हिमालय का इतिहास पुस्तक के लेखक कौन है? - himaalay ka itihaas pustak ke lekhak kaun hai?

विषयसूची

  • 1 1 ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया के लेखक कौन है?
  • 2 द फैमिली के लेखक कौन है?
  • 3 हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया पुस्तक कब लिखी गई थी?
  • 4 बटरफ्लाई ऑफ कुमाऊं के लेखक कौन है?
  • 5 द हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया का प्रकाशन कब हुआ?
  • 6 हिमालय साक्षी है किसकी पुस्तक है?

इसे सुनेंरोकेंइकोनॉमिक हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया ‘रमेशचन्द्र दत्त’ द्वारा लिखी गई है।

ब्रिटिश कुमाऊँ गढ़वाल पुस्तक के लेखक कौन है?

उत्तराखंड की प्रसिद्ध पुस्तकें और उनके लेखक

BookAuthor
ब्रिटिश कुमाऊँ गढ़वाल (British Kumaon Garhwal) – 1815-1818 डॉ आर. एस. टोलिया (Dr R. S. Tolia)
ब्रिटिश कुमाऊँ गढ़वाल – 1836-1856
Uttarakhand : Fifteen years of Development
Founders of Modern Administration in Uttarakhand (1815-1884)

द फैमिली के लेखक कौन है?

द फैमिली मैन
लेखक राज और डीके सुमन कुमार डायलॉग: सुमन कुमार
निर्देशक राज और डीके
सितारे मनोज बाजपेयी प्रियामणि सामन्था अक्किनेनी शरीब हाशमी नीरज माधव पवन चोपड़ा किशोर कुमार शरद केलकर गुल पनाग श्रेया धनवंतरी संदीप किशन शहाब अली मेहेक ठाकुर वेदांत सिन्हा
संगीत निर्देशक जान निस्सार लोन केतन सोढ़ा

ह्यूमन सोसाइटी के लेखक कौन है?

किंग्सले डेविस
Human Society/लेखक

हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया पुस्तक कब लिखी गई थी?

इसे सुनेंरोकेंIn 1817 James Mill write An History Of British India.

2 ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया नामक किताब किसने लिखी और कब?

इसे सुनेंरोकेंव्याख्या:- 1817 में स्कॉटलैण्ड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन विशाल खंडों में ‘ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ नामक पुस्तक लिखी।

बटरफ्लाई ऑफ कुमाऊं के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंयह रिकॉर्ड ‘आयडेंटिफिकेशन आफ इंडियन बटरफ्लाई’ नामक पुस्तक से लिया गया था। पुस्‍तक के लेखक ब्रिगेडियर डब्लू एच इवांस हैं।

ऑर्गेनाइजेशन एंड फैमिली चेंज पुस्तक के लेखक कौन है?

इसे सुनेंरोकेंOrganization And Family Change In Hindi Pustak Ke Lekhak Kaun Hai.

द हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया का प्रकाशन कब हुआ?

1818
The History of British India/पहली बार प्रकाशित होने की तारीख

ब्रिटिश भारत का इतिहास नामक पुस्तक कब लिखी गई थी?

इसे सुनेंरोकेंब्रिटिश राज का इतिहास, 1858 और 1947 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश शासन की अवधि को संदर्भित करता है।

हिमालय साक्षी है किसकी पुस्तक है?

इसे सुनेंरोकेंमहादेवी वर्मा द्वारा रचित इस गद्य-संग्रह में हिमालय से संबंधित संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधित आलेखों का संग्रह है।

Q. ''हिमालय परिचय'' पुस्तक के लेखक कौन है?
Answer: [D] राहुल सांस्कृत्यायन
Notes: ''हिमालय परिचय'' पुस्तक के लेखक राहुल सांस्कृत्यायन है| इस पुस्तक में हिमालय की विशेषता का वर्णन किया गया है|

