शनिदेव का व्रत करने से क्या लाभ मिलता है? - shanidev ka vrat karane se kya laabh milata hai?

जानिए शनिवार व्रत के बारे में पूरी जानकारी और विधि

जैसा कि आपको पता ही है कि हिन्दू धर्म में शनि और राहु ग्रह की शांति के लिए शनिवार दिन के दिन बहुत सारे लोग व्रत रखते है। वहीं ज्योतिषों के अनुसार अग्नि पुराण के अनुसार मूल नक्षत्र युक्त शनिवार से आरंभ करके सात लगातार शनिवार के व्रत करने से शनि ग्रह से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है। तो आज एक बार फिर हम आपके लिए लेकर व्रत की पूरी जानकारी और आज का टॉपिक शनिवार व्रत के ऊपर है।

ये है शनिवार व्रत के लाभ

बता दें कि शनिवार के दिन अगर आप भी व्रत करते है तो शनि ग्रह का दोष समाप्त हो जाता है और साथ ही आगे भविष्य के प्रकोप से भी बचा जा सकता है अगर आप शनि ग्रह से ग्रसित है तो। बाकी व्रतों की भांति ही शनिवार के दिन व्रत रखने से घर में सुख आता है और शांति रहती है। इसके अलावा रोग निकट नहीं आते है।

क्या है शनिवार व्रत विधि

अब हम बात करेंगे शनिवार व्रत की विधि की। आपने ऊपर पढ़ लिया होगा कि आखिर शनिवार के दिन व्रत क्यों रखा जाता है और क्या लाभ मिलते है। अब बात करते है इसकी विधि के बारे में। तो शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद तिल और लौंग युक्त जल पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए, ऐसा करना बहुत लाभदायक माना जाता है। बता दें कि जब जल चढ़ाते है उस समय भक्त को शनिदेव और हनुमान जी का नाम लेना चाहिए। फिर शनिदेव की मूर्ति के पास बैठना चाहिए। अगर मूर्ति नहीं है तो तस्वीर भी लगा सकते है।

इसके बाद ज्योतिष यह कहते है कि पूजा अर्चना होने के बाद भक्तों को काला कपड़ा या काली वस्तु भिक्षु को दान करनी चाहिए। इसके अलावा जो लोग शनिवार को व्रत रखते है उन्हें रात में खाना खाते समय “शं शनैश्चराय नम” का जाप करना चाहिए, ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते है। जबकि व्रत के समाप्ति के दिन भक्तों को शनिदेव के नाम हवन करते हुए कथा का वाचन करना चाहिए।

आप शनिवार व्रत पर शनिदेव को लगा सकते है ये भोग

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भगवान शनिदेव को काली वस्तुओं से बहुत लगाव है इस कारण उन्हें काली वस्तुएं चढ़ानी चाहिए। इसमें आप काले तिल, उड़द की दाल आदि का भोग चढ़ा सकते है जो बहुत लाभदायक माने जाते है। तो उम्मीद करते है कि आपको शनिवार व्रत के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल गयी होगी।
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शनि देव (Shani Dev) की आराधना के लिए सबसे अच्छा दिन शनिवार माना जाता है. कहते हैं शनि की जिस पर भी वक्री दृष्टि होती है उसके जीवन में कई सारी समस्याएं आती हैं. वहीं यदि शनि देव जातक पर प्रसन्न रहें तो उसे रंक से राजा भी बना सकते हैं. हिंदू धर्म में नौ ग्रहों में शनि भी एक ग्रह है जो जातक को उसके कर्म के अनुसार फल देने के लिए जाना जाता है. अगर किसी व्यक्ति का कर्म अच्छा है तो उसे निश्चित तौर पर अच्छा फल मिलेगा. वहीं अगर उसके कर्म खराब हैं तो शनिदेव उसे उसके कर्मों की सजा देते हैं.

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए भोपाल के रहने वाले ज्योतिष पंडित हितेन्द्र कुमार शर्मा ने शनिवार के दिन 5 उपाय (Shanivar ke Upay) करने व उन 5 उपायों से मिलने वाले 5 फायदे के बारे में बताया है. आइए जानते हैं.

शनिवार के दिन करें ये 5 काम
1. शनिवार का व्रत करें
2. छाया का दान करें
3. विभूति, लाल चंदन या भस्म लगाएं
4. सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करें
5. शमी के वृक्ष पर जल अर्पित करें

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1. जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि सातवें अथवा ग्यारहवें भाव में हैं या फिर मकर, कुंभ या तुला में है तो कोई बात नहीं लेकिन इसके अलावा कोई और भाव में शनि है तो जातक के लिए शनिवार का उपवास करना शुभ माना जाता है. लगातार शनिवार का व्रत करने से व्यक्ति के पाप कम होते हैं साथ ही नीच का शनि पीड़ा नहीं देता.

2. यदि किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है या फिर शनि नीच का होकर कष्ट दे रहा है तो उस व्यक्ति को छाया का दान करना चाहिए.

3. गुरु का साथ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को विभूति, लाल चंदन या भस्म लगाना चाहिए. जब गुरु का साथ मिलता है तो शनि के अच्छे फल मिलना प्रारंभ हो जाता है. किसी भी कार्य में कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं होती और सारे काम आसानी से सफल हो जाते हैं.

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4. यदि किसी जातक की कुंडली में पितृदोष का प्रभाव है तो उस व्यक्ति को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. इसके अलावा हर शनिवार व्रत रखते हुए सुंदर कांड या फिर बजरंग बाण का पाठ जरूर करें.

5. शमी के वृक्ष को साक्षात शनि देव मानकर उसमें जल अर्पित करना चाहिए. शमी के पेड़ में जल चढ़ाने या फिर उसकी देखरेख करने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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Tags: Dharma Aastha, Religion, Shanidev

FIRST PUBLISHED : May 07, 2022, 09:00 IST

शनिवार का व्रत करने से क्या फल मिलता है?

लगातार शनिवार का व्रत करने से व्यक्ति के पाप कम होते हैं साथ ही नीच का शनि पीड़ा नहीं देता. 2. यदि किसी जातक की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है या फिर शनि नीच का होकर कष्ट दे रहा है तो उस व्यक्ति को छाया का दान करना चाहिए.

शनिदेव का व्रत कौन कौन रख सकता है?

हिन्दू धर्म में सप्ताह के सात दिन किसी ने किसी देवता को समर्पित होते है। इस प्रकार शनिवार का दिन भी हिन्दू धर्म में महत्व रखता है। शनिवार का दिन भगवान शनिदेव और भगवान हनुमान को समर्पित होता है। यह व्रत पुरूष और महिलाओं द्वारा किया जाता हैं।

शनिवार को पूजा करने से क्या लाभ होता है?

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की विधि- विधान से पूजा करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। एक तरफ जहां शनि देव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं शनि के शुभ प्रभावों से व्यक्ति को जीवन में सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।

शनि देव के कितने व्रत रखे जाते हैं?

शनिवार के व्रत 7, 11, 21, 51 करने चाहिए और इसके बाद व्रत का उद्यापन कर देना चाहिए. व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शनिवार से कर सकते हैं. लेकिन श्रावण मास में इसे शुरू करना अत्यंत शुभ माना जाता है.