भारत और अफगानिस्तान के बीच सीमा रेखा का क्या नाम है? - bhaarat aur aphagaanistaan ke beech seema rekha ka kya naam hai?

भारत की सीमायें (Borders of India) – भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा इसके कुल 11 पड़ोसी देशों से मिलती है। भारत की स्थल सीमा से लगे 4 देश चीन, नेपाल, भूटान व अफगानिस्तान हैं। भारत की जलीय / समुद्री सीमा से लगे 7 पड़ोसी देश – पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव हैं। भारत के पड़ोसी देशों में से 3 देश यथा – पाकिस्तान, बांग्लादेश व म्यांमार ऐसे भी हैं जिनकी स्थल और समुद्री दोनों सीमाएं भारत से मिलती हैं।

भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की लंबाई –

देशसीमा की लंबाई
बांग्लादेश 4096 किमी.
चीन 3488 किमी.
पाक 2910 या 3323
नेपाल 1751 किमी.
म्यांमार 1643 किमी.
भूटान 699 किमी.
अफगानिस्तान 106 किमी.
श्रीलंका 100 मीटर

भारत के पड़ोसी देश –

भारत के कुल पड़ोसी देश 11 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव
भारत की जल/समुद्री सीमा से लगे देश 07 पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मालदीव
सिर्फ समुद्री सीमा से लगे पड़ोसी देश 04 श्रीलंका, मालदीव, थाईलैंड, इंडोनेशिया
सिर्फ स्थल सीमा से लगे पड़ोसी देश 04 अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान
स्थल व समुद्री सीमा से लगने वाले देश 03 पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार
भारतीय उपमहाद्वीप में सम्मिलित देश 05 भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश

भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमायें (International Borders of India) –

अंतर्राष्ट्रीय सीमासंबद्ध देश
रेडक्लिफ रेखा भारत-पाकिस्तान/बांग्लादेश
मैकमोहन रेखा भारत-चीन
डूरंड रेखा भारत-अफगानिस्तान या पाकिस्तान-अफगानिस्तान
पाक जलसंधि भारत-श्रीलंका

महत्वपूर्ण तथ्य –

  • त्रिपुरा तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है।
  • संकोश नदी असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा बनाती है।
  • शिपकीला दर्रा भारत (शिमला) को तिब्बत से जोड़ता है।

राज्य वार भारत के प्रमुख दर्रे (State Wise List of Mountain Passes of India)-

राज्यदर्रे
जम्मू कश्मीर काराकोरम, जोजिला, पीरपंजाल, बनिहाल, बुर्जिल
हिमाचल प्रदेश शिपकीला, रोहतांग, बड़ालाचा
उत्तराखंड लिपुलेख, माना, नीति
सिक्किम नाथूला, जेलेप्ला
अरुणाचल प्रदेश बोमडिला, दिफू, यंगयाप
मणिपुर तुजु

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अंतराष्टीय रेखाएं

डुरण्ड रेखा – यह पाकिस्तानन और अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा है। पाकिस्तान बनने के पहले यह भारत और अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा थी। इसका निर्धारण मोटिमर डुरण्ड (Mortimer Durand) के द्वारा सन् 1896 में किया गया था।

मैकमोहन रेखा – यह भारत और चीन के मध्य सीमा रेखा है। इसका निर्धारण सन् 1914 में हेनरी मैकमोहन (Henry Mcmohan) ने भारत-चीन सीमा के एक समझौते के अन्तर्गत् किया था। यह 700 मील लम्बी रेखा है।

रेडक्लिफ रेखा – भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा सीमा रेखा रेडक्लिफ रेखा कहलाती है। इस रेखा का निर्धारण 15 अगस्त 1947 को रेडक्लिफ द्वारा किया गया था।

हिन्डबर्ग रेखा – जर्मनी और -पोलैण्ड के मध्य सीमा निधारण करने वाली रेखा

मैनरही रेखा – रूस और फिनलैण्ड के बीच सीमा रेखा।

मैगनीट रेखा -फ्रांस द्वारा खींची गयी जर्मनी और फ्रांस के बीच की सीमा रेखा।

17वीं समानान्तर रेखा – उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम की सीमा रेखा।

