या मुरली मुरलीधर की, अधरान धरी अधरा न धरौंगी में कौन सा अलंकार है?(A) रूपक अलंकार Show
Explanation : या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। पंक्ति में यमक अलंकार है। यमक अलंकार की परिभाषा – जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहां 'यमक' अलंकार होता है। सामान्य हिंदी प्रश्न पत्र में यमक अलंकार संबंधी प्रश्न पूछे जाते है। इसलिए यह प्रश्न आपके लिए कर्मचारी चयन आयोग, बीएड, आईएएस, सब इंस्पेक्टर, पीसीएस, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी साबित होगें।....अगला सवाल पढ़े Tags : अलंकार अलंकारिक शब्द यमक अलंकार Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams Latest Questions“या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” में कौन सा अलंकार है?ya murli murlidhar ki adharaandhari adharaan dharaungi mein kaun sa alankar hai “या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरौंगी। ” प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार है। जब किसी काव्य पंक्ति में एक ही शब्द दो बार आए और दोनोंही बार उसका अर्थ अलग अलग हो तो वहाँ यमक अलंकार होता है। इस काव्य पंक्ति में अधरान और अधरा नशब्द का प्रयोग दो बार हुआ है जिसमे अधरानका अर्थ होंठों पर और अधरा न का अर्थ होंठों पर नहीं,इसलिए इसमें यमक अलंकार है। ( अधरान – होठों पर , अधरा न – होठों पर नहीं ) प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:चूंकि इसमें शब्द को ज्यों का त्योंप्रयोग न करके बल्कि तोड़ मरोड़ कर प्रयोग किया गया है इसलिए यह सभंग यमक का भेद है। ( अधरान – होठों पर , अधरा न – होठों पर नहीं ) यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं: सभंग यमक अलंकार को अन्य उदाहरण के द्वारा भी समझा जासकता है। “ तेरी बरछी ने बर छीने है खलनके “ यहाँ बरछी के दो अर्थ है – तलवार और बल को हरनेवाला। काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ: अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
मन्द -मन्द आवत चल्यो कुंजरू कुंज समीर।। में कौन सा अलंकार है?ranit bhrug ghantavali jharit dan madhuneer mand mand aavat chalyo kunjru kunj sameer mein kaun sa alankar hai रनित भृग घन्टावली झरित दान मधुनीर। मन्द -मन्द आवत चल्यो कुंजरू कुंज समीर।। इस पंक्ति में यमक अलंकार है , जब काव्य में किसी पद की आवृति हो और आवृत शब्द का अर्थ अलग अलग हो तो वहाँ यमक अलंकार होता है। इस काव्य पंक्तिके कुंजरू में यमक अलंकार है। कुंजरूँ शब्द के दो अर्थ है- हाथी और कुंज अर्थात लता। प्रस्तुत पंक्ति में यमक अलंकार का भेद:इस पंक्ति में सभंग पद यमक अलंकार है। कुंजरू के उच्चारण और लिखावट में अंतर के कारण इसमें सभंग पद यमक अलंकार है। यमक अलंकार का अन्य उदाहरण:आप यमक अलंकार को अच्छी तरह से समझ सकें इसलिए यमक अलंकार के कुछ अन्य उदाहरण निम्नलिखित हैं: ‘ ऊंचे घोर मंदर के रहनवारी ऊंचे घोर मंदर में रहाती है। ‘’ मालाफेरत जग मुआ मिटा न मन का फेर। कर का मनका छोड़ के मन का मनका फेर.। इस पंक्ति में मनका शब्द की आवृति हुई है और दोनों बार अलग अलग अर्थमें प्रयुक्त हुआ है। अतः; यह यमक अलंकार का उदाहरण है। काव्य पंक्ति में अन्य अलंकार –अलंकार के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर जाएँ: अलंकार – परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
परिचय : अलंकार का अर्थ है-आभूषण। अर्थात् सुंदरता बढ़ाने के लिए प्रयुक्त होने वाले वे साधन जो सौंदर्य में चार चाँद लगा देते हैं। कविगण कविता रूपी कामिनी की शोभा बढ़ाने हेतु अलंकार नामक साधन का प्रयोग करते हैं। इसीलिए कहा गया है-‘अलंकरोति इति अलंकार।’ परिभाषा : जिन गुण धर्मों द्वारा काव्य की शोभा बढ़ाई जाती है, उन्हें अलंकार कहते हैं। अलंकार के भेद – (अ) शब्दालंकार – शब्दालंकार के भेद: शब्दालंकार के तीन भेद हैं –
1. अनुप्रास अलंकार- जब काव्य में किसी वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है अर्थात् कोई वर्ण एक से अधिक बार अन्य उदाहरण –
2. यमक अलंकार-जब काव्य में कोई शब्द एक से अधिक बार आए और उनके अर्थ अलग-अलग हों तो उसे