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BookAuthorमेम्बेर्स ऑफ़ देहरादून (Members of Dehradun) (1874) जी. आर. जी. विलियम्स (G. R. G. Williams) हिमालयन डिस्ट्रिक्ट गजेटियर (Himalayan District Gazetteer) ए. एफ. टी. एटकिन्सन (A. F. T. Atkinson) Lone Fox Dancing – Autobiography रस्किन बांड (Ruskin Bond) The Room on the Roof, The Penguin Book of Indian Ghost Stories The Penguin Book of Indian Railway Stories Landour Days The Rupa Book of Ruskin Bond’s Himalayan Tales होल्ली हिमालय (Holly Himalayas) ई. सेरमन ओकले (E. Sermn Oakley) गढ़वाल गजेटियर्स (Garhwal Gajetiers) एच. जी. वाल्टन (H. G. Walton) ब्रिटिश गढ़वाल गजेटियर (British Garhwal Gazetteers) अल्मोड़ा गजेटियर (Almora Gazetteer) देहरादून का गजेटियर (हिंदी अनुवाद) (Gazetteer of Dehradun (Hindi Translation)) प्रकाश थपलियाल (Prakash Thapliyal) मसूरी मेडले (Mussoorie Medley) प्रो. गणेश शैली (Ganesh Shaili) हिमालयन ट्रेवल्स (Himalayan Travels) जोध सिंह नेगी (Jodh Singh Negi) हिमालयन फोकलोर (Himalayan Folklore) ई. एस. ओकले (E. S. Oakley ) और तारादत्त गैरोला (Taradutt Gairola) हिमालय की यात्रा (Himalayan Ki Yatra) काका साहब कालेलकर (Kaka Saheb Kalelkar) हिमालय परिचय (Himalaya Parichay) – 1 (गढ़वाल) राहुल सांकृत्यायन (Rahul Sankrityayan) हिमालय परिचय – 2 (कुमाऊं) भीड़ साक्षी है (The Crowd Bears Witness) रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ (Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’) स्पर्श गंगा शिखरों से संघर्ष (उपन्यास) सपने जो सोने न दें कथाएं पहाड़ों की (कहानी संग्रह) प्रलय के बीच (उत्तराखंड में 2013 में आयी आपदा पर) हिमालय का महाकुंभ : नन्दा राजजात (Himalayan Kumbh: Nanda Rajjat) उत्तराखंड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी (Chief freedom fighter of Uttarakhand) डॉक्टर धर्मपाल सिंह मनराल (Dr. Dharam Singh Manral), डॉ. अरुण मित्तल गढवाल की दिवंगत विभूतियां (The deceased persons Garhwal) भक्त दर्शन (Bhakt Darshan) मध्य हिमालय का पुरातत्व (Archeology of the Middle Himalayas) डॉ यशवंत सिंह कठौच (Dr. Yashwant Singh Kthauch) मध्य हिमालय की कला (Central Himalayan Art) उत्तराखंड का नवीन इतिहास (New history of Uttarakhand) गढ़वाल पेंटिंग (Garhwal Painting) बैरिस्टर मुकुंदी लाल (Barrister Mukundi Lal) रुद्रप्रयाग का आदमखोर बाघ (Anthropophagous Tigers in Rudraprayag) जिम कॉर्बेट (Jim Corbett) आर्यों का मूल स्थान : मध्य हिमालय (Aryan origin: Central Himalayas) भजन सिंह (Bhajan Singh) उत्तराखंड में कुली बेगार प्रथा (Kuli Begar Practice in Uttarakhand) डॉक्टर शेखर पाठक (Dr Shekhar Pathak) एशिया की पीठ पर (Asia ke Pitha Par) प्रो. शेखर पाठक एवं प्रो. उमा भट्ट (Prof. Shekhar Pathak and Prof. Uma Bhatt) ब्रिटिश कुमाऊँ गढ़वाल (British Kumaon Garhwal) – 1815-1818 डॉ आर. एस. टोलिया (Dr R. S. Tolia) ब्रिटिश कुमाऊँ गढ़वाल – 1836-1856 Uttarakhand : Fifteen years of Development Founders of Modern Administration in Uttarakhand (1815-1884) पटवारी, घराट एवं चाय नैन सिंह रावत : अध्यापक, सर्वेक्षक एवं अक्षांश दर्पण नैन सिंह रावत और जोहार का इतिहास उत्तराखंड की विभूतियाँ (Uttarakhand Luminaries) शक्ति प्रसाद सकलानी (Shakti Prasad Saklani) हिल डायलेक्ट्स ऑफ़ द कुमाऊ डिवीज़न (Hill Dialects of the Kumaon Division) गंगा दत्त उप्रेती (Ganga Dutt Upreti) कुमाउँनी का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन Descriptive List of the Martial Castes of the Almora कुमाऊं की चित्रकला (Kumaon painting) डॉ यशोधर मठपाल (Dr. Yashodhar Mathpal) सेंट्रल हिमालया (Central Himalaya) डॉ एम. एस. एस. रावत (Dr M. S. S. Rawat) नैनीताल समाचार 25 साल का सफर (Nainital News Journey of 25-year) नैनीताल समाचार टीम (Nainital News Team) डिस्कवरी राजाजी (Discovery Rajaji) अंजली रवि व पाण्डेय (Anjali Ravi and Pandey) द बॉय फ्रॉम लमबाटा (The Boy from Lamabta) नारायण सिंह थापा (N. S. Thapa) उत्तराखंड संस्कृति (अंक-4)(Uttarakhand Culture) डॉ यशवंत सिंह कठौच (Dr. Yashwant Singh Kthauch) उत्तराखंड समग्र ज्ञानकोश (Uttarakhand overall Knowledge) डॉ. राजेंद्र बलोदी (Dr. Rajendra Balodi) लोनली फिरोज ऑफ़ द बॉर्डर लेंड (Lonely Feroz land of the Border) कल्याण सिंह पांगती (Kalyan Singh Pangti) मेघदूत का गढ़वाली में रूपांतरण (Conversion of Meghdoot in Garhwali) आचार्य धर्मानन्द (Acharya Dharmanand) उत्तराखंड राज्य निर्माण का संक्षिप्त इतिहास (A Brief History of the State Building) केदार सिंह फोनिया (Kedar Singh Fonia) दून एवं उसके आर्किटेक्ट (Dun and his Architect) देवकी नंदन पांडे (Devaki Nandan Pandey) हिमालय की खश (Himalayan Khash) डॉ. डी. डी. शर्मा (DR. D. D. Sharma) गीता का गढ़वाली अनुवाद (Garhwali translation of the Gita) पंडित उमादत्त नैथाणी, नंदकिशोर ढौंडियाल व आदित्य राम (Pandit Umadutt Nathani, Nand Kishore Dhaundiyal and Aditya Ram) गढ़वाली हिंदी शब्दकोश (Garhwali Hindi dictionary) अरविंद पुरोहित व बीना बेंजवाल (Arvind Purohit and Bina Benjwal) गढ़वाली व्याकरण की रूपरेखा (Garhwali grammar Profiling) अबोध बन्धु बहुगुणा (Abodh Bandhu Bahuguna) उत्तराखंड का इतिहास (History of Uttrakhand) – 21 भाग डॉक्टर शिवप्रसाद डबराल ‘चारण’ (Dr Shiv Prashad Dabral) टिहरी का इतिहास कुमाऊं का इतिहास (History of Kumaon) बद्रीदत्त पांडे (Bdraidutt Pandey) गढ़वाल का इतिहास (History of Garhwal) हरिकृष्ण रतूड़ी (Harikrishna Rtudi) युद्ध की प्रकृति लेफ्टिनेंट जनरल एच. बी. काला हिमालय का इतिहास (The history of the Himalayas) डॉक्टर मदन चंद्र भट्ट (Dr Madan Chandra Bhatt) हिस्ट्री ऑफ़ गढ़वाल (History of Garhwal)  डॉ अजय रावत (Dr Ajay Rawat)

