असली चंदन की पहचान क्या है? - asalee chandan kee pahachaan kya hai?

Home » jyotish gyan » ऐसे करें असली Chandan की पहचान, जानें इसके फायदे और टोटके

6350 Views 0

असली चंदन की पहचान क्या है? - asalee chandan kee pahachaan kya hai?

हिंदू धर्म में चंदन का क्या महत्व है? ( Importance of Sandalwood in hindu religion )

हिंदू धर्म में चंदन ( Sandalwood ) का महत्व इस बात से जाना जा सकता है कि इसका प्रयोग वैष्णव और शैव परंपरा दोनों में किया जाता है। तिलक के रूप में चंदन ललाट की शोभा बढ़ाता है तो पूजा में देवी देवताओं को चंदन अर्पित किए जाने से उन्हें प्रसन्न करने का मार्ग खुल जाता है। चंदन का पौधा जैसे जैसे बढ़ता रहता है वैसे वैसे ही Chandan ka ped के तने में तेल का अंश भी बढ़ता रहता है जो सुगंधित होने के साथ ही बह फायदेमंद है। चंदन का तेल हर्बल औषधियों के लिए प्रयोग में लाया जाता है जबकि कई अध्ययन इस बात का दावा करते हैं कि यह हमारे अवसाद और चिंताओं को दूर करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।

चन्दन की ही तरह Chandan Mala भी सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक मानी गई है। लाल चन्दन की माला माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है, Original Chandan Mala से यदि माँ लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप किये जाए तो जातक को शीघ्र शुभ फल की प्राप्ति होती है और उनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है।

चंदन लगाने से क्या फायदे हैं? ( Sandalwood Benefits )

Uses of Sandalwood in hindi :

1. चंदन की सुंगध हमारे भीतर पनप रहे अवसाद और तनाव वाले हार्मोंस को नियंत्रित करने का कार्य करती है।

2. चंदन हमारी कई तरह की मानसिक बीमारियों से रक्षा करता है और उदासी जैसी अवस्था से भी बचाता है।

3. भगवान को चंदन अर्पित करने का हमारा भाव यह रहता है कि जिस प्रकार चंदन सुगंधित है उसी प्रकार हमारा जीवन भी हमेशा सुगंधित रहे।

4. इसे ललाट पर लगाए रखने से पवित्रता और शांति का एहसास होता रहता है। साथ ही आज्ञा चक्र सक्रिय होकर शुभ फल देने लगता है।

5. Sandalwood uses में चंदन को बालों के कंडीशनर के रूप में भी प्रयोग में लाया जा सकता है, इससे बाल मजबूत होते हैं।

चन्दन के टोटके ( Chandan ke totke )

1. चन्दन को पीसकर उसके पाउडर, अश्वगंधा और गोखरूचूर्ण में कपूर का मिश्रण कर लगातार 40 दिन तक हवन करने से घर का वास्तु दोष दूर होता है।

2. यदि आपको ऐसा लगता है कि आप हर समय परेशानियों से घिरे रहते हैं तो गुरुपुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले चन्दन के पेड़ की जड़ पर पीले चावल और जल चढ़ाएं फिर धूप दिखाकर उसे आमंत्रित कर दें। उसके अगले दिन उसी पेड़ की लकड़ी लें और एक लाल कपड़े में उसे बांधकर अपने घर के मुख्यद्वार पर टांग दें। इससे आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी और आने वाले सभी संकट टल जाएंगे।  

3. यदि चन्दन के वृक्ष को घर की पश्चिम या दक्षिण दिशा में लगाया जाए तो यह अत्यधिक शुभ फल प्रदान करता है।

4. किसी व्यक्ति या बच्चे को नज़र लगी हो तो उसे चन्दन की छाल का धुआं देना चाहिए इससे नज़र तुरंत उतर जाती है।    

5. Safed Chandan का वृक्ष घर की सीमा में लगाने से वास्तु दोष और समस्त प्रकार के रोगों से परिवार के सदस्यों को छुटकारा मिलता है।  

असली चंदन की पहचान क्या है? ( How to Identify real Chandan? )

