जयपुर का पहला राजा कौन था? - jayapur ka pahala raaja kaun tha?

जयपुर के प्रथम राजा कौन थे?...


जयपुर का पहला राजा कौन था? - jayapur ka pahala raaja kaun tha?

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जयपुर का पहला राजा कौन था? - jayapur ka pahala raaja kaun tha?

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जयपुर. ये तो सभी जानते हैं कि जयपुर शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने 1727 में की। सवाई प्रताप सिंह से लेकर सवाई मान सिंह द्वितीय तक कई राजाओं ने शहर को बसाया। बीसवीं सदी के मध्य में जयपुर रियासत के दीवान रहे सर मिर्जा इस्माइल का शहर की खूबसूरती को सजाने और संवारने में अहम रोल रहा। उन्हें उस समय प्रधानमंत्री कहा जाता था। शहर में आज उनके नाम से एक मार्ग बड़ा प्रसिद्ध है, जिसे एमआई रोड कहते हैं। असल में इसका नाम सर मिर्जा इस्माइल रोड रखा गया था। 'झलक राजस्थान की' सीरीज के तहत हम बता रहे हैं जयपुर को खूबसूरत बनाने की कहानी...

19 जून 1942 को सर मिर्जा इस्माइल प्राइम मिनिस्टर बना कर रियासत में लाए गए। इन्होंने राजनीतिक उठापटक से शहर को दूर रखा।

कौन थे सर मिर्जा इस्माइल
आजादी से पहले सवाई मान सिंह द्वितीय जयपुर के राजा थे। वे बहुत अच्छे सेनापति भी थे। अंग्रेजी के अच्छे जानकार थे। मेयो कॉलेज अजमेर में पढ़े थे, वूलविच की रॉयल मिलिट्री एकेडमी में भी ट्रेनिंग ली थी। वे 1911 में राजा बने, 1932 में पूरी तरह बालिग होने पर उन्हें पूरे राज्य का अधिकार मिल गया। ये आईसीएस (इंडियन सिविल सर्विस) जैसी महत्वपूर्ण सेवा से जुड़े अधिकारी थे। सारी दुनिया में यह शोहरत फैल रही थी कि मैसूर रियासत के दीवान होने के वक्त इन्होंने मैसूर में चार चांद ऐसे लगा दिए थे। सवाई मानसिंह ने उन्हें जयपुर का दीवान बनने का न्योता दिया। 19 जून 1942 को सर मिर्जा इस्माइल प्राइम मिनिस्टर बना कर रियासत में लाए गए। ये आगा जान के बेटे थे। मैसूर के सेंट बेटरिक स्कूल में पढ़े थे। इनकी विचारधारा उदार थी, कम्यूनल नहीं थे।

सी-स्कीम-स्टैच्यू सर्किल का निर्माण कराया

सर मिर्जा ने पद संभालते ही रामनिवास बाग में जंगली पेड़ों को कटवा कर करीने से सड़कें बनवाईं। चौड़ा रास्ता में नया दरवाजा निकाला जो आज रामनिवास बाग के सामने है। पहले यहां बंद परकोटा था। इसमें दरवाजा निकालते ही त्रिपोलिया से लेकर म्यूजियम यानी अल्बर्ट हॉल तक का दृश्य साफ दिखाई देने लगा। शहर में सारी दुकानों को करीने से बनवा कर उनपर नाम लिखवाए गए। उनके सबसे बड़े कामों में सी-स्कीम का बनवाया जाना। स्टैच्यू सर्किल के निर्माण के अलावा परकोटे से बाहर की कई बस्तियों में पूरी बसावट करना।

मिर्जा इस्माइल ने जनहित में किया काम
राजपुताना यूनिवर्सिटी की परिकल्पना की गई। 1944 में पहली बार अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का 32वां अधिवेशन जयपुर में हुआ। 1945 में अखिल भारतीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन का अधिवेशन हुआ। वहीं सर मिर्जा ने बड़ी चालाकी से राजनीति की उठापटक से शहर को दूर रखा। इस तरह 4-5 साल में ही इन्होंने जयपुर का नक्शा बदल दिया। 1946 में ये चले गए, उनकी जगह सर वीटी कृष्णमाचारी आ गए, लेकिन मिर्जा इस्माइल को यह शहर आज तक नहीं भूल सका है। सर मिर्जा इस्माइल का जन्म 1883 में हुआ था और 5 जनवरी 1959 को मृत्यु हुई। इनकी लिखी हुई आत्मकथा माई पब्लिक लाइफ पिछले दिनों काफी मशहूर हुई, लेकिन आज की नई पीढ़ी इससे अनजान है।

(संस्कृत विश्वविद्यालय के देवर्षि कलानाथ शास्त्री ने दैनिक भास्कर से ये जानकारी साझा की।)

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जयपुर में सबसे पहले किसका राज था?

ये तो सभी जानते हैं कि जयपुर शहर की स्थापना सवाई जयसिंह ने 1727 में की। सवाई प्रताप सिंह से लेकर सवाई मान सिंह द्वितीय तक कई राजाओं ने शहर को बसाया।

जयपुर के कितने राजा हुए?

जयपुर राज्य.

जयपुर का आखिरी राजा कौन था?

महाराजा सवाई मान सिंह का जन्म 21 अगस्त 1912 को हुआ था। वह जयपुर के अंतिम शासक थे। उन्होंने 1922 से लेकर राज्य के भारत में विलय (1949) तक शासन किया।

राजस्थान का पहला राजा कौन था?

महाभारत में उल्लिखित मत्स्य महाजनपद पूर्वी राजस्थान और जयपुर के एक बड़े हिस्से पर शासन करते थे। जयपुर से 80 कि॰मी॰ उत्तर में बैराठ, जो तब विराटनगर कहलाता था, उनकी राजधानी थी। इस क्षेत्र की प्राचीनता का पता अशोक के दो शिलालेखों और चौथी पांचवी सदी के बौद्ध मठ के भग्नावशेषों से भी चलता है।