूर के पास काम नहीं था। रोजगार के बारे में बेचैनी एवं अनिश्चितता युद्धोत्तर वातावरण का अंग बन गई थी। प्रश्न 10.
प्रश्न 11. इस दौरान अधिकांश औद्योगिक देशों में बेरोजगारी औसतन 5 प्रतिशत से भी कम ही रही, इन दशकों के दौरान तकनीक एवं उद्यम का वैश्विक प्रसार हुआ। विकासशील देश विकसित एवं औद्योगिक देशों की बराबरी करने का लगातार प्रयास करने लगे। उन्होंने आधुनिक तकनीकी ज्ञान के सहयोग से संचालित संयन्त्रों एवं उपकरणों के आयात पर पर्याप्त पूँजी का निवेश किया। प्रश्न 12. नई अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली से उनका अभिप्राय ऐसी व्यवस्था से था जिसमें उन्हें अपने संसाधनों पर वास्तविक अर्थों में नियन्त्रण मिल सके तथा उनसे उन्हें विकास के लिए अधिक मात्रा में सहायता प्राप्त हो सके, कच्चे माल की सही कीमत प्राप्त हो सके तथा अपने निर्मित माल को विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए उचित पहुँच मिल सके। निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1. 2. बीमारी: फलस्वरूप इस नये स्थान पर चेचक बहुत भयंकर सिद्ध हुआ। एक बार संक्रमण हो जाने के पश्चात् यह बीमारी सम्पूर्ण महाद्वीप में फैल गयी। जहाँ यूरोपीय लोग नहीं पहुँचे वहाँ भी इस बीमारी के चपेट में लोग आने लगे। इस बीमारी से पूरा का पूरा समुदाय ही समाप्त हो गया। इस तरह यूरोपियनों की जीत का रास्ता आसान हो गया। 3. व्यापार: प्रश्न
2. 2. अमेरिका के विख्यात कार निर्माता वृहत उत्पादन के प्रणेता थे। उन्होंने शिकागो के एक बूचड़खाने की असेंबली लाइन की तर्ज पर डेट्रॉयट के अपने कार कारखाने में भी आधुनिक असेंबली लाइन स्थापित की थी। 3. इस प्रकार की व्यवस्था का यह परिणाम हुआ कि हेनरी फोर्ड के कारखाने की असेंबली लाइन में प्रत्येक तीन मिनट में एक कार तैयार होकर निकलने लगी। इससे पहले की पद्धतियों के मुकाबले यह गति कई गुना अधिक थी। टी मॉडल नामक कार वृहत उत्पादन पद्धति से बनी प्रथम कार थी। 4. प्रारम्भ में कम्पनी के श्रमिकों को असेम्बली लाइन से उत्पन्न होने वाली थकान का सामना करना पड़ा क्योंकि वे उसकी गति पर नियन्त्रण नहीं रख पा रहे थे। अनेक श्रमिकों ने कार्य छोड़ दिया। इस चुनौती से निपटने के लिए फोर्ड ने जनवरी 1914 में श्रमिकों का वेतन दोगुना अर्थात् 5 डॉलर प्रतिदिन कर दिया। साथ ही अपने कारखानों में ट्रेड यूनियन गतिविधियों पर भी पाबंदी लगा दी। 5. सन् 1919 में अमेरिका में 20 लाख कारों का उत्पादन होता था जो 1929 ई. में बढ़कर 50 लाख प्रतिवर्ष से भी अधिक हो गया। इसके साथ ही अनेक लोग फ्रिज, वाशिंग मशीन, रेडियो, ग्रामोफोन, प्लेयर्स आदि को क्रय करने लगे। ये समस्त वस्तुएँ ‘हायर परचेज’ व्यवस्था के तहत खरीदी जाती थी अर्थात् लोग इन सब वस्तुओं कर्ज पर खरीदते थे और उनकी कीमत साप्ताहिक, मासिक किस्तों में चुकाते थे। 6. मकानों के निर्माण और निजी मकानों की संख्या में वृद्धि से भी फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि उपकरणों की मांग में वृद्धि हुई। घरों का निर्माण अथवा खरीददारी भी कर्ज पर ही की जाती थी। 7. 1920 के दशक में आवास एवं निर्माण क्षेत्र में वृद्धि अमेरिकी सम्पन्नता का आधार बन गयी। बढ़ते उपयोग के लिए और अधिक निवेश की जरूरत थी, जिससे नये रोजगार तथा आमदनी में वृद्धि होने लगी। प्रश्न 3. आर्थिक महामंदी का प्रभाव/परिणाम: 2.