कौन सी प्रजाति संकटग्रस्त नहीं है? - kaun see prajaati sankatagrast nahin hai?

इसे सुनेंरोकेंअंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने 2013 के लिए भारत में देखी जाने वाली पक्षियों की दस प्रजातियों को गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल किया है। इनमें ग्रेट साइबेरियन क्रेन, गोडावण (Indian Bustard), सफेद पीठ वाला गिद्ध, लाल– सिर वाला गिद्ध, जंगली उल्लू और सफेद पेट वाला बगुला आदि शामिल हैं।

कौन सा पक्षी विलुप्त हो चुका है?

इसे सुनेंरोकेंडोडो (रैफस कुकुलैटस) हिंद महासागर के द्वीप मॉरीशस का एक स्थानीय पक्षी था। यह पक्षी वर्ग में होते हुए भी थलचर था, क्योंकि इसमे उड़ने की क्षमता नहीं थी। १७वीं सदी के अंत तक यह पक्षी मानव द्वारा अत्याधिक शिकार किये जाने के कारण विलुप्त हो गया।

निम्न से कौन -सी भारत की एक संकटग्रस्त प्रजाति है?

Questionनिम्न से कौन -सी भारत की एक संकटग्रस्त प्रजाति है?Chapter Nameजैव-विविधता और संरक्षणSubjectBiology (more Questions)Class12thType of AnswerVideo & Image

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क्या धमकी दी प्रजातियों की अवधारणा है?

इसे सुनेंरोकें’धमकी दी प्रजाति’ शब्द का उपयोग वन्यजीवों के संरक्षण के संदर्भ में उपरोक्त श्रेणियों (लुप्तप्राय, कमजोर या दुर्लभ प्रजातियों) के लिए किया जाता है।

कौन सा जानवर लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में सूचीबद्ध है?

रेड डाटा बुक की रिपोर्ट और भारत में लुप्तप्राय जानवर

  • भारतीय बस्टर्ड – अरडॉटइस निग्रिकेप्स (विगोर्स) महान Source: timesofindia.indiatimes.com.
  • हिमालय मोनल, तीतर – लोफोफोरस इम्पेजनुस (लैथम)
  • सारस क्रेन (ग्रूस अन्तिगोने )
  • एशियाटिक लायन – पेन्थेरा लियो पर्सिका (मेयर)
  • कृष्णमृग – एंटीलोप सर्विकाप्रा (लिनिअस)

भारत में संकटग्रस्त पादप जाति कौन सी है?

इसे सुनेंरोकेंमिरिस्टिका दलदल एक उष्णकटिबंधीय ताजे पानी का दलदल जंगल हैं जो पश्चिमी घाट में पाया जाता है. इसकी विशेषता यह है कि यह पृथ्वी के सबसे पुराने पुष्पीय पौधों का स्थान है. ये दलदल 1988 में चर्चा में आये जब इस क्षेत्र को भारत के पारिस्थितिक तंत्र में सबसे संकटग्रस्त जंगल के रूप में व्याख्यापित किया गया.

भारत में जीव जंतुओं की कितनी प्रजातियां पाई जाती है?

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इसे सुनेंरोकेंभारत में लगभग 1,250 पक्षियों की प्रजातियाँ हैं, जिनमें कुछ वर्गीकरण व्यवहार के आधार पर विविधताएँ हैं, यह विश्व की कुल प्रजातियों का लगभग 12% है। भारत में स्तनधारियों की लगभग 410 प्रजातियाँ ज्ञात हैं, जोकि विश्व की प्रजातियों का लगभग 8.86% है।

भारत में रेड डाटा बुक कौन तैयार करता है?

