अनुवाद में का महत्व होता है - anuvaad mein ka mahatv hota hai

HomeSolved Assignmentअनुवाद के महत्य पर प्रकाश डालिए।

अनुवाद के महत्य पर प्रकाश डालिए।

 शिक्षा और अनुवाद

शिक्षा के क्षेत्र में अनुवाद का अत्यधिक महत्व है। विश्वभर में उपलब्ध ज्ञान औरशोध को शिक्षार्थियों तक पहुँचाना आज बेहद आवश्यक है। अनुवाद के माध्यम से ही शिक्षार्थियों को नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाई जा सकती है। विद्यालयों में भारतीय भाषाओं के साथ-साथ अंग्रेजी एवं विश्व की अनेक भाषाएं पढ़ाई जा रही हैं। इन भाषाओं के ज्ञान से बच्चे न केवल ज्ञान की दृष्टि से समृद्ध हो रहे है, अपितु वे व्यापक स्तर पर विश्व नागरिक भी बन रहे हैं उनके लिए शिक्षा केवल उनके क्षेत्र अथवा राष्ट्र तक सीमित नहीं है अपितु वे ज्ञान-विज्ञान के विभिन्‍न अनुभवों से भी परिचित हो पा रहे हैं। साथ ही, वे बेहद कम आयु में ही कई भाषाओं के बीच संवाद को न केवल समझ पाते हैं अपितु अनुवाद भी कर पाते हैं।

पर्यटन और अनुवाद

पिछले कुछ दशकों में पर्यटन एक बड़े व्यवसाय के रूप में उभरा है। दुनिया भर से जिज्ञासु लोग विभिन्‍न देशों एवं उनकी संस्कृतियों को जानने के लिए भ्रमण करते हैं। पर्यटन के क्षेत्र में इस हलचल के चलते अनुवाद का महत्व और अधिक बढ़ गया है। विभिन्‍न पर्यटन स्थलों के विषय में जानकारी लगभग सभी महत्वपूर्ण भाषाओं में उपलब्ध है। सूचना पटूट, ब्रोशर्स, पंफलेट, मार्गदर्शिका आदि आज विभिन्‍न भाषाओं में उपलब्ध होती है जिनकी सहायता से विभिन्‍न भाषा-भाषी पर्यटक अपनी मूल भाषा अथवा अंग्रेजी आदि में सूचना प्राप्त कर सकते हैं।

प्रशासनिक क्षेत्र में अनुवाद

भारत के विभिन्‍न प्रदेशों की राजभाषा उनके क्षेत्र की प्रमुख भाषा है। हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किए जाने के बावजूद यह प्रावधान है कि जब तक सभी क्षेत्रों में हिंदी लागू नहीं हो जाती तब तक अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में उपयोग में लाई जाती रहेगी। इसका परिणाम यह हुआ कि आज भी प्रशासनिक स्तर पर द्वि भाषा की स्थिति बनी हुई है जिसके चलते प्रशासनिक क्षेत्र में अनुवाद का अत्यधिक महत्व है। इसी के परिणामस्वरूप नियम, कानून, आदेशादि मूलतः: अंग्रेजी में तैयार किए जाते हैं और हिंदी की अनिवार्यता के चलते उनका हिंदी अनुवाद भी अनिवार्य है। स्थिति यह है कि प्रशासनिक क्षेत्र में हिंदी अनुवाद की भाषा बनकर रह गई है। किंतु यह भी सत्य है कि हिंदी की अनिवार्यता के चलते विभिन्‍न विभागों, अनुमागों, मंत्रालयों आदि में अनुवादकों की मांग लगातार बनी रहती है और बड़ी संख्या में वर्षभर अनुवादकों की भर्ती होती है। 

जनसंचार माध्यमों में अनुवाद

जनसंचार का लगभग पूरा व्यवसाय अनुवाद पर केंद्रित है। 24 घंटे समाचार प्रस्तुत की मांग और समाचार-पत्रों के प्रकाशन के चलते यहां व्यापक स्तर पर अनुवाद कार्य होता है। पत्रकारिता, मुख्यधारा की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक समाचारों और जानकारियों की मांग के चलते जनसंचार के क्षेत्र में अनुवाद और अनुवादकों की मांग अनवरत बनी रहती है। दुनिया-भर से आ रही सूचनाओं को देश के गांव, शहर और कस्बों तक पहुँचाने की चुनौती ने मीडिया कें क्षेत्र में अपार संभावनाएं पैदा की हैं। मीडिया के अतिरिक्त विज्ञापन, कार्टून उद्योग, फिल्मों में डबिंग, सबटाइटलिंग, वॉयस ओवर आदि की मांग ने लिखित से लेकर मौखिक अनुयाद तथा आशु अनुवाद आदि के लिए मांग पैदा की है। आज जनसंघार माध्यम सर्वाधिक मांग में है। गीत से लेकर, विज्ञापन, वृत्तचित्र, फिल्में, समाचार आदि सभी क्षेत्रों में अद्यतन सूचना प्रदान करने तथा बाजार के तय लक्ष्यों को हासिल करने में अनुवाद सक्रिय भूमिका अदा कर रहा है।