किसान उपज नहीं बेच पा रहे थे। उनके कारोबार समाप्त हो गये, जिससे उनके परिवार तबाह हो गये। 3. आय में कमी आने पर अमेरिका के बहुत से परिवार कर्जा चुकाने में असफल हो गये जिसके कारण उनके मकान, कार और समस्त आवश्यक वस्तुएँ कुर्क कर ली गयीं। 4. 1920 के दशक में जो उपभोक्तावादी सम्पन्नता दिखाई दे रही थी, वह अचानक गायब हो गई। 5. बेरोजगारी में तीव्र गति से वृद्धि होने लगी। लोग काम की तलाश में इधर-उधर भटकने लगे। 6. अमेरिकी बैंकिंग व्यवस्था धराशायी हो गयी। निवेश से अपेक्षित लाभ नहीं मिलने के कारण, कर्जे की वसूली न होने एवं जमाकर्ताओं की जमा पूँजी नहीं लौटा पाने के कारण हजारों की संख्या में बैंक दिवालिया हो गये और बन्द कर दिये गये। एक अनुमान के अनुसार 1933 ई. तक 4000 से ज्यादा बैंक बन्द हो चुके थे तथा 1929 से 1932 के मध्य लगभग 1,10,000 कम्पनियाँ चौपट हो चुकी थीं। 7. अमेरिकी सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को इस महामंदी से बचाने के लिए आयातित पदार्थों पर दोगुना सीमा शुल्क लगाकर वसूल करने लगी। इस फैसले ने तो विश्व व्यापार की कमर ही तोड़ दी। प्रश्न 4. 2. सदस्य देशों के विदेशी व्यापार में लाभ और घाटे से निपटने के लिए ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में ही अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई. एम. एफ.) की स्थापना की गयी। 3. युद्धोत्तर पुनर्निर्माण के लिए धन की व्यवस्था करने हेतु अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक का गठन किया गया। इसे विश्व बैंक के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण विश्व बैंक एवं अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को ब्रेटन वुड्स संस्थान या ब्रेटन वुड्स ट्विन (ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संस्था) भी कहा जाता है। 4. विश्व बैंक तथा अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 1947 ई. में औपचारिक रूप से कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। इन संस्थानों की निर्णय प्रक्रिया पर पश्चिमी औद्योगिक देशों का नियन्त्रण रहता है। अमेरिका विश्व बैंक व अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के किसी भी फैसले को ‘वीटो’ कर सकता है। 5.अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक व्यवस्था राष्ट्रीय मुद्राओं और मौद्रिक व्यवस्थाओं को एक-दूसरे से जोड़ने वाली व्यवस्था है। ब्रेटन वुड्स व्यवस्था निश्चित विनिमय दरों पर आधारित होती थी। इस व्यवस्था में राष्ट्रीय मुद्राएँ, जैसे- भारतीय मुद्रा-रुपया-डॉलर के साथ एक निश्चित विनिमय दर में बँधा हुआ है। एक डॉलर के बदले में कितने रुपये प्राप्त होंगे, यह स्थिर रहता था। डॉलर का मूल्य भी सोने से बँधा हुआ था। एक डॉलर की कीमत 35 औंस सोने के बराबर निर्धारित की गई थी। प्रश्न 5. 2. पश्चिमी व्यावसायिक बैंकों का उदय: 3. बेरोजगारी की समस्या: 4. चीन में अल्प लागत अर्थव्यवस्था: मानचित्र सम्बन्धी प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. JAC Class 10 Social Science Important Questions |