इसे सुनेंरोकेंIUCN एक सूची जारी करता है जिसे रेड डाटा बुक (red data book) के नाम से जाना जाता है इसमें सभी प्रकार के जीवों की प्रजातियों का रिकार्ड रखा जाता है। IUCN का पूरा नाम अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union For Conservation Nature) होता है। इसे सन 1948 ई० में प्रकाशित किया गया था।

रेड बुक डाटा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंरेड डाटा बुक क्या है? – Quora. जीवो में से कुछ जीव तो लुप्त हो चुके है और कुछ जीव लुप्त होने की कगार पर है। जो जीव लुप्त हो चुके है वो जीव किस कारण से लुप्त हुए और जो जीव लुप्त होने वाले है उन सभी जीवो का उल्लेख एक विशेष प्रकार की लाल किताब में किया गया है। जिसे रेड डाटा बुक (Red Data Book) कहते है।

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संवेदनशीलता का मतलब क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंसाधारण शब्दों में यह कहा जा सकता है कि यदि मनुष्य या कोई प्राणी अन्य मनुष्यों या प्राणियों के पीड़ा या दुःख के प्रति स्वयं भी वही पड़ा या दुःख का अनुभव करे तो उसे ‘संवेदनशीलता’ कहते हैं।

पृथ्वी पर कितने प्रकार के जीव हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस संदर्भ में डलहौजी यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि पृथ्वी पर लगभग 80 लाख 70 हजार जीव प्रजातियां हैं।

जीव जंतु कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंसार के समस्त जीव-जंतुओं को 10 वर्गों में विभाजित किया गया है। सभी एक कोशिकीय जीवों को एक ही संघ कार्डेटा में रखा गया है। जबकि बहुकोशिकीय जीवों को 9 संघों में विभाजित किया गया है।

लुप्त का विलोम शब्द क्या होगा?

इसे सुनेंरोकेंलुप्त का विलोम शब्द – प्रकट, चाक्षुस, प्रत्यक्ष लुप्त के विलोम शब्द के बारे में अनेक स्कूली और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं।

इसी सप्ताह कीनिया में दुर्लभ नस्ल के आख़िरी सफ़ेद गैंडे की मौत के बाद गैंडे की इस प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया है.

वैज्ञानिकों को एक आख़िरी उम्मीद आईवीएफ़ (टेस्ट ट्यूब) तकनीक से है जिसकी मदद से आने वाले वक़्त में 'सूडान' नाम के इस गैंडे के बच्चों को जन्म दिया जा सकता है.

वर्ल्ड वाइल्ड फ़ंड फ़ॉर नेचर (WWF) में संरक्षण अभियानों के प्रमुख कॉलिन बटफ़ील्ड के अनुसार ये एक बुरी स्थिति है.

साल 1958 में वैक्विटा नाम की एक बड़ी समुद्री मछली की खोज हुई थी और उसके बाद जावन नस्ल के गैंडों की, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो भी अब विलुप्त होने की कगार पर हैं.

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बोर्नियाई नस्ल के ऑरंगुटैन

ऐसे ही सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.

प्रकृति के संरक्षण के लिए बनाए गए अंतरराष्ट्रीय संघ (IUCN) ने ऐसे जानवरों की सूची जारी की है जिन पर विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

ख़तरे में शामिल नई प्रजातियां

इस लिस्ट के मुताबिक़, 5,583 ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें बचाए के लिए गंभीर रूप के काम किए जाने की ज़रूरत है.

कम से कम 26 ऐसी नई प्रजातियां हैं जिन्हें साल 2017 में इस लिस्ट में शामिल किया गया. ये प्रजातियां एक साल पहले तक ख़तरे के निशान से ऊपर थीं.

साल 2016 में IUCN ने एक अनुमान के तहत बताया था कि अब सिर्फ़ 30 वैक्विटा मछलियां बची हैं और हो सकता है कि अगले एक दशक में ये प्रजाति विलुप्त हो जाए.

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पूर्वी रूस में पाये जाने वाला अमूर तेंदुआ

ज़मीन पर पाए जाने वाले स्तनधारियों की गिनती करना आसान होता है. इसके लिए संस्थाएं जीपीएस ट्रैकर, कई किस्म के कैमरे, कंकालों की गिनती, पंजों के निशान और पेड़ों पर लगी खरोंचों का इस्तेमाल करती हैं.

फिर भी पशुओं की गिनती को लेकर हमेशा विवाद रहता है. हर साल नई प्रजातियों की भी खोज होती है.

