Solution : 26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए काफी तैयारियाँ की गई, कार्यकर्ताओं को उनका कार्य घर-घर जाकर समझाया गया। लोगों द्वारा अपने घरों को खूब सजाया गया। मकानों, बाजारों आदि में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की तैयारी की गई। कलकत्ता के प्रत्येक भाग में झंडे लगाए गए। शाम को साढ़े चार बजे एक सार्वजनिक स्थान पर सभा की तैयारी की गई जिसमें लोगों को हर दिशा से जुलूस बना कर पहुँचना था। Show निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए − 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गईं? Solution26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए कलकत्ता शहर ने शहर में जगह-जगह झंडे लगाए गए थे। कई स्थानों पर जुलूस निकाले गए तथा झंड़ा फहराया गया था। टोलियाँ बनाकर भीड़ उस स्थान पर जुटने लगी जहाँ सुभाष बाबू का जुलूस पहुँचना था। पुलिस की लाठीचार्ज तथा गिरफ़तारी लोगों के जोश को कम न कर पाए। Concept: गद्य (Prose) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? APPEARS INरचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार होते हैं- I. क) दो सौ आदमियों का जुलूस लालबाजार जाकर गिरफ्तार हो गया। II. संयुक्त वाक्य−1. उनकी नज़र मेरी ओर उठी और प्राण निकल गए। मिश्र वाक्य − (क) मैंने बहुत चेष्टा की कि इस पहेली का कोई अर्थ निकालूँ लेकिन असफल रहा। 299 Views नीचे दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए - 1. श्रद्धा + आनंद
=श्रद्धानंद 775 Views निम्नलिखित वाक्य संरचनाओं को ध्यान से पढ़िए और समझिए कि जाना, रहना और चुकना क्रियाओं का प्रयोग किस प्रकार किया गया है। (क) 1. कई मकान सजाए
गए थे। (ख) 1. बड़े बाजार के प्राय: मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था। (ग) 1. सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था, वह प्रबंध कर चुका था। 128 Views 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या क्या तैयारियां की गई?26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए कलकत्ता शहर ने शहर में जगह-जगह झंडे लगाए गए थे। कई स्थानों पर जुलूस निकाले गए तथा झंड़ा फहराया गया था। टोलियाँ बनाकर भीड़ उस स्थान पर जुटने लगी जहाँ सुभाष बाबू का जुलूस पहुँचना था। पुलिस की लाठीचार्ज तथा गिरफ़तारी लोगों के जोश को कम न कर पाए।
26 जनवरी 1931 को क्या हुआ था?देश का स्वतंत्रता दिवस एक वर्ष पहले इसी दिन मनाया गया था। इससे पहले बंगाल वासियों की भूमिका नहीं थी। अब वे प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ गए। इसलिए यह महत्वपूर्ण दिन था।
लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि आज जो बात थी वह निराली थी?आज का दिन निराला इसलिए था क्योंकि स्वतंत्रता दिवस मनाने की प्रथम आवृत्ति थी। पुलिस ने सभा करने को गैरकानूनी कहा था किंतु सुभाष बाबू के आह्वान पर पूरे कलकत्ता में अनेक संगठनों के माध्यम से जुलूस व सभाओं की जोशीली तैयारी थी।
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