खुशबू रचते हैं हाथअरुण कमलNCERT Solutionनिम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:Question 1: ‘खुशबू रचनेवाले हाथ’ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ कहाँ रहते हैं? Show
उत्तर:अगरबत्ती बनाने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं। ऐसे लोग तंग गलियों में, बदबूदार नाले के किनारे और कूड़े के ढ़ेर के बीच रहते हैं। बड़े शहरों की किसी भी झोपड़पट्टी में आपको ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा। Chapter Listधूल दुख का अधिकार एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा तुम कब जाओगे अतिथि सी वी रामन कीचड़ का काव्य धर्म की आड़ शुक्रतारे के समान रैदास रहीम आदमीनामा एक फूल की चाह गीत अगीत अग्निपथ नये इलाके में खुशबू रचते हैं हाथ क्षितिज कृतिका संचयनQuestion 2: कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है? उत्तर: अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही की डाल की तरह होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और जख्म से फटे हुए भी होते हैं। Question 3: कवि ने यह क्यों कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’? उत्तर: अगरबत्ती का काम है खुशबू फैलाना। ये अगरबत्तियाँ हाथों से बनाई जाती हैं। इसलिए कवि ने कहा है कि ‘खुशबू रचते हैं हाथ’। Question 4: जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल कैसा होता है? उत्तर: जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होती है। अगरबत्ती निर्माण एक कुटीर उद्योग है। ज्यादातर कारीगर किसी झोपड़पट्टी में काम करते हैं; जहाँ अपार गंदगी और बदबू होती है। Question 5: इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है? उत्तर: इस कविता के माध्यम से कवि ने कामगारों और मजदूरों की भयावह जिंदगी को उजागर किया है। कवि ने यह दिखाने की कोशिश की है कि ऐसे मजदूर कितनी बदहाली में रहते हैं और कितनी विषम परिस्थिति में काम करते हैं। व्याख्या कीजिए:Question 1: पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ, जूही की डाल से खुशबूदार हाथ उत्तर: अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही की डाल की तरह होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और जख्म से फटे हुए भी होते हैं। Question 2: दुनिया की सारी गंदगी के बीच, दुनिया की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ उत्तर: जहाँ अगरबत्तियाँ बनती हैं, वहाँ का माहौल अगरबत्ती की मोहक खुशबू के ठीक विपरीत होती है। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है। Question 3: कवि ने इस कविता में ‘बहुवचन’ का प्रयोग अधिक किया है? इसका क्या कारण है? उत्तर: अगरबत्ती हम जब भी खरीदते हैं तो इकाई में नहीं। उसी तरह, अगरबत्ती बनाने वाले झुंड में काम करते हैं। उनकी समस्याएँ भी अनेक होती हैं। इसलिए कवि ने इस कविता में बहुवचन का प्रयोग अधिक किया है। Question 4: कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है? उत्तर: अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं और उनका वर्णन करने के लिए कवि ने तरह तरह के विशेषणों का उपयोग किया है। कवि ने किसी हाथ की उभरी हुई नसें दिखाई है, तो किसी के घिसे नाखून। किसी हाथ की कोमलता दिखाई है तो किसी की कठोरता।
कवि ने हाथों के लिए कौन कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है?(क) (i) पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ जूही की डाल से खुशबूदार हाथ (ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू
कविता में कवि ने हाथों के लिए किन किन विशेषणों का प्रयोग किया है इन विशेषणों से क्या बात स्पष्ट होती है?खुशबू रचते हैं हाथ. उभरी नसों वाले हाथ अर्थात् वृद्ध मजदूरों के हाथ।. घिसे नाखूनों वाले हाथ अर्थात् मजदूर वर्ग के हाथ।. पीपल के नए पत्ते जैसे हाथ अर्थात् कम उम्र के बच्चों के हाथ।. जूही की डाल जैसे हाथ अर्थात् नवयुवतियों के सुंदर हाथ।. कटे-पिटे और जख्मी हाथ अर्थात् मालिक द्वारा शोषित एवं सताए मजदूरों के हाथ।. कवि द्वारा कविता में तरह तरह के हाथों का चित्रण करने का उद्देश्य क्या है?यहाँ रोज़ कुछ बन रहा है रोज़ कुछ घट रहा है यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं 2022-23 Page 4 नए इलाके में / खुशबू रचते हैं हाथ / 109 एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ अब यही है उपाय कि हर दरवाज़ा खटखटाओ और पूछो - क्या यही है वो घर ?
खुशबू रचते हैं हाथ कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?'खुशबू रचते हैं हाथ' कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है? उत्तरः इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य समाज के उपेक्षित मजदूर वर्ग की दयनीय दशा की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
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