भारत का सबसे अधिक आयात होता है किस देश से - bhaarat ka sabase adhik aayaat hota hai kis desh se

चालू वर्ष के दौरान भारत के विदेशी क्षेत्र का लचीलापन अर्थव्यवस्था में विकास के पुनरुद्धार के लिए अच्छा संकेत है

समीक्षा में बताया गया है कि भारत का विदेशी क्षेत्र बाहरी झटकों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश करते हुए कहा कि पिछले वर्ष की महामारी से उत्पन्न मंदी के बाद भरत के विदेशी व्यापार में मजबूती से सुधार हुआ है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार का तेजी से संचय हुआ है। चालू वर्ष के दौरान भारत के विदेशी क्षेत्र की समुत्थान शक्ति (लचीलापन) अर्थव्यवस्था में विकास के पुनरुद्धार के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि वर्ष 2022-23 के दौरान कोविड-19 के नये वेरिएंट्स के साथ वैश्विक तरलता के कड़े होने के घटते हुए जोखिमों और वैश्विक वस्तुओं के मूल्यों में लगातार अस्थिरता, उच्च माल ढुलाई लागत भारत के लिए चुनौती हो सकती है।

विदेशी व्यापार प्रदर्शनः

समीक्षा यह दर्शाती है कि वैश्विक मांग में दोबारा वृद्धि के साथ-साथ घरेलू गतिविधि के पुनरुद्धार को देखते हुए भारत के वस्तु (पण्य) आयात और निर्यात में जोरदार उछाल आया है और यह चालू वर्ष के दौरान पूर्व- कोविड स्तरों को पार कर गया है। सरकार द्वारा उचित समय पर की गई पहल से भी निर्यात के पुनरूद्धार में सहायता मिली है। अप्रैल-नवम्बर, 2021 में अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और चीन शीर्ष निर्यात गंतव्य बने रहे जबकि चीन, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़े आयात स्रोत रहे। कमजोर पर्यटन राजस्वों के बावजूद अप्रैल-दिसम्बर, 2021 के दौरान सेवाओं से होने वाली निवल आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी ऐसा मजबूत सॉफ्टवेयर और व्यावसायिक आय के कारण तब संभव हुआ जब आय और भुगतान दोनों ने ही अपने पूर्व-महामारी स्तरों को पार कर लिया था।

भारत का सबसे अधिक आयात होता है किस देश से - bhaarat ka sabase adhik aayaat hota hai kis desh se

आर्थिक समीक्षा यह दर्शाती है कि भंडार में भारी बढ़ोतरी से विदेशी मुद्रा भंडारों से कुल विदेशी ऋण, लघु अवधि ऋण से विदेशी विनिमय भंडार जैसे बाह्य संवेदी सूचकांकों में सुधार को बढ़ावा मिला। बढ़ते हुए मुद्रा स्फीति दबावों की प्रतिक्रिया में फेड सहित प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण केन्द्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति के तेजी से सामान्यीकरण की संभावना से पैदा हुई वैश्विक तरलता की संभावना का सामना करने के लिए भारत का बाह्य क्षेत्र लचीला है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 119.42 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2020-21 में यह आंकड़ा 80.51 अरब डॉलर का था।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत का अमेरिका को निर्यात बढ़कर 76.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 51.62 अरब डॉलर रहा था। वहीं इस दौरान अमेरिका से भारत का आयात बढ़कर 43.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 29 अरब डॉलर था।

आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा, जो 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था।

वित्त वर्ष के दौरान चीन को भारत का निर्यात मामूली बढ़कर 21.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर रहा था।

वहीं इस दौरान चीन से भारत का आयात बढ़कर 94.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 65.21 अरब डॉलर पर था। वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो 2020-21 में 44 अरब डॉलर रहा था।

