त्रिभुज कितने प्रकार के होते हैं चित्र सहित? - tribhuj kitane prakaar ke hote hain chitr sahit?

त्रिभुजों के प्रकार

भुजाओं और कोणों के माप के आधार पर त्रिभुज का विभिन्न प्रकार से वर्गीकरण किया गया है-

भुजाओं (की लम्बाइयों) के आधार पर

समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle)

- एक समबाहु त्रिभुज में, सभी (तीनों) भुजाओं की लंबाई बराबर होती है। एक

समबाहु त्रिभुज, एक नियमित बहुभुज भी है जिसमें सभी (तीनों) कोण 60° के

होते हैं।

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle)

- यदि किसी त्रिभुज की कोई दो भुजाएं बराबर होती हैं तो वो समद्विबाहु

त्रिभुज कहलाता है। समद्विबाहु त्रिभुज के समान भुजाओं के आमने सामने के

कोण भी बराबर होते हैं। एक समद्विबाहु त्रिभुज में, किन्ही दो भुजाओं की

लंबाई बराबर होती है। एक समद्विबाहु त्रिभुज में एक ही माप के दो कोण भी

होते हैं, अर्थात् समान लंबाई की दोनों भुजाओं और तीसरी असमान भुजा के मध्य

बने कोण समान होते हैं; यह तथ्य समद्विबाहु त्रिभुज प्रमेय का है, जिसे

यूक्लिड द्वारा ज्ञात किया गया था। समद्विबाहु त्रिभुज में कम से कम दो

भुजाएँ समान होती हैं। अतः समबाहु त्रिभुज, समद्विबाहु भी होते हैं।

विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) - एक विषमबाहु त्रिभुज में, तीनों भुजाओं की लंबाई अलग अलग होती है। फलस्वरूप, इसके तीनों कोण भी अलग अलग होते हैं।

आन्तरिक कोणों की माप के आधार पर

समकोण त्रिभुज(Right-Angled Triangle)- समकोण त्रिभुज (जिसे एक आयताकार

त्रिभुज भी कहा जाता है) में आंतरिक कोणों में से एक 90° (समकोण) होता है।

ऐसे त्रिभुज में, समकोण के सामने की भुजा को कर्ण (hypotenuse) कहते हैं,

जो त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है। अन्य दो भुजाओं को त्रिभुज के पाद

(legs) या भुज (cathetus) कहा जाता है। समकोण त्रिभुज, पाइथागोरियन प्रमेय

का पालन करते हैं: दो भुजों (आधार और लम्ब) की लंबाई के वर्गों का योग,

कर्ण की लंबाई के वर्ग के बराबर होता है: , जहां a और b भुजों की लंबाई और c

कर्ण की लंबाई है। विशेष समकोण त्रिभुज, अतिरिक्त गुणों वाले समकोण

त्रिभुज होते हैं जो गणना को आसान बनाते हैं। दो सबसे प्रसिद्ध समकोण

त्रिभुजों में से एक 3-4-5 समकोण त्रिभुज है, जहां . इस स्थिति में, 3, 4, और 5 एक पाइथागोरियन युग्म है। दूसरा एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें दो कोण 45° के होते हैं।

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त्रिभुजों के के प्रकार का यूलर आरेख। समद्विबाहु त्रिभुज में कम से कम दो

भुजाएँ समान होती हैं। अतः समबाहु त्रिभुज, समद्विबाहु भी होते हैं।

न्यूनकोण त्रिभुज(Acute Triangle)- न्यूनकोण त्रिभुज में प्रत्येक आंतरिक कोण 90° से कम होता है। यदि c, त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा की लंबाई है, तो , जहां a और b, त्रिभुज की अन्य दो भुजाओं की लंबाई हैं।

अधिककोण त्रिभुज(Obtuse Triangle)- अधिककोण त्रिभुज में, कोई एक आंतरिक कोण 90° से अधिक होता है। यदि c, त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा की लंबाई है, तो , जहां a और b, त्रिभुज की अन्य दो भुजाओं की लंबाई हैं।

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समकोण त्रिभुज अधिककोण त्रिभुज न्यूनकोण त्रिभुज
परोक्ष

मूलभूत तथ्य

यूक्लिडियन तल में, त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग हमेशा 180 अंश होता है। यह तथ्य यूक्लिड

