Home » class 8 Hindi » NCERT Solutions for Class VIII Vasant Part 3 Hindi Chapter 2 -Laakh kee choodiyaan Show लाख की चूड़ियाँ Exercise : Solution of Questions on page Number : 10 प्रश्न 1:
बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ क्यों कहता था? Exercise : Solution of Questions on page Number : 11 प्रश्न 1: बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से’ और बदलू स्वयं कहता है – जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में
बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए। प्रश्न 2: वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है? प्रश्न 3: ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं।’- इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है? प्रश्न 4: बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी। प्रश्न 5: मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया? प्रश्न 3: मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन
होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखो। Exercise : Solution of Questions on page Number : 12 प्रश्न 2:
‘बदलू’ कहानी में दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे-शहर, गाँव, पतली-मोटी, गोल, चिकना इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे-सुंदरता,
नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार, वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए। प्रश्न 3: गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं। वस्तु विनिमय क्या है इसकी प्रचलित पद्धति क्या है?वस्तु विनिमय से तात्पर्य लेन-देन के लिए रूपए-पैसों के स्थान पर एक वस्तु का दूसरी वस्तु से क्रय-विक्रय करना है। जिस तरह से बदलू लाख की चूड़ियों के स्थान पर अनाज व कपड़े लिया करता था। वस्तु विनिमय की पद्धति गाँवों में प्रचलित है। यहाँ लोग अन्न के बदले अन्य किसी भी (खाने-पीने व कपड़े) वस्तु से आदान-प्रदान कर लेते हैं।
वस्तु विनिमय क्या है class 7?Solution : आवश्यकता के अनुसार एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति से वस्तु के लेन-देन की प्रक्रिया को वस्तु-विनिमय कहा जाता है। यह वस्तु लेन-देन प्रणाली हमारे देश में प्राचीन समय में प्रचलित थी।
वस्तु विनिमय प्रणाली कब प्रचलित थी?भारत को अपना केंद्रीय बैंक सन् 1935 में मिला। इसका नाम 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' है। केंद्रीय बैंक के अनेक महत्वपूर्ण कार्य हैं। यह देश की मुद्रा का निर्गमन करता है।
विनिमय का क्या तात्पर्य है?विनिमय का अर्थ है किसी वस्तु के बदले किसी दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान करना। जब हम किसी वस्तु के बदले दूसरी वस्तु देते या प्राप्त करते हैं तो वह विनिमय कार्य कहलाता हैं। विनिमय को दो वर्गों में विभाजित किया गया हैं। क्रय विनिमय- जब हम कोई वस्तु खरीदते हैं तो उसके बदले में जो भी मूल्य देते हैं, क्रय विनिमय कहलाता है।
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