नई दिल्ली: हमारे देश में मुंह के कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज हैं. लेकिन अगर आपको ये लगता है कि सिर्फ तंबाकू खाने वालों को मुंह का कैंसर होता है, तो ऐसा नहीं है. मुंह का कैंसर यानी ओरल कैंसर(Oral Cancer) किसी को भी हो सकता है और इसकी सबसे बड़ी वजह है, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना. Show
ये लक्षण दिखें तो सावधान हो जाएंमुंह का कैंसर होने पर शुरुआत में मुंह में गाल के अंदर की तरफ छाले होने, मुंह में घाव, लंबे समय तक होठों का फटना और घाव का आसानी से न भर पाना जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं. कैंसर की शुरुआत मुंह के अंदर सफेद छाले या छोटे से घाव से होती है. लंबे समय तक अगर मुंह के भीतर सफेद धब्बा, घाव, छाला रहता है, तो आगे चलकर यह मुंह का कैंसर बन जाता है. -मुंह से दुर्गंध, आवाज बदलना, आवाज बैठ जाना, कुछ निगलने में तकलीफ, लार का अधिक या ब्लड के साथ आना, ये भी मुंह के कैंसर के लक्षण हैं. -इसमें घाव, सूजन, खून निकलने, जलन, मुंह में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. इन लोगों को ज्यादा खतराधूम्रपान या नशा करने वाले को कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है. मुंह का कैंसर मुंह के भीतर जीभ, मसूड़े, होंठ कहीं भी हो सकता है.आमतौर पर मुंह का कैंसर कमजोर इम्यूनिटी के कारण होता है. इसके अलावा मुंह की ठीक से सफाई न करने से भी लंबे समय में मुंह के रोग के कारण भी कैंसर हो सकता है. सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है, जो तंबाकू या उससे जुड़ी चीजें खाते हैं. बीड़ी, सिगरेट, शराब जैसी चीजों के सेवन से मुंह के कैंसर का खतरा रहता है. VIDEO रखें इन बातों का ख्याल-अगर मुंह, होठों या जीभ पर कोई घाव या छाला हो तो इसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. फर्स्ट स्टेज में कैंसर का पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है. इसके अलावा अगर कोई लक्षण न दिखें तो भी इन बातों पर ध्यान दें. डॉक्टर के अनुसार, शुरुआती अवस्था में ओरल कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते। धूम्रपान करने वाले और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वालों को नियमित रूप से डेंटिस्ट से जांच करानी चाहिए। क्योंकि तंबाकू और शराब मुंह के कैंसर के जोखिम कारक हैं। डेंटिस्ट शुरुआती अवस्थ में लक्षण का पता लगा सकता है। यदि व्यक्ति को कैंसर विकसित होता है, तो यहां बताए गए लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
मुंह में लाल दाग होना। इनमें से कोई भी लक्षण होने का मतलब यह नहीं है कि आपको मुंह का कैंसर है, लेकिन फिर भी आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। मुंह के कैंसर का इलाज
मुंह के कैंसर के जोखिम कारक
इसके अलावा गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग, लंबे समय तक घाव रहने या फिर सलफ्यूरिक एसिड और फॉर्मलडिहाइड के संपर्क में आने से मुंह के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। मुंह के कैंसर के कारण, लक्षण और बचावMouth or Oral Cancer: Causes, Symptoms, Treatment: मुंह के कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव मुंह के कैंसर से बचाव के तरीके
