आज की लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग हेल्थ को लेकर काफी सीरियस हो गए हैं. हालांकि सेहतमंद चीजों को भी बेवक्त और ज्यादा खाया जाए तो वह नुकसानदेह हो सकता है. इसलिए किसी भी चीज को खाने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए. बहुत से लोग उठते ही वेट लॉस और ताकत के लिए नींबू पानी का सेवन करते हैं पर इसका उलटा असर भी स्वास्थ्य पर हो सकता है. इसके अलावा गैस और अपच की परेशानी को ठीक करने के लिए भी अक्सर लोग खट्टी चीजें खाते हैं. आपको बता दें कि ज्यादा खट्टी चीजें जैसे अचार, खटाई, इमली, संतरा, आंवला, दही और नींबू पानी पीने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. आइए आपको बताते हैं कि ज्यादा खट्टा खाने-पीने से आपको किन बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है. Show
इसे भी पढ़ेंः इन 5 फलों को खाने से लंबी उम्र तक त्वचा रहेगी यंग, दिखेंगे जवान पेट-दर्द कई लोगों को नींबू पानी पीना बहुत पसंद होता है. ऐसे में ज्यादा नींबू पानी पीने वाले लोगों को पेट दर्द की समस्या हो सकती है. दरअसल नींबू में साइट्रिक एसिड होता है और बहुत मात्रा में इसे हमारा शरीर बर्दाश्त नहीं कर पाता है. इसलिए साइट्रिक एसिड वाले खाद्य पदार्थों को खाने के बाद लेना चाहिए. इसके पीछे एक और कारण यह भी है कि हमारे शरीर की एक निश्चित क्षमता होती है, उसके ऊपर हमारा शरीर एक्सॉर्बिक एसिड्स की मात्रा बर्दाश्त नहीं कर पाता है. यही कारण है कि ज्यादा नींबू पानी पीने से पेट की समस्या हो सकती है. कब्ज कब्ज या कॉन्स्टिपेशन ज्यादा खट्टा खाने से भी होती है. शरीर से वेस्ट का सही से न निकल पाना एक गंभीर समस्या बन सकती है. कब्ज के चलते पेट में भारीपन और पेट का फूलना या टाइट होना महसूस किया जा सकता है. साथ ही पेट में दर्द भी होने लगता है. खट्टी चीजें जैसे अचार, खटाई, इमली, संतरा और आंवला खाना शरीर के लिए अच्छा होता है लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से पेट में गैस बनने लगता है, जिससे पेट की परेशानी होने लगती है. खाली पेट भी कुछ खट्टा नहीं खाना चाहिए. यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन लड़कियों में होने वाले ज्यादातर यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का कारण ज्यादा खट्टा खाना होता है. दरअसल ज्यादा खट्टी चीजों को खाने से हमारे शरीर का पीएच लेवल खराब हो जाता है और लड़कियों व महिलाओं में यह वजाइनल इंफेक्शन की बड़ी वजह बनती है. हमारे यूरीनरी ट्रैक्ट पर शरीर में हो रहे किसी बदलाव का एक अलग असर पड़ता है, जिसे आमतौर पर लोग इंफेक्शन कहते हैं. यह इंफेक्शन हमारे लाइफस्टाइल से जुड़े होते हैं, चाहे वो साफ-सफाई से हो या खाने-पीने से जुड़ी चीजों के कारण. अल्सर दही पेट के लिए काफी फायदेमंद होता है. गर्मी के मौसम में दही खाने से लोग काफी रिलैक्स और अच्छा महसूस करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि खाली पेट दही खाने से आपको नुकसान पहुंच सकता है. खाली पेट दही खाने से ऐसिडिटी बढ़ती है और आगे चलकर अल्सर की समस्या भी हो सकती है. खाली पेट दही लेने से इसमें मौजूद बैक्टीरिया से फायदा बेअसर हो जाता है. अल्सर होने का एक बड़ा कारण खट्टा खाना हो सकता है. इसे भी पढ़ेंः ज्यादा देर कुर्सी पर बैठना किडनी को कर सकता है डैमेज, सिगरेट भी करती है ऐसा नुकसान शरीर के गुड बैक्टीरिया को नुकसान हमारे शरीर में कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो हमारे आंतो में पाए जाते हैं. ज्यादा खट्टी चीजों को खाने से इन गुड-बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचता है. इससे हमारे पेट के पीएच लेवल से लेकर पाचन शक्ति तक सब कमजोर हो जाता है. इसलिए नींबू पानी, टमाटर, इमली और अचार खाते वक्त समय और खाने के अनुपात का जरूर ख्याल रखें. Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| FIRST PUBLISHED : October 20, 2019, 10:38 IST खट्टे फल के फायदे और नुकसान - Citrus Fruits Benefits and Side Effects in Hindiशेयर करें January 30, 2021 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! खट्टे फलों में कुछ तो बात होती होती है। उनका खट्टा-मीठा स्वाद और ताजी खुशबू ऐसी कि नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। माना जाता है कि खट्टे फलों का मूलस्थान दक्षिण एशिया है लेकिन आज दुनिया भर में खट्टे फल उपलब्ध हैं। खट्टे फल रुटेसी प्रजाति के पेड़ों और झाड़ियों पर उगते हैं। इन फलों में संतरा, अंगूर, नींबू और मौसंबी जैसे फल शामिल हैं। इन फलों में सिट्रिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है और इनका आकार गोल या लम्बा होता है। इनका छिलका मोटा होता है जिसकी बाहरी परत को 'ज़ेस्ट' कहते हैं। इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों में जायका बढ़ाने के लिए किया जाता है।
खट्टे फलों के नाम और प्रकार - Citrus fruits name and types in hindiआज बाज़ार में कई तरह के खट्टे फल और सब्जियां मौजूद हैं। इनमें से कुछ के नाम यहाँ बताये गए हैं:
खट्टे फलों के फायदे - Khatte Phalon ke Faydeखट्टे फल पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। वजन के प्रति सजग लोग जो अधिक कैलोरी के सेवन से बचना चाहते हैं, उन्हें उन्हें यह जानकार खुशी होती कि खट्टे फलों में बहुत कम कैलोरी होती है। एक मध्यम आकार के संतरे में लगभग 60 से 80 कैलोरी होती है जबकि एक अंगूर में लगभग 90 कैलोरी पाई जाती है। खट्टे फलों में ग्लूकोज, सुक्रोज और फ्रक्टोज जैसे सामान्य कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं। खट्टे फलों में जो फाइबर पाया जाता है उसमें पेक्टिन होता है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। खट्टे फलों में विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है। साथ ही इनमें फोलेट, लाइकोपीन, पोटेशियम, विटामिन बी 6, मैग्नीशियम, नियासिन, थायमिन और फाइटोन्यूट्रिएंट जैसे अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। (और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय) खट्टे फल रखें त्वचा को जवान - Khatte phal ke fayde tvcha ke liyeविटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करने की एक और वजह हो सकती है और वह है त्वचा को स्वस्थ रखना। विटामिन सी आपकी त्वचा को युवा रखने में मदद करती है। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है उनमें विटामिन सी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। विटामिन सी कोलेजन दोबारा बनाने में मदद करता है, जो आपकी त्वचा जवान और तनी हुई दिखती है। खट्टे फलों का सेवन न करने से और उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारी त्वचा में कोलेजन की मात्रा भी कम हो जाती है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन सी के सेवन से त्वचा चिकनी और सुकोमल रहती है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में 2007 में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने विटामिन सी भरपूर आहार का सेवन किया, उन्हें अन्य लोगों की तुलना में झुर्रियों और ड्राई स्किन की समस्या होने की आशंका कम हुई। और पढ़ें - आंखों के नीचे की झुर्रियों के लिए घरेलू उपाय) खट्टे फलों से पाएं सुंदर और चमकदार बाल - Khatte phal ke labh roken baaalon ka tutnaविटामिन सी अन्य चीजों के साथ-साथ आपके शरीर में कोलेजन भी अधिक बनाने में मदद करता है। कोलेजन आपके बाल मजबूत और सुंदर बनाता है। साथ ही आपके शरीर में कोलेजन की मात्रा संतुलित हो तो बाल टूटना भी रुकता है। इसलिए आज से ही विटामिन सी से भरपूर खट्टे फलों का सेवन शुरू कर दें क्योंकि यह पोषक तत्व हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से से नहीं बनता है। इसके अलावा खट्टे फल रूसी (डैंड्रफ की समस्या) से भी छुटकारा पाने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - डैंड्रफ हटाने के घरेलू उपाय) खट्टे फल वजन कम करने में मददगार - Citrus fruits for weight lossखट्टे फलों में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और वजन कम करने में मदद करता है। खट्टे फलों में वसा (फैट), सोडियम या कैलोरी की मात्रा न के बराबर होती है या होती भी है तो बहुत कम। इसलिए वजन के प्रति सजग लोगों को संतरे जैसे फल अपने आहार में शामिल करने से मदद मिल सकती है। इसके अलावा इन फलों में पानी और फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे आपकी बार-बार खाने की तलब भी कम होती है। (और पढ़ें - वजन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय) खट्टे फल बचाएं कैंसर से - Khatte phal ke aushdhiya gun bachayen cancer seकुछ अध्ययनों के मुताबिक खट्टे फल कुछ प्रकार के कैंसर का जोखिम कम कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने रोजाना एक चकोतरा (Grapefruit) के रस का सेवन किया उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हुआ। हार्वर्ड में किए गए एक अध्ययन के अनुसार खट्टे फलों में फ्लेवोनॉयड, फोलेट, कैरोटिनॉयड और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो एसोफेगल (ग्रासनली) कैंसर के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं। खट्टे फलों में फ्लेवोनॉयड के साथ-साथ कई यौगिक भी होते हैं, जो कैंसर के खिलाफ सुरक्षा करने में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ फ्लेवोनॉयड, एंटीऑक्सीडेंट का भी काम करते हैं जो कैंसर के खतरे से बचाने में लाभकारी होते हैं। माना जाता है कि खट्टे फलों में पाए जाने वाले विटामिन सी और एक विशिष्ट फ्लेवोनॉयड (नोबिलेटिन) नई रक्त नलिकाएं बनने से रोकने में भी सहायक होते हैं। गौरतलब है कि नई रक्त नलिकाओं का निर्माण कैंसर को बढ़ने में मदद करता है। डिम्बग्रंथि के कैंसर का खतरा उन महिलाओं में काफी कम पाया गया था जो खट्टे फल का सेवन करती थी। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक खट्टे फल पेट के कैंसर का जोखिम भी कम करने में मदद कर सकते हैं। (और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए) आँखों के लिए लाभकारी हैं खट्टे फल - Aankhon ke liye labhkari hai khatte phalजैसा कि हम जान ही चुके हैं कि खट्टे फल विटामिन सी से परिपूर्ण होते हैं। यह विटामिन न केवल आपकी आंखों से जुड़ी रक्त नलिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है बल्कि मोतियाबिंद और उम्र बढ़ने के साथ होने वाले मैक्यूलर डिजनरेशन का जोखिम भी कम करने में मदद करता है। (और पढ़ें - मोतियाबिंद के घरेलू उपाय) खट्टे फल तनाव दूर करने में सहायक - Khatte Phalon ka sewan kare tanav ko durखट्टे फल तनाव कम करने में भी मदद कर सकते हैं। तनाव बढ़ने की दो मुख्य वजहें होती हैं। एक तो है कोर्टिसोल हार्मोन (जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है) का स्तर बढ़ना और दूसरी वजह है दबाव या चिंताजनक स्थितियों में ब्लड प्रेशर का बढ़ना। खट्टे फलों में पाया जाने वाला विटामिन सी इन दोनों समस्याओं निपटने और तनाव का स्तर कम करने में मदद करता है। (और पढ़ें - तनाव दूर करने के घरेलू उपाय) खट्टे फल करें प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत - Immunity ko majboot karen khatte falon seखट्टे फल में पाया जाने वाला विटामिन सी ऐसा पोषक तत्व है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। विटामिन सी और विटामिन बी 6 के अलावा इन फलों में कई यौगिक भी होते हैं जैसे फ्लेवोनॉयड्, कैरोटिनॉयड और आवश्यक वसा। ये तत्व कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। खट्टे फलों में पाया जाने वाले विटामिन सी में सूजन कम करने के गुण होते हैं। साथ ही इस विटामिन में विषाणुरोधी (एंटीवायरल) और