कामचोर कहानी आज के युवा को क्या संदेश देती है आज की प्रासंगिकता देते हुए बताएं? - kaamachor kahaanee aaj ke yuva ko kya sandesh detee hai aaj kee praasangikata dete hue bataen?

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लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: कीचड़ से लथपथ बच्चों को किस तरह साफ कराया गया?
उत्तर: बच्चे कीचड़ में लथपथ हो गए थे। घर में नौकरों की संख्या कम होने के कारण पास के बंगले से नौकर बुलवाए गए और चार आने प्रति बच्चे के हिसाब से उन्हें नहलाकर साफ किया।

कामचोर कहानी आज के युवा को क्या संदेश देती है आज की प्रासंगिकता देते हुए बताएं? - kaamachor kahaanee aaj ke yuva ko kya sandesh detee hai aaj kee praasangikata dete hue bataen?

प्रश्न 2: कहानी में भागती भेड़ों की तुलना किससे की गई है और क्यों?
उत्तर:
कहानी में सूप के पीछे भागती भेड़ों की तुलना जर्मनी की टैंकों और बमबारी युक्त सेना से की गई है, क्योंकि भेड़ें जहाँ से भी गुजर रही थीं, वे सबको रौंदती जा रही थीं।

प्रश्न 3: ‘कामचोर’ कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि बच्चों में बचपन से ही काम करने की आदत डालनी चाहिए जिससे कि वे अपना काम तो खुद कर सकें ।

प्रश्न 4: पानी भरते समय नल पर कैसी धींगामुश्ती हुई?
उत्तर:
पानी भरते समय नल पर घमासान मचा। एक भी बूँद पानी किसी के बर्तन में नहीं आ सका क्योंकि ठूसम-ठास हो रही थी। पर पतीला और पतीले पर लोटा और भगोने और डोंगे। पहले धक्के चले, फिर कुहनियाँ और बाद में बर्तनों से युद्ध  हो गया।

प्रश्न 5: रात का भोजन बंद होने की धमकी सुनकर बच्चों ने काम करने की दुहाई दी। इस पर अब्बा मियाँ ने क्या काम बतलाए?
उत्तर: रात का भोजन बंद होने की धमकी सुनकर बच्चों ने काम करने की दुहाई दी। अब्बा मियाँ ने कुछ काम बतलाए-आँगन में पड़ा कूड़ा फेंकना, दरी की सफाई करना तथा पौधों में पानी देना।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: तरकारीवाली के साथ घटी घटना का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए?
उत्तर:
तरकारी वाली टोकरी से हरी-हरी मटर की फलियाँ तौलकर रसोइए को दे रही थी कि उस पर भागती भेड़ों की निगाह पड़ गई। वे सबकी सब टोकरी पर टूट पड़ी। टोकरी वाली का प्रतिरोध भी उसकी सब्जियों को न बचा पाया। उसकी मार का भेड़ों पर कोई असर न हुआ। जरा सी देर में भेड़ों ने सारी सब्जियाँ साफ कर दी।

प्रश्न 2: बच्चों का काम करना चैन से सोए चाचा पर किस तरह भारी पड़ गया?
उत्तर:
बच्चों का काम करने के क्रम में भैसों का दूध निकालना चाहा। वे धुली-बेधुली बाल्टी लेकर दूध निकालने लगे पर भैंस ने बाल्टी को लात मार दी। उन्होंने भैंस की पिछली टाँग को उस चारपाई से बाँध दिया, जिस पर चाचा सो रहे थे। बच्चे भैंस का अगला पैर बाँधने की कोशिश कर रहे थे कि भैंस चैकन्नी हो भागने, लगी उनकी चारपाई पानी से भरे टब से टकराई, जिससे छलके पानी से चाचा भीग गए और बुरा भला कहने लगे।

प्रश्न 3: भेड़ों के हमले से क्या दृश्य उत्पन्न हुआ? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर: 
भेड़ें भूखी थीं  और दाने का सूप देखते ही सबकी-सब झपट पड़ीं। तख्तों पर चढ़ीं और पलंगों को फलांगती हुई सब कुछ रौंदती हुई मेंगनों का छिड़काव करती रहीं । ऐसा लगता था कि जैसे जर्मन फौज छापा मारकर इधर से ही गुजरी है। बानी दीदी का दुपट्टा रौंदा गया और सोती हुई हज्जन माँ के ऊपर से तो पूरी फौज ही निकल गई। भेड़ें तरकारी वाली की तरकारियाँ देखते-देखते चट कर गईं।

प्रश्न 4: बिना सोचे-विचारे किए गए कार्य के गलत परिणाम होते हैं। कहानी ‘कामचोर’ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
‘कामचोर’ कहानी में बताया गया है कि किस प्रकार बिना सोचे-विचारे बच्चों ने काम किए, जिनके दुष्परिणाम पूरे घर को भुगतने पड़े। दुर्घटना भी होते-होने बची। अब्बा ने क्रोध में फैसला ले लिया। क्रोध में लिए गए फैसले हमेशा गलत होते हैं। इसी प्रकार बच्चों में जोश तो खूब था, परंतु अनुभव नहीं था। केवल जोश से काम नहीं  चलता। बच्चों की सोचने-विचारने की क्षमता कम होती है। उन्होंने जो काम किए उनमें सोच की कमी थी। साथ ही अनुभवहीनता भी थी। कहानी के अंत में हम देखते हैं कि अब्बा को पछताते हुए फौरन अपना फैसला वापस लेना पड़ता है।