आंकड़े बताते हैं कि किसी व्यक्ति के मुंह के कैंसर से कम से कम 5 साल जीवित रहने की औसत संभावना है। डॉक्टर कहते हैं कि ओरल कैंसर इलाज के लायक है बशर्ते आप लक्षणों को पहचानकर शुरूआती स्टेज में ही डॉक्टर के पास जाएं। कान से जुड़े तीन लक्षण मुंह के कैंसर का संकेत दे सकते हैं. हालांकि, ये बहुत आम लक्षण नहीं हैं. ये सभी लक्षण टैंप्रोमैंडिबुलर जॉइंट (टीएमजे) डिसॉर्डर से ग्रस्त लोगों से मिलते-जुलते हैं. कान में दर्द जो जबड़े और गाल तक फैल सकता है. कान में अजीब सा भरापान या दबाव महसूस होना. कानों में रिंगिंग साउंड या झनझनाहट महसूस होना भी माउथ कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. Photo Credit: Getty Images भारत में मुँह का कैंसर या ओरल कैंसर पुरुषों में सबसे आम कैंसर (सभी कैंसर का 11.28 %) है और महिलाओं के बीच पाँचवा सबसे अधिक होने वाला कैंसर (सभी कैंसर का 4.3%) है इसके अलावा दोनों पुरुष और महिलओं में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। मुँह के कैंसर (Mouth Cancer in Hindi or Mouth Cancer Symptoms in Hindi) को ओरल कैंसर के नाम से भी जाना जाता है और यह मुँह की सेल्स के अनियंत्रित विकास की वजह से होता है जिसमे जीभ, होंठ, गाल, मुंह का निचला हिस्सा, साइनस और गला शामिल होते हैं। मुँह का कैंसर मुँह में कहीं भी, जीभ पर, होंठ पर, गालों के अन्दर, मुंह के ऊपरी या निचली सतह पर और सलीवरी ग्लैंड कहीं भी हो सकता है। शुरूआती दिनों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते पर धीरे धीरे यह बढ़ता जाता है। जिन लोगों को कैंसर होता है, उनके लिए मुंह के कैंसर के बारे में पूरी जानकारी नीचे दी गयी है। मुंह का कैंसर – Mouth Cancer in Hindiमुंह का कैंसर गले और सिर के कैंसर का एक प्रकार होता है और अक्सर उनके जैसे ही इसका इलाज किया जाता है। मुँह का कैंसर (Mouth Cancer in Hindi) ज्यादातर 40 साल की उम्र के बाद होता है, और पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसके होने का खतरा अधिक होता है। भारत में इस साल मुंह के कैंसर के कुल 77,003 नए मामले दर्ज (Cases of Mouth Cancer in Hindi) हुए हैं और 52,067 व्यक्तियों की मौतें हो चुकी हैं। मुंह के कैंसर का पता तब चलता है जब यह आपके गर्दन की लिम्फ नोड्स में फ़ैल जाता है और अगर ओरल कैंसर को सही समय से पहचान लिया जाये तो जान का खतरा कम रहता है। मुँह के कैंसर में निम्नलिखित शामिल हैं-
मुंह के कैंसर के लक्षण दिखते ही अपने डेन्टिस्ट के पास जाना चाहिए। डेन्टिस्ट के मुताबिक कम से कम साल में 2 बार अपने मुँह का चेकउप अपने डेन्टिस्ट से करायें। आइये इसके लक्षणों, खतरे, इसकी स्टेजेस के बारे में और जानते हैं। मुंह के कैंसर के लक्षण – Mouth Cancer Symptoms in Hindiमुँह के कैंसर की शुरूआती स्टेजेस में इसका पता नहीं चलता पर और न ही इसके कोई लक्षण दिखाई देते हैं, पर जो लोग डेली बेसिस पर धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं उन्हें समय-समय पर अपने डेंटिस्ट से अपने मुंह की जाँच कराते रहना चाहिए। मुंह के कैंसर या ओरल कैंसर (Oral Cancer: How Can I Quit Smoking?) के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-
यधपि इन लक्षणों के होने का यह मतलब नहीं है की आपको मुंह का कैंसर है पर आपको अपने डेंटिस्ट से अवश्य जाँच करनी चाहिए और सलाह लेकर समय- समय पर चेकअप कराते रहना चाहिये। इनमें से कुछ लक्षण, जैसे गले में या कान दर्द, किसी और बीमारी का भी संकेत दे सकते हैं। हालांकि, अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण को देखते हैं, खासकर अगर वे प्राथमिक इलाज भी दूर नहीं होते हैं या एक समय में एक से अधिक लक्षण (Mouth Cancer ke Lakshan) होते हैं, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें, और जल्द से जल्द अपने डेन्टिस्ट या डॉक्टर से मिलें और अपना सही इलाज कराएं। मुँह के कैंसर के कारण
मुँह के कैंसर की स्टेजेसमुँह के कैंसर की स्टेजेस (Stages of Mouth Cancer in Hindi) कुछ इस प्रकार बढ़ती हैं-
