प्रति व्यक्ति आय में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है? - prati vyakti aay mein bhaarat ka vishv mein kaun sa sthaan hai?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के व्यय घटकों के संगत अनुमानों के साथ स्थिर (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय आय का दूसरा अग्रिम अनुमान और तिमाही अक्टूबर-दिसंबर, 2021 (तीसरी तिमारी 2021-22) के लिए तिमाही जीडीपी अनुमान 28.02.2022 को जारी किया जाएगा।

Show

हालांकि, स्थिर मूल्य पर शुद्ध राष्ट्रीय आय (एनएनआई) के आधार पर प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2021-22 में इससे पिछले वर्ष के मुकाबले 7.5 प्रतिशत बढ़ी।

कोविड-19 महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां बाधित हुईं थीं। इस कारण स्थिर कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 94,270 रुपये से घटकर 2020-21 में 85,110 रुपये रह गई।

मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति आय 2020-21 में घटकर 1.27 लाख करोड़ रुपये पर आ गई थी जो 2019-20 में 1.32 लाख करोड़ रुपये थी।

कोई भी देश अमीर है या गरीबा इस बात का पता प्रति व्यक्ति आय दर की गणना कर के लगाया जा सकता है. विश्व भर में प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से कतर दुनिया में सबसे अमीर देश है. इस देश में प्रति व्यक्ति आय 1,24,930 डॉलर है. पहले वर्ल्ड वार और ऑटोमन साम्राज्य के पतन के बाद कतर 1916 में एक ब्रिटिश संरक्षक के रूप में था, आखिर में साल 1971 में कतर को एक संप्रभु राष्ट्र का दर्जा दिया गया. छोटे से इस प्रायद्वीपीय देश में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार है. इसे व्यापक तौर से ऊर्जा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है. तीन तरफ से परसियन गल्फ से और दक्षिण में सऊदी अरब से घिरा हुआ कतर इन दिनों अपने पड़ोसी देशों के साथ गतिरोध झेल रहा है. आइए जानतें हैं दुनिया भर में वो कौन से 15 देश हैं जो सबसे ज्यादा अमीर हैं.

निजी संपत्ति के साथ भारतीयों की औसत प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा हो रहा है और वह दुनिया में एक पायदान चढ़कर 126वें स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुताबिक भले ही भारत एक पायदान ऊपर चढ़ा हो, लेकिन रकम के मामले में यह 600 डॉलर से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्शाता है। मुद्राकोष की सूची में खनिज तेल सम्पन्न कतर शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। यह रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अक्टूबर 2017 की क्रय शक्ति समानता पर आधारित आंकड़ों पर की गई है। सूची में ज्यादातर तेल संपन्न और मजबूत बैंकिंग सिस्टम वाले देश शीर्ष में शामिल हैं।  अभी भारत में प्रति व्यक्ति आय 1,947 डॉलर है जो कि बांग्लादेश से 280 डॉलर कम है. बांग्लादेश के कैबिनेट सचिव ने कहा, ''2020-21 वित्तीय वर्ष में बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति 2,227 डॉलर है लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में प्रति व्यक्ति आय 2,064 थी. मतलब नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है.'' (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); जीडीपी के लिहाज से चीन का स्थान अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है। हालांकि, प्रति व्यक्ति आय के मामले में चीन 65वें स्थान पर है। 2019 में चीन में प्रति व्यक्ति आय 10,098 डॉलर (करीब 7.71 लाख रुपए) रही। चीन में पिछले 10 साल में प्रति व्यक्ति आय में 163% की बढ़ोतरी हुई है। 2009 में वहां यह आंकड़ा 3832 डॉलर (2.92 लाख रुपए) थी।2024 तक 2.45 लाख तक हो सकता है आंकड़ाआइएमएफ के अनुमान के मुताबिक 2019 तक भारत की अर्थव्यवस्था जिस तेजी से आगे बढ़ी है अगर वह बरकरार रहती है तो 2024 तक भारत में प्रति व्यक्ति आय 3209 डॉलर (करीब 2.45 लाख रुपए) तक पहुंच सकती है। कुछ महीनों से जारी आर्थिक सुस्ती और कोरोना की महामारी से फिलहाल यह लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल हो सकता है। प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) किसी देश, राज्य, नगर, या अन्य क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की औसत आय होती है। इसका अनुमान उस क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों की आय के जोड़ को क्षेत्र की कुल जनसंख्या से विभाजित कर के लगाया जाता है। प्रति व्यक्ति आय विभिन्न देशों के अलग-अलग जीवन स्तर का एक महत्वपूर्ण सूचकांक होती है। यह मानव विकास सूचकांक में सम्मिलित तीन संख्याओं में से एक है। अनौपचारिक बोलचाल में प्रति व्यक्ति आय को औसत आय (average income) भी कहा जाता है और आमतौर पर अगर एक राष्ट्र की औसत आय किसी दूसरे राष्ट्र से अधिक हो, तो पहला राष्ट्र दूसरे से अधिक समृद्ध और सम्पन्न माना जाता है।[1]कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएँ वार्षिक रूप से विश्वभर के देशों की प्रति व्यक्ति आय की सूचियाँ बनाती हैं। यह सूचियाँ दो आधारों पर बनाई जाती हैं:[2]अभारित सूची (Nominal) - यह सरल सूचियाँ सीधे कमाई जाने वाली मुद्रा में आय को लेकर अभारित रूप से (यानि बिना किसी फेर-बदल के) बनाई जाती है और अधिकतर इन्हीं सूचियों का प्रयोग होता है।क्रय-शक्ति समता पर आधारित सूची (PPP) - यह सूचिया क्रय-शक्ति समता के आधार पर बनती हैं और इनसे यह अंदाज़ा लगाया जाता है कि किसी क्षेत्र में लोग अपनी आय से कितना खरीद सकते हैं, जो भिन्न माल और सेवाओं की स्थानीय कीमतों पर निर्भर करता है।संपत्ति के मापन में प्रति व्यक्ति आय[संपादित करें]

