Show अतः हम कह सकते हैं कि 'भावों और विचारों की अभिव्यक्ति
के लिए रूढ़ अर्थों में प्रयुक्त ध्वनि संकेतों की व्यवस्था ही भाषा है।' प्रत्येक देश की अपनी एक भाषा होती है। हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है। संसार में अनेक भाषाएँ हैं। जैसे- हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, बँगला, गुजराती, पंजाबी, उर्दू, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, फ्रैंच, चीनी, जर्मन इत्यादि।
लिखित भाषा कैसे बनी?भाषा की उत्पत्ति 6000 साल पहले हुई किन्तु मौखिक , और जब से इंसान अपने हिसाब किताब,भावों को लिखकर रखने लगा कुछ चिह्नों के माध्यम से तभी से भाषा के लिखित रूप की उत्पत्ति हुई.
भाषा का लिखित रूप क्या कहलाता हैं?भाषा को लिखने का ढंग लिपि कहलाता है।
लिखित भाषा का क्या अर्थ है?लिखित भाषा (Written Language) – जब व्यक्ति अपने विचारों को लिखकर प्रकट करता है तो भाषा के इस रूप को लिखित भाषा कहते हैं। भाषा के विकासक्रम में मौखिक रूप के बाद भाषा के लिखित रूप का विकास हुआ। किसी तथ्य या विचार को वर्षों तक सुरक्षित रखने के लिए लिखित भाषा का ही प्रयोग किया जाता हैं।
भाषा के लिखित रूप की क्या उपयोग है?इस प्रकार भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, लिखित भाषा कहलाती है। जिन अक्षरों या चिन्हों की सहायता से हम अपने मन के विचारो को लिखकर प्रकट करते है, उसे लिखित भाषा कहते है। उच्चरित भाषा की तुलना में लिखित भाषा का रूप बाद का है।
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