पति पत्नी के लिए क्या करते हैं? - pati patnee ke lie kya karate hain?

जब दो लोग साथ जुड़ते हैं, तब दो अलग-अलग जीवन धीरे-धीरे एक होने लगते हैं। दो लोगों को अब केवल स्वयं के बारे में न सोचते हुए एक-दूसरे के लिए जीना होता है। कोई भी काम अपने पार्टनर की खुशी को भी ध्यान रखकर करना होता है।

आइए, जानें एक आदर्श पति-पत्नी के रिश्ते में क्या खूबियां होती हैं :

1. एक-दूसरे के प्रति सम्मान :
आपका साथी आपसे किसी भी मामले में चाहे वह शिक्षा हो, उसकी आर्थिक स्थिति हो या कोई काम उसे नहीं आता हो अथवा किसी गुण में ही वो आपसे कम क्यों न हो, फिर भी आप उसकी दूसरी अच्छी बातों के लिए उसका सम्मान करते हो। आपके लिए अपने साथी के सम्मान के लिए केवल इतना ही काफी हो कि उनका ओहदा आपके जीवन में बहुत पवित्र और बड़ा है, आपके जीवनसाथी होने का ओहदा।

2. एक-दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम भाव हो :

अपने साथी के रंग-रूप व बाहरी आवरण पर अधिक ध्यान न देते
हुए जब आप उनकी आंतरिक सुंदरता की कद्र करें। निःस्वार्थ रूप से उनसे प्रेम बनाए रखने की कोशिश करते हो तब आपका रिश्ता एक आदर्श है।

पति पत्नी के लिए क्या करते हैं? - pati patnee ke lie kya karate hain?

3. अपने स्वार्थ से पहले अपने साथी की इच्छाओं को महत्व देना :

एक आदर्श रिश्ता वह है जब आप अपनी कोई भी जरूरत अपने साथी की सहमति से ही पूरी करते हों। जब आप अपने स्वार्थ से पहले अपने साथी की इच्छाओं को महत्व देते हो। आपके रिश्ते में सब्र का होना एक आदर्श रिश्ते की पहचान है।

4. एक-दूसरे पर इल्ज़ाम न लगाना :

चाहे कठिन से कठिन परिस्थिति हो आप किसी भी छोटी या बड़ी गलती होने पर अपने साथी पर पूरा दोष नहीं मढ़ते हो और खुद भी उस स्थिति के लिए अपनी जिम्मेदारी लेते हो। जब आप खुद भी ये सोचते हो कि कहां आपसे कोई कमी कर गई अथवा गलती हुई है और उसे सुधारने की पहल करते हो तब आपका रिश्ता आदर्श है।

पति पत्नी के लिए क्या करते हैं? - pati patnee ke lie kya karate hain?

5. एक-दूसरे की अलग सोच का भी आदर करना व उसे अपनाने की कोशिश करना :

एक आदर्श पति-पत्नी के रिश्ते में साथी एक-दूसरे की सोच का अनादर नहीं करते, ना ही पति अपने पति होने के कारण अपनी पत्नी पर अपनी इच्छाएं थोपते हैं। वे अपनी पत्नी को अपने बराबरी पर रखते हैं और अपनी पत्नी को उनकी सोच के आधार पर व्यवहार करने की छूट देते हुए उनका साथ देते हैं।

6. सहयोग के भाव :

एक आदर्श पति-पत्नी किसी भी काम का बोझ सिर्फ अपने साथी पर नहीं डालते। वे एक-दूसरे के हर काम में सहयोग करते हुए जीवन-यापन करते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवानी अवस्थी Updated Sat, 15 Jan 2022 04:00 PM IST

शादी एक ऐसा बंधन है, जिसमें लड़का-लड़की एक दूसरे के साथ अग्नि को साक्षी मान कर सात जन्म तक साथ निभाने का वचन देते हैं। शादी के बंधन में दो व्यक्ति ही नही बंधते, बल्कि उनके परिवारों के भी रिश्ते एक दूसरे के साथ बंध जाते हैं। उनकी आदतें, उनका स्वभाव, उनकी खुशी ,उनका दुःख दर्द सब एक दूसरे के साथ बंध जाता हैं। दोनों के लिए एक नए जीवन की शुरुआत होती है। शादी के बाद पति और पत्नी दोनों की ही जिम्मेदारी हो जाती है कि एक दूसरे की खुशी का ध्यान दें। अब उन्हें अकेले के लिए न सोचते हुए दोनों के लिए सोचना होता है। अगर पति की आदतों में पत्नी अपनी खुशी और पत्नी की आदतों में पति अपनी खुशी खोज ले तो लाइफ में कोई टेंशन नहीं होती। शादी ब्याह का बंधन पूरा एक विश्वास के धागे पर टिका होता है। पति पत्नी दोनों को चाहिए कि वो अपने पार्टनर के साथ हमेशा विश्वास बनाए रखें। आइए, जानें की एक आदर्श पति और पत्नी के रिश्ते में क्या गुण होने चाहिए। 

एक दूसरे का सम्मान करें

सम्मान किसे नहीं पसंद होता है? जब पति पत्नी के रिश्ते की बात हो तो ये सम्मान एक दूसरे के लिए और ज्यादा होना चाहिए। आपका पार्टनर चाहे रुपये, पढ़ाई लिखाई ,गुण या फिर नौकरी में भले आपसे कम हो, उसके बाद भी आप उनकी अच्छी बातों के लिए उनका सम्मान करिए। आप एक दूसरे के लाइफ पार्टनर है यही काफी है। इसलिए एक आदर्श पति पत्नि के रिश्ते में एक दूसरे के लिए सम्मान होना चाहिए।

पार्टनर से करें प्रेम

पति-पत्नी के रिश्ते में सबसे जरूरी होता है एक दूसरे को प्यार करना। आप अपने पार्टनर के बाहरी रंग- रूप को ध्यान न देते हुए उसकी आंतरिक सुंदरता से प्रेम करें। जब आप अपने पार्टनर को बिना किसी स्वार्थ के प्यार करेंगे तभी आपका रिश्ता एक आदर्श रिश्ता बनेगा।

पार्टनर की इच्छाओं को दें महत्व

पति-पत्नी को चाहिए कि वो एक दूसरे की इच्छाओं की हमेशा कद्र करें। अगर आप कोई भी काम करने जा रहें है तो अपने पार्टनर की रजामंदी जरूर लें। पति पत्नी के रिश्ते में सब्र का होना बहुत जरूरी है।

गलतियों को नजरअंदाज करें

गलती चाहें कितनी भी बड़ी क्यों न हो? कठिन परिस्थिति में भी आप अपने पार्टनर को दोष न देकर उसके साथ खड़े होते हैं तो आप एक आदेश पार्टनर हैं। उस समय खुद को रख कर देखें यदि वो गलती आपसे होती तो आप क्या करते ? अपने पार्टनर से क्या अपेक्षा रखते? पार्टनर की गलती को माफ करके उसे सुधारने की पहल करें।