प्रति व्यक्ति आय का उपयोग किसी एक देश के लोगों की संपत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया जाता है, किसी अन्य देश की तुलना में। आमतौर पर यह किसी सर्वमान्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा जैसे यूरो या डॉलर में मापा जाता है। लेकिन इस मापन प्रणाली में एक खोट भी है। वह यह की यह किसी देश की केवल मौद्रिक संपति को ही उस देश के लोगों में बाँटता है और अन्य आर्थिक गतिविधियों को माप में नहीं लेता। हो सकता है की किसी देश विशेष की प्रति व्यक्ति आय मौद्रिक संदर्भ में तो कम हो लेकिन उस देश में होने वाली आर्थिक गतिविधियों का मौद्रिक मुल्य कहीं अधिक हो। इसलिए इसे किसी देश के विकास का एकमात्र पैमाना माना जा सकता।

प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है?

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में भारत में प्रति व्यक्ति आय 1485 डॉलर (1.13 लाख रुपए) थी। 2019 में यह बढ़कर 2171 डॉलर (1.65 लाख डॉलर) हो गई। हालांकि, इसके बावजूद भारत इस मामले में दुनिया में 139वें स्थान पर है।

विश्व का सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला देश कौन है?

कतर और लिकटेंस्टीन दुनिया का सबसे धनी देश है. जहां के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय दुनिया में सबसे ज्यादा है. नॉमिनल जीडीपी के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला स्थान है.

आय की दृष्टि से भारत का कौन सा स्थान है?

प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद आय स्तरों की अधिक यथार्थवादी तुलना प्रदान करता है क्योंकि यह किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद को उस देश की जनसंख्या से विभाजित करता है। भारत में प्रति व्यक्ति आय बहुत कम बनी हुई है, वर्ष 2021 में प्रति व्यक्ति आय के मामले में भारत 190 देशों में से 122वें स्थान पर है।

प्रति व्यक्ति आय में कौन सा देश प्रथम स्थान पर है?

विश्व भर में प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से कतर दुनिया में सबसे अमीर देश है. इस देश में प्रति व्यक्ति आय 1,24,930 डॉलर है.