Show बाबा साहेब अंबेडकर और उनकी पहली पत्नी रमाबाईबाबासाहेब की पहली शादी 1906 में हुई थी. वह तब 15 साल के थे औऱ उनकी पहली शादी रमाबाई से हुई थी.
अक्सर सवाल उठाया जाता है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने जब दूसरी बार शादी की तो एक ब्राह्मण महिला से क्यों की. इस पर उनके समर्थक खासे नाराज भी हो गए थे. विवाद भी हुआ. खुद उनके बेटे और करीबी परिजन इससे खुश नहीं थे. वर्ष 1947 के आसपास बाबासाहेब डायबिटीज औऱ ब्लड प्रेशर से काफी परेशान थे. पैरों में दिक्कत बढ़ने लगी थी. समस्या इस कदर बढ़ी कि उन्हें गंभीरता से इलाज की सलाह दी गई. मुंबई की डॉक्टर सविता ने इलाज शुरू किया. वह पुणे के सभ्रांत मराठी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थीं. ऐसे ब्राह्मण परिवार से, जिन्हें चितपावन ब्राह्मण कहा जाता था, यानि सबसे कुलीन ब्राह्मण. सविता पढ़ने में काफी कुशाग्र थीं. पुणे से आरंभिक पढ़ाई के बाद उन्होंने मुंबई से एमबीबीएस किया. इलाज के दौरान वो आंबेडकर के नजदीक आ गईं. हालांकि दोनों की उम्र में अंतर था. जब शादी हुई तो न केवल ब्राह्मण बल्कि दलितों का बड़ा वर्ग खासा कुपित था. आंबेडकर के बेटे और नजदीकी रिश्तेदारों को भी ये शादी रास नहीं आई. खटास ताजिंदगी बनी रही. पहली शादी कम उम्र में इलाज के दौरान डॉ. सविता के करीब आए और शादी
इसके बाद कई तरह की बातें और विवाद शुरू हुए. तमाम बातें कहीं गईं. ब्राह्मणों ने आंबेडकर की दलित राजनीति और विचारधारा पर सवाल खड़े कर दिए. नाराज दलितों के एक वर्ग का कहना था कि इससे गलत तो कुछ हो ही नहीं सकता था. क्या बाबा साहेब को शादी के लिए एक ब्राह्मण स्त्री ही मिली थी. कुछ ने कहा कि ये ब्राह्मणों की साजिश है. कुछ ने खिल्ली उड़ाई. उनके बहुत से अनुयायियों का मानना था कि बाबा साहेब जो भी करते हैं, सोच समझ करते हैं. बाबा साहेब ज्यादा विचारवान और समझदार हैं, लिहाजा उन्होंने उचित ही किया होगा. पत्नी के बारे में बाबा साहेब का खयाल नई भूमिका के साथ किताब को फिर प्रकाशित किया जाना था. भावुक अंदाज में इसमें लिखा कि किस तरह उन्हें पत्नी से मदद मिली. आंबेडकर के निधन के बाद नाराज करीबियों और अनुयायियों ने प्रकाशक पर दबाव डाला कि ये भूमिका हटाई जाए. इस तरह वो फीलिंग्स लोगों के सामने नहीं आ सकी, जो उन्होंने पत्नी के बारे में लिखी थी. ये बात 1980 में सामने आई, जब पंजाबी बौद्धिस्ट लेखक भगवान दास ने उनकी उस भूमिका को दुलर्भ भूमिका के रूप में प्रकाशित किया. हालांकि निधन के बाद आंबेडकर के बेटों और करीबियों ने सविता माई पर उनका ध्यान नहीं रखने का आरोप भी लगाया. उन्हें आंबेडकर आंदोलन से अलग कर दिया गया. उन्होंने खुद को दिल्ली में अपने महरौली स्थित फॉर्महाउस तक समेट लिया. बाद में युवा रिपब्लिकन नेता रामदास अठावले औऱ गंगाधर गाडे दोबारा आंबेडकर आंदोलन को मुख्यधारा में लौटाकर लाए. हालांकि उम्र बढ़ने पर वह फिर अलग हो गईं. उन्होंने बाबा साहेब पर संस्मरण ''बाबासाहेबन्चया सहवासत'' लिखा. उन पर बनी फिल्म में योगदान दिया. सविता माई का वर्ष 2003 में 94 साल की उम्र में मुंबई के जेजे अस्पताल में निधन हो गया.undefined ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: B. R. ambedkar, Baba sahib, Babasaheb Bhimrao Ambedkar University, Bhimrao Ambedkar FIRST PUBLISHED : April 14, 2019, 10:43 IST डॉ भीमराव अंबेडकर ने कितनी शादियां की थी?भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था।
बाबा साहब ने दूसरी शादी क्यों की?लगे थे गंभीर आरोप?
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