शिक्षण के उद्देश्य | aims of teaching in hindi | शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण | शिक्षण के लक्ष्य – दोस्तों सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में शिक्षण कौशल 10 अंक का पूछा जाता है। शिक्षण कौशल के अंतर्गत ही एक विषय शामिल है जिसका नाम शिक्षण अधिगम के सिद्धांत है। यह विषय बीटीसी बीएड में भी शामिल है। आज हम इसी विषय के समस्त टॉपिक को पढ़ेगे। बीटीसी, बीएड,यूपीटेट, सुपरटेट की परीक्षाओं में इस टॉपिक से जरूर प्रश्न आता है। जिसमें आज हम एक टॉपिक aims of teaching in hindi | शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण | शिक्षण के लक्ष्य पढ़ेगे । Show
अतः इसकी महत्ता को देखते हुए hindiamrit.com आपके लिए शिक्षण के उद्देश्य | aims of teaching in hindi | शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण | शिक्षण के लक्ष्य लेकर आया है। Contents
शिक्षण के उद्देश्य | aims of teaching in hindi | शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण | शिक्षण के लक्ष्यशिक्षण के उद्देश्य | aims of teaching in hindi | शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण | शिक्षण के लक्ष्यTags – Texonomy of Educational Objectives,शिक्षण के उद्देश्य, aims of teaching,शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण,शिक्षण के लक्ष्य,भावात्मक पक्ष में शैक्षिक उद्देश्य, ज्ञानात्मक पक्ष में शैक्षिक उद्देश्य, मनोगत्यात्मक पक्ष में शैक्षिक उद्देश्य,शिक्षण के लक्ष्य,शिक्षण के विभिन्न उद्देश्य,Different Aims of Teaching,gerenal Aims of Teaching,specefic Aims of Teaching,aims of teaching,शैक्षिक उद्देश्यों का वर्गीकरण,शिक्षण के लक्ष्य, शिक्षण के लक्ष्य (Aims of Teaching)किसी भी देश की उन्नति और अवनति वहाँ की शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करती है। क्योंकि देश के द्वारा ही देश के भावी नागरिकों का निर्माण होता है और इन नागरिकों के कन्धे पर देश का भार होता है अर्थात् ये नागरिक ही देश का निर्माण करते हैं । सभी देश अपनी परिस्थितियों एवं आवश्यकतानुसार नागरिकों का निर्माण करते हैं । देश की जैसी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक समस्याएँ हाती हैं उसी के अनुसार वहाँ की शिक्षा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और जैसा शिक्षा का लक्ष्य होता है उसी के अनुसार शिक्षण के लक्ष्यों की व्यवस्था होती है। अतः स्पष्ट है कि शिक्षा की व्यवस्था शिक्षा के लक्ष्यों के अनुसार होती है। ये भी पढ़ें- शिक्षा और समाज का सम्बंध | शिक्षा के प्रभावी कारक | relation between education and society in hindi शिक्षण के उद्देश्य शिक्षण के उद्देश्य क्यों नियोजित होनी चाहिए यह उपरोक्त रेखाचित्र से स्पष्ट है अब इनकी आवश्यकता पर प्रकाश डालेंगे। शिक्षण के उद्देश्य के निर्धारण की आवश्यकताजब हम कोई छोटा-सा भी कार्य करते हैं तो पहले उसकी योजना बनाते हैं यह योजना लक्ष्य को सामने रखकर बनायी जाती है । जब तक लक्ष्य सामने नहीं होता है तब तक योजना सफल नहीं होती है और योजना के अभाव में कार्य सम्पादित हो पाना बहुत कठिन है । अत: जिस प्रकार किसी कार्य को करने से पहले उसका लक्ष्य निर्धारित किया जाता है वैसे ही शिक्षण से पूर्व इसका लक्ष्य निर्धारित करना आवश्यक है । शिक्षण कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व