उनके उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले जो खबर आई वह ‘मसूरी’ (देहरादून) से 1842 में अंग्रेजी में आई ‘द हिल्स’ थी, जिसे जॉन मैककिनन ने छीन लिया था।

उत्तराखंड राज्य में पहली बार प्रकाशित होने वाली हिंदी लैंसडाउन (पौड़ी गढ़वाल) से 1902 में ‘गढ़वाल समाचार पत्र’ शुरू हुई थी।

अल्मोड़ा अखबार, डिबेटिंग क्लब ऑफ अल्मोड़ा द्वारा वर्ष 1871 में शुरू किया गया था, जो कि बहुत पहले कुमाऊंनी भाषा अखबार के लिए प्रकाशन था। 1871 से 1913 तक अल्मोड़ा अखबार के संपादक बुद्धीबल्लभ पंत, लीलानंद जोशी, विष्णुदत्त जोशी और सदानंद सनवाल आदि थे। इसके संपादक 1913 से बेदिरदत्त पांडे थे, जिन्होंने 1918 तक इसका संपादन किया था। 1918 में अल्मोड़ा अखबार बंद हो गया और बद्रीदत्त पांडे ने एक उद्धरण शुरू किया। अल्मोड़ा से (शक्ति) साप्ताहिक है।

गढ़वाल हित प्रचारिणी सभा (गढ़वाल संघ) द्वारा मासिक पत्रिका ‘गढ़वाली’ का प्रकाशन 1905 में शुरू किया गया था। यह तत्कालीन टिहरी राज्य (देहरादून) के माध्यम से प्रकाशित हुआ था।

हिमालय का इतिहास नामक पुस्तक के लेखक कौन है?

महादेवी वर्मा द्वारा रचित इस गद्य-संग्रह में हिमालय से संबंधित संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधित आलेखों का संग्रह है।

हिमालय की यात्रा किसकी रचना है?

काका कालेलकर शुरू में गुजराती में लिखते थे. उनकी 'हिमालय यात्रा' अनुदित होकर हिंदी में छपी थी. बाद में वो हिंदी में ही लिखने लगे.

हिमालय की बेटी किसकी पुस्तक है?

ठीक इसी तर्ज पर हाल ही में एक खूबसूरत किताब आई है 'माना: हिमालय की बेटी। ' इसे जानी मानी गांधीवादी विचारक और जुझारू राधा भट्ट ने लिखा है। यह एक अदभुत जीवनगाथा है। 81 वर्षीय राधा जी गांधी शांति प्रतिष्ठान की अध्यक्ष हैं और केवल पांचवी क्लास तक पढ़ी हैं, लेकिन उनकी प्रेरक आत्मकथा गांधी के आदर्शों का मूर्त रूप है।