के समांतर स्वसिद्ध के समान है। यह किसी भी त्रिभुज के तीसरे कोण की माप

का निर्धारण करने की अनुमति देता है, जब त्रिभुज के अन्य दोनों कोणों की

माप ज्ञात हो। त्रिभुज का बहिष्कोण (Exterior Angle) वह कोण है जो एक

आंतरिक कोण के लिए, एक रैखिक कोण (और इसलिए पूरक) होता है, अर्थात त्रिभुज

की किसी भुजा को आगे बढ़ाने पर जो कोण बनता है, वह त्रिभुज का एक बहिष्कोण

होता है। त्रिभुज के बहिष्कोण की माप, अन्य दो आंतरिक कोणों की मापों के

बराबर होती है जो इससे संलग्न नहीं होते हैं; यह बहिष्कोण प्रमेय है। किसी

भी त्रिभुज के तीनों बहिष्कोणों (प्रत्येक शीर्ष के लिए एक) की मापों का

योग 360 अंश होता है।

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एक त्रिभुज, जिसमें d एक बहिष्कोण है।

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त्रिभुज के तीनों आंतरिक कोणों का योग हमेशा 180 अंश होता है। (समान रंग यह इंगित करता है कि वे कोण बराबर हैं)।

समरूपता और सर्वांगसमता

दो त्रिभुज समरूप

(Similiar) होते हैं यदि एक त्रिभुज के प्रत्येक कोण का मान, दूसरे

त्रिभुज के (तत्स्थानिक) कोणों के मान के बराबर होता है। समरूप त्रिभुजों

में तत्स्थानिक भुजाओं की लंबाइयाँ समान अनुपात में होती हैं, और यह गुण

त्रिभुजों में समरूपता स्थापित करने के लिए पर्याप्त है।

समरूप त्रिभुजों के बारे में कुछ मूल प्रमेय निम्न हैं:

  • यदि दो त्रिभुजों के आंतरिक कोणों का एक युग्म(जोड़ा), एक दूसरे के

    समान होता है, और एक और युग्म भी एक दूसरे के समान होता है, तो दोनों

    त्रिभुज समरूप होते हैं।

  • यदि दो त्रिभुजों की तत्स्थानिक भुजाओं का एक युग्म(जोड़ा), एक अन्य

    तत्स्थानिक भुजाओं के युग्म के समानुपाती होता है और उन भुजाओं के द्वारा

    निर्मित कोण भी समान होते हैं, तो दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं। (बहुभुज

    की किन्हीं दो भुजाओं द्वारा निर्मित कोण, उन दोनों भुजाओं के बीच का

    आंतरिक कोण होता है।)

  • यदि दो त्रिभुजों की तत्स्थानिक भुजाओं के तीनों युग्म समान अनुपात में होते हैं, तो दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं।

दो त्रिभुज सर्वांगसम

(Congruent) होते हैं, यदि उनकी आकृति और आकार बिल्कुल एक जैसे हों, दोनों

त्रिभुजों में आंतरिक कोण के सभी जोड़े माप में बराबर हों, और तीनों

तत्स्थानिक भुजाओं की लंबाई समान हो।

दो त्रिभुजों के सर्वांगसम होने के लिए, कुछ अलग-अलग आवश्यकताएँ और पर्याप्त स्थितियां निम्न हैं:

  • SAS (Side-Angle-Side) नियम: एक त्रिभुज में किन्हीं दो भुजाओं की

    लंबाई, दूसरे त्रिभुज में किन्हीं दो भुजाओं की लंबाई के बराबर होती है, और

    एक कोण की माप भी समान होती है।

इसी प्रकार, दो त्रिभुजों की सर्वांगसमता सिद्ध करने के लिए ASA नियम, SSS नियम, AAS नियम का प्रयोग किया जाता है।

समकोण त्रिभुज

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पाइथागोरियन प्रमेय

समकोण त्रिभुज

(जिसे एक आयताकार त्रिभुज भी कहा जाता है) में आंतरिक कोणों में से एक 90°

(समकोण) होता है। ऐसे त्रिभुज में, समकोण के सामने की भुजा को कर्ण कहते

हैं, जो त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है। अन्य दो भुजाओं को त्रिभुज के

पाद (legs) या भुज (cathetus) कहा जाता है। पाइथागोरियन प्रमेय

एक केंद्रीय प्रमेय है, जो कि किसी भी समकोण त्रिभुज में लागू हो सकती है:

कर्ण की लंबाई का वर्ग,अन्य दो भुजाओं की लंबाई के वर्गों के योग के बराबर

होता है। यदि कर्ण की लंबाई c, और भुजों की लंबाइयाँ a और b है, तो प्रमेय

के अनुसार-

अर्थात यदि त्रिभुज की भुजाओं की लम्बाई उपरोक्त समीकरण को संतुष्ट करती हैं, तो त्रिभुज में एक समकोण है जो भुजा c के सम्मुख है।

समकोण त्रिभुजों के बारे में कुछ अन्य तथ्य:

एक समकोण त्रिभुज के न्यूनकोण पूरक होते हैं।

यदि समकोण त्रिभुज के भुजों (कर्ण के अलावा अन्य दो भुजाएँ) की लंबाई

समान है, तो उन भुजों के विपरीत (या सम्मुख) कोण समान होते हैं। चूंकि ये

कोण पूरक होते हैं, अतः प्रत्येक कोण 45 अंश का होता है। पाइथागोरियन

प्रमेय द्वारा, कर्ण की लंबाई, एक भुज की लंबाई की √2 गुनी होती है।

30 और 60 अंश के न्यूनकोण वाले समकोण त्रिभुज में, कर्ण की लंबाई, छोटी

भुजा की लंबाई की दोगुनी होती है, और बड़ी भुजा की लंबाई छोटी भुजा की

लंबाई की √3 गुना होती है:

सभी त्रिभुजों के लिए कोण और भुजाएँ, ज्या(Sine) और कोज्या(Cosine) के नियमों द्वारा संबंधित हैं।

त्रिभुज का अस्तित्व

भुजाओं की शर्तें

त्रिभुज असमिका(Triangle

Inequality) बताती है कि त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं की लम्बाइयों का

योग, तीसरी भुजा की लंबाई से अधिक या बराबर होना चाहिए। केवल एक पतित

त्रिभुज में, किन्हीं दो भुजाओं की लम्बाइयों का योग, तीसरी भुजा की लंबाई

के बराबर होता है, जिसमें तीनों शीर्ष संरेखीय होते हैं। त्रिभुज की दो

भुजाओं की लम्बाइयों के योग का, तीसरी भुजा की लंबाई से कम होना संभव नहीं

है। तीन दी गईं सकारात्मक भुजाओं वाला त्रिभुज बनेगा यदि वे भुजाएँ, त्रिभुज असमिका को संतुष्ट करती हैं।

कोणों पर शर्तें

तीन दिए गए कोण एक अपतित त्रिभुज बनाते हैं यदि वे इन दोनों शर्तों का

पालन करते हैं: (a) कोणों में से प्रत्येक सकारात्मक हो, और (b) कोणों का

योग 180° के बराबर है। पतित त्रिभुजों के लिए कोण 0° का हो सकता है।

त्रिकोणमितीय शर्तें

तीन सकारात्मक(Positive) कोण α, β, और γ (इनमें से प्रत्येक 180° से कम

है), एक त्रिभुज के कोण होंगे यदि वे निम्न शर्तों में से किसी एक का पालन

करें:

अंतिम समानता केवल तभी लागू होती है जब कोणों में से कोई भी 90° का न हो (इसलिए स्पर्शज्या फलन का मान हमेशा सीमित होता है)।

Teerbuj.ketn. Prkar. Hota. Hi

Teerbuj. Kena. Prkar. Hotaa. Haa

Corona kab khatam hoga ..

2 sman smkon triangle Lmn ttha triangle Opq ki uchai kramsh 48 cm. 36 cm. Hae ydi op ka man 12cm. Hae to Mn ka man btaiy

त्रिभुज कितने प्रकार के होते हैं चित्र सहित समझाइए?

त्रिभुज कितने प्रकार के होते हैं.
भुजाओं (की लम्बाइयों) के आधार पर.
समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle).
समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle).
विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle) -.
आन्तरिक कोणों की माप के आधार पर.
समकोण त्रिभुज(Right-Angled Triangle).
न्यूनकोण त्रिभुज(Acute Triangle).
अधिककोण त्रिभुज(Obtuse Triangle).

त्रिभुज कितने प्रकार के होते हैं उनका नाम बताइए?

न्यूनकोण त्रिभुज: वह त्रिभुज जिसमें प्रत्येक कोण 90 डिग्री से कम होता है। समकोण त्रिभुज: एक कोण 90 डिग्री शेष दोनों कोण एक दूसरे के पूरक होते हैं। अधिककोण त्रिभुज: कोई भी एक कोण 90 डिग्री से अधिक का होता है। विषमबाहु त्रिभुज: सभी भुजाएं आपस में असमान होती हैं

त्रिभुज कितने प्रकार के होते हैं और उनकी परिभाषा PDF?

कोण के आधार पर भी त्रिभुज 3 प्रकार के होते हैं। न्यूनकोण त्रिभुज (Acute angle): जिस त्रिभुज का प्रत्येक आंतरिक कोण 90° से कम होता हैं, उसे न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं। समकोण त्रिभुज (Right angle triangle): जिस त्रिभुज का कोई एक आंतरिक कोण 90° (समकोण) होता है, उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं

कौन के आधार पर त्रिभुज किस प्रकार के होते हैं?

(i) भुजाओं के आधार पर : विषमबाहु, समद्विबाहु तथा समबाहु त्रिभुज । (ii) कोणों के आधार पर : न्यून कोण, अधिक कोण तथा समकोण त्रिभुज