भारतीय संविधान की प्रस्तावना: पृष्ठभूमि, 4 प्रमुख घटक और महत्वGaurav Tripathi | Updated: मार्च 29, 2022 18:33 IST Show
This post is also available in: English (English) भारतीय संविधान की प्रस्तावना (Preamble of Indian Constitution in Hindi) एक संक्षिप्त परिचयात्मक कथन है जो संविधान के मार्गदर्शक उद्देश्य, सिद्धांतों और दर्शन को निर्धारित करता है। प्रस्तावना निम्नलिखित के बारे में एक विचार देती है (1) संविधान का स्रोत, (2) भारतीय राज्य की प्रकृति, (3) इसके उद्देश्यों का विवरण और (4) इसके अपनाने की तिथि। भारतीय संसदीय प्रणालीके बारे में जानें!
परिचय | Introduction
भारत में चुनाव कानून से संबंधित जानकारी पाएँ! संविधान की उद्देशिका (Preamble of Constitution Hindi me) पर आधारित यह लेख आईएएस परीक्षा की भारतीय राजव्यवस्था के एक भाग के रूप में एक महत्वपूर्ण खंड है। इसलिए यह लेख संविधान की प्रस्तावना से संबंधित जानकारी प्रदान करेगा और लेख से संबंधित पीडीएफ भी प्रदान करेगा। भारतीय संविधान की प्रस्तावना (यूपीएससी राजनीति नोट्स): यहां पीडीएफ डाउनलोड करें!भारतीय संविधान की प्रस्तावना की पृष्ठभूमि | Background on Preamble of Indian constitutionसंविधान की प्रस्तावना (Preamble of Constitution Hindi me) का प्रस्ताव पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 13 दिसंबर 1946 को एक उद्देश्य प्रस्ताव के रूप में रखा था। उद्देश्य प्रस्ताव ने संविधान की वर्तमान प्रस्तावना के आधार का निर्माण किया।
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विशेषाधिकार प्रस्ताव क्या होता है? यहाँ जानें! भारतीय संविधान में उद्देशिका का लिखित रूप निम्नलिखित है: “हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को: सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, भारतीय संविधान की उद्देशिका में मुख्य शब्द | Keywords in Preamble of Indian constitution
यह भी पढ़ें: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) भारतीय संविधान की प्रस्तावना के 4 प्रमुख घटक | 4 Key Components of Indian constitution’s Preamble1.संविधान के अधिकार का स्रोत | Source of authority of the constitution
यह भी पढ़ें: समानता का अधिकार 2. भारतीय राज्य की प्रकृति | Nature of the Indian stateसंविधान की उद्देशिका (Preamble of Constitution Hindi me) भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक राज्य घोषित करती है।
नोमेडिक एलिफेंट अभ्यास के बारे में जानें! 3.संविधान के उद्देश्य | Objectives of the constitutionसंविधान के उद्देश्य न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की प्राप्ति है।
4. संविधान को अपनाने की तिथि | Date of adoption of constitution.
इकोटोन क्या है?जानें! प्रस्तावना से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय की व्याख्या | Interpretation of the SC relating to the Preamble
भारत में चुनावी सुधार के बारे में जानें! वर्तमान स्थिति | Current status
भारतीय संविधान की प्रस्तावना का महत्व | Significance of the Preamble Indian constitution
वायकोम सत्याग्रह के बारे में पढ़ें! हम आशा करते हैं की इस आलेख में भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of Indian Constitution in Hindi) से संबंधित सभी जानकारियाँ आपको मिल गयी होंगी। आपकी किसी भी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा जैसे यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे आदि के लिए टेस्टबुक एक उचित मार्गदर्शन और तैयारी से संबंधित सभी संसाधन उपलब्ध करता है। आप विभिन्न विषयों के लिए अध्ययन सामग्री तक पहुंच सकते हैं और यहां तक कि हमारे दैनिक क्विज़, मॉक टेस्ट, प्रश्न बैंक आदि के माध्यम से अपनी दैनिक तैयारी की प्रगति की जांच कर सकते हैं। समसामयिक मामलों और कक्षा सत्रों के साथ अपडेट रहें। अपनी तैयारी को समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने हेतु टेस्टबुक ऐप अभी डाउनलोड करें! भारतीय संविधान की प्रस्तावना – FAQsQ.1 भारतीय धर्मनिरपेक्षता पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से किस प्रकार भिन्न है? Ans.1 भारतीय धर्मनिरपेक्षता में- धार्मिक समूहों के अधिकारों को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त है और राज्यों को धार्मिक मामलों में कुछ हद तक हस्तक्षेप करने की शक्ति है जबकि पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता में- राज्य और धर्म का परस्पर बहिष्कार है और राज्य न तो मदद करते हैं न ही धर्म में बाधा। Q.2 प्रस्तावना में क्या संशोधन किया गया? Ans.2 42वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 द्वारा प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन किया गया था। इस संशोधन द्वारा प्रस्तावना में तीन शब्द समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था। Q.3 क्या प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है? Ans.3 हां, प्रस्तावना संविधान का एक हिस्सा है। केशवानंद भारती मामले (1973) के दौरान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी। यह संविधान की प्रस्तावना, सारांश या सार है। एलआईसी ऑफ इंडिया मामले (1995) के दौरान, सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया कि, “प्रस्तावना संविधान का अभिन्न अंग है”। Q.4 प्रस्तावना का स्रोत क्या है? Ans.4 प्रस्तावना संविधान की दार्शनिक पृष्ठभूमि के लिए जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिए गए उद्देश्य प्रस्ताव का परिणाम है। न्याय, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक शब्द रूस के संविधान से लिए गए हैं। और हमने फ्रांस के संविधान से गणतंत्र, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व शब्द उधार लिया है। बयान, “हम भारत के लोग”, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर से उधार लिया गया है। Q.5 संविधान को अपनाने की तिथि क्या है? Ans.5 भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था। इसका उल्लेख संविधान की प्रस्तावना में है।
प्रस्तावना को क्या कहा गया है?प्रस्तावना किसी लेख या पुस्तक का आरंभिक खण्ड है जिसमें उस रचना के बारे में एक संक्षिप्त पूर्वपरिचय दिया जाता है।
प्रस्तावना को किसने क्या कहा है?इसे "संविधान की आत्मा" कहा गया है। - ठाकुर दास भार्गव ।
प्रस्तावना कैसे बोला जाता है?वहीं प्रस्तावना की भाषा को ऑस्ट्रेलिया संविधान से लिया गया है. प्रस्तावना की शुरुआत 'हम भारत के लोग' से शुरू होती है और '26 नवंबर 1949 अंगीकृत' पर समाप्त होती है. 1976 में, 42 वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा प्रस्तावना में संशोधन किया गया था. जिसमें तीन नए शब्द- समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता को जोड़ा गया था.
भारत के प्रस्ताव में क्या कहा गया है?संविधान सभा भी दो हिस्सो में बँट गई - भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा। भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ।
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