उसके लिए निश्चित स्थान, साधन, सहायक सामग्री आदि की व्यवस्था होनी चाहिए । यह सम्पूर्ण व्यवस्था विशिष्ट व सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति हेतु होती है। यदि उद्देश्य स्पष्ट नहीं है तो शिक्षण की योजना सफल एवं उत्तम नहीं हो सकती। कोई भी देश या समाज अपनी शिक्षा के प्रशासनिक सफलता के विकास में सोचता है और कोई भी विद्यालय अपनी शिक्षण व्यवस्था के बारे में । कोई अध्यापक अपनी शिक्षण सफलता के विषय में जब भी सोचना चाहेगा तो उसके सामने कसौटी के रूप में शिक्षण के लक्ष्य ही होंगे और जब कोई अध्यापक अपने शिक्षण की सफलता और शिक्षण के विभिन्न उद्देश्य (Different Aims of Teaching)शिक्षा के उद्देश्यों से ही शिक्षण के उद्देश्यों का निर्माण होता है । जिस प्रकार शिक्षा के उद्देश्य परिवर्तनशील हैं वैसे ही शिक्षण के भी उद्देश्य परिवर्तनशील हैं । शिक्षण के उद्देश्यों के विषय में सभी विद्वानों में मतभेद हैं। क्योंकि सभी विद्वानों के दार्शनिक दृष्टिकोण भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ दार्शनिकों के विचार निम्नवत् हैं- 1. आदर्शवादी विचारधारा आदर्शवादी विचारधारा वाले दार्शनिक शिक्षण का ये भी पढ़ें- शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषाएं | शिक्षा का महत्व | meaning and definition of education in hindi 2. हरबर्ट और जॉन लॉक (Herbert and John lock) हरबर्ट और जॉन लॉक ने शिक्षा का उद्देश्य बालक का नैतिक एवं चारित्रिक विकास करना ही स्वीकार किया है। 3. स्पेन्सर (Spenser) के अनुसार स्पेन्सर एक ऐसे शिक्षाशास्त्री हैं जो ‘सम्पूर्ण जीवन’ (Complete living) को ही शिक्षा मानते हैं अर्थात् मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक जो भी सीखता है वह शिक्षा है तथा उसे परिपक्व करना ही शिक्षण का उद्देश्य है। 4. नन (Mann) के अनुसार—’नन’ का मानना है कि शिक्षा का उद्देश्य बालक व व्यक्ति का विकास होना चाहिए (Individual development)। इसके विषय में ‘नन’ ने लिखा है- 5. जॉन ड्यूवी (John Dewey) के अनुसार-जॉन ड्यूवी का मानना है कि शिक्षण का उद्देश्य बालक का सामाजिक कल्याण (Social Walfare), सामाजिक सेवा (Social Service) और अच्छी नागरिकता (Good Citizenship) के गुण पैदा करना है।” शिक्षण के उद्देश्य के प्रकार | शैक्षिक उद्देश्य के प्रकारकक्षा शिक्षण के आधार पर शिक्षण उद्देश्य कक्षा शिक्षण के आधार पर शिक्षण उद्देश्यों को दो भागों में बाँटा जा सकता है- शिक्षण के सामान्य उद्देश्य (General Aims of Teaching)सामान्य उद्देश्य का अभिप्राय शिक्षक के द्वारा बालक में शिक्षा प्रक्रिया अर्थात् शिक्षा काल में धीरे-धीरे उन गुणों का विकास किया जाता है । जिससे उसमें उपर्युक्त सामाजिकता एवं नागरिकता का विकास हो सके। ये उद्देश्य निम्न हैं- (1) बालक को उसके जीवन से सम्बन्धित उपयोगी ज्ञान प्रदान करना । (2) शिक्षण का उद्देश्य बालकों को सीखने के लिए प्रेरित करना क्यों कि छात्रों के प्रेरित न होने पर शिक्षण अधिगम उपयुक्त नहीं होगा। (3) बालक की मानसिक शक्तियों का विकास करना। (4) बालकों में पायी जाने वाली पाशविक प्रवृत्तियों में सुधार करना तथा मानवीय गुणों का विकास करना। (5) बालकों में क्रियाशीलता का विकास करना तथा उन्हें क्रिया करने का अवसर प्रदान करना। (6) बालकों में संवेदनशीलता का विकास करना । (7) बालकों को प्राप्त सैद्धान्तिक ज्ञान को व्यवहारिक रूप में