कहानीकोई झूठी या मनगढंत बात। मुहा०-कहानी जोड़ना = आवश्यकता से अधिक और प्रायः अरुचि कर या निरर्थक वृत्तांत।। पद-राम-कहानी लंबा-चौड़ा वृत्तांत। Show
कहानी हैग़लत है, सिर्फ़ कहने की बात है, सब झूट है कहानी-गोकहानी सुनाने वाला, कहानी कहने वाला, दास्तानगो (कहानी कहना भी एक कला थी और इसके भी नियम और विनियम होते थे, उनके अनुसार कहानी कहने वाला कहानीगो कहलाता था, जो प्रायः मंत्री एवं रईसों के हाँ कार्यरत होते थे, अपनी रुचि के आधार पर कहानी कहने वाले भी कहानीगो कहल कहानी-पन(साहित्य) कहानी की विशेषता होना, कहानी का होना कहानी-कारवह जो प्रायः कहानियाँ रचता या लिखता हो कहानी-नवीसफिल्मों के लिए कहानी लिखने वाला, कहानिकार कहानी रहनावर्णन शेष रहना, व्याख्यान जारी रहना कहानी घड़नाअपने आप से कोई बात या कहानी बनाना, कहानी घढ़ना, झूट बोलना, निराधार बात कहना कहानी जोड़नाझूटी बातें मिलाना, झूट सच का मिश्रण करना, क़िस्सा बनाना, मिथक गढ़ना कहानी कहनाकथा सुनाना, क़िस्सा बयान करना, कहानी सुनाना, दास्तान सुनाना, आपबीती या आत्मकथा सुनाना कहानी छेड़नाज़िक्र शुरू करना, तज़किरा करना, बीती बात कहना, सरगुज़श्त सुनाना, क़िस्सा बयान करना कहानी आनाकहानी जैसी झूटी नहीं, बात जैसी मीठी नहींकिसी बात के प्राक्कथन के रूप में : साधारण बात है बहुत अच्छी न बहुत बुरी कहानी सुननाकहानी बननामशहूर हो जाना, ख्याति पाना, बहुत अधिक ख्याति पाना कहानी बुनना(अदब) कहानी तसनीफ़ करना, कहानी लिखना, दास्तान रक़म करना कहानी लिखनाकहानी की रचना करना, क़िस्सा कहानी लिखना कहानी उठानाक़िस्सा बयान करना, ज़िक्र छेड़ना कहानी सुनानाज़मीनी-कहानीवास्तविक प्लॉट को ज़हन में रख कर लिखी जाने वाली कहानी (देव मालाई के बराबर) 'अलामती-कहानीख़ुश-कहानीअमर-कहानीऐसी कहानी जो सदैव स्मरण रहे, स्मरणीय कहानी, ऐसी कहानी जो बहुत प्रसिद्ध हो फ़ार्मूला-कहानीक़िस्सा-कहानीझूटी घटना, कथा, बेकार बाते, वर्णन और उल्लेख, साथ में किस्सा कहानी कहना, किस्सा कहानी कहना फ़ोक-कहानीआम कहानी, पुरानी कहानी, लोगों में प्रसिद्ध कहानी, वह कहानी जिसका कोई गंभीर अर्थ न हो बल्कि यह केवल मनोरंजन करती हो फ़र्ज़ी-कहानीआराम-कहानीराम-कहानीरामायण, राम चन्द्र जी की कथा, व्यवस्थित विवरण, आपबीती, किसी पर बीती हुई घटनाओं का लंबा या विस्तृत वर्णन, अपने जीवन तथा उसके किसी प्रसंग का दूसरों को सुनाया जानेवाला वृत्तांत, बेकार क़िस्सा, बकवास बातें, प्रेम-प्रसंग की बातें, दुःख-दर्द का किस्सा तोता-कहानीप्रेम-कहानीवह कथा या कहानी जिसमें प्रेम और शृंगार की प्रधानता हो, प्रणयकथा, प्रेमगाथा, मुहब्बत की दास्तान, प्रेमकथा, प्यार की कहानी लोक-कहानीकेसिट-कहानीमश्मूला-कहानीसाध-कहानीरात थोड़ी कहानी लम्बीवक़्त थोड़ा है और काम बहुत ज़्यादा ये कहानी उलट के कहोदुबारा कहो बिकट कहानीअकेली कहानी गुड़ से मीठीअपनी कथा बहुत अच्छी लगती है, एक ओर का बयान सब को सत्य लगता है, एक अकेली वस्तु सबसे श्रेष्ट तो मानी ही जाएगी, क्योंकि उसकी तुलना में कोई दूसरी अच्छी वस्तु उपलब्ध नहीं नई कहानी गुड़ से मीठीनई बात