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ध्रुपद-
ख्याल
ठुमरी
तराना
टप्पा
धमार
गजल
Hindustani Aur Karnataka Sangeet Ke Beech Ka AntarPradeep Chawla on 20-09-2018 कर्नाटक संगीत शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली है। यह संगीत अधिकांशतः भक्ति संगीत के रूप में होता है और इसके अंतर्गत अधिकतर रचनाएँ हिन्दू देवी-देवताओं को संबोधित होती हैं। तमिल भाषा में कर्नाटक का आशय प्राचीन, पारंपरिक और शुद्ध से है। कर्नाटक संगीत की मुख्य विधाएँ निम्नलिखित हैं-
हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत के बीच समानताएँ-
इस प्रकार स्पष्ट है कि इन दोनों संगीत शैलियों के मूल सिद्धांतों में अंतर नहीं है। सम्बन्धित प्रश्नComments Anjali on 10-07-2021 मसीतखानी गत कौन सी मात्रा से प्रारम्भ होती है? Nida sheifi on 12-06-2021 Hindustani air karnatak sheli ke beech ki samantaon aur visheshtaon ko bataiye. Vishal on 20-04-2021 Uttari sangeet or dakshani sangeet me Kon Kon se Yese raag Jo ek saman Hain magar unke naam alag Hain? Rakhi on 21-03-2021 Hindustani aur Karnatak Sangit koi antar nhi hai Kalpana jain on 19-03-2021 Sangeet samaysaar granth ka karnatak shaili me kya yogdan raha hai Saumya Srivastava on 19-08-2020 What are the main differences between karnataka Taal system and Hindustani Taal system?? Samayara shing on 06-02-2019 hindustani aur karnatka sangit paddhati me swaro aur shrutiyo ki tulna हिंदुस्तानी शैली में कौन से गायन शैली नहीं आती है?धमार, त्रिवत, चैती, कजरी, टप्पा, तप-ख्याल, अष्टपदी, ठुमरी, दादरा, ग़ज़ल और भजन हल्की शास्त्रीय विधाएँ हैं जो शास्त्रीय संगीत के सख्त सिद्धांतों का पालन नहीं करती हैं।
गायन शैली कितने प्रकार की होती है?अध्याय 1 – “ गायन ” | गायन की 22 शैली
प्राचीन से आधुनिक काल तक प्रचलित ध्रुपद , ख्याल , धमार जैसी शास्त्रीय एवं कजरी , टप्पा जैसी अर्द्धशास्त्रीय गायन शैलियों के अन्तर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है । भारतीय संगीत में प्रमुख रूप से लोकसंगीत , शास्त्रीय संगीत तथा उपशास्त्रीय संगीत का प्रचलन रहा है ।
गायन शैली कौन है?गायन शैली का अर्थ है- गाने के तरीके । गायन शैली या गाने के तरीकों के आधार पर एक गीत दूसरे गीत से अलग होता है । जब भी हम किसी गायक को गाते सुनते हैं तो हम उसके गायन शैली को पहचानने की कोशिश करते हैं । हम उसके द्वारा गाए जा रहे गीत को पहचानते हैं और जान पाते हैं कि वह कौन सा गीत गा रहा है ।
हिंदुस्तानी संगीत में गायन की कितने विधाएं है?'ध्रुपद', 'धमर', 'होरी', 'ख्याल', 'टप्पा', 'चतुरंग', 'रससागर', 'तराना', 'सरगम' और 'ठुमरी' जैसी हिंदुस्तानी संगीत में गायन की दस मुख्य शैलियाँ हैं।
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