साहित्य और अनुवाद

साहित्य का मूल उद्देश्य मनुष्य को सहदय बनाना अथवा बेहतर मनुष्य बनाना है। इस प्रक्रिया में यदि विश्व साहित्य को भी शामिल किया जा सके तो विपुल साहित्य के अध्ययन से एक विश्व संस्कृति का निर्माण किया जा सकता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भारतीय साहित्य के साथ-साथ फ्रांसीसी एवं रूसी साहित्य के अध्ययन का विशेष महत्व है। विश्व साहित्य पढ़कर हमने जाना कि दमनकारी शक्तियों से संघर्ष समय-समय पर विभिन्‍न देश और संस्कृतियां करते रहे हैं। उनके संघर्ष में अपने अनुभवों को मिलाकर एक नए साहित्य का उद्भव हुआ जिसके परिणामस्वरूप न केवल व्यापक जागरूकता का उदय हुआ अपितु साहित्य में मी विकास देखा गया। नाटक एवं उपन्यास के क्षेत्र में हुए परिवर्तनकारी कार्यों से इन क्षेत्रों में भी विकास देखा गया। आज विश्व-भर में विभिन्‍न भाषाओं में अनुवाद हो रहे हैं। साहित्य के माध्यम से हम किसी समाज को बेहतर जान पाते हैं। साहित्य की महान कृतियों के आधार पर बनी फिल्मों का इसमें विशेष योगदान है। बांग्ला, तमिल, मलयालम, पंजाबी आदि भाषाओं में तथा भाषाओं से लिए गए उत्कृष्ट साहित्य ने विभिन्‍न भाषी समाजों को लाभान्वित किया है। विश्व साहित्य और तुलनात्मक साहित्य के माध्यम से हम किसी समाज की सोच की निर्माण पद्धति को बेहतर समझ पाते हैं और अपने समाज के सर्वांगीण विकास में योगदान दे पाते हैं। विभिन्‍न भाषाओं के साहित्य को पाठ्यक्रम में लगाने से छात्रों का दायरा भी विकसित होता है। निसंदेह इन सभी के पीछे अनुवाद की अनिवार्य भूमिका है।

अनुवाद का क्या महत्व है?

भारत जैसे बहुभाषी देश में अनुवाद की उपादेयता स्वयं सिद्ध है। भारत के विभिन्न प्रदेशों के साहित्य में निहित मूलभूत एकता के स्वरूप को निखारने के लिए अनुवाद ही एक मात्र अचूक साधन है। इस तरह अनुवाद द्वारा मानव की एकता को रोकनेवाली भौगोलिक और भाषायी दीवारों को ढहाकर विश्वमैत्री को और सुदृढ़ बना सकते हैं।

अनुवाद की क्या विशेषता है?

हिंदी में अनुवाद का शब्दार्थ हो गया- एक भाषा में कही हुई बात को दूसरी भाषा में कहना| इस प्रकार के अनुवादों में वे ही अनुवाद श्रेष्ठ समझे जाते हैं जो भाव तथा विचार को ज्यों-का-त्यों प्रकट करने के अतिरिक्त अपनी भाषा की विशिष्ट प्रकृति का भी ध्यान रख कर किये जाते हैं। अन्यथा वे सदोष और अग्राह्य होते हैं।

अनुवाद में क्या महत्व पूर्ण नहीं है?

सही है कि मौलिक लेखन के बाद ही अनुवाद होता है, इसलिए निश्चित रूप से वह क्रम की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है । लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि गुणवत्ता की दृष्टि से भी वह दूसरे स्थान पर है । जिस प्रकार मौलिक लेखन बढ़िया हो सकता है और घटिया भी, उसी प्रकार अनुवाद भी । आरोपों से अनुवाद-कार्य का महत्व कम नहीं होता।

अनुवाद से आप क्या समझते है इसके महत्व पर सारगर्भित टिप्पणी लिखिए?

अनुवाद से भाषा का संस्कार होता है, उसका आधुनिकीकरण होता है। वह दो भिन्न संस्कृतियों को जोड़ने वाला संप्रेषण सेतु है। एक भाषा को दूसरी भाषा में अन्तरण की प्रक्रिया में अनुवादक दो भिन्न संस्कृति में स्थित समतुल्यता की खोज करता है। एतदर्थ उसे पर्यायवाची शब्दों के विविध रूपों से जूझना पड़ता है।