अत्यधिक आकर्षक और पसंदीदा होती है, हर नई बात मज़ेदार होती है नानी की कहानीराम कहानी कहनारुक : राम कहानी सुनाना राम कहानी सुननाराम कहानी सुनाना (रुक) का लाज़िम राम कहानी सुनानापुराना कहानी सुनाना, बेकार बातें करना तोते मैना की कहानीतोता मैना की कहानीराम कहानी बयान करनारुक: राम कहानी सुनाना झटपट की कहानी आधा तेल आधा पानीजल्दी में काम बिगड़ जाता है मक्र चक्र की कहानी आधा तेल , दुध , आधा पानीवो बात जिस में आधा सच्च और छूट हव
कहानी का अर्थ परिभाषा विशेषताएँकहानी का स्वरूप
कहानी का वर्तमान स्वरुप
कहानी, लघुकथा, लम्बी कहानी
कहानी का अर्थ और परिभाषाकहानी का अर्थ
कहानी की परिभाषा
हडसन के अनुसार कहानी की परिभाषा
पोल के अनुसार,कहानी की परिभाषा
हिन्दी के विद्वानों का कहानी के सन्दर्भ में विचारयहाँ हिन्दी के विद्वानों का कहानी के सन्दर्भ में विचार जानना आवश्यक है। अतः अब हम भारतीय विद्वानों के कहानी संबधी दृष्टिकोण पर विचार करते हैं। मुंशी प्रेमचन्द के अनुसार, “कहानी (गल्प) एक रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली तथा कथा - विन्यास सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं।”
कहानी की विशेषताएँउक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि कहानी में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं1. कहानी एक कथात्मक संक्षिप्त गद्य रचना है, अर्थात कहानी आकार में छोटी होती है जिसमें कथातत्व की प्रधानता होती है। 2. कहानी में 'प्रभावान्विति' होती है अर्थात् कहानी में विषय के एकत्व प्रभावों की एकता का होना भी बहुत आवश्यक है। 3. कहानी ऐसी हो, जिसे बीस मिनट, एक घण्टा या एक बैठक में पढ़ा जा सके। 4. कौतूहल और मनोरंजन कहानी का आवश्यक गुण है। 5. कहानी में जीवन का यर्थाथ होता है, वह यर्थाथ जो कल्पित होते हुए भी सच्चा लगे । 6. कहानी में जीवन के एक तथ्य का, एक संवेदना अथवा एक स्थिति का प्रभावपूर्ण चित्रण होता है। 7. कहानी में तीव्रता और गति आवश्यक है जिस कारण विद्वानों ने उसे 100 गज की दौड़ कहा है। अर्थात कहानी आरम्भ हो और शीघ्र ही समाप्त भी हो जाए। 8. कहानी में एक मूल भावना का विस्तार आख्यानात्मक शैली में होता है। 9. कहानी में प्रेरणा बिन्दु का विस्तार होता। 10. कहानी की रूपरेखा पूर्णतः स्पष्ट और सन्तुलित होती है। 11. कहानी में मनुष्य के पूर्ण जीवन नहीं बल्कि उसके चरित्र का एक अंग चित्रित होता है, इसमें घटनाएँ व्यक्ति केन्द्रित होती हैं। 12. कहानी अपने आप में पूर्ण होती है। उक्त विशेषताओं को आप ध्यान से बार-बार पढ़कर कहानी के मूल भाव और रचना प्रक्रिया को समझ पायेंगे। इन सब लक्षणों या विशेषताओं को ध्यान में रखकर हम आसान शब्दों में कह सकते हैं कि--“कहानी कथातत्व प्रधान ऐसा खण्ड या प्रबन्धात्मक गद्य रूप है, जिसमें जीवन के किसी एक अंश, एक स्थिति या तथ्य का संवेदना के साथ स्वतः पूर्ण और प्रभावशाली चित्रण किया जाता है। किसी भी कहानी पर विचार करने से पहले उसे पहचानना आवश्यक होता है। आगे के पाठों में हम इस पर और विस्तार से बात करेंगे। |