मध्य प्रदेश में कितने उद्योग हैं? - madhy pradesh mein kitane udyog hain?

  • औद्योगिक विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश का देश में 7वां स्थान है।
  • राज्य की आय में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 14 प्रतिशत है।
  • राज्य की जी.डी.पी. में उद्योग का योगदान (2011-12) 29.38% रहा।
  • मध्य प्रदेश हस्त शिल्प विकास निगम की स्थापना 1981 में की गयी।
  • ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 4,31,555 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव पारित हुए। यह समिट 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2012 में इंदौर में आयोजित की गयी।
  • केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत मध्य प्रदेश के औद्योगिक केंद्र –
  1. पीथमपुर-धार
  2. पुरैना-पन्ना
  3. मालनपुर-भिंड
  4. मेघनगर-झाबुआ
  5. मनेरी-मंडला
  6. पीलूखेड़ी-राजगढ़
  • केंद्र के द्वारा भारत में विकसित किये जाने वाले 19 औद्योगिक विकास केंद्रों में से एक ‘पीथमपुर’ (धार) मध्य प्रदेश में है।
  • पीथमपुर (धार) को भारत का डेट्राइट कहा जाता है क्योकि यहां अनेक कार निर्माण उद्योग लगे हैं।
  • विजय कुमार इंटरनेशनल, पीथमपुर (धार) में हीरा परिष्करण का राज्य का सबसे बड़ा कारखाना है।
  • मध्य प्रदेश में शुष्क बंदरगाह पीथमपुर में स्थापित किया गया है।
  • प्रदेश का पहला निर्यात संवर्धन पार्क पीथमपुर में स्थापित किया गया है।
  • मध्य प्रदेश का एकमात्र ऑप्टिकल फाइबर कारखाना मंडीद्वीप में जापान के सहयोग से स्थापित है।
  • जरी-कड़ाई उद्योग भोपाल में केंद्रित है।
  • राज्य का एकमात्र घडी निर्माण का कारखाना बैतूल में है।
  • सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी (कैट), सुखनिवास रोड, इंदौर में स्थित आणविक अनुसंधान केंद्र है। यह ‘लेज़र उत्पादन’ का एशिया का पहला और दुनिया का तीसरा केंद्र है।
  • राज्य में वस्त्र उद्योग का प्रमुख केंद्र इंदौर है।
  • राज्य का पश्चिमी भाग ‘सूती कपडा हब’ है जहां सभी 22 सूती कपडा मिल केंद्रित हैं।
  • बुधनी (सीहोर) में रेलवे स्लीपर का निर्माण होता है।
  • टिशू पेपर बनाने का कारखाना इंदौर में है।

मध्य प्रदेश की जलवायु – Climate of Madhya Pradesh

  • कृत्रिम रेशे से धागा ग्रसीम इंडस्ट्रीज, नागदा में बनाया जाता है।
  • कृत्रिम रेशे से कपडा नागदा, उज्जैन इंदौर, ग्वालियर, देवास में बनाया जाता है।
  • राज्य में ऊन के कपडे बनाने के दो कारखाने इंदौर में है ।
  • मैदा उत्पादन के तीन प्रमुख केंद्र हैं: इंदौर, भोपाल, गंजबासोदा
  • कास्टिक सोडा के तीन प्रमुख केंद्र हैं: अमलाई, नागदा, नेपानगर
  • राज्य का सबसे बड़ा शक्कर कारखाना है: बरलाई
  • राज्य की दो सहकारी चीनी मिले हैं: बरलाई (देवास) और कैलारस (मुरैना)
  • मध्य प्रदेश पोस्ट एंड टेलीग्राफ वर्कशॉप जबलपुर में टेलीफोन और टेलीग्राफिक उपकरण बनाये जाते हैं।
  • डीजल इंजन बनाने का कारखाना इंदौर में लगाया गया है।
  • राज्य में रक्षा उत्पादन की 6 फैक्ट्रियां हैं जिनमे से चार अकेले जबलपुर में है।
  • विजयपुर (गुना) में नेशनल फ़र्टिलाइज़र कारखानों का निर्माण इटली एवं अमेरिका के सहयोग से किया गया था।
  • एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स की स्थापना इंदौर में की गयी है।
  • राज्य में व्यापार केंद्र की स्थापना भोपाल में की गयी है।
  • मध्य प्रदेश की प्रथम औद्योगिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला इंदौर में स्थापित की गयी है।
  • इंडो-जर्मन टूल की स्थापना इंदौर में की गयी है।
  • केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स टेस्टिंग व विकास केंद्र की स्थापना इंदौर में की है।
  • प्रदेश में कृत्रिम रेशा बनाने का कारखाना नागदा में स्थित है।
  • बुरहानपुर जिला पावरलूम उद्योग के लिए प्रसिद्द है।
  • जिलेटिन बनाने का कारखाना जबलपुर में है।
  • इन्सुलेटिन बनाने का कारखाना देवास में है।
  • खैरवार जनजाति के द्वारा कत्था बनाने का कार्य विशेषतः पूर्वी मध्य प्रदेश में किया जाता है।
  • खैर वृक्ष की लकड़ी से कत्था बनाने का कारखाना शिवपुरी तथा बानमोर (मुरैना) में स्थापित है।
  • कच्चे लाख से सीड लाख तथा शैलाख बनाने का एक शासकीय कारखाना उमरिया में है।
  • इटारसी में चिप बोर्ड और पार्टिकल बोर्ड हैं।
  • ग्वालियर में दिया सलाई बनाने का कारखाना है।