24वीं समानान्तर रेखा – इस रेखा को पाकिस्तान भारत-पाकिस्तान की सीमा रेखा मानता है किन्तु भारत इसे अस्वीकार करता है।

38 वीं समानान्तर रेखा – उत्तरी और दक्षिण कोरिया के मध्य की सीमा रेखा।

49 वीं समानान्तर रेखा – संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा की सीमा रेखा।

डूरण्ड रेखा (अंग्रेज़ी: Durand Line) 1893 ई. में हिन्दुकुश में स्थापित सीमा रेखा, जो अफ़ग़ानिस्तान और ब्रिटिश भारत के जनजातीय क्षेत्रों से उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों को रेखांकित करती हुई गुज़रती थी। आधुनिक काल में यह रेखा अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा है।[1]

  • इस रेखा का नाम सर मॉर्टिमेर डूरंड, जिन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान ख़ां को इसे सीमा रेखा मानने पर राज़ी किया था, के नाम पर पड़ा था। संभवत: इसे भारत-अफ़ग़ान सीमा समस्या का, शेष ब्रिटिश काल के लिए समाधान कहा जा सकता है।
  • वर्ष 1849 में पंजाब पर क़ब्ज़ा कर लेने के बाद ब्रिटिश सेना ने बेतरतीबी से निर्धारित सिक्ख सीमा को सिंधु नदी के पश्चिम की तरफ़ खिसका दिया, जिससे उनके और अफ़ग़ानों के बीच एक ऐसे क्षेत्र की पट्टी रह गई, जिसमें विभिन्न पश्तो (पख़्तून) क़बीले रहते थे। प्रशासन और रक्षा के सवाल पर यह क्षेत्र हमेशा एक समस्या बना रहा। कुछ ब्रिटिश, जो टिककर रहने में यक़ीन रखते थे, सिंधु घाटी में बस जाना चाहते थे। कुछ आधुनिक विचारों वाले लोग क़ाबुल से ग़ज़नी के रास्ते कंधार चले जाना चाहते थे।
  • दूसरे भारत-अफ़ग़ान युद्ध (1878-1880 ई.) से आधुनिक सोच वालों का पलड़ा हल्का हो गया और जनजातीय क्षेत्र में विभिन्न वर्गों का प्रभाव लगभग बराबर सा हो गया। ब्रिटेन ने अनेक जनजातीय युद्ध झेलकर डूरण्ड रेखा तक अप्रत्यक्ष शासन द्वारा अपना अधिकार फैला लिया। अफ़ग़ानों ने अपनी तरफ़ के क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं किया।
  • 20वीं शताब्दी के मध्य में रेखा के दोनों ओर के इलाक़ों में पख़्तूनों का स्वाधीनता आंदोलन छिड़ गया और स्वतंत्र पख़्तूनिस्तान की स्थापना हो गई।
  • वर्ष 1980 में डूरण्ड रेखा के आसपास के इलाक़ों में लगभग 75 लाख पख़्तून रह रहे थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-2 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 324 |

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सीमा रेखाएँ

वास्तविक नियंत्रण रेखा · डूरण्ड रेखा · मैकमोहन रेखा · रैडक्लिफ़ रेखा · भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा · वास्तविक भूमीय नियंत्रण रेखा · भारत-भूटान सीमा · भारत-नेपाल सीमा · भारत-म्यांमार सीमा · भारत-बांग्लादेश सीमा

भारत और अफगानिस्तान के बीच की सीमा रेखा को क्या कहा जाता है?

SUNDARAM SINGH. डूरंड रेखा को 1893 में हिंदूकुश क्षेत्र में स्थापित किया गया, यह अफगानिस्तान और ब्रिटिश भारत के बीच आदिवासी भूमि से होकर गुज़रती है। आधुनिक समय में इसने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा को चिह्नित किया है।

अफगानिस्तान के साथ भारत की सीमा कितनी लगती है?

भारत-अफगानिस्तान की सीमा उत्तर पश्चिमी कश्मीर में भारत अफगानिस्तान के साथ 106 किमी. सीमा साझा करता है।