Show एक दुधारू गाय या भैंस किसान और पशुपालक की आय का जरिया होती है। लेकिन कई बार यह पशु कुछ खतरनाक रोग से संक्रमित हो जाते हैं। जिसका असर पशुधन पर होता है। ऐसा ही एक रोग थनैला भी है। गाय को होने वाला थनैला रोग बहुत खतरनाक होता है। इस रोग के चलते गाय के दूध देने की क्षमता प्रभावित हो जाती है और कई बार गाय के थन को काटने तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में किसान और पशुपालक गाय को होने वाले थनैला रोग के घरेलू उपचार की खोज में लग जाते हैं। अगर आप भी एक पशुपालक हैं और गाय के थनैला रोग के घरेलू उपाय खोज रहे हैं तो आप सही स्थान पर आए हैं। आज हम अपने इस लेख में गाय को होने वाला थनैला रोग के घरेलू उपचार से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देंगे। इसके अलावा यह भी बताएंगे कि आप किस तरह अपनी गाय को थनैला रोग से बचाकर रख सकते हैं। थनैला रोग के घरेलू उपाय के बारे में जानने के लिए लेख पर अंत तक बने रहें। क्या है गाय को होने वाला थनैला रोगथनैला दुधारू पशुओं को होने वाला एक रोग है। इस रोग के दौरान पशु के थनों का आकार बड़ा हो जाता है और इनमें सूजन आ जाती है। इसके अलावा गाय और भैंस के थनों में गांठ पड़ने लगती है एवं पस जम जाता है। यही नहीं दूध का रास्ता भी संकरा हो जाता है और दूध के स्थान से पस एवं दूषित दूध निकलने लगता है। इस दौरान पशु का व्यवहार पूरी तरह बदल जाता है। थनैला रोग के लक्षणगाय को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप उसके व्यवहार को सही प्रकार से समझें। अगर गाय के व्यवहार में किसी तरह का बदलाव आ रहा है तो सतर्क हो जाएं। गाय के थनैला रोग के कुछ लक्षण हैं जो आसानी से पहचाने जा सकते हैं, जैसे –
गाय को थनैला रोग होने का कारणगाय या अन्य दुधारू पशु को थनैला रोग कई कारणों की वजह से हो सकता है, जैसे –
गाय के थनैला रोग के घरेलू उपचारथनैला एक बेहद संक्रामक रोग है। ऐसे में अगर गाय इस रोग से संक्रमित हो जाए तो इसका उपचार समय पर होना बहुत जरूरी है। अगर समय पर थनैला रोग का उपचार न किया जाए तो यह अधिक खतरनाक हो सकता है। इसकी वजह से गाय के थन तक काटने पड़ सकते हैं। इसलिए गाय को थनैला से राहत दिलाने के लिए लक्षणों की पहचान जल्द से जल्द हो जानी चाहिए। इसके अलावा अगर गाय को थनैला है तो कुछ घरेलू उपाय भी आजमाए जा सकते हैं। गाय को थनैला से राहत दिलाने वाले इन उपायों के बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बता रहे हैं। गाय को होने वाले थनैला रोग के उपाय
गाय के थनैला रोग के जो उपचार आपको बताए गए हैं। यह इस रोग का ठोस इलाज नहीं है। इन उपायों को आप आजमा कर गाय को कुछ हद तक फायदा पहुंचा सकते हैं। लेकिन अगर गाय की स्थिति में किसी तरह का सुधार न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। गाय के थन में दूध नहीं आने का क्या कारण है?रोग के कारण : थनैला रोग विषाणु, जीवाणु, माइकोप्लाज्मा अथवा कवक से होता है। संक्रमित पशु के संपर्क में आने, दूध दुहने वाले के गंदे हाथों, पशुओं के गंदे आवास, अपर्याप्त और अनियमित रूप से दूध दुहने, खुरदरा फर्श और थन में चोट लगने व संक्रमण होने से भी यह रोग होता है।
गाय का थनैला रोग कैसे ठीक करें?दूधारू पशुओं के रहने के स्थान की नियमित सफाई जरूरी हैं। ... . दूध दुहने के पश्चात् थन की यथोचित सफाई लिए लाल पोटाश या सेवलोन का प्रयोग किया जा सकता है।. दूधारू पशुओं में दूध बन्द होने की स्थिति में ड्राई थेरेपी द्वारा उचित ईलाज करायी जानी चाहिए।. थनैला होने पर तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह से उचित ईलाज करायी जाय।. गाय के थन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?गाय या भैंस के थन बढ़ाने की दवा. विटामिन एच आपको पाउडर या तरल पदार्थ के रूप में आसानी से मिल जाएगी।. अगर आप तरल विटामिन एच की एक बोतल खरीदते हैं तो इसकी कीमत करीब 700 रुपए तक हो सकती है।. आप भैंस या गाय को पाल रहे हैं तो आप उन्हें प्रसव से 2 महीने पहले विटामिन एच की दवा देना शुरू कर सकते हैं. थनैला रोग की दवा क्या है?सत्यव्रत सिंह ने बताया कि थनैला रोग के दुधारू पशुओं को प्रतिदिन 150-250 ग्राम आवला 15 दिन तक देना होगा। आवले के प्रयोग से पहले इसका बीज निकाल लें, तभी पशुओ को खिलाएं। इस खुराक के प्रयोग से रोगी पशु स्वस्थ होने लगते हैं। ये है थनैला रोग अयोध्या : दुधारू पशुओं के थन में सूजन व कड़ा हो जाता है और दूध खराब आता है।
|