यह भी पढ़ें – –

  • मध्य प्रदेश के प्रथम उद्योग
  • मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास की प्रमुख संस्थाएं
  • मध्य प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठान

भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (Special Economic Zone, SEZ) 2006 के अन्तर्गत मध्य प्रदेश इन्दौर जिले के कालीबिल्लोद तथा धार के खेड़ा बरदारी, जामोदी एवं अकोलिया ग्राम की लगभग 1113.72 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित किया गया है।

◇ पीथमपुर ऑटो क्लस्टर इन्दौर

भारत सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर के लिए ऑटो क्लस्टर योजना स्वीकृत की गई है, जिसकी कुल लागत ₹73.29 करोड़ है, जिसमें भारत तथा राज्य सरकार दोनों का अंशदान होगा।

◇ फूड पार्क

विभिन्न औद्योगिक केन्द्र विकास निगमों द्वारा 6 फूड पार्क क्रमशः जग्गाखेड़ी जिला मन्दसौर, निमरानी जिला खरगौन, घिरोंगी, मालनपुर, जिला भिण्ड, बावई-पिपरिया जिला होशंगाबाद, बोरेगाँव जिला छिन्दवाड़ा तथा मनेरी जिला मण्डला में विकसित किए जा रहे हैं।

◇ एपरेल पार्क की स्थापना

भारत सरकार द्वारा एपरेल पार्क फॉर एक्सपोर्ट योजनान्तर्गत एस ई जेड (SEZ) इन्दौर में एपरेल पार्क की स्थापना हेतु सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

《मध्य प्रदेश में प्रमुख केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग》

सम्बन्धित मन्त्रालय     स्थापना वर्ष

• राष्ट्रीय कपड़ा एवं उद्योग  –  1938-39
निगम
• रक्षा मन्त्रालय                 –  1943-44
• संचार मन्त्रालय               –  1943-44
• केन्द्रीय सार्वजनिक          –  1961-62
निगम प्रतिष्ठान
• भारतीय खाद्य निगम        –  1963-64
• वित्त मन्त्रालय                 –  1967-68
• खनन मन्त्रालय               –  1967-68
• रेल मन्त्रालय                   –  1975-76

《मध्य प्रदेश की औद्योगिक विकास संस्थाएँ》

संस्थाएँ                          मुख्यालय

• मध्य प्रदेश वित्त निगम            – इन्दौर
• मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास – भोपाल
निगम
• मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम    – भोपाल
• मध्य प्रदेश राज्य उद्योग निगम  – भोपाल
• मध्य प्रदेश वस्त्रोद्योग निगम     –  इन्दौर
• मध्य प्रदेश निर्यात निगम         –  भोपाल
• मध्य प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग – भोपाल
• मध्य प्रदेश हैण्डलूम                – भोपाल
संचालनालय
• मध्य प्रदेश हस्तशिल्प मण्डल   – भोपाल
• मध्य प्रदेश माइनिंग कार्पोरेशन – भोपाल

 

राज्य के जिलों का औद्योगिक वर्गीकरण

वर्ष 1990 के वर्गीकरण के अनुसार, 45 में से 40 जिले (नए मध्य प्रदेश के सन्दर्भ में) औद्योगिक रूप से पिछड़े थे। मात्र 5 जिलों को औद्योगिक विकसित जिले माना गया था।
इन जिलों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है।
विकसित जिले भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर, उज्जैन तथा जबलपुर।

पिछड़े जिले इन्हें 3 वर्गों में रखा गया

(i) देवास, होशंगाबाद, खण्डवा, बुरहानपुर, मन्दसौर, नीमच, रतलाम, मुरैना, सतना, शहडोल, विदिशा और हरदा।

(ii) बालाघाट, बैतूल, छिन्दवाड़ा, दमोह, गुना, नरसिंहपुर, सागर, सीहोर, सिवनी और अशोकनगर ।

