मध्य प्रदेश की जलवायु – Climate of Madhya Pradesh Show
यह भी पढ़ें – –
भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (Special Economic Zone, SEZ) 2006 के अन्तर्गत मध्य प्रदेश इन्दौर जिले के कालीबिल्लोद तथा धार के खेड़ा बरदारी, जामोदी एवं अकोलिया ग्राम की लगभग 1113.72 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित किया गया है। ◇ पीथमपुर ऑटो क्लस्टर इन्दौर भारत सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के लिए ऑटो क्लस्टर योजना स्वीकृत की गई है, जिसकी कुल लागत ₹73.29 करोड़ है, जिसमें भारत तथा राज्य सरकार दोनों का अंशदान होगा। ◇ फूड पार्क विभिन्न औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों द्वारा 6 फूड पार्क क्रमशः जग्गाखेड़ी जिला मन्दसौर, निमरानी जिला खरगौन, घिरोंगी, मालनपुर, जिला भिण्ड, बावई-पिपरिया जिला होशंगाबाद, बोरेगाँव जिला छिन्दवाड़ा तथा मनेरी जिला मण्डला में विकसित किए जा रहे हैं। ◇ एपरेल पार्क की स्थापना भारत सरकार द्वारा एपरेल पार्क फॉर एक्सपोर्ट योजनान्तर्गत एस ई जेड (SEZ) इन्दौर में एपरेल पार्क की स्थापना हेतु सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है। 《मध्य प्रदेश में प्रमुख केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग》 सम्बन्धित मन्त्रालय स्थापना वर्ष • राष्ट्रीय कपड़ा एवं उद्योग – 1938-39 《मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास संस्थाएँ》 संस्थाएँ मुख्यालय • मध्य प्रदेश वित्त निगम – इन्दौर
☆ राज्य के जिलों का औद्योगिक वर्गीकरण वर्ष 1990 के वर्गीकरण के अनुसार, 45 में से 40 जिले (नए मध्य प्रदेश के सन्दर्भ में) औद्योगिक रूप से पिछड़े थे। मात्र 5 जिलों को औद्योगिक विकसित जिले माना गया था। पिछड़े जिले इन्हें 3 वर्गों में रखा गया (i) देवास, होशंगाबाद, खण्डवा, बुरहानपुर, मन्दसौर, नीमच, रतलाम, मुरैना, सतना, शहडोल, विदिशा और हरदा। (ii) बालाघाट, बैतूल, छिन्दवाड़ा, दमोह, गुना, नरसिंहपुर, सागर, सीहोर, सिवनी और अशोकनगर । (iii) भिण्ड, छतरपुर, दतिया, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, मण्डला, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रीवा, शाजापुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़। ◇ राज्य के औद्योगिक विकास केन्द्र मध्य प्रदेश शासन ने 26 औद्योगिक विकास केन्द्र स्थापित किए हैं, जो निम्न प्रकार हैं 1. पीथमपुर (धार) 14. बड़ेरा (दतिया) इनमें से छः केन्द्र भारत शासन द्वारा स्वीकृत हैं— पीथमपुर (धार), मेघनगर (झाबुआ), पीलूखेड़ी (राजगढ़), पुरैना (पन्ना), मनेरी (मण्डला) एवं मालनपुर (भिण्ड) । ◇ नई उद्योग संवर्द्धन नीति, 2014 • नीति का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत और सरल बनाना। निवेशकों की सुविधा में सुधार लाना और व्यापार करने को आसान बनाना। • निजी क्षेत्र की प्रतिभागिता के माध्यम से विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की वृद्धि तथा उच्चतर एवं सुस्थिर आर्थिक वृद्धि में तेजी लाकर उच्चतर वृद्धि प्राप्त करना। • निजी क्षेत्र की भागीदारी हेतु एक समर्थ और सहायक नीति परिवेश बनाना। पर्यावरण की दृष्टि से स्थाई औद्योगिक वृद्धि तथा सन्तुलित क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन देना। सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना। • मध्य प्रदेश के थ्रस्ट सेक्टरों (कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, ऑटोमोटिव तथा ऑटो पुर्जों, पर्यटन, फार्मास्युटिकल, जैव प्रौद्योगिक, IT/ITES, स्वास्थ्य देखभाल और लॉजिस्टिक्स तथा वेयर हाउसिंग) में वृद्धि को बढ़ावा देना। मध्य प्रदेश में कितने औद्योगिक क्षेत्र है?मात्र 5 जिलों को औद्योगिक विकसित जिले माना गया था। इन जिलों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है। विकसित जिले भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर, उज्जैन तथा जबलपुर। (i) देवास, होशंगाबाद, खण्डवा, बुरहानपुर, मन्दसौर, नीमच, रतलाम, मुरैना, सतना, शहडोल, विदिशा और हरदा।
मध्य प्रदेश के प्रमुख उद्योग कौन कौन से हैं?मध्य प्रदेश में प्रमुख उद्योग (MP ke Pramukh Udyog). ( 1 ) मध्य प्रदेश के चीनी उद्योग. ( 2 ) मध्यप्रदेश के सूती कपड़ा उद्योग. ( 3 )मध्यप्रदेश के रेशम उद्योग. (4) मध्यप्रदेश के सोयाबीन तेल उद्योग. ( 5 ) वनस्पति घी उद्योग. ( 6 ) मध्यप्रदेश में कृत्रिम रेशे के कपड़े का उद्योग. ( 1 ) जीवाणु खाद संयंत्र, भोपाल. मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है?मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सूती कपड़ा उद्योग इंदौर में स्थित है। इंदौर की पहली सूती कपड़ा मिल 1907-1908 में इंदौर मालवा यूनाइटेड मिल्स लिमिटेड के रूप में स्थापित की गई थी। कपड़ा उद्योग में महाराष्ट्र और गुजरात के बाद मध्य प्रदेश को तीसरा स्थान मिला है।
मध्यप्रदेश में कितने औद्योगिक केंद्र विकास निगम है?केंद्र के द्वारा भारत में विकसित किये जाने वाले 19 औद्योगिक विकास केंद्रों में से एक 'पीथमपुर' (धार) मध्य प्रदेश में है।
|