यमक अलंकार होता है; जैसे- तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है। अन्य उदाहरण –
3. श्लेष अलंकार- श्लेष का अर्थ है- चिपका हुआ। अर्थात् एक शब्द के अनेक अर्थ चिपके होते हैं। जब काव्य में कोई शब्द एक बार आए और उसके एक से अधिक अर्थ प्रकट हो, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे – रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। यहाँ दूसरी पंक्ति में पानी शब्द एक बार आया है परंतु उसके अर्थ अलग-अलग प्रसंग में अलग-अलग हैं – अतः यहाँ श्लेष अलंकार है अन्य उदाहरण – 1. मधुबन की छाती को देखो, सूखी इसकी कितनी कलियाँ।
2. चरन धरत चिंता करत चितवत
चारों ओर। 3. यहाँ सुबरन शब्द के एक से अधिक अर्थ हैं 4. मंगन को देख पट देत बार-बार है। 5. मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोय। (ब)
अर्थालंकार अर्थालंकार के भेद : अर्थालंकर के पाँच भेद हैं –
1. उपमा अलंकार- जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना
किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो यहाँ मन के डोलने की तुलना पीपल के पत्ते से की गई है। अतः यहाँ उपमा अलंकार है।
अन्य उदाहरण – 1. मुख मयंक सम मंजु मनोहर। 2. हाय! फूल-सी कोमल बच्ची हुई राख की ढेरी थी। 3. निर्मल तेरा नीर अमृत-सम उत्तम है। 4. तब तो बहता समय शिला-सा जम जाएगा। 5. उषा सुनहले तीर बरसती जयलक्ष्मी-सी उदित हुई। 6. बंदउँ कोमल कमल से जग जननी के पाँव। 2. रूपक अलंकार-जब रूप-गुण की
अत्यधिक समानता के कारण उपमेय पर उपमान का भेदरहित आरोप होता है तो उसे रूपक अलंकार कहते हैं। अन्य उदाहरण –
3. उत्प्रेक्षा अलंकार-जब उपमेय में गुण-धर्म की समानता के कारण उपमान की संभावना कर ली जाए, तो उसे उत्प्रेक्षा अलंकार कहते हैं; जैसे – कहती हुई यूँ
उत्तरा के नेत्र जल से भर गए। यहाँ उत्तरा के जल (आँसू) भरे नयनों (उपमेय) में हिमकणों से परिपूर्ण कमल (उपमान) की संभावना प्रकट की गई है। अतः उत्प्रेक्षा अलंकार है। अन्य उदाहरण –
यहाँ मेंढकों की आवाज़ (उपमेय) में ब्रह्मचारी समुदाय द्वारा वेद पढ़ने की संभावना प्रकट की गई है।
4. अतिशयोक्ति अलंकार – जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है; जैसे – यहाँ राम द्वारा पतंग उड़ाने का वर्णन तो ठीक है पर पतंग का उड़ते-उड़ते स्वर्ग में पहुँच जाने का वर्णन बहुत बढ़ाकर किया गया। इस पर विश्वास करना कठिन हो रहा है। अत: अतिशयोक्ति अलंकार। अन्य उदाहरण –
5. मानवीकरण अलंकार – जब जड़ पदार्थों और प्रकृति के अंग (नदी, पर्वत, पेड़, लताएँ, झरने, हवा, पत्थर, पक्षी) आदि पर मानवीय क्रियाओं का आरोप लगाया जाता है अर्थात् मनुष्य जैसा कार्य व्यवहार करता हुआ दिखाया जाता है तब वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है; जैसे – अन्य उदाहरण –
यहाँ वसुंधरा द्वारा मोती बिखेरने और सूर्य द्वारा उसे सवेरे एकत्र कर लेने में मानवीय क्रियाओं का आरोप है। अभ्यास-प्रश्न 1. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित अलंकारों के नाम लिखिए – 2. नीचे कुछ अलंकारों के नाम दिए गए हैं। उनके उदाहरण लिखिए – विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गए 1. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित अलंकार भेद बताइए 2. निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए NCERT Solutions for Class 9 Hindiया मुरली मुरलीधर की इसमें कौन सा अलंकार है?यहाँ पर 'ल' वर्ण और 'म' वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हुई है इस कारण यहाँ अनुप्रास अलंकार है।
यमक अलंकार का उदाहरण क्या है?काली घटा का घमंड घटा।
पहली बार 'घटा' शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की और संकेत कर रहा है। दूसरी बार 'घटा' शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है। अतः 'घटा' शब्द का दो बार प्रयोग और अलग अलग अर्थ के कारण उक्त पंक्तियों में यमक अलंकार की छटा दिखती है।
या मुरली मुरलीधर की अधरान भरी अधरा न धरौंगी प्रस्तुत पंक्ति में कौन सा अलंकार है?'अधरान धरी अधरा न धरौंगी' में यमक अलंकार है।
मोर मुकुट में कौन सा अलंकार है?दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 1 'उत्प्रेक्षा अलंकार' है।
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