6 क्या कारण है कि संक्रमण धातुएँ तथा इनके अनेक यौगिक उत्तम उत्प्रेरक होते हैं ?`? - 6 kya kaaran hai ki sankraman dhaatuen tatha inake anek yaugik uttam utprerak hote hain ?`?

संक्रमण धातुएँ तथा इनके यौगिक उत्प्रेरकीय सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। संक्रमण धातुओं का यह गुण उनकी परिवर्तनशील संयोजकता एवं संकुल यौगिक के बनाने के गुण के कारण है। वैनेडियम (V) ऑक्साइड (संस्पर्श प्रक्रम में), सूक्ष्म विभाजित आयरन (हेबर प्रक्रम में) और निकिल (उत्प्रेरकीय हाइड्रोजनीकरण में) संक्रमण धातुओं के द्वारा उत्प्रेरण के कुछ उदाहरण हैं। उत्प्रेरक के ठोस पृष्ठ पर अभिकारक के अणुओं तथा उत्प्रेरक की सतह के परमाणुओं के बीच आबंधों की रचना होती है। आबंध बनाने के लिए प्रथम संक्रमण श्रेणी की धातुएँ 3d एवं 4s इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करती हैं, परिणामस्वरूप उत्प्रेरक की सतह पर अभिकारक की सांद्रता में वृद्धि हो जाती है तथा अभिकारक के अणुओं में उपस्थित आबंध दुर्बल हो जाते हैं। इन कारण सक्रियण ऊर्जा का मान घटे जाता है। ऑक्सीकरण अवस्थाओं में परिवर्तन हो सकने के कारण संक्रमण धातुएँ उत्प्रेरक के रूप में अधिक प्रभावी होती हैं।

उदाहरणार्थ – आयरन (III), आयोडाइड आयन तथा परसल्फेट आयन के बीच संपन्न होने वाली अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।

  • \[\ce{2I^- + S2O^{2-}_8 -> I2 ^ + 2SO^{2-}_4}\]

इस उत्प्रेरकीय अभिक्रिया का स्पष्टीकरण इस प्रकार है –

  • \[\ce{2Fe^{3+} + 2I^- -> 2Fe^{2+} + I2 ^}\]
  • \[\ce{2Fe^{2+} + S2O^{2-}_8 -> 2Fe^{3+} + 2SO^{2-}_4}\]

क्या कारण है कि संक्रमण धातुएँ तथा इनके अनेक यौगिक उत्तम उत्प्रेरक होते हैं?

ऑक्सीकरण अवस्थाओं में परिवर्तन हो सकने के कारण संक्रमण धातुएँ उत्प्रेरक के रूप में अधिक प्रभावी होती हैं। उदाहरणार्थ – आयरन (III), आयोडाइड आयन तथा परसल्फेट आयन के बीच संपन्न होने वाली अभिक्रिया को उत्प्रेरित करता है।

4 क्या कारण है कि संक्रमण धातुएँ तथा उनके अधिकांश यौगिक अनुचुम्बकीय होते?

चूँकि ये सभी तत्त्व धातुएँ हैं, इसलिये इनको संक्रमण धातु भी कहते हैं। इनका यह नाम आवर्त सारणी में उनके स्थान के कारण पड़ा है क्योंकि प्रत्येक पिरियड में इन तत्त्वों के d ऑर्बिटल में इलेक्ट्रान भरते हैं और 'संक्रमण' होता है। आईयूपीएसी (IUPAC) ने इनकी परिभाषा यह दी है- वे तत्त्व जिनका d उपकक्षा अंशतः भरी हो।

क्या कारण है कि संक्रमण धातुएँ सामान्यतः रंगीन यौगिक या आयन बनाती?

इनमें उपस्थित अयुग्‍मित इलेक्ट्रॉन दृश्य प्रकाश की ऊर्जा को अवशोषित करके उच्च ऊर्जा वाली रिक्त d-ऑर्बिटलों में चले जाते हैं और d-d संक्रमण हो जाता है। फलस्वरूप परावर्तित प्रकाश सफेद न होकर रंगीन होता है। इसलिए संक्रमण तत्वों के यौगिक अथवा आयन रंगीन होते है।

संक्रमण धातु संकुल यौगिक क्यों बनाते हैं?

Solution : संक्रमण धातुएँ संकुल यौगिक बनाती है क्योंकि इनके बाह्यतम कोश में खाली कक्षक उपस्थित होते हैं। इसके अलावा इन धातुओं के आकार छोटे तथा इन पर आवेश उच्च होता है। खाली कक्षकों की उपस्थिति के कारण इनमें लिगैण्ड द्वारा त्यागे गये इलेक्ट्रॉन युग्म आसानी से स्थान ग्रहण कर लेते हैं