(iii) भिण्ड, छतरपुर, दतिया, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, मण्डला, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रीवा, शाजापुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़।

◇ राज्य के औद्योगिक विकास केन्द्र

मध्य प्रदेश शासन ने 26 औद्योगिक विकास केन्द्र स्थापित किए हैं, जो निम्न प्रकार हैं

1. पीथमपुर (धार)       14. बड़ेरा (दतिया)
2. मेघनगर (झाबुआ)   15. चन्द्रपुर (छतरपुर)
3. मनेरी (मण्डला)       16. बण्डोल (सिवनी)
4. पुरैना (पन्ना)            17. बगसपुर (नरसिंहपुर)
5. पीलूखेड़ी (राजगढ़)  18. मण्डीद्वीप (रायसेन)
6. मालनपुर (भिण्ड)     19. बानमौर (मुरैना)
7. प्रतापपुर(टीकमगढ़)  20. सिद्धगवाँ (सागर)
8. बैढ़न (सिंगरौली)       21. रीवा (रीवा)
9. बोरेगाँव (छिन्दवाड़ा)  22. मक्सी (शाजापुर)
10. किरनापुर(बालाघाट) 23. जावरा (रतलाम)
11. अमानपुरा (दमोह)    24. विदिशा (विदिशा)
12. चैनपुरा (गुना)          25. हरदा (हरदा)
13. करोढरा (शिवपुरी)    26. देवास देवास

इनमें से छः केन्द्र भारत शासन द्वारा स्वीकृत हैं— पीथमपुर (धार), मेघनगर (झाबुआ), पीलूखेड़ी (राजगढ़), पुरैना (पन्ना), मनेरी (मण्डला) एवं मालनपुर (भिण्ड) ।

◇ नई उद्योग संवर्द्धन नीति, 2014

• नीति का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत और सरल बनाना। निवेशकों की सुविधा में सुधार लाना और व्यापार करने को आसान बनाना।

• निजी क्षेत्र की प्रतिभागिता के माध्यम से विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की वृद्धि तथा उच्चतर एवं सुस्थिर आर्थिक वृद्धि में तेजी लाकर उच्चतर वृद्धि प्राप्त करना।

• निजी क्षेत्र की भागीदारी हेतु एक समर्थ और सहायक नीति परिवेश बनाना। पर्यावरण की दृष्टि से स्थाई औद्योगिक वृद्धि तथा सन्तुलित क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहन देना। सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना।

• मध्य प्रदेश के थ्रस्ट सेक्टरों (कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र उद्योग, ऑटोमोटिव तथा ऑटो पुर्जों, पर्यटन, फार्मास्युटिकल, जैव प्रौद्योगिक, IT/ITES, स्वास्थ्य देखभाल और लॉजिस्टिक्स तथा वेयर हाउसिंग) में वृद्धि को बढ़ावा देना।

मध्य प्रदेश में कितने औद्योगिक क्षेत्र है?

मात्र 5 जिलों को औद्योगिक विकसित जिले माना गया था। इन जिलों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है। विकसित जिले भोपाल, ग्वालियर, इन्दौर, उज्जैन तथा जबलपुर। (i) देवास, होशंगाबाद, खण्डवा, बुरहानपुर, मन्दसौर, नीमच, रतलाम, मुरैना, सतना, शहडोल, विदिशा और हरदा।

मध्य प्रदेश के प्रमुख उद्योग कौन कौन से हैं?

मध्य प्रदेश में प्रमुख उद्योग (MP ke Pramukh Udyog).
( 1 ) मध्य प्रदेश के चीनी उद्योग.
( 2 ) मध्यप्रदेश के सूती कपड़ा उद्योग.
( 3 )मध्यप्रदेश के रेशम उद्योग.
(4) मध्यप्रदेश के सोयाबीन तेल उद्योग.
( 5 ) वनस्पति घी उद्योग.
( 6 ) मध्यप्रदेश में कृत्रिम रेशे के कपड़े का उद्योग.
( 1 ) जीवाणु खाद संयंत्र, भोपाल.

मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है?

मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सूती कपड़ा उद्योग इंदौर में स्थित है। इंदौर की पहली सूती कपड़ा मिल 1907-1908 में इंदौर मालवा यूनाइटेड मिल्स लिमिटेड के रूप में स्थापित की गई थी। कपड़ा उद्योग में महाराष्ट्र और गुजरात के बाद मध्य प्रदेश को तीसरा स्थान मिला है।

मध्यप्रदेश में कितने औद्योगिक केंद्र विकास निगम है?

केंद्र के द्वारा भारत में विकसित किये जाने वाले 19 औद्योगिक विकास केंद्रों में से एक 'पीथमपुर' (धार) मध्य प्रदेश में है।