बाहयोष्मी और आंतरोष्मी (एक्टोथर्मिक एंड एंडोथर्मिक) जन्तु - baahayoshmee aur aantaroshmee (ektotharmik end endotharmik) jantu

Distinguish Between

निम्नलिखित के बीच अन्तर कीजिए
बाह्योष्मी और आन्तरोष्मी (एक्टोथर्मिक एवं एंडोथर्मिक)

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Solution

बाह्योष्मी  आन्तरोष्मी 
ये वे जंतु है जिनके शरीर का तापक्रम अपने चारो ओर जहा वे रहते है के तापक्रम के अनुसार बदलता रहता है ये वे जंतु है जो शरीर का तापक्रम कायिकीय नियमन द्वारा स्थिर रखने में सक्षम होते है

Concept: जीव और इसका पर्यावरण

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Chapter 13: जीव और समष्टियॉं - अभ्यास [Page 263]

Q 10. (ख)Q 10. (क)Q 11. (क)

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NCERT Class 12 Biology [जीव विज्ञान १२ वीं कक्षा]

Chapter 13 जीव और समष्टियॉं
अभ्यास | Q 10. (ख) | Page 263

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नमस्कार दोस्तों हमारा आज का प्रश्न निम्नलिखित में अंतर लिखिए बाहों इसमें एवं अंत रोशनी जैसे कि एक तो धार्मिक एवं हिंदू धर्म प्राणी में अंतर तो देखते हैं दोस्तों बाहों इसमें तथा अंत रोशनी प्राणी दोस्तों देखते हैं सर्वप्रथम रोशनी दोस्तों बहुत मी को हम एक तो 3 प्राणी के नाम से भी जानते हैं किस नाम से एक तो धर्मी दोस्तों यह एक प्रकार के ऐसे प्राणी होते हैं जो कि अपने शरीर के तापमान को शरीर के

नियंत्रित नहीं कर पाती अनियंत्रित नहीं कर सकते तो इस प्रकार के प्राणी को एक तो 3 प्राणी के नाम से जानते हैं जिन्हें हम बहुत में भी कहते हैं और यह पूरी तरह से सूर्य के प्रकाश पर निर्भर होते हैं किस पर सूर्य के प्रकाश पर क्योंकि दोस्तों यह अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर सकेंगे और यह सूर्य के प्रकाश पर निर्भर रहते हैं तथा अधिकतम दोस्तों हाशमी अंत रोशनी दोस्तों ऐसे प्राणी होते हैं जो कि अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं तो दोस्तों

इन्हें हम एंडॉथर्मिक प्राणी के नाम से भी जानते हैं तो दोस्तों यहां ऐसे प्राणी होते हैं जो कि सूर्य के प्रकाश पर निर्भर नहीं होते हैं अपने तापमान को नियंत्रित करने के लिए अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए तो दोस्तों यह सूर्य के तापमान पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होते क्योंकि दोस्तों आंत रोशनी ऐसे प्राणी होते हैं जो कि अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित कर सकते हैं तो उदाहरण है दोस्तों आंत रोशनी प्राणी के जैसे कि पक्षी तथा कुछ स्तनधारी प्राणी सुंदरी रानी तू दोस्तों इस प्रकार के प्राणी अंत रोशनी प्राणी के अंतर

आते हैं तथा बाहों में प्राणी के उदाहरण दोस्तों जैसे कि सरीसृप तथा मेंढक और कछुए इन्हें हम वह उसमें प्राणी के अंतर्गत रखते हैं क्योंकि दोस्तों यह अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं तो धन्यवाद दोस्तों आशा करता हूं आपको यह उत्तर जरूर समझ में आया होगा

Solution : बाह्रोष्मी तथा आंतरोष्मी मरूस्थल की छिपकलियों का जल तापमान सुविधा स्तर से गिर जाता है। तब सह धूप सेक कर ऊष्मा अवशेषित करती है। प्रकार के प्राभी एक्टेथर्मिक कहलाते है। ध्रुवीय समुद्री की सील के त्वचा के नीचे वसा की मोटी सतह होती है। जो ऊष्मारोधी का कार्य करती है। जिसे शरीर से ऊष्मा की क्षति कम होती है। यह प्राणी एण्डोथर्मिक कहलाता है।

एक्टोथर्मिक और एंडोथर्मिक क्या है?

बाह्रोष्मी तथा आंतरोष्मी (एक्टोथर्मिकएंडोथर्मिक ) Solution : बाह्रोष्मी तथा आंतरोष्मी मरूस्थल की छिपकलियों का जल तापमान सुविधा स्तर से गिर जाता है। तब सह धूप सेक कर ऊष्मा अवशेषित करती है। प्रकार के प्राभी एक्टेथर्मिक कहलाते है।

बाह्योष्मी क्या है?

बाह्ययोष्मी या ऍक्टोथर्म​ (ectotherm) ऐसे जीवों को कहा जाता है जिनकी अंदरूनी प्रक्रियाओं की भूमिका उनके शरीर के तापमान पर नियंत्रण रखने में बहुत कम हो या बिलकुल ही न हो। ऐसे जीव (उदाहरण: मेंढक) अपने बदन में गर्मी रखने के लिए आसपास के वातावरण में मौजूद गरमाहट के स्रोतों का प्रयोग करते हैं।