Lakshman Ki Mata Ka NaamPradeep Chawla on 14-10-2018 Show
लक्ष्मण रामायण के एक आदर्श पात्र हैं। इनको शेषनाग का अवतार माना जाता है। रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे, उनकी माता सुमित्रा थी। वे राम के भाई थे, इन दोनों भाईयों में अपार प्रेम था। सम्बन्धित प्रश्नComments Laxman ki mata ka naam on 06-04-2021 Sumitra Laxman ki maa ka naam on 25-05-2020 Laxman ki maa ka naam Ashish on 10-01-2020 Lakshman Ne shatrughn ki naak Kaan Kyon Kat diye the iska answer batao Kekai on 20-10-2019 Lakshman ki mata ka nam Nandani on 08-10-2019 Lakshmankimatakanamekyata Ram ki patrani on 07-10-2019 Ram ki patrani लक्ष्मण की माता का नाम on 31-08-2019 लक्ष्मण की माता का नाम Lakshman ji ki Mata ka naam on 23-08-2019 Lakshman ji ki Mata ka naam Puche on 19-07-2019 Laxman ji ki mata ka naam kya he? PRADEEP KUMAR on 12-05-2019 Ram ke putr ka naam Bhrat ka mata ka name on 12-04-2019 Bhrat ka mata ka name
लक्ष्मण रामायण के एक आदर्श पात्र हैं। इनको शेषनाग का अवतार माना जाता है। रामायण के अनुसार, राजा दशरथ के तीसरे पुत्र थे, उनकी माता सुमित्रा थी। वे राम के छोटे भाई थे, इन दोनों भाईयों में अपार प्रेम था। उन्होंने राम-सीता के साथ १४ वर्षों का वनवास भोगा था | कौशल्या और कैकीय इनकी सौतेली माता थीं | इन सभी चारों भाइयों की एक बड़ी बहन थी जो कौशल्या की पुत्री थीं उनका नाम शांता था । दशरथ और कौश्यला ने उन्हें अंग महाजनपद के राजा और कौशल्या की बहन को गोद दे दिया था । मंदिरों में श्री राम तथा सीता जी के साथ सदेव उनकी भी पूजा होती है। उनके अन्य भाई भरत और शत्रुघ्न थे। लक्ष्मण हर कला में निपुण थे, चाहे वो मल्लयुद्ध हो या धनुर्विद्या।[1][2] आदर्श भाई[संपादित करें]लक्ष्मण एक आदर्श अनुज हैं। राम को पिता ने वनवास दिया किंतु लक्ष्मण राम के साथ स्वेच्छा से वन गमन करते हैं - ज्येष्ठानुवृति, स्नेह तथा धर्मभाव के कारण। राम के साथ उनकी पत्नी सीता के होने से उन्हें आमोद-प्रमोद के साधन प्राप्त है किन्तु लक्ष्मण ने समस्त आमोदों का त्याग कर केवल सेवाभाव को ही अपनाया। वास्तव में लक्ष्मण का वनवास राम के वनवास से भी अधिक महान है। भाई के लिये बलिदान की भावना का आदर्श[संपादित करें]वाल्मीकि रामायण के अनुसार दानव कबंध से युद्ध के अवसर पर लक्ष्मण राम से कहते हैं, "हे राम! इस कबंध दानव का वध करने के लिये आप मेरी बलि दे दीजिये। मेरी बलि के फलस्वरूप आप सीता तथा अयोध्या के राज्य को प्राप्त करने के पश्चात् आप मुझे स्मरण करने की कृपा बनाये रखना।" सदाचार का आदर्श[संपादित करें]सीता की खोज करते समय जब मार्ग में सीता के आभूषण मिलते हैं तो राम लक्ष्मण से पूछते हैं "हे लक्ष्मण! क्या तुम इन आभूषणों को पहचानते हो?" लक्ष्मण ने उत्तर में कहा "मैं न तो बाहों में बंधने वाले केयूर को पहचानता हूँ और न ही कानों के कुण्डल को।मैं तो प्रतिदिन माता सीता के चरण स्पर्श करता था। अतः उनके पैरों के नूपुर को अवश्य ही पहचानता हूँ।" सीता के पैरों के सिवा किसी अन्य अंग पर दृष्टि न डालने सदाचार का आदर्श है। [3] वैराग्य की मूर्ति[संपादित करें]बड़े भाई के लिये चौदह वर्षों तक पत्नी से अलग रहना वैराग्य का आदर्श उदाहरण है। लक्ष्मण के वंशज[संपादित करें]लक्ष्मण के अंगद तथा चन्द्रकेतुमल्ल नामक दो पुत्र हुये जिन्होंने क्रमशः अंगदीया पुरी तथा कुशीनगर की स्थापना की।[कृपया उद्धरण जोड़ें] प्रतिहार वंश की उत्पत्ति पर चर्चा करने वाला 837 CE का जोधपुर शिलालेख है, यह भी वंश का नाम बताता है, जैसा कि परिहार लक्ष्मण से पूर्वजों का दावा करते हैं, जिन्होंने अपने भाई रामचंद्र के लिए द्वारपाल के रूप में काम किया था। इसका चौथा श्लोक कहता है,
[4][5] मनुस्मृति में, प्रतिहार शब्द, एक प्रकार से क्षत्रिय शब्द का पर्यायवाची है. लक्ष्मण के वंशज परिहार कहलाते थे।[कृपया उद्धरण जोड़ें] वे सूर्यवंशी वंश के क्षत्रिय हैं। लक्ष्मण के पुत्र अंगद, जो करपथ (राजस्थान और पंजाब) के शासक थे, इस राजवंश की 126 वीं पीढ़ी में राजा हरिचंद्र प्रतिहार का उल्लेख है (590 AD).[कृपया उद्धरण जोड़ें] सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियां[संपादित करें]लक्ष्मण और शत्रुघ्न की माता का नाम क्या था?सुमित्रा - दशरथ की मझली रानी, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न की माता।
लक्ष्मण जी की कितनी पत्नियां थी?माना जाता है कि लक्ष्मण की तीन पत्नियां थीं- उर्मिला, जितपद्मा और वनमाला। लेकिन रामायण में उर्मिला को ही मान्यता प्राप्त पत्नी माना गया, बाकी दो पत्नियां की उनके जीवन में कोई खास जगह नहीं थी। उर्मिला : लक्ष्मण की पत्नी का नाम उर्मिला था।
शत्रुघ्न की माता का नाम क्या था?- राम रमापति बैंक के प्रमुख सेवक विकास मल्होत्रा ने DainikBhaskar.com को बताया, "शत्रुघ्न सिन्हा के पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और मां श्यामा देवी ने यहां से राम नाम का कर्ज लिया था।
लक्ष्मण जी का दूसरा नाम क्या है?लक्ष्मण को कई अन्य नामों (Lakshman Ka Dusra Naam Kya Hai) जैसे कि लखन, सुमित्रानंदन, सौमित्र, रामानुज के नाम से भी जाना जाता हैं।
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