Students can prepare for their exams by studying NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 3 बस की यात्रा was designed by our team of subject expert teachers. प्रश्न-अभ्यास कविता से प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. पाठ से आगे प्रश्न 1. उद्देश्य – इसके निम्नलिखित उद्देश्य थे –
प्रश्न 2. प्रश्न 3. दिल्ली से हरिद्वार के लिए नौ बजे सुबह जाने का कार्यक्रम बनाया। हम सब समय पर बस अड्डे पहुंच गए। वहाँ एक प्राइवेट बस का कंडक्टर जोर-जोर से आवाज लगा रहा था, “साधारण किराए में ए.सी. बस से हरिद्वार चलो। कुछ ही सीटें खाली हैं।” हम मित्रों के मुँह से हरिद्वार नाम सुनते ही वह साधि कार हमारा सामान लेकर बस की ओर चला। बस एकांत में कुछ दूर खड़ी थी। उसने हमारा सामान रखकर बस में बिठाया और किराया वसूल लिया। कुछ और सवारियों को बलपूर्वक पकड़े हुए वह दो घंटे बाद वापस आया। लगभग साढ़े ग्यारह बजे जब सब यात्रियों ने पैसे माँगने शुरू किए, तो उसका ड्राइवर सीट पर आया। उसने बस स्टार्ट करने की कोशिश की, पर बस ने स्टार्ट न होने की कसम खा रखी थी। उसने आगे से दस यात्रियों को उतारकर धक्का लगवाया। फिर बस स्टार्ट हुई। बस में बजते लाउडस्पीकर और गायक की गलाफाड़ गायिकी से सिर में दर्द होने लगा। ए.सी. के बारे में पूछने पर उसने बताया कि ए.सी. अभी-अभी खराब हुआ है। बस की बॉडी का। जगह-जगह टूटा भाग, टूटे काँच तथा शोर मचाते इंजन की। आवाज उस तथाकथित ए.सी. बस का गुणगान कर रहे थे। हर आधे घंटे बाद इंजन गर्म होने की बात कहकर ड्राइवर बीड़ी पीने उतर जाता। दिल्ली से चले दो घंटे बीत चुके थे। उसने एक . प्राइवेट होटल पर बस खड़ी कर दी। ड्राइवर एवं कंडक्टर ने बताया कि यहाँ का सस्ता और स्वादिष्ट खाना मशहूर है। बाद में पता चला कि सस्ते भोजन के नाम पर यात्रियों को चूना लगाया गया। हाँ, ड्राइवर एवं कंडक्टर ने मुफ्त का खाना भरपेट जरूर खाया। एक घंटे बस चली होगी कि पता चला उसका टायर खराब हो गया। ड्राइवर वहाँ से तीस किमी दूर से टायर लेकर डेढ़ घंटे बाद आया। इस तरह बस रात्रि दस बजे हरिद्वार पहुंची। ईश्वर की कृपा से ही हम ग्यारह बजे शादी के कार्यक्रम में शामिल हो सके। हम मित्रों ने भविष्य में ऐसी ए.सी. बस में सफर न करने की कसम खाई। उस यात्रा को याद कर हम आज भी एक-दूसरे पर हँसते हैं। मन बहलाना (i) अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती, बोल सकती तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती? लिखिए। मेरी ऐसी जीर्ण दशा पर भी मालिक को दया नहीं आती है। उसने मुझे (बस) ड्राइवर को ठेके पर दे दिया है। मेरे बूढ़े शरीर का ख्याल किए बिना इतनी सवारियाँ भर लेता है कि मेरा अंग-अंग दुखने लगता है। कई बार तो हाथ-पैर जवाब दे जाते हैं और मुझे रुक जाना पड़ता है। अब मैं इतना बोझ उठाने के काबिल नहीं रही, पर यह बात मालिक को कौन समझाए? भाषा की बात प्रश्न 1. प्रश्न 2.
कारक चिह्नों से जुड़े वाक्य –
प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लेखक हरे भरे पेड़ों को क्या समझता था?NCERT solutions for Class 8 Hindi.
छ लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था? Solution : बस की दशा ऐसी थी कि उसे जबरदस्ती चलाया जा रहा था। कभी भी उसकी ब्रेक फेल हो सकती थी या कोई पुरजा खराब हो सकता था। इस भयभीत मनःस्थिति में जो भी पेड़ आता उसे देखकर लेखक को डर लगता कि उसकी बस उससे टकरा जायेगी।
लेखक और उसके मित्र कितने बजे की बस पकड़ना चाहते हैं?Solution : लेखक और उसके मित्र किसी काम से पन्ना आये थे, उन्हें जबलपुर जाना था।
लेखक और उनके साथियों को कहाँ की ट्रेन पकड़नी थी?लेखक और उनके मित्र चार बजे की बस क्यों पकड़ना चाहते थे?
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