जीवाणुरोधी (एंटीबैक्टीरियल) गुण भी होते हैं। इसके अलावा यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है। (और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ायें) खट्टे फल से हो किडनी में पथरी से बचाव - Khatte phal ke gun bachayen kidney stone seकिडनी में पथरी बनने की शुरुआत तब होती है जब आपके मूत्र में साइट्रेट का स्तर कम होने लगता है। यदि दिन भर में दो-एक गिलास नींबू पानी का सेवन करें तो मूत्र में साइट्रेट का स्तर बढ़ाने में मदद मिल सकती है और साथ ही किडनी में पथरी बनने का जोखिम कम हो सकता है। (और पढ़ें - पथरी में क्या खाएं) दिल को दुरुस्त रखें खट्टे फल - Citrus fruit for heartखट्टे फलों का सेवन आपके हृदय के लिए लाभकारी हो सकता है। हाल ही में प्रकाशित एक रपट में कहा गया कि चकोतरे से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिल सकती है। खट्टे फलों में मौजूद घुलनशील फाइबर और फ्लेवोनॉयड फायदेमंद एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार कर सकते हैं। साथ ही हानिकारक एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम कर सकते हैं। खट्टे फलों में कैरोटिनॉयड और पॉलीफेनॉल जैसे फाइटो सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों के लगातार सेवन से आपका दिल तंदरुस्त हो सकता है। साथ ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचाव भी हो सकता है। जापान में हुए एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने इन फलों का अधिक मात्रा में सेवन किया उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक होने की आशंका कम हुई। (और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने वाले आहार) खट्टे फल हैं मस्तिष्क के लिए लाभकारी - Khatte phal hai mastshisk ke liye labhkariएक परीक्षण में पाया गया कि आठ हफ्ते तक जिन स्वस्थ बुजुर्गों ने फ्लेवेनॉन से भरपूर संतरे के रस का सेवन किया, उनकी मानसिक शक्ति पर इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा। खट्टे फलों के सेवन से मस्तिष्क को न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों से बचाने में मदद मिल सकती है। (और पढ़ें - दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय) खट्टे फलों के नुकसान - Khatte Phalon ke Nuksan
(और पढ़ें - सीने में जलन के उपाय) सम्बंधित लेखआदमी को खट्टा खाने से क्या होता है?कई बार खटाई चोट या जख्म को पका देती है। इसलिए सेहत के मामलों में डॉक्टर अधिक खट्टा खाने से बचने की सलाह देते हैं। कई बार बहुत ज्यादा खट्टा खाने की वजह से किडनी और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। बहुत से लोगों को सब्जी पर आमचूर और दाल में नींबू डालकर खाने की आदत होती है, इससे बचना चाहिए।
खट्टा पानी पीने से क्या होता है?गैस और अपच की परेशानी को ठीक करने के लिए भी अक्सर लोग खट्टी चीजें खाते हैं. आपको बता दें कि ज्यादा खट्टी चीजें जैसे अचार, खटाई, इमली, संतरा, आंवला, दही और नींबू पानी पीने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. आइए आपको बताते हैं कि ज्यादा खट्टा खाने-पीने से आपको किन बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है.
लड़कियों को खट्टा खाने का क्यों मन करता है?गर्भावस्था के दौरान, ज्यादातर महिलाओं के लिए मतली (morning sickness) मुख्य दुश्मन है। खट्टे फल खाने से बेचैनी कम होती है। जी मिचलाने और उल्टी होने के कारण उन्हें बेहतर स्वाद के लिए खट्टी चीजें खाने का मन करता है।
लड़कियों को ज्यादा खट्टा खाने से क्या होता है?लड़कियों के ज्यादा खट्टा खाने से vaginal infection होता है। साथ ही साथ जगह खट्टा खाने से लड़कियों के चेहरे पर दाने फुंसी जैसी चीजें होने लगती हैं। इसलिए लड़कियों को हमेशा यह कहा जाता है कि वह लिमिट में ही खट्टा खाए।
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