भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कार्य, कर्तव्य और शक्तियाँ Show नियंत्रक-महालेखापरीक्षक(सीएजी) एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं जो संसद/विधानमण्डल और कार्यकारी वर्ग से स्वतंत्र है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक निम्नलिखित के लिए उत्तरदायी हैं -
नियंत्रक-महालेखापरीक्षक राज्य सरकार के खातों के संकलन, कर्मचारियों की चयनित श्रेणियों के पेंशनरी लाभ का प्राधिकार पत्र, अधिकांश राज्य सरकारों के राज्य सरकार के कर्मचारियों के भविष्यनिधि खातों के रखरखाव के लिए भी उत्तरदायी है। यह लेखापरीक्षा और लेखा जोखा कार्य भारतीय लेखा और लेखापरीक्षा विभाग (आइए एंड एडी) द्वारा किया जाता हैं जो भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के अधीन कार्य करता है। लेखापरीक्षा के सम्बन्ध में नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की भूमिका - नियंत्रक-महालेखापरीक्षक संविधान में निर्धारित एकमात्र प्राधिकारी है जिसे राज्यों के संघ के लेखाओं की लेखापरीक्षा का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का यह कर्तव्य है कि वह संघ और प्रत्येक राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों की प्राप्तियों और व्यय की लेखापरीक्षा करे। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा रिपोर्ट संसद या राज्य या संघ शासित प्रदेश जैसा भी मामला हो के विधानमण्डल के समक्ष रखी जाती है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्यों का विस्तार विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार सरकारी कंपनियों, निगमों तथा निकायों और प्राधिकरणों की लेखापरीक्षा के लिये भी किया गया । लेखापरीक्षा के व्यापक उद्देश्य लेखापरीक्षा का व्यापक उद्देश्य वित्तीय प्रबंधन और सार्वजनिक प्रशासन की वैधता, नियमितता, मितव्ययता, दक्षता और प्रभावशीलता को मुख्य रूप से मूल्यांकन के माध्यम से सुनिश्चित करना है :
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का मुख्य कार्य क्या है?नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का यह कर्तव्य है कि वह संघ और प्रत्येक राज्य तथा संघ शासित प्रदेशों की प्राप्तियों और व्यय की लेखापरीक्षा करे। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा रिपोर्ट संसद या राज्य या संघ शासित प्रदेश जैसा भी मामला हो के विधानमण्डल के समक्ष रखी जाती है।
महालेखा परीक्षक की शक्तियां क्या है?नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का यह कर्तव्य होगा कि वह –
संघ के या किसी राज्य के किसी विभाग में रखे गये सभी व्यवसाय, विनिर्माण, लाभ और हानि लेखाओं तथा तुलनपत्रों और अन्य सहायक लेखाओं की लेखापरीक्षा करे/और हर एक दशा में अपने द्वारा इस प्रकार लेखापरीक्षित व्यय, संव्यवहारों या लेखाओं की बाबत रिपोर्ट दे।
भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की योग्यता क्या है?नियंत्रक-महालेखा परीक्षक अधिनियम, 1971 द्वारा, नियंत्रक-महालेखा परीक्षक की यह शक्ति प्राप्त है कि वह सरकारी कपनियों और अन्य निकायों, जो संघ या राज्य के राजस्व द्वारा पर्याप्त रूप से वित्त पोषित हैं, प्राप्ति और व्यय की संपरीक्षा करे और प्रतिवेदन प्रस्तुत करे, चाहे इस विषय में कोई विनिर्दिष्ट विधान हो या नहीं।
भारत के महालेखा नियंत्रक कौन है?दीपक दास (Deepak Das) ने 01 अगस्त, 2021 को लेखा महानियंत्रक (Controller General of Accounts - CGA) के रूप में पदभार ग्रहण किया है।
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