कैंसर की स्टेजेस यह बताती है कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है साथ ही ठीक होने की कितनी संभावना होगी यह भी बताता है। मुंह के कैंसर का इलाजमुंह के कैंसर के लिए कुछ सामान्य इलाज इस प्रकार हैं: सर्जरी: इस प्रक्रिया में ट्यूमर को पूरे मुंह से निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ता है। जिस जगह पर ट्यूमर होता है उसे आसानी से निकल लिया जाये इसलिए गर्दन या जबड़े में छोटा सा चीरा लगाया जाता है। जब ट्यूमर को सर्जरी के द्वारा हटा दिया जाता है, उसके बाद मुंह के उस हिस्से का पुनर्निर्माण किया जाता है। इन मामलों में, सर्जन पेडिकल या फ़्री फ्लैप पुनर्निर्माण कर सकते हैं। Image source: Googleरेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी में रेडिएशन तकनीक के द्वारा मुंह के उस स्थान का इलाज किया जाता है जहाँ कैंसर फ़ैल चुका होता है और हेल्दी टिस्सु को उस जगह पर फैलाया जाता है। बाहरी बीम रेडिएशन थेरेपी (ईबीआरटी) और ब्रैचीथेरेपी, ये दोनों रेडिएशन थेरेपी में सबसे आम हैं जो मुंह के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। Image Source: Googleकीमोथेरेपी: अक्सर रेडिएशन थेरेपी के साथ केमोथेरेपी पूरे शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल की जाती है जिसमे एंटीसेन्सर दवाओं का उपयोग करके कैंसर को दूर किया जाता है। विभिन्न केमोथेरेपी दवाओं को मिलाकर कैंसर सेल्स को अलग अलग स्टेजेस पर नष्ट किया जाता है। Image Source: Googleटार्गेटेड ड्रग थेरेपी: टार्गेटेड ड्रग थेरेपी कैंसरस सेल्स को उनकी जड़ से खतम करने के लिए सीधे प्रहार करती है और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती है। मुँह के कैंसर के इलाज के लिए यह थेरेपी कीमोथेरेपी और / या रेडिएशन थेरेपीदोनों के साथ इस्तेमाल की जा सकती है । मुँह के कैंसर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
मुंह के कैंसर के लक्षण (Mouth Cancer Symptoms in Hindi) दिखते ही तुरंत डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए और बिना देर किये इसका सही से इलाज कराना चाहिए। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि भारतीय लोग ओरल हेल्थ का कुछ विशेष ध्यान नहीं रखते जिसके चलते उन्हें काफी अधिक मात्रा में मुंह से सम्बंधित बिमारियों का सामना करना पड़ता है। मुँह की सभी प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से डेंटिस्ट के पास जाते रहना चाहिए और अपने मुँह और ओरल हेल्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें: Blood cancer in Hindi और Brain tumor symptoms in Hindi यदि आप दाँतों या मुंह की किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित हैं तो अपने निकटतम डेंटिस्ट से आज ही कंसल्ट करे और किसी भी प्रकार की समस्या के लिए आज ही क्रेडीहेल्थ के साथ भारत के सर्वोत्तम डेंटिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें – मुंह का कैंसर कब दर्द करता है?मुंह के कैंसर के लक्षण
मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है। यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेना चाहिए, यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
मुंह में कैंसर की शुरुआत कैसे होती है?मुंह का कैंसर आमतौर पर पतली कोशिकाओं में शुरू होता है जो कि सामान्यतौर पर गाल और होंठ के अंदर होती हैं. एक्सपर्ट के अनुसार सिगरेट पीने से, तंबाकू खाने से और शराब के सेवन से मुंह के कैंसर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. कैंसर होने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाती है.
मुंह के कैंसर के लक्षण क्या है?मुंह का कैंसर क्या होता है? अस्वस्थ जीवन शैली और नशीले पदार्थों के अत्यधिक सेवन से जब मुंह के अंदर के भाग जैसे जीब, गाल, जबड़े या दाड़ कहीं भी किसी प्रकार की कठोरता या गांठ उभरने लगती है, तो उसे ही मुंह का कैंसर कहते हैं । मुंह का कैंसर किसी एक वजह से नहीं हो सकता, इसके कईं कारण होते हैं ।
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