भले ही ये नई प्रजातियां दुनिया भर में जानवरों की गिनत में जुड़ जाती हैं. लेकिन ये सच है कि जानवर बेहद तेज़ी से ख़त्म हो रहे हैं.

साथ ही ये एक बड़ी समस्या है कि विलुप्त होते जानवरों के बारे में एकदम सही आंकड़े जुटा पाना मुश्किल है.

पशु सरक्षंण के लिए अभियान चलाने वाले कहते हैं कि ऐसी भी कई प्रजातियां हैं जिनके बारे में कहा गया कि वे विलुप्त हो चुकी हैं, लेकिन बाद में उनकी मौजूदगी दर्ज की गई.

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वैक्विटा नाम की एक बड़ी समुद्री मछली

जैसे ब्राज़ील में होने वाला ख़ास किस्म का नीला तोता जिसके विलुप्त होने की घोषणा कर दी गई थी. लेकिन साल 2016 में उस नस्ल के एक तोते को देखा गया.

इसीलिए कई वैज्ञानिकों का कहना है कि जब किसी जीव के विलुप्त होने के ख़तरे की बात हो तो सिर्फ़ नंबरों को देखना ठीक नहीं.

कैसे तय होता है कि कोई प्रजाति विलुप्त होने के ख़तरे में है?

  • एक नस्ल के सभी जीव जब एक जगह रहने लगें. ऐसे में माना जाता है कि किसी एक बीमारी या आपदा के कारण सभी की मौत हो सकती है.
  • देखा जाता है कि भौगोलिक रूप से कोई प्रजाति कितने बड़े इलाक़े में फैली है.
  • उनका प्रजनन चक्र कितना लंबा है? और क्या वो जोड़े में बच्चों को जन्म देते हैं या एक बार में एक ही बच्चा देने की क्षमता है.
  • वो किस तरह के ख़तरों का सामना कर रहे हैं?
  • क्या उस नस्ल की जनसंख्या में आनुवंशिक रूप से विविधता है?
  • उनका आवास किस तरह के ख़तरे में है और कितने ख़तरे में है?

आप सरल शब्दों में इसे ऐसे समझ सकते हैं कि किसी एक नस्ल के सिर्फ़ पांच सौ जानवर बचे हैं और वहीं दूसरी किसी नस्ल के सिर्फ़ तीन सौ. लेकिन तीन सौ जानवर अगर बड़े भौगोलिक इलाक़े में फैले हैं और पांच सौ किसी एक छोटी जगह तक सीमित हैं, तो पांच सौ जानवरों वाली नस्ल को पहले विलुप्तप्राय घोषित किया जाएगा.

उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहने वाली नस्लों और तेज़ गर्मी वाले जंगलों में रहने वाली नस्लों के बीच तुलना की जाती है.

कौन सी प्रजाति संकटग्रस्त है?

जंगली उल्लू (Forest Owlet) परंपरागत उल्लू प्रजाति में से जंगली उल्लू (Forest Owlet) सबसे संकटग्रस्त प्रजात है औऱ यह मध्य भारत के जंगलों में पाया जाता है। छोटे जंगली उल्लुओं को विलुप्त माना जाता था लेकिन बाद में इन्हें फिर से पाया गया और भारत में इनकी बहुत कम आबादी इन्हें विलुप्तप्राय की श्रेणी में ले आई।

संकटग्रस्त प्रजातियाँ क्या हैं इनके किन्हीं दो प्रकारों का वर्णन कीजिए?

Solution : जो प्रजाति लुप्त होने के कगार पर हो उसे संकटग्रस्त प्रजाति कहते हैं। उदाहरण: काला हिरण, मगरमच्छ, भारतीय जंगली गधा, भारतीय गैंडा, शेर-पूँछ वाला बंदर, संगाई (मणिपुरी हिरण), आदि।

भारत में कितने संकटग्रस्त पौधों की प्रजातियां?

रिपोर्ट के मुताबिक देश में पेड़ों की 2,603 प्रजातियां हैं। यही नहीं रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारत में पेड़ों की 650 ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो दुनिया में और कहीं नहीं मिलती हैं।

निम्न में से कौन सा जानवर संकटग्रस्त है?

ऐसे ही सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.