निम्नलिखित में से किसका व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत अध्ययन किया जायेगा? - nimnalikhit mein se kisaka vyashti arthashaastr ke antargat adhyayan kiya jaayega?

Que : 103.

सही विकल्प चुनिये : (SET 2019)

(अ) व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत निम्न में से किसका अध्ययन किया जाता है ?
(i) व्यक्तिगत इकाई

(ii) आर्थिक समग्र (iii) राष्ट्रीय आय (iv) कुल उत्पादन

(ब) ऐसी वस्तुएँ जिसका एक-दूसरे के बदले प्रयोग किया जाता है, कहलाती है:
(i) पूरक वस्तुएँ (ii) स्थानापन्न वस्तुएँ (iii) आरामदायक वस्तुएँ (iv) अनिवार्य वस्तुएँ

(स) वस्तु की उस मात्रा को क्या कहते हैं, जिसे विक्रेता निश्चित समय तथा कीमत पर बाजार में बेचने के लिए तैयार हो?

(i) माँग (ii) पूर्ति (iii) पूर्ति की लोच (iv) माँग की लोच

(द) उत्पादन बंद कर देने पर निम्नलिखित में से कौन सा प्रभाव पड़ता है ?
(i) स्थिर लागते बढ़ जाती है (ii) परिवर्तनशील लागते कम हो जाती है (iii) परिवर्तनशील लागते शून्य हो जाती है (iv) स्थिर लागते शुन्य हो जाती है।

(इ) किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है -
(i) माँग के द्वारा (ii) पूर्ति के द्वारा (iii) माँग तथा पूर्ति दोनों के द्वारा (iv) सरकार द्वारा

Answer: उत्तर-

(अ) (i) व्यक्तिगत इकाई,

(ब) (ii) स्थानापन्न वस्तुएँ,

(स) (ii) पूर्ति,    

(द) (iii) परिवर्तनशील लागते शून्य हो जाती है

(इ) (iii) माँग तथा पूर्ति दोनों के द्वारा |

व्यष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत निम्न में से किसका अध्ययन किया जाता?

उत्तर - व्यष्टि अर्थशास्त्र का अर्थ : व्यष्टिगत अर्थशास्त्र में किसी अर्थ-व्यवस्था की भिन्न-भिन्न छोटी-छोटी इकाइयों की आर्थिक क्रियाओं का विश्लेषण किया जाता है। दूसरे शब्दों में, व्यष्टिगत अर्थशास्त्र के अन्तर्गत विशेष व्यक्तियों, परिवार, फर्मों, उद्योगों, विशेष श्रमिक आदि का विश्लेषण किया जाता है।

व्यष्टि अर्थशास्त्र का जनक कौन है?

एडम स्मिथ (अर्थशास्त्र के जनक)

व्यष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन की क्या उपयोगिता है?

इस अध्ययन का उद्देश्य है कि उत्पादन, विनिमय और वस्तुओं के वितरण के व्यवहार प्रारूप और अंतर्संबंधों के विषय में भविष्यवाणी की जा सके। इस प्रकार, व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के दृष्टिकोण से, संतुलन की स्थिति को प्राप्त करना व्यष्टिगत अर्थशास्त्र का उद्देश्य है।

निम्नलिखित में से कौन व्यष्टि अर्थशास्त्र की विषय वस्तु नहीं है?

कुछ आर्थिक समस्याएँ ऐसी होती हैं जिसका अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र में नहीं हो सकता है, जैसे – मौद्रिक नीति, राष्ट्रीय आय, रोजगार, राजकीय नीति, विदेशी विनिमय आदि।