जो दूसरों की भलाई चाहता हो उसे क्या कहते हैं - jo doosaron kee bhalaee chaahata ho use kya kahate hain

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, Anek shabdo ke liye ek shabd

 जो दूसरों के साथ भलाई करे ( jo dusro ke sath bhalai kare )  = परोपकारी

जो दूसरों की भलाई चाहता हो उसे क्या कहते हैं - jo doosaron kee bhalaee chaahata ho use kya kahate hain
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(A) पराश्रित
(B) परमार्थी
(C) प्रयोक्ता
(D) परीक्षित

Q. हरियाणा के निम्नलिखित महान योद्धाओं में से कौन सिपाही विद्रोह के समय मेरठ का नायब कोतवाल था ?

(A) अब्दुस समद खान
(B) विक्रम सिंह
(C) राव कृष्ण गोपाल
(D) रामेश्वर दयाल
(E) इनमें से कोई नहीं

Q. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में, बल्लभगढ़ के निम्नलिखित राजाओं में से किसने दिल्ली में क्रांतिकारी सेना का नेतृत्व किया था?

(A) राजा कर्ण सिंह
(B) राजा नाहन सिंह
(C) राजा सूरज भान
(D) राजा सत्यपाल
(E) इनमें से कोई नहीं

Q. हरियाणा दिवस मनाया जाता है

(A) 1 नवंबर को
(B) 13 नवंबर को
(C) 1 दिसंबर को
(D) 8 दिसंबर को
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. बासमती चावल के उत्पादन में प्रसिद्ध होने के कारण, हरियाणा के किस जिले को ‘धान का कटोरा’ के नाम से जाना जाता है?

(A) सिरसा
(B) करनाल
(C) पंचकूला
(D) जींद
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. क्रिकेट टेस्ट मैच जिसमें हरियाणा के कपिल देव ने सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने के लिए 432 वां विकेट लिया, आयोजित किया गया था

(A) 10 जनवरी, 1992 को
(B) 8 दिसंबर, 1996 को
(C) 8 फरवरी, 1994 को
(D) 12 अगस्त, 1997 को
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. हरियाणा की प्रसिद्ध खिलाड़ी गीता जुत्शी का संबंध निम्नलिखित में से किस खेल से है?

(A) जिम्नास्टिक्स
(B) दौड़
(C) बैडमिंटन
(D) टेनिस
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. हरियाणा में महिलाओं द्वारा कमर से टखने तक पहनी जाने वाली स्कर्ट जो बिना किसी कली के होती है और चार नीले और चार लाल धागों का उपयोग करकेबुने हुए मोटे कपड़े से बनी होती है,

(A) धरना
(B) खारा
(C) थार
(D) कचरा
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. गुड़गांव जिले के इस्लामपुर में निम्नलिखित में से कौन-सा त्योहार (मेला) भादो के नौवें दिन (हिंदू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का छठा महाना) आयोजित किया जाता है?

(A) गुग्गा नवमी
(B) नाग पूजा
(C) यमुना स्नान
(D) शिव मेला
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. हरियाणा में पुरूषों द्वारा पहने जाने वाला पारंपरिक आभूषण निम्न में से कौन-सा है?

(A) गोफ
(B) तागड़ी
(C) नाड़ा
(D) कड़ी
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

Q. हरियाणा में पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए इसे राज्य की ____ भाषा बनाया गया है।

(A) पहली
(B) द्वितीय
(C) तृतीय
(D) चतुर्थ
(E) उपरोक्त में से कोई नहीं

वही मनुष्य महान, जो दूसरों की भलाई के बारे में सोचे

वही बड़ा है जो सारे संसार को खुश देखना चाहता है। पड़ोसियों समाज को खुशहाल और प्रसन्न देखने वाला परोपकारी होता है। वह अपनी हित-चिता के साथ-साथ दूसरों की हित-चिता भी करता है।

गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है कि भलाई के समान कोई धर्म नहीं है। भलाई एक ऐसा शब्द है, जिसका अर्थ शायद ही कोई न जानता हो। यह एक ऐसी भावना है, जिसका विकास बचपन से ही किया जाना चाहिए। हम सबने कभी न कभी किसी की मदद जरूर की होगी और उसके बाद हमें बड़े गर्व का अनुभव हुआ होगा। बस इसी को भलाई अर्थात परोपकार कहते हैं। परोपकार के कई रूप हैं, चाहे यह आप किसी मनुष्य के लिये करें या किसी जीव के लिए।

व्यास जी ने भी परोपकार को 18 पुराणों का निचोड़ बताया है। अपनी भलाई के बारे में तो हर कोई सोचता है, महान वही है जो दूसरों की भलाई सोचता है। वही बड़ा है जो सारे संसार को खुश देखना चाहता है। पड़ोसियों, समाज को खुशहाल और प्रसन्न देखने वाला परोपकारी होता है। वह अपनी हित-चिता के साथ-साथ दूसरों की हित-चिता भी करता है। वह समाजोपयोगी कार्यो में बढ़-चढ़कर भाग लेता है। जनकल्याण के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहता है।

भलाई वह गुण है जिसे अपनाकर व्यक्ति को मानसिक सुख एवं संतुष्टि प्राप्त होती है। परोपकारी व्यक्ति के हृदय में कटुता की भावना नहीं होती है। समस्त पृथ्वी ही उनका परिवार होती है। गुरु नानक, शिव, दधीचि, ईसा मसीह, आदि ऐसे महान पुरुष अवतरित हुए जिन्होंने परोपकार के निमित्त अपनी जिदगी को कुर्बान कर दिया। समाज भलाई करने वाले व्यक्ति को युगों-युगों तक याद रखता है, संसार उसकी जय-जयकार करता है।

प्रकृति भी निरंतर मानव के हित साधन में जुटी हुई है। परोपकार के लिए वृक्ष फलते-फूलते हैं। सूर्य एवं चंद्रमा प्रकाश लुटाकर मानव के पथ को आलौकित करते हैं। बादल पानी बरसाकर धरा को हरा-भरा बनाते हैं, जो जीव-जंतुओं को राहत देते हैं। प्रकृति का कण-कण हमें परोपकार की शिक्षा देता है। नदियां परोपकार के लिए बहती हैं, वृक्ष धूप में रहकर हमें छाया देता है, चंद्रमा से शीतलता, समुद्र से वर्षा, गायों से दूध, वायु से प्राण शक्ति मिलती है। आज कल के दौर में सब आगे बढ़ने की होड़ में इस कदर लगे हुए हैं कि परोपकार जैसे सबसे पुण्य काम को भूलते चले जा रहे हैं।

- निशी भटनागर, प्रिसिपल, प्रेसीडियम स्कूल

Edited By: Jagran