समाजवादी दलों और कमुनिस्ट पार्टी के बीच के तीन अंतर बताएँ। इसी तरह भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच के तीन अंतरों का उल्लेख करें। Show (क) समाजवादी दलों और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच निम्नलिखित अंतर हैं:
(ख) भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच निम्नलिखित अंतर हैं:
सही विकल्प को चुनकर खाली जगह को भरें: 1952 के पहले आम चुनाव में लोकसभा के साथ-साथ ..................... के लिए भी चुनाव कराए गए थे।
सही विकल्प को चुनकर खाली जगह को भरें: ................... लोकसभा के पहले आम चुनाव में 16 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही।
C. भारतीय कमुनिस्ट पार्टी यहाँ दो सूचियाँ दी गई हैं। पहले में नेताओं के नाम दर्ज़ हैं और दूसरे में दलों के। दोनों सूचियों में मेल बैठाएँ:
एकल पार्टी के प्रभुत्व के बारे में यहाँ चार बयान लिखे गए हैं। प्रत्येक केआगे सही या गलत का चिह्न लगाएँ? A. विकल्प के रूप में किसी मज़बूत राजनीतिक दल का अभाव एकल पार्टी-प्रभुत्व का कारण था। B. जनमत की कमजोरी के कारण एक पार्टी का प्रभुत्व कायम हुआ। C. एकल पार्टी-प्रभुत्व का संबंध राष्ट्र के औपनिवेशिक अतीत से है। D. एकल पार्टी-प्रभुत्व से देश में लोकतांत्रिक आदर्शों के अभाव की झलक मिलती है। A. True सही विकल्प को चुनकर खाली जगह को भरें: ...................... स्वतंत्र पार्टी का एक निर्देशक सिद्धांत था।
C. राज्य के नियंत्रण से मुक्त अर्थव्यवस्था समाजवादी दलों और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच के तीन अंतर बताएँ। इसी तरह भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच के तीन अंतरों का उल्लेख करें। समाजवादी दलों तथा कम्युनिस्ट पार्टी के बीच तीन अंतर निम्नलिखित थे -
भारतीय जनसंघ और स्वतंत्र पार्टी के बीच तीन अंतर निम्नलिखित है
Concept: कांग्रेस के प्रभुत्व की प्रकृति Is there an error in this question or solution? भारतीय राजनीति में स्वतंत्र पार्टी की क्या भूमिका है?स्वतंत्र पार्टी, भारत का एक राजनैतिक दल था जिसकी स्थापना चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने अगस्त, १९५९ में की थी। इस दल ने जवाहरलाल नेहरू की समाजवादी नीति का विरोध किया और तथाकथित "लाइसेंस-परमिट राज" को समाप्त कर मुक्त अर्थव्यवस्था की वकालत की।
जनसंघ के संस्थापक सदस्य कौन थे?श्यामाप्रसाद मुखर्जीभारतीय जनसंघ / संस्थापकnull
भारतीय जनसंख्या का संस्थापक कौन था?21 अक्टूबर 1951 को डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में 'भारतीय जनसंघ' की स्थापना हुई एवं दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया।
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