व्यापार क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में भारत का अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा, जिससे दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के उपाध्यक्ष खालिद खान ने कहा कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में उभर रहा है और वैश्विक कंपनियां चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। वैश्विक कंपनियां अपने कारोबार का भारत और अन्य देशों में विविधीकरण कर रही हैं।

खान ने कहा, ‘‘आगामी बरसों में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और बढ़ेगा। भारत, अमेरिका की हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा (आईपीईएफ) पहल में शामिल हुआ है। इससे आर्थिक रिश्तों को और मजबूती मिलेगी।’’

भारतीय बागान प्रबंधन संस्थान (आईआईपीएम), बेंगलूर के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने कहा कि 1.39 अरब की आबादी के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के चलते अमेरिका और भारत की कंपनियों के पास प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण, व्यापार और निवेश के काफी अवसर हैं।

जोशी ने बताया कि भारत द्वारा अमेरिका को मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पादों, पालिश हीरों, फार्मा उत्पाद, आभूषण, हल्के तेल आदि का निर्यात किया जाता है। वहीं अमेरिका से भारत पेट्रोलियम पदार्थ, तरल प्राकृतिक गैस, सोने, कोयले और बादाम का आयात करता है।

अमेरिका उन कुछ देशों में है जिनके साथ भारत व्यापार अधिशेष की स्थिति में है।

अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष 32.8 अरब डॉलर का है। 2013-14 से 2107-18 तक और उसके बाद 2020-21 में चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।

  • दुनिया में 18 वस्तुओं का सबसे ज्यादा आयात और निर्यात होता है
  • 10 बड़े निर्यातकों में चीन टॉप पर, भारत इसमें शामिल नहीं
  • अमेरिका मानव ब्लड का सबसे बड़ा आयातक और निर्यातक देश 

नई दिल्ली.  दुनिया में भारत हीरों का सबसे बड़ा निर्यातक है। देश ने पिछले साल 29.4 अरब डॉलर यानी 2.16 लाख करोड़ रुपए के हीरे निर्यात किए। वहीं, अमेरिका हीरों का सबसे बड़ा आयातक है। उसने 21 अरब डॉलर यानी 1.44 लाख करोड़ रुपए के हीरे आयात किए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले कारोबार का डेटा रिकॉर्ड करने वाली संस्था द ऑब्जर्वेटरी ऑफ इकोनॉमिक कॉम्प्लेक्सिटी की रिपोर्ट में ये आंकड़े जारी किए गए हैं।

रिपोर्ट कहती है- दुनियाभर में पेट्रोल की डिमांड सबसे ज्यादा है, लेकिन देशों के बीच सबसे ज्यादा कारोबार कारों का होता है। हर साल 1.35 ट्रिलियन डॉलर यानी 92 लाख करोड़ रुपए की कारें दुनियाभर के देशों के बीच खरीदी-बेची जाती हैं। दूसरे नंबर पर पेट्रोल है, जिसका हर साल 825 अरब डॉलर यानी 56 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होता है। दुनिया में मानव खून का भी कारोबार कम नहीं होता। अमेरिका इस मामले में सबसे आगे है। वह 25.3 अरब डॉलर यानी 1.73 लाख करोड़ रुपए का खून निर्यात और 20.8 अरब डॉलर यानी 14.26 लाख करोड़ रुपए का खून आयात करता है।

दुनिया में इन 18 वस्तुओं का सबसे ज्यादा आयात-निर्यात होता है

वस्तुमूल्य (अरब डॉलर में)ग्लोबल एक्सपोर्ट में प्रतिशतकारें13504.9पेट्रोल8253.0इंटीग्रेटेड सर्किट8042.9गाड़ियों के पार्ट्स6852.5कम्प्यूटर6142.2फॉर्मास्युटिकल्स6132.2गोल्ड5762.1क्रूड5492टेलीफोन5101.8ब्रॉडकास्ट इक्विपमेंट3951.4डायमंड2550.9पेट्रोलियम गैस2540.9मानव ब्लड2520.9एयरक्राफ्ट2340.9ट्रक2160.8मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स2160.7इंस्यूलेटेड वायर2000.7जूलरी1980.7