असली चन्दन की पहचान करनी हो तो उसे जमीन या ठोस सतह पर घिसे और तब तक घिसे जब तक वह गर्म न हो जाए। जैसे ही चन्दन गर्म होगा उसमें से सुगंध आनी शुरू हो जाएगी। सुगन्धित चन्दन ही असली चन्दन की पहचान मानी जाती है। 

चन्दन की क्या विशेषता है? ( What is the specialty of Sandalwood? )

चन्दन की विशेषता के बारे में सबसे उत्तम जानकारी हमें संस्कृत का यह श्लोक देता है : ”चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग” अर्थात चन्दन के वृक्ष में शीतलता के कारण विषधारी सांप लिपटे रहते हैं इसके बावजूद चंदन के वृक्ष पर साँपों के विष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। यह चन्दन की सबसे बड़ी विशेषता है। चन्दन हमारे मन-मस्तिष्क को शान्ति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके प्रयोग से आज्ञा चक्र शुभ फल देने लगता है, यह सौभाग्य में वृद्धि का भी सूचक है।

चन्दन कितने प्रकार के होते है? ( Types of Chandan in hindi )

Chandan दो प्रकार का होता है : सफेद चन्दन और लाल चंदन। इन दोनों के ही अपने अद्भुत फायदे हैं।

लाल चंदन लगाने से क्या होता है? ( Laal Chandan lagane se kya hota hai? )

लाल चन्दन में कई तरह के पॉलीफेनोलिक यौगिक, ग्लाइकोसाइड, जरूरी तेल, फ्लेवोनोइड, टैनिन और फेनोलिक एसिड जैसे गुण पाए जाते है जो इसे अलग पहचान देते हैं। लाल चन्दन को चेहरे पर लगाने से त्वचा से संबंधित रोगों एक्ने, चकत्ते और झाइयों से शीघ्र ही मुक्ति मिलती है।  

लाल चंदन को कैसे पहचाने? ( Laal Chandan ko kaise pehchane? )

लाल Chandan ki lakdi पानी में बाकी लकड़ियों के मुकाबले जल्दी डूबती है। इसके पीछे की प्रमुख वजह यह है कि लाल चन्दन की लकड़ी का घनत्व पानी से ज्यादा होता है। इसलिए लाल चन्दन की लकड़ी की पहचान करनी हो तो उसके लिए सामान्य लकड़ी और लाल Chandan ki lakadi लें। दोनों को साथ में पानी में डुबोये यदि लाल चन्दन की लकड़ी जल्दी पानी में डूब जाए तो वह असली लाल चन्दन है। लाल चन्दन श्वेत चन्दन की तरह सुगन्धित नहीं होता है।  

हिन्दू माथे पर चन्दन क्यों लगाते हैं? ( Why do Hindus put chandan on forehead? ) 

हिन्दू धर्म में माथे पर Chandan का तिलक लगाना बहुत शुभ माना गया है। हमारे शास्त्रों में यह बात वर्णित है कि चन्दन का तिलक लगाने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। पापों का नाश होता है तथा व्यक्ति के शरीर को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है।  

शुद्ध चंदन की पहचान कैसे की जाती है?

असली चंदन की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है की चंदन को किसी ठोस सतह या फर्श पर तब तक घिसते रहें जब तक की ये गर्म ना हो जाये. घिसने के थोड़ी देर में ही चंदन से खुशबू आने लगती है. जो चंदन के असली होने की पहचान है.

लाल चंदन की कीमत क्या है?

₹395.00 नि: शुल्क डिलिवरी।

चंदन का पौधा कहाँ मिलता है?

भारतीय चंदन (Santalum album) का संसार में सर्वोच्च स्थान है। इसका आर्थिक महत्व भी है। यह पेड़ मुख्यत: कर्नाटक के जंगलों में मिलता है तथा भारत के अन्य भागों में भी कहीं-कहीं पाया जाता है। भारत के 600 से लेकर 900 मीटर तक कुछ ऊँचे स्थल और मलयद्वीप इसके मूल स्थान हैं।

चेहरे पर कौन सा चंदन लगाना चाहिए?

इसके लिए आप शुद्ध चंदन का पाउडर लें, इसमें गुलाब जल मिलाएं। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें। हफ्ते में 3-4 दिन चंदन का लेप लगाने से दाग धब्बे काफी हद तक कम होने लगते हैं।