प्रश्न 5: अम्मा और अब्बा में बड़ी देर तक वाद-विवाद होने के बाद क्या तय किया गया? बच्चों ने तत्काल क्या किया? अब्बा का शाही फरमान क्या था?
उत्तर:
बच्चों की कामचोरी को लेकर अम्मा तथा अब्बा में काफी देर तक वाद-विवाद होने के बाद तय यह हुआ कि घर के नौकरों को निकाल दिया जाए। तब बच्चों को ख्याल आया कि उन्हें पानी तो खुद लेकर पी ही लेना चाहिए। उन्होंने तुरंत हिल-हिलाकर पानी पीना शुरू कर दिया। हिलने में धक्के भी लग जाते हैं, इसलिए आपस में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। पानी के मटकों के पास ही घमासान युद्ध  शुरू हो गया। सुराहियाँ उधर लुढ़कीं, मटके इधर गए। सबके कपड़े भीगे सो अलग। अब्बा ने शाही फरमान जारी करते हुए कहा कि जो घर का काम
नहीं  करेगा, उसे रात का खाना नहीं  दिया जाएगा।

प्रश्न 6: ‘कामचोर’ कहानी आज के युवाओं के लिए क्या संदेश छोड़ जाती है? कहानी की प्रासंगिकता बताते हुए स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘कामचोर’ कहानी एक सम्रद्धि परिवार की कहानी है। यह कहानी आज की परिस्थितियों में और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। आज का युवा वर्ग परिश्रम से दूर भागता है। शारीरिक श्रम करना उसके बस की बात नहीं । वह माँ-बाप के धन पर ही आश्रित रहकर सुख भोगना चाहता है। ऐसे में इस कहानी से युवाओं को यह संदेश मिलता है कि वे बचपन से ही काम करने की, शारीरिक श्रम करने की आदत डालें। मां-बाप के काम में हाथ बँटाए और काम में निपुणता प्राप्त करें, परिवार पर बोझ न बनें।

मूल्यपरक प्रश्न
प्रश्न 1: क्या बिना सोचे-विचारे कार्य करने से परिणाम गलत ही आता है। कहानी ‘कामचोर’ के आधार पर अपने विचार व्यक्त करें।
उत्तर:
जी हाँ, बिना सोचे-विचारे किए गए कार्य के परिणाम गलत ही आते हैं। ‘कामचोर’ कहानी में यह बताया है कि किस प्रकार बच्चों ने बिना सोचे-विचारे काम किए जिनके दुष्परिणाम ही निकले और सारे घर को भुगतने भी पड़े। दुर्घटना भी घट सकती थी। अब्बा ने बेहद गुस्से में बच्चों से काम कराने का फैसला लिया था। इसी कारण वह गलत साबित हुआ क्योंकि बच्चों में काम करने का जोश तो था पर सोचने-विचारने की क्षमता कम थी। अनुशासनहीनता की कमी भी थी। इसलिए उन्होंने सभी काम गलत किए। और अंत में अब्बा को पछताते हुए फौरन अपना फैसला वापिस भी लेना पड़ा।

“कामचोर पाठ के सार को इस वीडियो की मदद से समझें।
इस पाठ के NCERT Solutions यहाँ देखें। 

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कामचोर कहानी हमें क्या संदेश देती है?

'कामचोर' कहानी क्या संदेश देती है? Solution: यह एक हास्यप्रधान कहानी है। यह कहानी संदेश देती है की बच्चों को घर के कामों से अनभिज्ञ नहीं होना चाहिए। उन्हें उनके स्वभाव के अनुसार, उम्र और रूचि ध्यान में रखते हुए काम कराना चाहिए।

कामचोर कहानी आज के युवा वर्ग को क्या संदेश देती है?

'कामचोर' कहानी यह संदेश देती है कि बच्चों को घर के कामों से अनभिज्ञ नहीं होना चाहिए। कुछ छोटे-मोटे कार्यो को करने की आदत डालनी चाहिए। माता-पिता को भी चाहिए कि बच्चों से छोटे-छोटे कार्य करवा कर उन्हें काम करने की आदत डालें। न कि उन्हें पूर्णतया नौकरों पर निर्भर कर दें।

कामचोर कहानी आज के युवाओं के लिए क्या संदेश छोड़ जाती है कहानी की प्रासंगिकता बताते हुए स्पष्ट कीजिए?

आज का युवा वर्ग परिश्रम से दूर भागता है। शारीरिक श्रम करना उसके बस की बात नहीं । वह माँ-बाप के धन पर ही आश्रित रहकर सुख भोगना चाहता है। ऐसे में इस कहानी से युवाओं को यह संदेश मिलता है कि वे बचपन से ही काम करने की, शारीरिक श्रम करने की आदत डालें।

कामचोर कहानी को पढ़कर आपके जीवन में क्या परिवर्तन आया वर्णन करें?

यदि हम बच्चों को उनका कार्य करने की सीख नहीं देते तो वह सहयोग के स्थान पर माता-पिता के लिए भार ही साबित होंगे। उनके बड़ा होने पर उनसे कोई कार्य कराया जाएगा तो वह उस कार्य को भली-भांति करने के स्थान पर तहस-नहस ही कर देंगे, जैसे की कामचोर लेख पर बच्चों ने सारे घर का हाल कर दिया था।