सबसे ज्यादा निर्यात करने वाले टॉप 10 देश

अमेरिका 18 सबसे ज्यादा निर्यात होने वाली वस्तुओं में से 12 का सबसे बड़ा निर्यातक है। इसमें ऑटोमोबाइल और रिफाइन्ड पेट्रोलियम शामिल है। जर्मनी गाड़ियों के पार्ट्स, स्विट्जरलैंड गोल्ड का बड़ा निर्यातक है। चीन इन 18 वस्तुओं में से 5 का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। 

कौन-सा देश कितना निर्यात करता है?

देशनिर्यात (अरब डॉलर)चीन2263 अमेरिका1547जर्मनी1448जापान698नीदरलैंड652दक्षिण कोरिया574हॉन्गकॉन्ग550फ्रांस535इटली506यूके445

जर्मनी दुनियाभर में सबसे ज्यादा कारें एक्सपोर्ट करता है

देशकारों के निर्यात का प्रतिशत निर्यात की कीमत (अरब डॉलर में)जर्मनी22154जापान14101अमेरिका7.755.1कनाडा6.948.9यूके6.244.1भारत0.845.99

अमेरिका सबसे ज्यादा कारें इम्पोर्ट करता है

देश कारों के आयात का प्रतिशतआयात की कीमत (अरब डॉलर में)अमेरिका24173जर्मनी7.352.3यूके6.747.5चीन642.7फ्रांस4.532.1भारत0.031217 मिलियन

भारत सबसे ज्यादा हीरे एक्सपोर्ट करता है

भारत का कुल सालाना निर्यात : 262 अरब डॉलर 

वस्तुनिर्यात का प्रतिशतकीमत (बिलियन डॉलर)हीरे1129.4रिफाइंड पैट्रोलियम8.722.8पैकेज्ड मेडिकामेंट्स5.614.6

भारत सबसे ज्यादा क्रूड आयात करता है

वस्तुआयात का प्रतिशतकीमत (अरब डॉलर)क्रूड पेट्रोलियम1654.8गोल्ड6.822.9मानव खून: इसका हर साल 252 बिलियन डॉलर अंतरराष्ट्रीय कारोबार होता है 

मानव खून 13वीं ऐसी चीज है जिसका दुनिया में सबसे ज्यादा कारोबार है। इसका कारोबार 252 अरब डॉलर यानी 17.28 लाख करोड़ रुपए का है। इसे वैक्सीन या टॉक्सीन में इस्तेमाल किया जाता है। भारत ने 2017 में 75 करोड़ डॉलर यानी 5157 करोड़ रुपए का ब्लड निर्यात किया था, जबकि 62 करोड़ डॉलर यानी 4293 करोड़ रुपए का ब्लड आयात किया।  

भारत सबसे ज्यादा निर्यात किसका करता है?

दुनिया में भारत हीरे का सबसे बड़ा निर्यातक, देशों के बीच पेट्रोल से ज्यादा कारों का कारोबार: रिपोर्ट नई दिल्ली. दुनिया में भारत हीरों का सबसे बड़ा निर्यातक है। देश ने पिछले साल 29.4 अरब डॉलर यानी 2.16 लाख करोड़ रुपए के हीरे निर्यात किए।

भारत से सबसे अधिक आयात कौन सा देश करता है?

कौन सा देश भारत वर्ष से अधिक आयात करता है? चीन भारत से सबसे अधिक आयात करता है। लगभग 68.06 बिलियन डॉलर के उत्पाद का आयात करता है।

भारत चीन से कितना आयात करता है?

भारत अभी भी चीन से सबसे अधिक चीज़ें आयात कर रहा है. साल 2021- 2022 में भारत ने चीन से 94.2 अरब डॉलर का आयात किया. जोकि भारत के कुल वार्षिक आयात का 15 फ़ीसद रहा.