प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना। (8) बालकों में वातावरण के प्रति समायोजन (Adjustment with environment) की क्षमता प्रदान करना । (9) बालकों में आत्मविश्वास तथा आत्मानुभूति करने के योग्य बनाना । ये भी पढ़ें- वक्रोक्ति अलंकार किसे कहते हैं - परिभाषा,उदाहरण | वक्रोक्ति अलंकार के प्रकार | vakrokti alankar in hindi (10) बालकों में सृजनात्मक क्षमता का विकास करना तथा सृजनात्मक कार्य के लिए प्रेरित करना। (11) बालकों का मार्ग प्रकटीकरण करना तथा उपयुक्त एवं उपयोगी राह का अनुकरण करने की क्षमता का विकास करना । (12) बालकों में आत्माभिव्यक्ति का विकास करना जिससे वे अपने अनुभवएवं विचारों को दूसरे के समक्ष प्रस्तुत करने में समर्थ हों। (13) छात्रों की क्रियात्मक पहलू का विकास करना । शिक्षण के विशिष्ट उद्देश्य (Specific Aims of Teaching)विशिष्ट उद्देश्य वे उद्देश्य होते हैं जिन्हें अध्यापक कक्षा में निश्चित समय तथा निश्चित बच्चों को निश्चित ज्ञान प्रदान करता है अर्थात् शिक्षक द्वारा 30 मिनट के कालांश में छात्रों को जो विषय से सम्बन्धित ज्ञान प्रदान किया जाता है वह विशिष्ट उद्देश्य कहलाता है । जैसे शिक्षक कक्षा में ‘राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी’ पाठ पढ़ा रहे हैं तो शिक्षक को महात्मा गाँधी के विषय में जानकारी देना विशिष्ट उद्देश्य कहलायेगा। ब्लूम के अनुसार शिक्षण उद्देश्य (Aims of Teaching according Bloom)ब्लूम ने शिक्षण उद्देश्यों का विभाज्य करते हुए तीन भागों में विभाजित किया है ज्ञानात्मक, भावात्मक, तथा क्रियात्मक । शिक्षा में इनके उद्देश्यों का व्यापक क्षेत्र हो जाता है तथा शिक्षण में इन्हीं उद्देश्यों का प्रचलन वर्तमान में हो रहा है। आपने उद्देश्यों के निर्माण हेतु निम्न सुझाव दिये हैं- शैक्षिक उद्देश्यों का निर्धारण क्यों आवश्यक है?सामान्यत: शैक्षिक उद्देश्यों का निर्धारण समाज द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति तथा समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। समाज का आर्थिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक और क्या है तथा इसकी आवश्यकताएं किस प्रकार की है, यह बातें शैक्षिक उद्देश्यों के निर्धारण के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।
शैक्षिक उद्देश्यों से आप क्या समझते हैं?शैक्षिक उद्देश्य – वे व्यावहारिक परिवर्तन जो छात्रों में पूर्व नियोजित शिक्षण क्रियाओं के द्वारा विकसित किए जाते हैं शैक्षिक उद्देश्य के अंतर्गत आते हैं। इनका स्वरूप विस्तृत तथा प्राकृतिक दार्शनिक होती है। शिक्षण उद्देश्य – यह छात्रों के व्यवहारिक ज्ञान में किए गए बदलाव से संबंध रखता है।
उद्देश्यों के निर्धारक कौन हैं?उद्देश्यों का निर्माण शिक्षक स्वयं शिक्षा उद्देश्यों के आधार पर करता है, जबकि लक्ष्यों का निर्धारण सम्पूर्ण समाज, समाज की परम्परायें एवं देश तथा उसका चिन्तन करता है। 4. उद्देश्य संकीर्णता के कारण अधिक विशिष्ट व सुनिश्चित होते हैं, जबकि लक्ष्यों में व्यापकता होने के कारण निश्चितता की कमी पायी जाती है। 5.
शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य कौन कौन से हैं?शिक्षा के उद्देश्य. मानव आत्मा का पोषण. जीवन के मूल्यों को प्राप्ति. पूर्णता: की प्राप्ति. मानसिक तथा अध्यात्मिक विकास. आचरण तथा नैतिक चरित्र का विकास. सन्तुलित यक्तित्व का विकास. उचित विकास तथा मुल्यांकन की प्राप्ति. आत्म सुरक्षा की तैयारी. |